नरेंद्र दामोदरदास मोदी(Narendra Damodardas Modi)

नरेंद्र दामोदरदास मोदी


(Narendra Damodardas Modi)


“मैं प्रधानमंत्री के रूप में नहीं प्रधानसेवक के रूप में आपके बीच उपस्थित हूँ”
परिचय
 नाम - नरेंद्र दामोदरदास मोदी
 धर्म - हिंदू गुजराती
 जन्म - 17 सितंबर 1950
 जन्म स्थान  - वादनगर गुजरात
माता - पिता हीराबेन मोदी - दामोदर मूलचंद मोदी
विवाह - जसोदाबेन मोदी
पार्टी - भारतीय जनता पार्टी

 नरेंद्र मोदी हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं।

2014 के चुनावों में उन्होंने भाजपा (B.J.P) को पूर्ण बहुमत से जितवाया। आज मोदी जी ने अपने व्यक्तित्व से बच्चे बच्चे में देश के प्रति कुछ कर गुज़रने की भावना उत्पन्न की है। Narendra Modi का जीवन बहुत ही साधारण तरीके से शुरू हुआ मगर अपनी मेहनत से उन्होंने असाधारण सफलता हासिल की।

मुझे देश के लिए मरने का कोई अवसर नहीं मिला, लेकिन मुझे देश के लिए जीने का मौका मिला है  – नरेंद्र मोदी

 नरेंद्र मोदी का जीवन
भारत की आज़ादी के तीन वर्ष बाद गुजरात (Gujarat) के एक छोटे से कस्बे, वड़नगर (Vadnagar) में नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। दामोदर दास मोदी और हीरा बा की 6 संतानों में से मोदी उनकी तीसरी संतान थे। उनका परिवार बहुत ग़रीब था और एक कच्चे मकान में रहता था। दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिलती थी। नरेंद्र मोदी की माँ आस पड़ोस में बर्तन साफ करती थी ताकि अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय की एक छोटी सी दुकान (Tea Stall on Railway Station) चलाते थे। मोदी बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान में उनका हाथ बटाते थे और रेल के डिब्बों में चाय बेचते थे। इन संघर्ष भरे दिनों का मोदी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।

माना की अंधेरा घना है, लेकिन दिया जलाना कहाँ मना है  – Narendra Modi

नरेंद्र मोदी  युवावस्था  मैं पढ़ाई और देशभक्ति

चाय की दुकान संभालने के साथ साथ मोदी पढ़ाई लिखाई का भी पूरा ध्यान रखते थे। मोदी को पढ़ने का बहुत शौक था। वे अक्सर अपने स्कूल के पुस्तकालय में घंटों बिता दिया करते थे। उनके सहपाठी (Classmate) और शिक्षक बताते हैं कि मोदी शुरू से ही एक कुशल वक्ता (Excellent speaker) थे और उनमें नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता थी। वे नाटकों और भाषणों में जमकर हिस्सा लेते थे। नरेंद्र को खेलों में भी बहुत दिलचस्पी थी। मोदी हिन्दू और मुस्लिम दोनों के त्यौहार बराबर उत्साह से मनाते थे। मोदी बचपन से ही बहुत बहादुर (Brave) थे। एक बार वे एक मगर के बच्चे को हाथ में उठाकर घर ले आए थे। ऐसे थे हमारे छोटे नरेंद्र।

जो निरंतर चलते रहते हैं वही बदले में मीठा फल पाते हैं। सूरज की अटलता को देखो – गतिशील और लगातार चलने वाला, कभी ठहरता नहीं, इसलिए बढ़ते चलो  – Narendra Modi

बचपन से ही मोदी में देश भक्ति (Patriotism) कूट कूट कर भरी थी। 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान मोदी रेलवे स्टेशन पर जवानों से भरी ट्रेन में उनके लिए खाना और चाय लेकर जाते थे। 1965 में भारत पाक युद्ध के दौरान भी मोदी ने जवानों की खूब सेवा की।
युवावस्था में मोदी पर स्वामी विवेकानंद का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने स्वामी जी के कार्यों का गहराई से अध्ययन किया जिसने उन्हें जीवन के रहस्यों की खोज की तरफ आकर्षित किया और उनमें त्याग और देश भक्ति (Patriotism) की भावनाओं को नई उड़ान दी। उन्होंने स्वामी जी के भारत को विश्व गुरु बनाने के सपने को साकार करना अपने जीवन का मकसद बना लिया।

एक विचार लो,  उस  विचार  को  अपना जीवन  बना  लो उसके  बारे  में  सोचो  उसके  सपने  देखो, उस  विचार  को  जियो, अपने  मस्तिष्क,  मांसपेशियों,  नसों,  शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो, यही सफल होने का रास्ता है  – Swami Vivekananda

नरेंद्र मोदी भारत के विभिन्न हिस्सों में यात्रा और आर एस एस प्रचारक
17 साल की उम्र में मोदी ने घर छोड़ दिया और अपनी आध्यात्मिक यात्रा (Spiritual journey) शुरू की। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया। उन्होंने हिमालय में ऋषीकेश, बंगाल में रामकृष्ण आश्रम और पूर्वोत्तर भारत की यात्रा की और फिर दो वर्ष बाद वे घर लौट आए। इन यात्राओं से उन्हें स्वामी विवेकानंद को और गहराई से जानने का सौभाग्य मिला जिसने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। *जब वे घर लौटे, उनका मकसद साफ था- राष्ट्र की सेवा (Serving the Nation)। वे केवल दो सप्ताह ही घर पर रुके और फिर अहमदाबाद (Ahmedabad) के लिए निकल पड़े। वहाँ जाकर वे आर.एस.एस. (R.S.S.) के सदस्य बन गए। आर.एस.एस. (R.S.S.) एक ऐसा संगठन है जो देश  के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास के लिए कार्य करता है।

कड़ी मेहनत कभी थकान नहीं लाती, वह तो संतोष लाती है  – Narendra Modi

1972 में मोदी आर.एस.एस. (R.S.S.) के प्रचारक बन गए और अपना सारा समय आर.एस.एस. (R.S.S.) को देने लगे। वे सुबह पाँच बजे उठ जाते और देर रात तक काम करते। इस व्यस्त दिनचर्या के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की (Degree in political science)। प्रचारक होने के नाते मोदी ने गुजरात के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया और लोगों की समस्याओं को करीब से समझा। 1975 में देश में जब आपातकाल (Emergency) के काले बादल छाए थे, तब आर.एस.एस. (R.S.S.) जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लग गया था। फिर भी मोदी भेष बदलकर देश की सेवा करते रहे और सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया। आर.एस.एस. (R.S.S.) में बेहतरीन काम की बदौलत उन्हें भाजपा (B.J.P.) में नियुक्त किया गया। Narendra Modi ने 1990 में आडवाणी की अयोध्या रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया जिससे भाजपा (B.J.P.) के वरिष्ठ नेता काफी प्रभावित हुए। उनके अद्भुत कार्य की बदौलत भाजपा (B.J.P.) में उनका कद बढ़ता रहा।

काम को ही महत्वाकांक्षा बन जाने दीजिये  – Narendra Modi

नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री
2001 में Gujarat में भयानक भूकंप (Earthquake) आया और पूरे Gujarat में भारी विनाश हुआ। गुजरात सरकार के राहत कार्य से ना खुश होकर भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेताओं ने Narendra Modi को गुजरात का मुख्यमंत्री (Chief Minister of Guajart) बना दिया।

मोदी ने काफी कुशलता से राहत कार्य संभाला और गुजरात को फिर से मज़बूत किया। मोदी ने गुजरात को भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बना दिया। उन्होंने गाँव गाँव तक बिजली (Electricity) पहुँचाई। देश में पहली बार किसी राज्य की सभी नदियों को जोड़ा गया जिससे पूरे राज्य में पानी की कमी दूर हुई। एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क (Asia’s Largest Solar Park) का निर्माण Gujarat में हुआ। गुजरात के सभी गाँवों को इंटरनेट से जोड़ा गया और टूरिज़्म को भी बढ़ावा दिया गया (Tourism has also Promoted)। Modi के कार्यकाल में Gujarat में बेरोज़गारी काफी कम हुई (Unemployment Decreased) और महिलाओं की सुरक्षा में काफी मज़बूती आई। इन्ही कारणों की वजह से गुजरात की जनता ने मोदी को चार बार लगातार अपना मुख्यमंत्री (C.M.) नियुक्त किया।

मेरे जीवन में मिशन (Mission) सबकुछ है, एम्बिशन (Ambition) कुछ भी नहीं … यदि मैं नगर निगम का भी अध्यक्ष होता तो भी उतनी ही मेहनत से काम करता जितना C.M. होते हुए करता हूँ  – Narendra Modi

Gujarat में Modi की सफलता देखकर भाजपा (B.J.P.) के बड़े नेताओं ने Modi को 2014 लोक सभा चुनावों का प्रधानमंत्री  उम्मीदवार (Prime Minister Candidate) घोषित किया। मोदी ने पूरे भारत में अनेक रैलियाँ की जिनमें हज़ारों लोग उन्हें सुनने आते थे। मोदी ने सोशल मीडिया (Social Media) का भी भरपूर लाभ उठाया और लाखों लोगों तक अपनी बात रखी। मोदी के गुजरात में विकासशील कार्य, उनके प्रेरणादायक भाषण (Inspirational Speech), देश के प्रति उनका प्यार, उनकी साधारण शुरुआत*

उनकी सकारात्मक सोच (Positive thinking) के कारण उन्हें भारी मात्रा में वोट मिले और वे भारत के पंद्रहवे प्रधानमंत्री बने (India ‘s Fifteenth Prime Minister)।

नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। ऊर्जावान, समर्पित एवं दृढ़ निश्चय वाले नरेन्द्र मोदी एक अरब से अधिक भारतीयों की आकांक्षाओं और आशाओं के द्योतक हैं।

मई 2014 में अपना पद संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी चहुंमुखी और समावेशी विकास की यात्रा पर निकल पड़े हैं जहां हर भारतीय अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर सके। वे ‘अंत्योदय’, अर्थात, अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने के सिद्धांत से अत्यधिक प्रेरित हैं।

नवीन विचारों और पहल के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रगति की रफ्तार तेज हो और हर नागरिक को विकास का लाभ मिले। अब शासन मुक्त है, इसकी प्रक्रिया आसान हुई है एवं इसमें पारदर्शिता आई है।

पहली बार प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से अभूतपूर्व बदलाव आया है जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के सभी नागरिक वित्तीय तंत्र में शामिल हों। कारोबार को आसान बनाने के अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर ‘मेक इन इंडिया’ के उनके आह्वान से निवेशकों और उद्यमियों में अभूतपूर्व उत्साह और उद्यमिता के भाव का संचार हुआ है। ‘श्रमेव जयते’ पहल के अंतर्गत श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे अनेक श्रमिकों का सशक्तिकरण हुआ है और देश के कुशल युवाओं को भी प्रेरणा मिली है।

डिजिटल इंडिया मिशन  शुरुआत
पहली बार भारत सरकार ने भारत के लोगों के लिए तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की और साथ-ही-साथ बुजुर्गों को पेंशन एवं गरीबों को बीमा सुरक्षा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया बनाने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की ताकि प्रौद्योगिकी की मदद से लोगों के जीवन में बेहतर बदलाव लाए जा सकें।

2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत मिशन - देशभर में स्वच्छता के लिए एक जन-आंदोलन’ की शुरुआत की। इस अभियान की व्यापकता एवं इसका प्रभाव ऐतिहासिक है।

नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति से संबंधित विभिन्न पहल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की वैश्विक मंच पर वास्तविक क्षमता एवं भूमिका की छाप दिखती है। उन्होंने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण की दुनिया भर में प्रशंसा हुई। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नेपाल, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 वर्ष बाद फिजी और 34 वर्ष बाद सेशेल्स की द्विपक्षीय यात्रा की। पदभार ग्रहण करने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में भाग लिया, जहां अनेक प्रकार के वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर भारत के कार्यक्रमों एवं विचारों की जबर्दस्त सराहना की गई। जापान की उनकी यात्रा से भारत-जापान संबंधों में एक नए युग की शुरुआत हुई। वे मंगोलिया की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं और चीन व दक्षिण कोरिया की उनकी यात्राएं भारत में निवेश लाने की दृष्टि से कामयाब रही हैं। फ्रांस और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान वे यूरोप के साथ निरंतर जुड़े रहे।

अन्य देशों के साथ संबंध मजबूत
श्री नरेन्द्र मोदी ने अरब देशों के साथ मजबूत संबंधों को काफी महत्व दिया है। अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की उनकी यात्रा 34 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी जिसके दौरान उन्होंने खाड़ी देशों के साथ भारत की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की। जुलाई 2015 में श्री मोदी ने पांच मध्य एशियाई देशों का दौरा किया। यह यात्रा अपने-आप में खास एवं विशेष रही। भारत और इन देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए। अक्टूबर 2015 में नई दिल्ली में ऐतिहासिक भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया। 41 अफ्रीकी देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया जिसमें भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। स्वयं प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने आये अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

नवंबर 2015 में प्रधानमंत्री ने सीओपी-21 शिखर सम्मेलन में भाग लिया जहाँ उन्होंने विश्व के अन्य नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया। श्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने उर्जा संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सौर ऊर्जा का समुचित उपयोग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर एलायंस का उद्घाटन किया।

अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लिया जिसमें उन्होंने विश्व मंच पर परमाणु सुरक्षा के महत्व के बारे में एक मजबूत संदेश दिया। उन्होंने सऊदी अरब का दौरा किया जहां उन्हें सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया।

भारत के साथ अन्य देशों का सहयोग
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबॉट, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीरपुतिन एवं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित विश्व के कई अन्य नेताओं ने भारत का दौरा किया है एवं इन दौरों से भारत व इन देशों के बीच सहयोग सुधारने में सफलता मिली है। वर्ष 2015 के गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रमुख अतिथि के रूप में भारत दौरे पर आए जो भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास में पहली बार हुआ है। अगस्त 2015 में भारत ने एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की जिसमें प्रशांत द्वीप समूह के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान प्रशांत द्वीप समूह के साथ भारत के संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित
किसी भी एक दिन को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाए जाने के नरेन्द्र मोदी के आह्वान को संयुक्त राष्ट्र में जबर्दस्त समर्थन प्राप्त हुआ। पहली बार विश्व भर के 177 देशों ने एकजुट होकर 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाए जाने का संकल्प संयुक्त राष्ट्र में पारित किया।

नरेन्द्र मोदी एक जन-नेता हैं जो लोगों की समस्याओं को दूर करने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्हें लोगों के बीच जाना, उनकी खुशियों में शामिल होना तथा उनके दुखों को दूर करना बहुत अच्छा लगता है। जमीनी स्तर पर लोगों के साथ गहरा निजी संपर्क होने के साथ-साथ वे ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। तकनीक के प्रति प्रेम एवं उसमें समझ रखने वालों नेताओं में वे भारत के सबसे बड़े राजनेता हैं। वेबसाइट के माध्यम से लोगों तक पहुंचने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए वे हमेशा कार्यरत हैं।

वे सोशल मीडिया, जैसे - फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस, इन्स्टाग्राम, साउंड क्लाउड, लिंक्डइन, वीबो तथा अन्य प्लेटफार्म पर भी काफी सक्रिय हैं।

नरेंद्र मोदी लेखन कविताओं के शौकीन
राजनीति के अलावा नरेन्द्र मोदी को लेखन का भी शौक है। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें कविताएं भी शामिल हैं। वे अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग उनके शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करता है एवं बेहद भागदौड़ की दिनचर्या में उनमें शांति का संचार करता है।

वे साहस, करुणा और विश्वास से पूर्ण एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे देश ने इस विश्वास के साथ अपना जनादेश दिया है कि वे भारत का पुनरुत्थान करेंगे और उसे दुनिया का पथ–प्रदर्शक बनाएंगे।प्रधानमंत्री (P.M.) बनने के बाद वे भारत का कुशलता से नेतृत्व कर रहे हैं और भारत को नई उचाईओं पर पहुँचा रहे हैं। उन्होंने कई विदेश यात्राएँ की और भारत की छवि संपूर्ण विश्व में मज़बूत की। इसी कारण विदेशों द्वारा भारत में काफी निवेश हुआ।

नरेंद्र मोदी द्वारा योजनाओं की शुरुआत
मोदी ने पड़ोसी देशों से भी काफी अच्छे संबंध बनाए। मोदी ने जन धन योजना (Jan Dhan Yojna), स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Campaign), मेक इन इंडिया (Make in India) और डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसी  कई योजनाओं की शुरुआत की जिससे India में काफी विकास (Development) हो रहा है ।

अगर 125 करोड़ भारतीय एकता, शांति और सदभाव के मंत्र के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक कदम बढ़ाएं तो देश एक बार में 125 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा  – Narendra Modi

Narendra Modi बहुत ही मेहनती व्यक्ति हैं। वे 18 घंटे काम करते हैं और कुछ ही घंटे सोते हैं। वे शुद्ध शाकाहारी (Vegetarian) हैं और नवरात्रों के नौ दिन उपवास रखते हैं। मोदी अपनी सेहत का भरपूर ध्यान रखते हैं और प्रतिदिन योग (Yoga) करते हैं, भले ही वे कहीं भी हों। मोदी हमेशा साफ कपड़े पहनते हैं और लोग उन्हें फैशन आइकॉन के रूप में देखते हैं। नेता होने के अलावा मोदी एक कवि और लेखक भी हैं। वे अपने भाषणों से लाखों युवाओं का मनोबल बढ़ाते हैं और उनमें देश भक्ति की भावना जगाते हैं।*

डरते वो हैं जो अपनी छवि के लिए मरते हैं, मैं तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूँ, इसीलिए किसी से नहीं डरता हूँ  – Narendra Modi

मोदी जी  से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करनी चाहिए। ये हमारे गणतंत्र की ताकत ही है

जिसने एक चाय वाले को देश का प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने का अवसर दिया। उम्मीद है आप सभी को Narendra Modi के जीवन से प्रेरणा (Inspirational) मिलेगी और आप अपने सपने साकार करेंगे। मेरी आप सभी से यह विनती है कि हमें मोदी जी के भारत को विश्व गुरु बनाने के मिशन में उनका पूरा साथ देना चाहिए। धन्यवाद

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