भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्व युद्ध(Indian Nationalists and World War I)

भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्व युद्ध


(Indian Nationalists and World War I)


प्रथम विश्वयुद्ध आरंभ होने के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उदारवादी दल के नेतृत्वमें थी
कांग्रेस ने अंग्रेजो के युद्ध प्रयत्नों में सहायता देने को एक कर्तव्य तथा सौदा करने की भावना से समर्थन दिया
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो यह समझते थे कि कोई भी रियायतेंनहीं मिलेगी,जब तक कि सरकार पर लोकप्रिय दबाव नहीं डाला जाएगा
इसलिएें एक लोकप्रिय आंदोलन और स्वशासन-संघ की आवश्यकता अनुभव की गई

स्वशासन आंदोलन
1915 एनी बेसेंट ने आईरिस होम रूल लिंग के नमूने पर होम रूल लीग स्थापित करने की घोषणा की
1916 में बाल गंगाधर तिलक ने पुणे में अपनी होम रूल लीग स्थापित की
दोनों संस्थाएं तालमेल से कार्य कर रही थी
जिनका उद्देश्य था कि जनता को शिक्षितकिया जाए
कांग्रेस को अपने आंदोलन और एक मात्र उद्देश्य के लिए आधार बनानेमें सहायता दी जाए
कांग्रेस इस समय अपनी नीति में इतना आमूल परिवर्तन करने को उद्यतनहीं थी
इसीलिए यह होम रूल लीग स्वतंत्र कार्यकरती रही
इसका उद्देश्य सरकार पर दबाव डालकर भारत को स्वशासन दिलाना था

लखनऊ अधिवेशन
1907 के कांग्रेस के अधिवेशन में उदारवादी दल और उग्रवादी दल में प्रकट रूप से झगड़ा हो गया था
इतने दिनों से यह उग्रवादी दल कांग्रेस से बाहर ही कार्य कर रहा था
उदारवादी दल के दो प्रमुख नेताओं फिरोजशाह मेहता और गोपाल कृष्ण गोखले की 1915 में मृत्युहो गई
 इसके बाद इन दोनों दलों में समझोता हो गया
लखनऊ अधिवेशन में बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट की प्रमुख व्यक्ति थे
इसके अलावा 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लिंग में समझौताहो गया ताकि संवैधानिक सुधारों की एक ही योजना अपनाईजा सके
इसके फलस्वरुप 19 स्मरणपत्र में समकालीन राजनीतिक विचारों को साकार रुप दिया गया
समकालीन राजनीतिक गतिविधियों और युद्ध में अंग्रेजों की स्थिति बहुत अच्छी नहींहोने के कारण सचिव लार्ड मोंटेग्यू ने अंग्रेजी ससद की लार्ड सभा में 20 अगस्त 1917 को एक विशेष महत्वपूर्ण घोषणाकी थी 

1919 में भारत सरकार अधिनियम 1919 अंग्रेजी संसद में पारित कर दिया गया था 1919 के अधिनियम से राजनीतिक आकांक्षाएं पूर्ण नहीं हुई
उधर सरकार ने एक दमन नीति का अनुसरण किया और राष्ट्रीय आंदोलन में एक नया मोड़ आया
महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस आंदोलन को एक नई दिशा मिली

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