राजस्थान के अन्य शिलालेख

⚜बिजोलिया लेख⚜
? भीलवाड़ा मे 1293 ईसवी का है
?इस लेख में हंसराज के पुत्र बल्लाल देव का वर्णन मिलता है

⚜बुचलका अभिलेख⚜
? जोधपुर मे स्थित 815 ई. का पार्वती मंदिर में प्राप्त हुआ
?यह नागभट्ट प्रतिहार के बारे में जानकारी देता है
?यह लेख संस्कृत भाषा व उत्तर भारतीय लिपि में है



⚜राजैरगढ़ अभिलेख⚜ 

?अभिलेख अलवर जिले में स्थित है
?यह 960ई.का है इसमें मंथन देव परिवार के बारे में जानकारी उपलब्ध है

⚜हस्तीकुंडी अभिलेख⚜
?यह पाली मे स्थिति 977 ई. का है
?बाला प्रसाद से संबंधित अभिलेख है

⚜हर्ष अभिलेख⚜
?सीकर मे स्थित 973ई.का है
?यह अभिलेख सीकर के हर्ष नाथ मंदिर में स्थित है
?इस में द्वितीय दुर्लभ राज चौहान की जानकारी है

⚜जूनागढ़ अभिलेख⚜ 
?यह अभिलेख शक शासक रूद्रदामन  के समय का है
?भारत में संस्कृत का प्रथम अभिलेख है

⚜बसंतगढ़ शिलालेख⚜
? यह शिलालेख सिरोही में स्थित 625 ई. का है
?इसकी भाषा संस्कृत और लिपि कुटिल है
?इस शिलालेख में मेवाड़ के गुहिल वंश के शासक शिलादित्य का उल्लेख है
?उनके समय जॉवर के निकट तांबे और जस्ते की खानों का काम शुरू हुआ था
?जावर माता के मंदिर का निर्माण हुआ इसका वर्णन किस शिलालेख में उपलब्ध है 




⚜शांतिनाथ मंदिर⚜
? शांतिनाथ मंदिर शिलालेख में राजस्थानी शिक्षा पद्धति का उल्लेख मिलता है
?यह शिलालेख 1526 ई. का है

⚜नागदा शिलालेख⚜
?इसमें बहुविवाह प्रथा और संयुक्त परिवार का उल्लेख मिलता है

⚜एकलिंग नाथ जी की प्रशस्ति⚜
?इस प्रशस्ति में स्त्रियों के आभूषणों का वर्णन है

⚜ईदगाह का लेख⚜
?यह लेख 1653 ई. का है
?इस अभिलेख में जोधपुर नरेश जसवंत सिंह द्वारा ईदगाह निर्माण में योगदान का उल्लेख है

⚜जामा मस्जिद लेख⚜
?इस अभिलेख का समय 1807-08ई. माना गया है
?यह लेख नागौर के मेड़ता में स्थित है
?इस अभिलेख से मारवाड़ के शासक ठोंकलसिंह  द्वारा यहां एक मस्जिद मरम्मत की जानकारी मिलती है
?जिस से ज्ञात होता है कि जोधपुर के शासक धार्मिक सहिष्णुता प्रिय रहे हैं    



⚜??फारसी अभिलेख??⚜
?राजस्थान के राजपूत नरेशों ने तो अपने अभिलेख स्थानीय भाषा में अंकित कर आए थे
?लेकिन जब दिल्ली के सुल्तानों का प्रभाव यहां जमने लगा और मुल्ला और मौलवी यहां आने लगे तो उनकी मस्जिद और दरगाह और कब्रों पर फारसी भाषा में अभिलेख उत्कीर्ण किए जाने लगे
?इस प्रकार के फारसी भाषा के अभिलेख भी राजस्थान में पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हुए थे
?इन अभिलेखों से दिल्ली के सुल्तानों की राजस्थान विजय और यात्राओं का पता चलता  है
?इसी के साथ ही तुर्क और मुगल शासकों की विजय के परिणाम स्वरुप राजस्थान पर पड़े राजनीतिक प्रभाव का बोध होता है
?स्पष्ट है कि इन में दी गई सूचनाओं के आधार पर राजस्थान की तत्कालीन सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति की भी अच्छी जानकारी मिल जाती है
?राजस्थान में सांभर, नागौर, जालौर ,सांचौर, जयपुर, मेड़ता, टोंक,कोटा आदि क्षेत्रों में फारसी भाषा के शिलालेख उत्कीर्ण किए गए हैं

?♻अजमेर का शिलालेख♻?
?राजस्थान में फारसी भाषा का सबसे पुराना लेख 1200 का अजमेर अभिलेख है
?यह अजमेर में ढाई दिन के झोपड़े के गुंबद दीवार के पीछे की ओर लगा हुआ था
?जिस में मस्जिद निर्माण में देखरेख करने वाले व्यक्तियों के नामों का उल्लेख है
?इसके अतिरिक्त इस अभिलेख से यह भी पता चलता है कि यह मस्जिद किसके आदेशों से बनाई गई थी
? इसमें अबूबक्र नामक व्यक्ति का उल्लेख है संभवत उसी के निर्देशन में इस मस्जिद का निर्माण करवाया गया था

?♻धाईबी पीर का शिलालेख♻?
?राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से धाईबी पीर की दरगाह में एक अभिलेख मिला था
? जोकि 1325ई.का था,इस अभिलेख से पता चलता है कि अलाउद्दीन ने चित्तौड़ का नाम खिज्राबाद कर दिया था

?♻शाहबाद का लेख♻?
?कोटा जिले के शाहबाद का लेख है जिसका समय 1679 ईस्वी है
?इसमें औरंगजेब के समय वसूल किए जाने वाले विविध करों की जानकारी मिलती है

?♻सैयद हुसैन की दरगाह के लेख♻?
अजमेर के तारागढ़ की सैयद हुसैन की दरगाह के लेख में राव गुमान जी सिंधिया द्वारा दालान बनवाने का वर्णन मिलता है इस लेख का समय 1813 ई. है इस लेख में मराठों की धार्मिक सहिष्णुता का पता चलता है

?♻ कंसुआ (कोटा) व पूटोली (चित्तौड़गढ़)के शिलालेख♻?
कंसुआ (कोटा) व पुठोली (चित्तौड़गढ़)के शिलालेख मे मोर्य शासनकाल की जानकारी मिलती है 





?♻जहांगीर महल के लेख♻?
जहांगीर महल के लेख से अमरसिंह पर राज जहांगीर की विजय का विवरण मिलता है इस लेख का समय 1615ई. माना गया है 



?♻बडी खाटू का लेख♻?
?इस लेख का समय 1203 ई. माना जाता है
?मूल रूप से यह ठाकुर धोकल सिंह की हवेली थी
?उसमें जीर्ण अवस्था को प्राप्त एक मस्जिद मिली इसकी मेहराब से यहां तुर्कों के प्रभाव का पता चलता है
?यहां के हाकीमों ने समय-समय पर मस्जिदों का निर्माण करवाया इन के निर्माण में कभी-कभी धराशाही कराए गए देवालय की सामग्री का भी प्रयोग किया गया
?प्रसंग वंश इन फ़ारसी लेखों में शासन की इकाईयों-इक्ता, परगना, कस्बा अादि का भी ज्ञान होता है
?इसी प्रकार मुस्लिम अधिकारियों आमिल, हवलदार हाकीम,नाजिम,नायब,रसालदार का भी ज्ञान होता है
?♻चित्तौड़ में सुल्तान गयासुद्दीन का लेख♻?
?यह फारसी भाषा में है
?यह लेख 3 पंक्तियों में है और इसमें 3 शेर भी उत्कीर्ण है
?लेख की दाहिनी ओर का चौथा हिस्सा टूट गया है इसके फलस्वरुप प्रत्येक शेर का प्रथम चरण नष्ट हो गया,शेष अंश के आधार पर इस लेख से निम्न आशय लगाया जाता है
?तुगलक शाह बादशाह सुलेमान के समान मुल्क का स्वामी ,ताज और तख्त का मालिक दुनिया को प्रकाशित करने वाले सूर्य और ईश्वर की छाया के समान बादशाह में सबसे बड़ा और अपने वक्त का एक ही है--बादशाह का फरमान उसकी राय से सुशोभित रहे
?असुद्दीन अर्सलां दाताओं का दाता और देश की रक्षा करने वाला है और उसकी न्याय तथा इंसाफ की नींव दृढ़ है
?तारीख 3 परमेश्वर इस शुभ कार्य को करें और इस नेक काम के बदले में उसे हजार गुना दे दे
?इस लेख को डॉक्टर औझा ने चित्तौड़ से लाकर विक्टोरिया हॉल में सुरक्षित किया था
?यहां से अब यह राजकीय संग्रहालय की नई इमारत उदयपुर में सुरक्षित रख दिया गया है
?इस लेख का समय 1321 से 1325ई.के बीच माना गया है          



?♻फकीरों के तकिए का लेख♻?
?यह लेख जैसलमेर में प्राप्त हुआ है इसका समय 17 वीं सदी का प्रथम दशक है
?इस में उल्लेखित है कि सम्राट अकबर ने मीर मोहम्मद मासूम बक्कारी को इराक का एलची (राजदूत) नियुक्त किया था
?वह बक्कारी  जाते समय जैसलमेर से गुजरा था
?नामी ने इसे लिखा था
?इसी में दूसरा लेख और है इसका आशय है कि मीर बुजुर्ग का पिता अमिर मोहम्मद का रावल जीऊ(जैसलमेर के रावल) से घनिष्ठ संबंध था
?अतः वह रावल के आग्रह पर जैसलमेर में 10 दिन रुका

?♻नागौर दुर्ग का लेख♻? 
?यह लेख भी तुगलक कालीन है
?इस लेख से ज्ञात होता है कि यहां एक फिरोज सागर का निर्माण मलिक उल उमरा फिरोज के गवर्नरी के काल में हुआ था
?मलिक पाएगा-ए-खासा-ए-कादिम   का प्रमुख अधिकारी था और मक्ति का पुत्र था
?इसमें खलफुल मुल्क ताज-उद-दौलत के नाम भी अंकित है

?♻सांभर आमेर का बावली लेख♻?
? यह पुरातत्व विभाग आमेर के संग्रहालय में सुरक्षित है
?जो आरंभ में सांभर के बाहर बावली पर लगा हुआ था
?इसमें दो भाषाओं का प्रयोग किया गया है एक स्थानीय और दूसरी फारसी
?इस बावड़ी की व्यवस्था के लिए सांभर में पैदा होने वाले कुछ नमक का अनुदान अंकित है

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