वर्ष 2016 में किए गए ऑपरेशन/ अभियान

वर्ष 2016 में किए गए ऑपरेशन/ अभियान


 11से 30 जनवरी 2016 को राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी के लिए ऑपरेशन कोल्ड (Operation Cold) नाम से एक अभियान चलाया गया
 ऑपरेशन कोल्ड सीमा सुरक्षा बल द्वारा संचालित किया गया था
 यह ऑपरेशन मूलत: 17 जनवरी 2016 को शुरू किया जाना था
 लेकिन पठानकोट में आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था  के लिए इसे 11 जनवरी 2016 को ही शुरू कर दिया गया था 


शक्ति 2016


 9से 16 जनवरी 2016 के दौरान राजस्थान के बिकानेर में आतंकवादी मामलों से निपटने के लिए इस अभ्यास को किया गया
 आपसी सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने और सेनाओं की आपसी सूझबूझ को विकसित करने के लिए
 भारत व फ्रांस की सेनाओं का संयुक्त अभ्यास संपन्न हुआ था
 भारत व फ्रांस के बीच शक्ति श्रंखला का यह तीसरा संयुक्त अभ्यास था 


आयरन फिस्ट 2016


18 मार्च 2016 को भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force) ने आयरन फिस्ट 2016 नाम से एक बड़ा युद्धाभ्यास किया था
 यह युद्धाभ्यास राजस्थान के पोखरण में संपन्न किया था
 चांधन फायरिंग रेंज में इस तरह का यह दूसरा युद्धाभ्यास था
 जिसमें अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन वायु सेना ने किया था
 स्वदेशी हथियारों व विध्वंसक क्षमता का विशेष उपयोग इस अभियान के तहत किया गया था
भारतीय वायु सेना ने ऐसा पहला युद्धाभ्यास आयरन फिस्ट 2013 में संपन्न किया था 


 शत्रुजीत 


 16 से 23 अप्रैल 2016 को राजस्थान के थार मरुस्थल ( Thar Desert) में भारतीय सेना ने एक बड़ा सेन्याभ्यास किया, जिसे शत्रुजीत सैन्याभ्यास कहा गया
 शत्रुजीत सैन्याभ्यास का अवलोकन थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने 22 अप्रैल 2016 को किया था 


 रेड फ्लैग अभ्यास   


28 अप्रैल से 14 मई 2016 के दौरान यह अभ्यास अलास्का में हुआ था
 यह अभ्यास अमरीकी वायुसेना ( American air force) के साथ भारतीय वायु सेना का उन्नत हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास-रेड फ्लैग अभ्यास के नाम से संपन्न हुआ
 यह अभ्यास कोल्ड थंडर अभ्यास सीरीज का अगला भाग था 


मालाबार-2016 


10-17जून2016 को प्रशांत महासागर ( Pacific ocean)में जापान के तट पर हुआ था
 यह अभ्यास भारत,संयुक्त राज्य अमरीका,व जापान की सेनाओं के मध्य मालाबार नौैसैेनिक अभ्यास-2016 के नाम से हुआ था
 यह मालाबार श्रृॉखला का 20वॉ आयोजन था
 भारत व अमरीका के मध्य 1992 से यह वार्षिक नौसैन्य अभ्यास प्रारंभ हुआ था
 वर्ष 2015 के आयोजन मे पहली बार जापान भी शामिल हुआ था 


मैत्री अभ्यास 


यह अभ्यास  15-29जुलाई2016 को कराबी( Thailand) को हुआ था
यह सैन्य अभ्यास भारत एवं थाइलैण्ड के मध्य सम्पन्न हुआ था
 यह सैन्य अभ्यास रॉयल थाइलैण्ड के तत्वावधान मे आयोजित किया
 इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य शहरी परिवेश मे आतंकवादी अभियानों के संचालन पर सेना के दलों को प्रशिक्षित करना था
 भारतीय सेना व रॉयल थाईलैंड आर्मी के 90 सैनिकों ने 2 सप्ताह तक चले इस अभियान में हिस्सा लिया था
 अभ्यास में संयुक्त प्रशिक्षण दोनों देशों द्वारा इस्तेमाल किया गया था
 इस संयुक्त प्रशिक्षण में हथियार और उपकरणों से परिचय भी शामिल था 


ऑपरेशन जलराहत 


यह ऑपरेशन असम राज्य सरकार द्वारा नारंगी कैंट में चलाया गया था
 28 से 30 जून 2016 के दौरान बाढ़ राहत के लिए सैन्य बलों और असम सरकार द्वारा यह अभियान चलाया गया
 इस अभियान को ऑपरेशन जल राहत नाम दिया गया
 जलराहत ऑपरेशन में गजराज सैन्य टुकड़ी द्वारा बाढ़ राहत प्रबंधन हेतु शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त सैन्यकर्मियो को भेजा गया था 


वॉल ऑफ विशेज अभियान 


यह अभियान 5 अगस्त से 21 अगस्त 2016 के मध्य चलाया गया था
 यह अभियान रियों में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए चलाया गया था
 केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने 2 अगस्त 2016 को India Gate लोन में इस अभियान को प्रारंभ किया था
 इस अवसर पर ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज एम.सी. मैरीकॉम भी उपस्थित थे 


ऑपरेशन संकटमोचन 


 जुलाई 2016 में इस अभियान को चलाया गया था
 यह अभियान विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के नेतृत्व में चलाया गया था
 यह अभियान गृह युद्ध से जूझ रहे दक्षिण सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से बाहर निकाल कर  स्वदेश लाने के लिए चलाया गया था
 लगभग 150 भारतीय नागरिकों को भारतीय वायुसेना के 2C-17 विमानों द्वारा इस अभियान मे दक्षिण सुडान की राजधानी जुबा से भारत लाया गया था
 वहा रह रहे लगभग 600 भारतीयो में से आधे से अधिक में संघर्ष विराम घोषित हो जाने के कारण भारत लौटने से इनकार भी कर दिया था
 इस ऑपरेशन के जैसे ही एक अन्य अभियान के तहत अप्रैल 2015 में भारतीय नौसेना के सहयोग से वायु सेना द्वारा संचालित अभियान के तहत बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यमन से सुरक्षित स्वदेश लाए गए थे
 इस अभियान को ऑपरेशन राहत नाम दिया गया था
 इस ऑपरेशन का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने ही किया था

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