15-17 APRIL 2017 RAJASTHAN CURRENT AFFAIRS

15-17 APRIL 2017 RAJASTHAN CURRENT AFFAIRS


01.सभी वाहनों पर फिर से लगेंगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
सभी वाहनों में एक साल में लगेंगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अब परिवहन विभाग वापस वाहनों पर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाने की मुहिम शुरू करेगा। 2012 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने के मामले में राजस्थान सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि एक साल में एेसे सभी वाहनों पर नंबर प्लेट लगा दी जाएंगी।  सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश प्रदीक नान्द्रेजोग और न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की बैंच को परिवहन विभाग ने सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का एक्यान प्लॉन पेश किया था। कोर्ट ने सरकार के जवाब के आधार पर जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है। अब इस योजना को फिर लागू कर दिया जाएगा।                        

02. राजस्थान में 10,000 से ज्यादा बच्चों की जिंदगी में आई 'अक्षर ज्ञान' की रोशनी
गोविन्द नगर पूर्व में चल रही प्रवीण लता संस्थान जो बिना किसी लोभ और स्वार्थ के कच्ची बस्तियों के उन बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास कर रही है जो शायद ही कभी अपने जीवन में स्कूल की चौखट देख पाएं हों। इतना ही नहीं डॉप आउट्स को भी वापस स्कूल भेजने में भी इनके प्रयास सराहनीय है।
गैर सरकारी संगठन की कवायद से कच्ची बस्ती के बच्चों को शिक्षा
बच्चों के सर्वांगीण विकास, महिला रोजगार और बालिका शिक्षा व सुरक्षा के प्रति कार्यरत इस संस्थान के प्रयास से अभी तक दस हजार से भी ज्यादा बच्चों को अपना भविष्य संवारने का अवसर मिल चुका है।
घर से की शुरुआत
संस्थान की डायरेक्टर भारती सिंह ने बताया कि उनके इस मिशन से कई वॉलंटीयर्स भी जुड़े हुए हैं। इनमें अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, स्कूल व कॉलेज के स्टूडेंट्स, टीचर्स और निजी ऑफिस में काम करने वाले लोग इन बच्चों के साथ जुड़े हुए हैं। यहां आकर वो इन बच्चों को हाइजीन, विभिन्न सब्जेक्ट्स, क यूनिकेशन स्किल्स, पर्सनैलिटी डवलपमेंट, इंग्लिश क यूनिकेशन और एटिकेट्स के अलावा गुड टच बैड टच, वुमन राइट्स और बच्चों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हैं।
इसमें इंटरनैशनल वॉलंटीयर्स भी हैं जो साल में दो से तीन बार यहां आकर इन बच्चों के साथ वक्त बिताते हैं। घर में ही चलने वाली इन बच्चों की कक्षाओं में पढ़ाई के अलावा जूडो-कराते, थिएटर, सिलाई-कढ़ाई-बुनाई और हस्तकला में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
ये काम करती है संस्थान
संस्थान के प्रमुख उद्देश्य जरुरतमंद बच्चों का सर्वांगीण विकास, महिलाओं में रोजगारोन्मुख आत्मनिर्भरता और जागरुकता लाना है
-बच्चों के लिए बालसभा, मस्ती की पाठशाला का आयोजन किया जाता है
-महिलाओं और बालिकाओं के लिए जागृति कार्य भी करते हैं, जिसमें इनसे जुड़े मुद्दों पर संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन कर उन्हें अपनी सुरक्षा और आत्मरक्षा के प्रति जागरुक करना है
फैक्ट फाइल
-10,000 बच्चे अब तक हो चुके हैं लाभान्वित
-8,000 से ज्यादा लड़कियों को शिक्षित कर चुके हैं चार साल में
-04 अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं संस्थान को अब तक     

03. अब 40 हजार ई—मित्र से सीधे कनेक्ट होगा BSNL
जीसीएम सेलुलर सविर्सेस में भारत की प्रमुख मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल अब खुद चालीस हजार ई-मित्र से सीधे जोड़ेगी। राजस्थान में वह रिकॉर्ड 1.84 लाख कनेक्शन जारी करने के बाद यह सर्विस शुरू कर रही है।
बीएसएनएल दफ्तर में ई-मित्र काउंटर की शुरुआत
बीएसएनएल राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक आरसी आर्य व जयपुर जिले के प्रधान महाप्रबंधक ओपी गुप्ता ने  बताया कि कंपनी के दफ्तर अब ई-मित्र सेवा से भी लैस होंगे। जयपुर में सी-स्कीम, अशोक मार्ग स्थित मुख्य एक्सचेंज कार्यालय में शनिवार को ई-मित्र काउंटर शुरू कर दिए गए। विद्याधरनगर, बजाजनगर व सांगानेरीे गेट एक्सचेंज में अगले सप्ताह यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
उपभोक्ता सुबह 9 से शाम 7 बजे तक बिल भुगतान कर पाएंगे
गुप्ता के मुताबिक, एक अनुबंधित कंपनी अक्ष ऑप्टिफाइबर ये काउंटर संचालित करेगी। यहां उपभोक्ता सुबह 9 से शाम 7 बजे तक बिल भुगतान कर पाएंगे। मुख्य महाप्रबंधक ने राज्य में 40 हजार ई-मित्र पर शीघ्र ही बीएसएनएल की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होने की घोषणा भी की। बता दें कि, बीएसएनएल राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक आरसी आर्य हैं जबकि, जयपुर जिले के प्रधान महाप्रबंधक ओपी गुप्ता। दोनों ने इसका उद्घाटन किया।

04. पहला केंद्र है जहां एंडोस्कोपिक सर्जरी होगी
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में सेन्टर फॉर एडवांस्ड गायनोकोलोजीकल एंडोस्कोपिक सर्जरी के ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन हो गया है। इस मौके पर गायनी एण्डोस्कोपिक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।  कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में ए स नई दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अलका कृपलानी ने शिरकत की और अध्यक्षता डॉ. एमएल स्वर्णकार ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर सेवानिवृत आईएएस डॉ. गोविन्द नारायण शर्मा रहे।
डॉ.अलका कृपलानी ने कहा कि प्रदेश में करीब 95 प्रतिशत स्त्री रोग ऑपरेशन बड़े चीरे से हो रहे हैं। मेट्रो सिटीज में यह सं या बहुत कम है। एंडोस्कोपिक सर्जरी से छोटा चीरा लगता है, दर्द कम होता है, ठहराव कम होता और सामान्य होने की प्रक्रिया बहुत तेज होती है। बड़े चीरे के ऑपरेशन में रोगी एक माह में सामान्य होता है।
डॉ. एमएल स्वर्णकार ने कहा कि स्त्री रोगों की एंडोस्कोपिक सर्जरी का प्रदेश में पहला केन्द्र है। इसमें स्त्री रोग विशेषज्ञों को गर्भाशय, ओवरी, फैलोपियन टयूब की गांठ, कैंसर, नसबंदी के ऑपरेशन को खोलना आदि का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सेन्टर के निदेषक डॉ. विजय नाहटा ने बताया कि कार्यशाला में डेढ़ सौ से अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ आए हैं। सेंटर में इस साल सौ से अधिक चिकित्सकों को गाइनी एण्डोस्कोपी सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अन्य कई चिकित्सा विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

05 दिव्यांग महिला को मिला 'नारी तुझे सलाम' सम्मान
दौसा. शहर की सुभाष कॉलोनी निवासी सुनीता गुप्ता को जयपुर में आयोजित 'नारी तुझे सलाम' कार्यक्रम में आर्टिफिशियल ज्वैलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने पर राज्य स्तरीय व दिव्यांग गौरव सम्मान दिया गया। सुनीता पत्नी गिर्राज गुप्ता कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भी भाग ले चुकी हैं। 

06.राष्ट्रसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वर का देवलोकगमन
जालोर. राष्ट्रसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वर महाराज का रविवार मध्यरात्रि को भंाडवपुर जैन तीर्थ में देवलोकगमन हो गया। वे 80 साल के थे और पिछले कुछ समय से बीमार भी चल रहे थे। महावीर जैन श्वेताबंर पेढ़ी भांडवपुर के पदाधिकारियों ने बताया कि आचार्य के देवलोकगमन के बाद  मंगलवार को भांडवपुर तीर्थ में ही मंगलवार को अग्नि संस्कार होगा। इससे पूर्व नवपद ओली के विहार को लेकर राष्ट्रसंत 4 अप्रेल को जालोर जिले के भाण्डवपुर जैन तीर्थ मेंगलवा पहुंचे थे। इस दौरान 6 अप्रेल को उनका स्वास्थ्य खराब हो गया, जिसके तहत उन्हें भीनमाल में एक निजी हॉस्पिटल लाया गया था। जहां से उन्हें अहमदाबाद के लिए रैफर किया गया था। उपचार के बाद स्वास्थ्य लाभ होने के बाद राष्ट्रसंत पुन: कार्यक्रम को लेकर भांडवपुर पहुंच गए थे। लेकिन रविवार को फिर से उनकी तबीयत बिगडऩे के साथ उनका देवलोकगमन हो गया।

07. यूनिसेफ के आंकड़ों के हिसाब से बाल विवाह की संख्या में शीर्ष पर भारत:-
विशषज्ञों के अनुसार 15 साल से कम उम्र में विवाह की संख्या जरूर घटी है, लेकिन 18 साल से कम उम्र में विवाह की संख्या बढ़ गई है।
- 18 साल से कम उम्र में शादी, बाल विवाह, बच्चियों पर ज्यादा खतरा
- 150 लाख से ज्यादा बाल विवाह हर साल दुनिया में होते हैं
- 28 बच्चियों की शादी दुनिया में औसतन प्रति मिनट होती है
- 2 सेकंड समय में दुनिया में एक बच्ची ब्याह दी जाती है
- 3 में से एक बच्ची का विकासशील देशों में बाल विवाह हो जाता है
- 70 करोड़ महिलाएं दुनिया में एेसी हैं, जिनका बाल विवाह हुआ है
- 2,66,10,000 बाल विवाह हर साल भारत में हो जाते हैं
- 69 प्रतिशत की सर्वाधिक बाल विवाह दर है बिहार में
- 65 प्रतिशत की दर के साथ देश में राजस्थान दूसरे नंबर पर है
- 18 प्रतिशत बच्चियां भारत में 15 साल से कम उम्र में ब्याही जाती हैं
- 47 प्रतिशत बच्चियों का ब्याह 18 से कम उम्र में कर दिया जाता है

बाल विवाह दर में टॉप टेन देशों में भारत
1. नाइजर
2. सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
3. चाड
4. माली
5. बांग्लादेश
6. बुरकिना फासो
7. गुएना
8. दक्षिण सूडान
9. मोजांबिक
10. इंडिया

बाल विवाह की संख्या में टॉप टेन देशों में भारत
1. भारत
2. बांग्लादेश
3. नाइजीरिया
4. ब्राजील
5. इथियोपिया
6. पाकिस्तान
7. इंडोनेशिया
8. मैक्सिको
9. कांगो
10. तंजानिया                    

08. उदयपुर में बनेगा देश का पहला Heat Action Plan
जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक मुद्दा है। यह मानव स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे निपटने की ठोस नीति बनाने के लिए उदयपुर जिला एवं ऋषभदेव ब्लॉक का राजस्थान क्लाइमेट चेंज प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है। यह देश का प्रथम जिला एवं ब्लॉक स्तरीय हीट एक्शन प्लान होगा। इस प्रोजेक्ट को आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मार्गदर्शन में यूनिसेफ, राजस्थान एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ  पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर क्रियान्वित करेंगे।
इस प्रोजेक्ट के मुख्य अधिकारी डॉ. महावीर गोलेछा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को समझ कर उसके लिए ठोस नीति बनाना, आमजन विशेषकर बच्चों, माताओं एवं कमजोर वर्ग में जलवायु परिवर्तन के लिए जागरूकता बढ़ाना है। इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत भारत का प्रथम जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय हीट एक्शन प्लान, अत्यंत गरम तापमान तथा लू के लिए कार्यान्वित किया जाएगा। इसके अन्तर्गत अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाले बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों पर विभिन्न मार्गदर्शिका, जागरूकता सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। \

09. पश्चिमी राजस्थान का पहला कॉलेज, जहां सौ से ज्यादा पौधों की प्रजातियां
राजकीय महाविद्यालय के बॉटेनिकल गार्डन में लगे पौधे वनस्पति विज्ञान में स्नातक की शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के लिए सार्थक साबित हो रहे हैं। संभवत: यह राजस्थान का पहला कॉलेज होगा जहां जैव विविधता को इंगित करने वाला उद्यान है। इसमें औषधीय, साज-सज्जा, फलदार, महंगे, अद्र्धशुष्क, वृक्ष आदि लगे हैं। आगामी बारिश में कॉलेज प्रशासन की ओर से जलीय पौधे लगाने का प्लान है। यहां पर स्नातक में बॉटनी विषय लेने वाले विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी के लिए बॉटेनिकल गार्डन में सौ से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। पौधों की संरचना, विशिष्टताएं, विकास के उपाय बॉटनी के छात्रों को रिसर्च में विशेष सहयोग कर सकते हैं।
सुखाडिय़ा सर्किल की तर्ज पर फव्वारा
महाविद्यालय के उद्यान में उदयपुर के सुखाडिय़ा सर्किल की तरह फव्वारा लगाया गया है। दिन में तो साधारण पानी से चलेगा है लेकिन रात में रंगीन छटा बरसाता दिखेगा। इसका विधिवत उद्घाटन कॉलेज प्रशासन दो दिन बाद करने की बात कह रहा है। उद्यान के रखरखाव को लेकर दो कार्मिक लगाए हुए हंै। वे यहां पर पेड़-पौधों को नियमित रूप से पानी पिलाते हैं और सार-संभाल करते हैं।
सिरोही महाविद्यालय के उद्यान पर एक नजर
औषधीय पादप- अर्जुन (छाल-उच्च रक्त चाप, हृदय रोग में दवाई), आंवला, एलोविरा, शतावरी (जड़-दवा के रूप में), तुलसी आदि।
साज-सज्जा- चमेली, दिन का राजा, रात रानी, हरसिंगार, कचनार, सदाबहार, गुडहल, गुलमोहर आदि।
फलदार- जामुन, शहतूत, अंजीर, नीम्बू, चीकू, नारियल, केला, अनार, रायण (रानीमेवा), केरुन्दा, अमरुद, जंगली इमली आदि।
महंगे- साइकस, क्रिसमस ट्री, थुजा
अद्र्धशुष्क क्षेत्र- कैजरीना, केर आदि।
वृक्ष- कैसिया, पीपल, पारस पीपल।
बॉटेनिकल गार्डन में 100 से अधिक प्रजातियां हैं। विद्यार्थी पढ़ाई के साथ इस उद्यान के बारे में भी जानकारी रखते हैं। उद्यान को पूर्व प्राचार्य सुशीला रील व वर्तमान प्राचार्य के सहयोग से तैयार किया है।

10. भामाशाह योजना के प्रदेशव्यापी विस्तार के कारण डिजिटल पेमेंट में राजस्थान देश में अग्रणी स्थान रखता है
कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिहाज़ से महिलाओं को समर्पित भामाशाह योजना देश की पहली ऐसी योजना है, जिसमें महिला को परिवार का मुखिया मानकर उसके बैंक में खाते खुलवाये गये हैं और बतौर प्रोत्साहन राशि 2000 रुपये जमा करवाये गये हैं। इस योजना के साथ भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना भी जोड़ी गई है, जिसमें बीपीएल परिवारों को तीस हज़ार से लेकर तीन लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है           

             

15.04.2017

1. दिल्ली से आगे निकला राजस्थान, म्युचुअल फंड में जारी रहेगा तेजी का माहौल
इक्विटी बाजार हमेशा से ही राजस्थान के निवेशकों के लिए पसंदीदा बाजार रहा है। हाल ही में आई एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई, अहमदाबाद के बाद जयपुर से सबसे ज्यादा आईपीओ आवेदन किए जा रहे हैं और अब म्युचुअल फंड्स में भी राजस्थान के निवेशक बढ़ चढ़कर निवेश कर रहे हैं। सबसे ज्यादा ग्रोथ एसआईपी के जरिए म्युचुअल फंड्स में निवेश करने वाले निवेशकों में आई है। अकेले राजस्थान से हर माह करीब 350 करोड़ रुपए एसआईपी के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश किए जा रहे हैं। एमएफ निवेश के मामले में महाराष्ट्र, गुजरात के बाद राजस्थान तीसरे स्थान पर आ गया है, जबकि पहले यह चौथे स्थान पर था और दिल्ली तीसरे पर। बाजार से जड़े विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान में म्युचुअल फंड परिसंपत्तियां का आंकड़ां 2 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है।देशभर में ग्रोथ म्युचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां बीते वित्त वर्ष 2016-17 में 42 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी के साथ 17.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गईं। एक साल पहले यह 12.3 लाख करोड़ रुपए पर थीं। लिक्विड, आय और ईएलएसएस सहित इक्विटी से संबंधित बचत योजनाओं में क्रमश 1.2 लाख करोड़ रुपए, 96,000 करोड़ रुपए तथा 70,000 करोड़ रुपए का नया निवेश आया।            

02. आप भी हो जाओगे दीवाने, जब देखोगे इनकी पेन्टिंग और चित्रकारी
रामगढ़ शेखावाटी के सेवानिवृत्त वैद्य राम निरंजन शर्मा। सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद वे अपनी ही हवेली की कलाकृतियों को फिर से जीवंत करने में जुटे हुए हैं। वे रोजाना 14 घंटे भित्ति चित्र और पेंटिंग बनाने में व्यतीत करते हैं। इतना ही नहीं वे काष्ठ की मूर्ति भी बनाते हैं। कस्बे के वार्ड 10 में रूइया गली में रहने वाले 65 वर्षीय वैद्य ने 34 साल सरकारी नौकरी की। वैद्य सुबह छह बजे से ही अपनी हवेली में काम करना शुरू कर देते हैं। लगातार 12 से 14 घंटे काम करने के सवाल पर वैद्य बताते हैं कि जब व्यक्ति में किसी काम को करने की लग्न हो तो थकान का अहसास हो ही नहीं सकता।
ताऊ से सीखी कला
वैद्य के ताऊ मोतीलाल कोलकाता में बंगाली कलाकारों के मध्य अपनी चित्र कला के कारण ख्याति प्राप्त थे। बचपन में वे ताऊ के चित्रों को करीब से  देखते थे। इसके बाद वैद्य ने भी चित्रकारी शुरू कर दी। वैद्य को कुछ समय पहले रंगों से एलर्जी हो गई थी। ऐसे में वे भित्ति चित्र नहीं बना पा रहे थे।उस समय में उन्होंने लकड़ी की एक महिला की मूर्ति बना दी। महिला की काष्ठ की मूर्ति पर कलाकारी देखकर विदेशी भी अभिभूत हैं। वैद्य की बहुमुखी कला को देखकर उन्हें जयपुर में रावण का पुतला बनाने के लिए भी बुलाया गया था। वहां उन्होंने 65 फीट का रावण बना दिया था।    

3. प्रदेश में खुलेंगे सात लाईव्लीहुड बिजनेस इंक्यूबेटर सेन्टर
अगर आप आईटीआई उत्तीर्ण हैं और कोई व्यवसाय करने की सोच रहे हैं, लेकिन व्यवसाय स्थल का किराया, जगह नहीं होना,  मशीन खरीदने में असमथर्ता जैसी दिक्कतें हैं, तो निश्चिंत हो जाइए। क्योंकि केन्द्र सरकार युवाओं को उनके सपने पूरे करने का सुनहरा मौका दे रही है। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने प्रदेश के सात प्रशिक्षण संस्थानों का बिजनेस इंक्यूबेटर सेंटर शुरू करने के लिए चयन किया है। प्रदेश के चयनित संस्थानों के प्रतिनिधि मंडल की उद्योग विभाग (एमएसएमई)  सचिव के साथ दिल्ली में हुई बैठक में योजना को मंजूरी दे दी है। कुछ माह में संस्थानों में सेन्टर शुरू हो जाएंगे।
संस्थानों में व्यवसाय शुरू करने के लिए कच्चा माल, माल उत्पादन प्रक्रिया, मार्केटिंग, बिजनेस मैनेजमेंट एवं बिजनेस अकांउटेंसी तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। संस्थान में विभिन्न व्यवसायों से  जुड़ी एक करोड़ की मशीनें स्थापित  की जाएगी। इनका उपयोग आईटीआई उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थी कर सकेंगे। प्रशिक्षणार्थी को संबंधित व्यवसाय का कच्चा माल स्वयं लाना होगा। उत्पादित वस्तुओं का विक्रय कर वह आय अर्जित कर सकेगा। आईटीआई एवं इंक्यूबेटर सेंटर, उदयपुर के प्राचार्य  नीरज नागौरी के अनुसार प्रथम सत्र के लिए मशीन उपयोग का कोई शुल्क नहीं देना होगा। मशीन उपयोग के लिए तीन प्रशिक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे।
इनका मिलेगा प्रशिक्षण
-ब्यूटीशियन
-फैशन टेक्नोलॉजी
-सोलर लैन्टर्न
-बैकरी & आईटी
-पेपर & नैपकीन मैन्यूफेक्चरिंग
-शॉक्स निटिंग प्लान्ट
-वाटर फिल्टर आरओ प्लान्ट
-पैकेज एंड पैकेजिंग मशीन
-टोमेटो एंड फू्रट प्रोसेसिंग प्लांट
विभिन्न प्रकार के करीब पचास तरह के कारोबार। 

इन संस्थानों का चयन
-राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर
-राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, खोनागोरियां, जयपुर
-राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रामगढ़, अलवर
-एफटीटीआई, बीकानेर
-गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, अजमेर
-गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, कोटा
-गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर

उदयपुर में यहां मिलेगी ट्रेनिंग
योजना के तहत संभाग में प्रतापनगर स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का चयन किया गया है। प्राचार्य  नीरज नागौरी ने बताया कि केन्द्र पर पांच हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में मशीनें स्थापित होगी। प्रतिदिन तीन बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्र के लिए चयनित दस व्यवसायों  के तहत प्रत्येक व्यवसाय में अस्सी सीटें होंगी। संभाग भर से आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों को लाभ मिलेगा।       

04. चूरू के इस विश्व स्तरीय सिंथेटिक ट्रैक पर निखरेगी प्रतिभा,
चूरू जिला स्टेडियम में अब इंटरनेशनल ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिताएं कराना आसान हो जाएगा। इसके लिए करीब साढ़े सात करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। भारत सरकार के खेलो इंडिया के तहत बनने वाले इस ट्रैक पर एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
भारत सरकार ने 6 करोड़ 30 लाख रुपए की स्वीकृति जारी कर दी है। यह जानकारी सांसद राहुल कस्वां ने शनिवार को जिला खेल स्टेडियम में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।
कस्वां ने बताया कि जयपुर और जोधपुर के बाद चूरू में राज्य का तीसरा सिंथेटिक ट्रैक होगा।  उन्होंने कहा कि चूरू जिला खेलों में आगे बढ़ रहा है। युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए चूरू का साईं के संपर्क में आना जरूरी है ताकि खेलों के लिए उन्हें सुविधाएं मिल सके।
उन्होंने बताया कि इसको ध्यान में रखते हुए डे बोर्डिंग सेंटर खोले गए हैं। जहां खिलाड़ी बेहतर तैयारी कर रहे हैं। इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं।  इसकी वे लगातार मॉनिटरिंग करेंगे। कस्वा ने कहा कि ट्रैक निर्माण के बाद एथलेटिक्स के जितने भी गेम होंगे वे ट्रैक के बीच में होंगे। राजगढ़ में एक मई को डे बोर्डिंग सेंटर शुरू हो जाएगा।

5. हवलदार सांवरमल भामूं की शहादत पर संवेदना जताई
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले के खीजवाली इलाके में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में जयपुर जिले के फुलेरा तहसील के तिबारियां गांव निवासी हवलदार सांवरमल भामूं के शहीद होने पर संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि शहीद सांवरमल भामूं ने देश के लिए शहादत देकर अपने परिवार के साथ ही पूरे प्रदेश और देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है।
श्रीमती राजे ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

6. राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के तहत प्रदेशभर में बनाए जाने वाले खेल मैदानों की योजना पर अब अमल करेगा पूरा देश
मनरेगा और सांसद व विधायक कोटे के जरिये प्रदेश में खेल मैदान विकसित करने की जो योजना राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष प्रदेश में शुरू की गयी, अब उसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार के युवा मामले और खेल विभाग ने राजस्थान सरकार की इस योजना की सराहना करते हुए देश में खेल सुविधाओ और आधारभूत ढांचे के निर्माण और विकास के लिए अन्य मंत्रालयों के संसाधन और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्यकारी समूह गठित किया है। नौ सदस्यीय इस समूह का अध्यक्ष राजस्थान के युवा मामले और खेल विभाग के प्रमुख शासन सचिव जे.सी. मोहन्ती को बनाया गया है।
यह समूह मनरेगा और सांसद व विधायक कोटे जैसी योजनाओं का उपयोग खेल सुविधाओं के विकास में किस प्रकार किया जाए, इसके लिए खेल मंत्रालय को अपने सुझाव देगा। यही नहीं सवाई मानसिंह स्टेडियम में लागू पे एण्ड प्ले तथा स्पांसर स्कीम के बारे में भी यह ग्रुप मंत्रालय को अपने सुझाव देगा।
मनरेगा में पहला स्टेडियम बना बाड़मेर में
राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना ( मनरेगा) के तहत प्रदेशभर में बनाए जाने वाले खेल मैदानों में पहला ग्रामीण खेल स्टेडियम बाडमेर में बना है। बायतू से महज 10 किलोमीटर दूर छोटे से गांव खिवालिसरा में मनरेगा के तहत यह स्टेडियम सबसे पहले बनकर तैयार हो गया है। राजस्थान खेल परिषद के अधिकारियों के अनुसार बाडमेर में कुल 164 ग्रामीण खेल स्टेडियम बनने हैं। गाँव की सरपंच ने खेल मैदान
की वित्तीय स्वीकृति जारी होने के साथ ही कार्य शुरू करवा दिया और इस गाँव में सबसे पहला खेल मैदान बनकर तैयार हो गया।​

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