अलाउद्दीन के काल में मंगोल आक्रमण

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?सल्तनत काल में मंगोलों का सर्वाधिक आक्रमण अलाउद्दीन खिलजी के काल में हुआ
?उसके दो सेनापतियों उलूग खां और जफर खां ने मंगोलों के विरुद्ध युद्ध में भाग लिआ,इसमें जफर खां मारा गया
?वास्तव में मंगोल इस बात से चिड़े हुए थे की उसने जलालुद्दीन की हत्या कर गद्दी प्राप्त की थी जबकि जलालुद्दीन ने मंगोलों को दिल्ली में बसाया था


1. मंगोलों का पहला आक्रमण 1297-98 ईसवी में ट्रांसआक्सियाना के शासक दावा खां के सेनापति कादिर खां ने किया

?इसके अतिरिक्त इस काल में हुए मंगोलों के अन्य आक्रमण

2-सलदी का आक्रमण 1299 ईस्वी में
3- कुतलुग ख्वाजा का आक्रमण 1299ईस्वी में
4- तार्गी का आक्रमण1303ईस्वी में
5-अली बेग व तातार्क का आक्रमण 1305ईस्वी में
6-कुबाक ताइबू और इकबाल मंदा का आक्रमण 1306 ईस्वी में

?अलाउद्दीन ने मंगोलों के नियमित हमलों का सामना करने के लिए सीमावर्ती किलो और दिल्ली के किलों के मरम्मत के अलावा और नए कीलो का निर्माण कराया
?उसने मंगोल आक्रमण से दिल्ली की रक्षा के लिए सीरी नगर की स्थापना की और उसमें सीरी दुर्ग का निर्माण किया
?किलो को योग्य और कुशल अधिकारियों के अंतर्गत रखा गया
?अलाउद्दीन ने मंगोल आक्रमण से निपटने के लिए ""रक्त और तलवार""की नीति अपनाई
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1. ☘ प्रथम आक्रमण☘
?अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में पहला मंगोल आक्रमण 1297-98ईस्वी में ट्रांसआक्सियाना के शासक दावा खां के सेनापति कादिर खान ने किया
?अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलों को रोकने के लिए अपने दो सेनापति उलूग खॉ  और जफर खां के अधीन फौजे भेजी थी
?दोनों  सेनाओं के मध्य जूरन मंजौर (पंजाब के दो पुराने  जिले लाहौर और अमृतसर के बीच क्षेत्र )के निकट युद्ध हुआ जिसमें मंगोल पराजित हुए
?इस युद्ध में लगभग 20 हजार मंगोल मारे गए बड़ी संख्या में मंगोल स्त्रियां और बच्चों को गुलाम बनाकर दिल्ली भेज दिया गया

☘दूसरा आक्रमण ☘
?दूसरा मंगोल आक्रमण 1299 ईस्वी में सल्दी के नेतृत्व में हुआ इसमें उलूग खॉ  और नुसरत खां गुजरात में व्यस्त थे।
?सल्दी ने सेहबान(सिबिस्तान)के किलो पर अधिकार कर लिया तत्पश्चात जफर खां को आक्रमणकारियों का सामना करने के लिए भेजा गया
?उसने मंगोलों को पराजित कर सेहबान(सिबिस्तान)  के दुर्ग पर अधिकार कर लिया, सल्दी और अनेक स्त्री पुरुष को बंदी बनाकर दिल्ली भेजा गया
?जफर खां की इस विजय ने नुसरत ख़ां और उलूग खॉ की गुजरात विजय की यश को भुला दिया
?जफर खां  की इस विजय से अलाउद्दीन उसकी ओर से आशंकित रहने लगा अलाउद्दीन का भाई उलूग खॉ भी  इस से ईर्ष्या करने लगा था
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☘तीसरा आक्रमण ☘
?मंगोलों का तीसरा आक्रमण 1299 ईस्वी के अंत में हुआ यह अभियान दवा खां ने अपने पुत्र कुतलुग ख्वाजा के नेतृत्व में भेजा था,जिसका उद्देश्य सल्दी खा की पराजय और उसका मृत्यु का बदला लेना था


?अलाउद्दीन के पास इस आक्रमण की कोई पूर्व सूचना नहीं थी परिणाम स्वरुप मंगोल खिलजी की राजधानी सीरी  के पड़ोस में किली तक पहुंचने में सफल हो गए
?ऐसी स्थिति में दिल्ली के कोतवाल अलाउलमुल्क ने अलाउद्दीन को "हिकमत-ए-अमली"अथार्थ "कूटनीति का मार्ग"अपनाने और यदि संभव हो तो मंगोलों को चुपचाप लौट जाने का  प्रलोभन देने की सलाह दी
?क्योंकि सुल्तान की सेना में अधिकांशत: हिंदुस्तानी सैनिक थे वह केवल हिंदुओं के साथ युद्ध किए थे मंगोलों के साथ युद्ध का उन्हें अनुभव नहीं था
?लेकिन सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने अलाउलमुल्क के इस सुझाव को ठुकरा दिया उसने अपने विश्वास पात्र सेनानायकों नुसरत खां ,उलूख खॉ, जफर खां और अकत  खां  को साथ लेकर युद्ध का निश्चय किया
?स्वयं  सुल्तान और नुसरत खॉ सेना  के मध्य भाग में ,उलूग खॉ बाम पक्ष पर और जफर खां दाहीने  पक्ष पर था
?जफर खां ने मंगोलों के प्रति आक्रमक नीति अपनाते उन पर प्रहार करना प्रारंभ कर दिया, मंगोलों को बुरी तरह से कत्ल किया गया
?मंगोल सेना पराजित हो कर भागने लगी जफर खां ने 18 कोस तक उनका पीछा किया लेकिन वापस लौटते समय तार्गी के नेतृत्व में मंगोलों ने उसे घेर लिया
?अलाउद्दीन की तरफ से उसकी रक्षा हेतु कोई सहायता  नहीं पहुंची, फलस्वरुप जफर खॉ मारा गया
?जफर खां शौर्य से मंगोल इतने भयभीत हुए की रात्रि को 30 कोस पीछे हट गए और वापस चले गए
?इस प्रकार अलाउद्दीन के लिए दोहरी विजय थी,शक्ति शाली मंगोलों की पराजय के साथ प्रभावशाली दास सरदार का अंत
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 ☘चौथा आक्रमण☘
?मंगोलों का चौथा आक्रमण 1303 ईस्वी में तार्गी के नेतृत्व में हुआ था
?उस समय अलाउद्दीन चित्तौड़ अभियान से वापस लौटा था उसकी सेना अपर्याप्त और दुर्बल स्थिति में थी
?मंगोल नेता तार्गी ने अपनी सेना के साथ अत्यंत द्रुतगति से दिल्ली पर आक्रमण किया ,अलाउद्दीन मंगोलों से युद्ध की स्थिति में नहीं था
?उसने सीरी किले में अपनी सुरक्षा का प्रबंध किया मंगोल अधिक समय तक भारत में नहीं टिक सके अंततः दो माह के घेरे के पश्चात सीरी  के दुर्ग को जीतने में असफल रहे फलस्वरुप वह वापस चले गए
?तार्गी के नेतृत्व में हुए आक्रमण के पश्चात अलाउद्दीन सचेत हो गया और मंगोल समस्या का स्थाई हल ढूंढने का प्रयास करने लगा
?उसने सीरी के किले को दृढ किया ,दिल्ली के किले की मरम्मत कराई ,सीरी को अपनी राजधानी बनाया, उत्तर पश्चिम में स्थित किलो की मरम्मत कराई और कुछ नवीन किलो का निर्माण कराया
?किलो में स्थाई सेना रखी और सीमांत प्रदेशों की रक्षा के लिए पृथक सेना और एक सूबेदार की नियुक्ति की गई
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☘पांचवा आक्रमण☘
?मंगोलों का पांचवा आक्रमण 1305 ईस्वी में अली बेग व तातार्क के नेतृत्व में हुआ था
?उन से मुकाबला करने के लिए अलाउद्दीन ने मलिक नायब को नियुक्त किया जिसने मुगलों को अमरोहा के निकट परास्त किया
?अली बेग तातार्क को बंदी बना लिया बाद में दोनों का कत्ल कर दिया गया
?इस विजय ने भारत में मगोलों की अजेयता के गौरव को नष्ट कर दिया
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☘छठाँ आक्रमण ☘
?मंगोलो ने अलीबेग व तातार्क  की हार का बदला लेने के लिए 1306 ईस्वी में तीन सेनापतियों के नेतृत्व में सैन्य दल भेजा गया
?यह अलाउद्दीन के समय का अंतिम मंगोल आक्रमण था पहले दल का नेतृत्व काबुक ने, दूसरे और तीसरे दल का नेतृत्व इकबाल मंद और ताइ-बू ने किया
?काबुक के अधीन सेना मुल्तान होती हुई रावी नदी की ओर बढ़ी और इकबाल मंद और ताइ-बू के नेतृत्व में नागौर की तरफ बढ़ी
?अलाउद्दीन ने मलिक काफूर और गाजी मलिक तुगलक को उनके विरुद्ध भेजा था
?मलिक काफूर ने काबुक को रावी नदी के तट पर पराजित कर बंदी बना लिया, तत्पश्चात नागौर की ओर बढ़ा और मंगोलों पर अचानक हमला किया
?मंगोल पराजित हो कर भाग गए, बहुत से युद्ध बंदियों के साथ मलिक काफूर दिल्ली पहुंचा
?युद्ध बंदियों को हाथी के नीचे कुचल कर मार डाला गया और उनके सिर बदायूं फाटक के सामने स्तंभ में चिनवा दिए गए



?मंगोलों कि इस हार का मुख्य कारण-दवा खॉ की मृत्यु थी जिसके कारण चगताई राज्य में गृह युद्ध आरंभ हो गया था

???अलाउद्दीन की मंगोल नीति???
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?अलाउद्दीन के समय में मंगोलों के सबसे अधिक और सबसे भयंकर आक्रमण हुए किंतु उसने मंगोलों के विरूद्ध सफलता प्राप्त की
?मंगोल आक्रमण से निपटने के लिए अलाउद्दीन में रक्त और तलवार की नीति अपनाई
?मंगोलों के विरुद्ध बलबन ने रक्षात्मक उपाय करते हुए विस्तारवादी नीति को त्याग दिया था
?लेकिन अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोल आक्रमण से राजधानी दिल्ली की रक्षा की और अपना विजय अभियान भी जारी रखा
?मंगोलों से रक्षा के लिए उसने पुराने किलों की मरम्मत कराई और नये कीलो का निर्माण करवाया, सीमाओं की रक्षा के लिए योग्य और विश्वास पात्र अधिकारियों को अध्यक्ष नियुक्त किया गया
?हथियारों के निर्माण के लिए नए कारखाने स्थापित किए गए, दीपालपुर ,समाना और मुल्तान में सेना ने तैनात की गई
?अलाउद्दीन का सौभाग्य यह था कि उसे नुसरत खॉ, उलूग खॉ,अलक खॉ, जफर खां और मलिक काफूर जैसे योग्य सेनानायकों की स्वामी भक्ति प्राप्त थी
?इस कारण अलाउद्दीन मंगोलों के विरुद्ध सदैव रक्षात्मक नीति का अनुसरण ना कर आक्रमक नीति अपनाई और उन्हें पराजित किया

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