कुशलगढ़ प्रजामंडल आंदोलन

कुशलगढ़ प्रजामंडल आंदोलन

कुशलगढ़ बांसवाड़ा (Banswara) का ही एक भाग (ठिकाना)था
ब्रिटिश शासनकाल (British rule) में इसे बांसवाड़ा से अलग कर स्वतंत्र राज्य के रुप में मान लिया था
कुशलगढ़ में जन जागृति का कार्य पन्ना लाल त्रिवेदी ने शुरू किया था
उसने कुशलगढ़ में  स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement) और मद्यनिषेध की प्रवृतियोंको चलाया था
1942 में भवरलाल निगम की अध्यक्षता में कुशलगढ़ प्रजामंडल की स्थापना की गई
कुशलगढ़ प्रजा मंडल का अध्यक्ष भवरलाल निगमको बनाया गया
पन्नालाल त्रिवेदी को प्रजामंडल का मंत्री चुना गया
प्रजामंडल ने शीघ्र ही किसानों से ली जा रही लाग-बाग के खिलाफ आवाजउठाई थी
1944 में डॉ रामचंद्र जोशी की सेवाग्राम से कुशलगढ़आ जाने पर प्रजामंडल को गति मिलीथी
दाडम चंद्र जोशी ने कुशलगढ़ को अपना कार्य क्षेत्र बनाया
राष्ट्रीय चेतना (National consciousness) को फैलते हुए देख पन्नालाल त्रिवेदी भी अपने जन्म स्थानपर आ गया
पन्नालाल त्रिवेदी के प्रयास से गांधी आश्रम की स्थापना की गई
राष्ट्रीय भावना के सफल प्रसार के परिणाम स्वरुप यहां 1948 में भंवरलाल निगम की अध्यक्षता में लोकप्रिय मंत्रिमंडल का गठन हो गया
1948 में यह भी राजस्थान संघ में विलय हो गया

कुशलगढ़ प्रजामंडल आंदोलन

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