देश के निम्न क्षेत्रों में हुए विभिन्न आंदोलन

Various movements in the following areas of the country


लाल कुर्ती आंदोलन 

  • पश्चिमोत्तर प्रांत में पेशावर में इसका नेतृत्व खान अब्दुल गफ्फार खाँ ने किया इनका आंदोलन लाल कुर्ती आंदोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ

  • उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत (N.W.F.P.) में सामान्य "सीमांत गांधी" के नाम से प्रसिद्ध खान अब्दुल गफ्फार खाँ ने अपने खुदाई खिदमतगार (ईश्वर की सेवा) संगठन के ध्वज और अपने स्वयं सेवकों के साथ इस आंदोलन में अत्यंत सक्रिय रुप से भाग लिया

  • यह स्वयं सेवक लाल कुर्ती पहने होते थे अपनी पोशाक के कारण ही यह लाल कुर्ती के रूप में विख्यात हुए

  • लाल कुर्ती आंदोलन विश्व अहिंसक आंदोलन था आजादी के लिए इन्होने कांग्रेस और गांधी का नेतृत्व स्वीकार किया

  • लाल कुर्ती दल ने गफ्फार खाँ को "फख्र-ए अफगान"की उपाधि दी

  • उन्होंने पख्तून नामक एक पत्रिका पश्तो भाषा में निकाली जो बाद में "दश-रोजा" नाम से प्रकाशित हुई

  • गफ्फार खाँ को "बादशाह खॉ" भी कहा जाता है

  • अप्रैल 1943 में मोहम्मद अली जिन्ना  गफ्फार खाँ को "जंगी पठानों के हिंदू करण और उन्हें नपुंसक बनाने के कार्यवाहक"" की संज्ञा दी

  • गफ्फार खॉ ने 1946-47 में पख्तूनिस्तान की मांग को लेकर सक्रिय आंदोलन किया

  • पेशावर की एक महत्वपूर्ण घटना यह थी की गढ़वाली सिपाहियों की दो प्लाटूनों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इंकार कर दिया

  • इसके नेता चन्द्र सिंह गढ़वाली थे जिस कारण बाद में उनका कोर्ट मार्शल किया गया और लंबी जेल सजाएं दी गई

  • इससे स्पष्ट हो गया था कि भारतीय राष्ट्रवाद की भावना भारतीय सेना तक फैलने लगी थी


 

 जियालरंग आंदोलन पूर्वोत्तर क्षेत्र

  • भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र मणिपुर में भी सविनय अवज्ञा आंदोलन ने जोर पकड़ा

  • नागाओं ने यदुनाथ के नेतृत्व में ब्रिटिश शासकों से पूर्ण असहयोग और कर बंदी आंदोलन का रास्ता अपनाया

  • इस आंदोलन को जियालरंगो, आंदोलन के नाम से जाना जाता है

  • नागा-संघर्ष नें सशस्त्र संग्राम का रुप ले लिया था यदुनाथ पर हत्या का अभियोग लगाकर फांसी दे दी गई

  • इन के बाद इनकी बहन गैडिनल्यू ने नागा विद्रोह की बागडोर संभाली इन्हें गिरफ्तार करके आजीवन कारावास की सजा दी गई

  • जवाहरलाल नेहरू ने यदुनाथ की बहन के गैडिनल्यू को रानी की उपाधि दी, उनके बारे में जवाहरलाल नेहरू ने लिखा है एक दिन ऐसा आएगा जब भारत इन्हे स्नेह पूर्वक स्मरण करेगा


 धरासना का आंदोलन (मुंबई) 


  • मुंबई में इस आंदोलन का केंद्र बिंदु धरासना था महात्मा गांधी जी ने आंदोलन को तेज करने के लिए यह घोषणा की कि वे धरासना नमक निर्माणशाला पर अपने साथियों के साथ धावा बोलेंगे और नमक कानून तोडेंगे

  • लेकिन 4 मई को वायसराय ने आदेश दिया कि गांधी जी को गिरफ्तार किया जाए और यह गिरफ्तार कर लिए गए

  • गांधीजी के आह्वान किए गए संघर्ष को बढ़ाते हुए 31 मई 1930 को सरोजिनी नायडू के दक्षिण अफ्रीका संघर्ष के दिनों के दोस्त इमाम साहब और गांधी जी के पुत्र मणिलाल 2000 कार्यकर्ताओं के साथ धरासना नामक नमक कारखाने की ओर बढ़े

  • इन पर भीषण लाठीचार्ज हुआ जिसमें 2 लोगों की मृत्यु हो गई

  • इस तरह मुंबई के पास स्थित "बडाला" के नमक कारखाने पर लोगों ने धावा बोला और नमक लूट कर ले गए

  • मई 1930 में बंबई के समुद्र तट पर अमेरिकी पत्रकार बेबमिलर ने अपनी आंखों के सामने निहत्थे सत्याग्रहियों पर अत्याचार का सजीव वर्णन किया है

  •  उसने लिखा है कि "धरासना जैसा भयानक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा है" इस अमेरिकी पत्रकार ने ब्रिटिश भारत में महिलाओं की स्थिति की आलोचना की और

  • तर्क दिया कि जब तक महिलाओं पर अत्याचार चलता रहेगा तब तक भारतीय पुरुषों को यह अधिकार नहीं है कि वह भारत के शासन का प्रबंध अपने हाथों में ले


 
 दक्षिण भारत में आंदोलन 

  • दक्षिण भारत में भी नमक आंदोलन का तेजी से प्रसार हुआ

  • राजगोपालाचारी ने त्रिचनापल्ली से बदोख्यम्  तक की यात्रा की ​

  • कर्नाटक में 10000 लोगों ने "सैनि कट्टा"नामक कारखाने पर धावा बोला और लाठियां और गोलियां खाई

  • आंध्र प्रदेश में महिलाओं के जत्थे मीलों चलकर नमक कानून को चुनौती देने पहुंचे थे

  • वायकूम सत्याग्रह (केरल) के नेताओं ने के.केलप्पन और टी. के. माधवन के साथ कालीकट से पयान्नूर तक की यात्रा की इन सभी ने नमक कानून को तोड़ा था 


 
 अन्य केन्द्र 

  •  देश के अन्य हिस्सों में भी नमक आंदोलन चलाया गया 

  • बंगाल के मिदनापुर इलाके में नमक सत्याग्रह काफी समय तक चलता रहा

  • उड़ीसा में बालासोर पूरी और कटक जिले गैर कानूनी तौर पर नमक निर्माण के मुख्य केंद्र रहे हैं

  • सत्याग्रहियों का एक दल असम के सिलहट नामक स्थान से बंगाल के नोवाखाली समुद्र तट तक नमक बनाने के लिए पहुंचा था

  • 14 अप्रैल को नमक कानून तोड़ने के जुर्म मे जवाहरलाल नेहरु को गिरफ्तार कर लिया गया है

  • इसके जवाब में मद्रास, कलकत्ता और कराची आदि नगरों में प्रदर्शन हुए और प्रदर्शनकारियों की विशाल भीड़ और पुलिस के बीच टकराव हुआ


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