??बीकानेर रियासत का विलय??
?रियासती मंत्रालय के प्रभारी सरदार पटेल की अपील माउंटबेटन द्वारा नरेंद्र मंडलमें दिए गए
?ऐतिहासिक उद्बोधन और प्रिंट की वापसी रियासतों में चल रहे जन आंदोलन और बीकानेर नरेश को रियासती मंत्रालय द्वारा लिखे गए पत्र आदि परिस्थितियों के वशीभूत होकर राजपूताने के अधिकांश राजाओं ने भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे
?बीकानेर नरेश सार्दुल सिह हस्ताक्षर करने वाले प्रथम राजा थे
?7 अगस्त 1947 को महाराजा सार्दुल सिंह ने सम्मिलन पत्र इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर कर दिए थे
??उदयपुर रियासत का विलय??
?धौलपुर नरेश उदयभान सिंह ने जोधपुर नरेश हनुवंत सिंह उदयपुर नरेश भोपाल सिह और जयपुर नरेश जयसिह से संपर्क किया
?ताकि इन राजाओं को पाकिस्तान में मिलने के लिए सहमतकिया जा सके
?जोधपुर के महाराजा हनुवंत सिंह ने महाराणा भूपाल सिंह को पाकिस्तान में शामिल होने के लिए पत्र लिखा
?लेकिन महाराणा ने इसका प्रति उत्तर देते हुए कहा कि मेरी इच्छा तो मेरे पूर्वजों ने निश्चित कर दी थी यदि वे थोड़े भी डगमगाए होते तो वह हमारे लिए हैदराबाद जितनी ही रियासत छोड़ जाते
?उन्होंने ऐसा नहीं किया और ना मैं करूंगा मैं तो हिंदुस्तान के साथ हूं इस प्रकार महाराणा ने देश भक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपनी स्वेच्छा से भारतीय संघ में शामिल होना स्वीकार कर लिया
??जयपुर रियासत का विलय??
?जब ब्रिटिश सरकार ने भारत की आजादी की घोषणा की थी
?जयपुर उन रियासतों में से थी जिसने सबसे पहले भारतीय संघ में शामिल होने की घोषणाकि इसके बाद राजपूताने के राजाओ में भारत में सम्मिलित होने की होड लग गई थी
?जोधपुर तथा धौलपुर को छोड़कर सभी रियासतों के राजाओं ने सम्मिलित पत्रपर हस्ताक्षर कर दिए थे
??जोधपुर रियासत का विलय??
?जोधपुर रियासत 1946 से संविधान निर्मात्री सभामें भाग ले रही थी
?जोधपुर का युवा महाराजा हनवंतसिंह दो बार भारत में मिलने की घोषणा कर चुका था
?किंतु देश को स्वतंत्रता मिलने से ठीक 10 दिन पहले वह जिंन्ना और उसका साथ देने वाले भोपाल के नवाब व धौलपुर के महाराजराणा के चक्कर में आ गया
?वी०पी०मेनन ने अपनी पुस्तक "द स्टोरी ऑफ इंटीग्रेशन ऑफ इंडियन स्टेटस"
?लियोनार्ड मोसले ने अपनी पुस्तक "द लास्ट डेज ऑफ द ब्रिटिश राज इन इंडिया"
?डी०आर०मानकेकर ने अपनी पुस्तक "एक्सेशन टू एक्सटिंक्शन" तथा लोरी कॉलिंस व डोमिनीक सेपियम ने अपनी पुस्तक "फ्रीडम एट मिडनाइट"में
?इस घटना का उल्लेख किया है ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर में भी जोधपुर राज्य के भारत मे विलेय से पहले घटी घटनाओं का उल्लेख किया गया है
?रियासती मंत्रालय के सचिव वी०पी०मेनन ने अपनी पुस्तक द स्टोरी ऑफ इंटीग्रेशन ऑफ इंडिया स्टेटसमें इस प्रकरण का उल्लेख इस प्रकार से किया है कि जिन्ना और मुस्लिम लीग के नेताओं की जोधपुर नरेश से कई मुलाकाते हुई थी और अंतिम मुलाकात में वे जैसलमेर के महाराजकुमार को भी साथले गए थे
?जोधपुर रियासत के पाकिस्तान में मिलने के प्रश्न पर जोधपुर के वातावरण में काफी क्षोभ था
?जागीरदार और सरदार लोग निश्चित रुप से इस प्रस्ताव के विरुद्धथे
?अंत में वॉइस राय व मेनन के समझाने पर महाराज ने अपने राज्य का विलय भारतमें करने की बात मान ली
?महाराजा की शर्तों को भी मान लिया गया और महाराजा ने सम्मिलन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए
??धोलपुर रियासत का विलय??
?जब धौलपुर के महाराजराणा को पता चला कि जोधपुर तथा भोपाल के शासकों ने अधिमिलन पत्र पर हस्ताक्षरकर दिए तो उसने भी 14 अगस्त 1947 को भारत में विलय को स्वीकार कर लिया था
?इस प्रकार 15 अगस्त 1947 से 1 दिन पूर्व भी राजस्थान की समस्त रियासतोंने भारत में अधिमिलन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए
?धोलपुर नरेश उदयमान सिह अधिमिलन पर हस्ताक्षरकरने वाले अंतिम शासक थे
???राजस्थान ???
?भारत में सातवीं शताब्दी से लेकर 12 वीं शताब्दी के बीच राज्यों के जितनेभी विकास हुए हैं
?उन में सर्वाधिक राजपूताना के नामसे हुए हैं
?सन 1800 मैं जॉर्ज थॉमस ने इस विभाग का सर्वेक्षण और अध्ययनकिया था
?उस समय उन्होंने इसे राजपूतानाका नाम दिया था
?इसके पश्चात राजपुताना का इतिहास लिखने वाले प्रसिद्ध पाश्चात्य लेखक कर्नल जेंस टोड ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक एनल्स एंड एंटिक्विटीज ऑफ राजस्थान में 1829 में सर्वप्रथम राजस्थान शब्द काम में लिया था
?ऋग्वेद के अनुसार राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की पूर्वी सीमा पर द्वषद्वती नदी तथा पश्चिमी सीमा पर सरस्वती नदीबहती थी
?उस समय इस भू-भाग को ब्रह्मावर्तकहा जाता था
?स्वतंत्रता के समय राजस्थान की 19 रियासते 3 ठिकाने और अजमेर मेरवाड़ा कांग्रेस शासित प्रदेश मिलकर राजपूताना कहलाती था
? राजपूताना की समस्त रियासतों में हिंदू बहुल जनसंख्या थी
?इन में से केवल टोक ऐसी रियासत थी,जिसमें मुस्लिम शासकथे
?शेष सभी रियासतों में हिंदू राजाओं का शासनथा
?रियासतों की भोगोलिक स्थिति ऐसी थी कि यह भारत अथवा पाकिस्तान दोनों में से किसी एक देश का चयनकर सकती थी
?लेकिन जातीय आधार पर यह रियासतें और उनकी जनता ब्रिटिश भारत हिन्दू बहूल क्षेत्र से जुड़ीहुई थी
?यह संबंध इतना मजबूत था कि हिंदू बहुल देसी रियासतों में से कुछ रियासतों के शासक मुस्लिम लीग के साथ मिलकर पाकिस्तान में जाने का प्रयास करते तो पर्याप्त संभव था कि इन रियासत की जनता राजाओं को उखाड़फैकती
?कानूनन देशी राज्यों का संबंध शेष भारत से केवल वॉइस रायके माध्यम से था
?जो ब्रिटिश भारत पर गवर्नर जनरल की हैसियत से शासन चलाता था
?राजपूताना में अधिकतर रियासते अपना पृथक अस्तित्व बनाए रखने के योग्य नहींथी
?राजस्थान के राजाओं और जिन नेताओं ने इस स्थिति को भली-भांति समझ लिया था
?अतः भारत सरकार के रियासती विभाग ने इन सबको मिलाकर एक इकाई के रुप में संगठितकरने का निश्चय किया
?इस संगठित इकाई को राजस्थान की संज्ञादी गई
?इस प्रकार से महाराणा प्रताप का चीर चिंतन किया सयुक्त राजस्थान का सपना साकार हुआ
?राजपूताना की रियासतों में सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़थी
?जिसकी स्थापना गुहिल ने की थी
?क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर और सबसे छोटी रियासत शाहपुराथी
?प्राचीन समय में डूंगरपुर और बांसवाडा वागड के नाम से प्रसिद्ध है
?जोधपुर के उत्तरी भाग को तथा वर्तमान बिकानेर को जांगल प्रदेश के नाम से जानाजाता था
?झालावाड़ व टोक के भू-भाग को मालवा प्रदेश कहा जाता था
?मध्यकाल में राजपूत शासकों ने इस राज्य पर विभिन्न नामों से अपना कब्जाकर लिया
?इस समूचे भाग को अपने अपने वंश या स्थान विशेष के अनुरूप नामों से राज्य की संज्ञा दी गई
?जब अंग्रेजों ने समूचे भारत वर्ष पर आधिपत्य स्थापित किया तो उन्होंने शासन सुविधा के लिए उपरोक्त विभिन्न देसी राज्य जिनमें अधिकांश में राजपूत राजा थे को एक इकाई मानकर संपूर्ण प्रदेश को राजपूतानाकहने लगे
?31 दिसंबर 1945 को उदयपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् का अधिवेशन हुआ
?इसी अधिवेशन में एकीकरण राजपूताना सभा बनाने का निर्णय लिया गया
?15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्रहुआ उस समय डूंगरपुर,अलवर,भरतपुर व जोधपुर चार रियासत के नरेशों ने स्वतंत्र रहने की घोषणाकी
?उन्होंने भारत व पाकिस्तान दोनों में से किसी भी संघ में शामिल होने से इंकारकर दिया था
?उदयपुर के महाराजा भूपाल सिह व बीकानेर नरेश सादुल सिंह ने तत्कालीन रियासतो को भारत से मिलने के लिए प्रेरित किया
?अंत में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता के कारण राजपूताना के नरेश ने भारत संघमें मिलना स्वीकार कर लिया था
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