प्रजामंडल आंदोलन के प्रमुख नेता

?प्रजामंडल आंदोलन में कई प्रमुख व्यक्तियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
?प्रजामंडल आंदोलन में पुरुषों नेताओ के साथ में महिला नेताओं ने भी भाग लिया था
?इन दोनों के  प्रयासो से प्रजामंडल आंदोलन सफलहो सके  हैं
?इन प्रमुख नेताओं के माध्यम से राज्य मे कई प्रजामंडल की स्थापना की गई थी
?कई प्रमुख नेताओं ने प्रजामंडल आंदोलन में अपनी जान देकर एक मिसाल कायम की थी
?अपनी जान का बलिदान देने में महिलाएं भी पीछे नहींरही
? इन प्रमुख नेताओं की वजह से आम जनता में राष्ट्रीय चेतना और जन जागृति का विकास हुआ
?इन नेताओं की वजह से राज्य में कई सामाजिक आर्थिक राजनीतिक परिवर्तन हुए.
?इन्हीं प्रमुख नेताओं की वजह से राज्य मे उत्तरदायी शासन और नागरिक अधिकारों की जागरूकताउत्पन्न हुई
?प्रजा मंडल के के कुछ प्रमुख नेतानिम्न है 


??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा मामा?? 


  • अचलेश्वर प्रसाद शर्मा को मामा के नामसे जाना जाता था

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा का जन्म 1908 में जोधपुर के एक पुष्करणा परिवार में हुआ था

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा का कार्यक्षेत्र पत्रकारिता और प्रजामंडल आंदोलन था

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा ने 1930 में नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण डेढ़ वर्ष जेल में सजाकाटी थी

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा ने बिजोलिया आंदोलन में भागलिया था

  • ??उन्हें बंदूक के कूंदो से पीटकर जेल में बंद कर दिया गया था

  • ?? 1932 में कान्ग्रेस के सत्याग्रह आंदोलन में आंदोलनकारियों ने अखिलेश्वर जी को ब्यावर में आमंत्रितकरके

  • ??सत्याग्रही जत्थे का नेतृत्व करने के लिए पहला डिक्टेटरचुना था

  • ??उसमें यह जोधपुर राज्य प्रजामंडलके अध्यक्ष बने

  • ??जोधपुर राज्य की पुलिस ने इन्हे जेल में डाल दिया

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा  1928 से 1937तक ब्यावर से तरुण  अखबारऔर बाद में आगरा के विख्यात पत्र सैनिकमें कार्य किया था

  • ??अचलेश्वर प्रसाद शर्मा ने 1940 में जोधपुर से प्रजा सेवक समाचार पत्रआरंभ किया था

  • ??23 मई 1945 को प्रजा सेवक में इन्होंने जैसलमेर राज्य की जेल में बंद सागरमल गोपाके बारे में एक लेख लिखा था इस लेख का शीर्षक ""गोपा जी के जेल जीवन की दर्दनाक कहानी""था

  • ??नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आमंत्रित किया गया कि वह जैसलमेर आकर गोपा जी को जेलसे छुड़वाया

  • ??इस पर सरकार ने अचलेश्वर जी को जेल में डाल दिया

  • ??सुभाष चन्द्र बोस जोधपुर आए और उन्होंने जेल में जाकर अचलेश्वरजी से मुलाकात कि थी

  • ??भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में अचलेश्वर जी को जोधपुरआ कर ₹30हजार की हथेली भेंट की थी

  • ??अचलेश्वर जी का निधन 1975 में जोधपुर में हुआ था



??सागरमल गोपा?? 
??सागरमल गोपा का जन्म 3 नवंबर 1900को जैसलमेर राजवंशी राजगुरूओं के गोपा परिवार में हुआ था
??गोपा परिवार को जैसलमेर के राजवंश में राजाओं के raaj tilak का अधिकारमिला हुआ था
??जिस से गोपा पाटवी कहलातेथे
??सागरमल गोपा के पिता अखैराज ने अपने पांचों पुत्रों को कभी भी जैसलमेर रियासत की नौकरी नहीं करने की सलाह दी थी
??सागरमल गोपा जैसलमेर छोड़कर नागपुर (मुंबई)चले गए थे
??सागरमल गोपा ने 21 वर्ष की आयु में असहयोग आंदोलनमें भाग लिया था
??सागरमल गोपा का मुख्य कार्य क्षेत्र पत्रकारिता लेखन और स्वाधीनता संग्राममें भागीदारी होना था
??सागरमल गोपा ने जैसलमेर का गुंडाराज नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी थी
??सागरमल गोपा ने महारावल के चापलूस दरबारियों के विरोध में एक कविता लिखी थी
?? यह कविता महारावल के नवरत्न शीर्षकसे लिखी गई थी
?प्रथम रतन पूना जिण देश कियासुना,
?चुगल खोरी का नमूना भरे राज का कन्नहै,
?चापलूस चानणमल चूके नही एक पल
?जेल में दरोगा करनू खल खेल चुका फन्नहै,
?डॉक्टर दूरगू पायो व्यभिचारी फल है,
?नंदिए नैपाले ने किया देश का पतन है
?राजमल गुमान महादान डाकूआदि
?भूपति? जवाहर के ऐसे रतनहै
??सागरमल गोपा नागपुर से जैसलमेर 1941 में वापस आए
??सागरमल गोपा ने जैसलमेर में अपनी सुरक्षा के लिए जोधपुर रेजिडेंट मेजर एलिंगटनसे कहा कि
??मैं जैसलमेर जा रहा हूं मेरे साथ वहां किसी तरह की बदसलूकी नहीं की जाए
??एलिंगटन ने जैसलमेर के दीवान को लिखित में आदेश भिजवाया की
??सागर मल के साथ जैसलमेर में किसी तरह की बदसलूकी नहींकी जाए
??25 मई 1941 को पुलिस अधिकारी गुमान सिह ने सागरमलको गिरफ्तार कर के झूठे गवाह के बल पर मुकदमाबनाया
?? सागरमल गोपा को जेल में अमानवीय यातनाएंदी गई
??इनके हाथों में हथकड़ीया और पाव में डंडा बेड़ियांलगा कर इन्हे जेल में बंद कर दिया गया
??उनके साथ मारपीट की गई और इंहें गीली बेतों से पीटा जाता था
??उनके घावों पर मिर्ची लगाईजाती थी
??4 साल तक सागरमल गोपा का कोई भी समाचार जेल से बाहरनहीं आ सका

??1945 में बाल कृष्ण व्यास और स्वरूप चंद जैनने सागरमल से जेल में जाकर भेंट की थी
??23 मई 1945 को स्वरूप चंद जैन ने गोपा जी के जेल जीवन की दर्दनाक कहानीशीर्षक से एक लेख छपवाया
??जेल में रहकर गोपा जी ने
?कूडी अदालत कूडो शासन, कूडो कानूनकरे मन चायो,
?कूडो गवाह कूड कुरान को,आई की आनमे कूड समायो,
??सैशन मे जब केस गयो,तब लेश नहींमैं सांच को पायो,
?ढोल के तान पै नाचत पोल,मदारी घुमाने ज्यो ढोलबजाया
?,मुरादाबाद से कुड को लाद के मोती को पूत यहॉ अब आयो,
?जीवन लाल को जेल में डाल के ,लाले जोशी को कूड फंसायो
?सागरमल कियो न अमल तब लाठी से कुड मंजूर करायो ,
?किससे कहूं कौन सुने अन्याय को यहां पर शासन छायो कविता लिखी थी
??गोपा जी की रिहाई के लिए जैसलमेर में जैसलमेर राज्य प्रजामंडल की स्थापनाकी गई थी
?? गोपा जी का जय नारायण व्यास को पत्र लिखकर रेजिडेंट को जैसलमेर लानेके लिए कहा था
??जय नारायण व्यास जी के अनुरोध पर पोलिटिकल एजेंट ने जैसलमेर जानेका कार्यक्रम बनाया था
??इस पर 3 अप्रैल 1946 को महारावल ने पुलिस अधिकारी गुमानसिहके माध्यम से सागरमल को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर उन पर मिट्टी का तेल डलवाया और जिंदा ही जलादिया
??जलने के 8 घंटे बाद गोपा जी को अस्पताल ले जाया गया
??जहां वह पूरी रात डॉक्टर डॉक्टर चिल्लातेरहे किंतु उपचार नहींकिया गया और इस कारण 4 अप्रैल 1946 को गोपा जी का निधनहो गया
??24 अप्रैल 1946 को जवाहर लाल नेहरू में सागरमल गोपा की हत्या पर वक्तव्य जारीकिया कि
??राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ ऐसा व्यवहारीक जीवन में गुंडागर्दी है
??भारत सरकार ने गोपा जी पर 1986 में गोपा जी के चित्र वाला 50 पैसे का डाक टिकट जारी किया था
??सागरमल गोपा ने जैसलमेर के तत्कालीन महारावल  के अत्याचारों का खुलकर विरोधकिया था
?? उन्होंने 1915 में जैसलमेर में सर्व हितकारी वाचनालय की स्थापना की थी
??जैसलमेर का गुंडाराज महाराणा जवाहर सिह से परेशान होकर नागपुर से प्रकाशित की थी
??इनकी हत्याकांड की जांच के लिए गोपाल स्वरूप पाठक आयोग गठित किया था
??जिसने इनकी हत्या को आत्महत्यामाना


??जय नारायण व्यास??
?? जय नारायण व्यास का जन्म 18 फरवरी 1899 को जोधपुर में एक साधारण पुष्करना परिवार में हुआ था
??जय नारायण व्यास सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, प्रजामंडल आंदोलन के नेता ,पत्रकार, कवि ,संपादक, लेखक, संगीतकार ,नर्तक और राजनेता थे
?? जयनारायण व्यास में 1917-18 में जोधपुर में पुष्करणा नवयुवक मंडल की स्थापनाकी थी
??दिल्ली में स्वामी श्रद्धानंद को एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए देखकर जय नारायण व्यास के मन में देश प्रेम उत्पन्न हुआ था
??1924 में गठित मारवाड़ हितकारिणी सभा का मंत्री जय नारायण व्यासको बनाया गया था
??जय नारायण व्यास 5 बार जेल गएथे
??बीकानेर महाराजा गंगासिहने जोधपुर महाराजा उम्मेदसिंह को पत्र लिखकर आगाह किया था कि
??जय नारायण व्यास जी भविष्य में आने वाले लोकतंत्र की धरोहर हैं,
??उन्हें संभालकर रखा जाए उन पर अत्याचार नहींकिए जाएं
??अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद में जय नारायण व्यास को 1939 से 1949 तक परिषद का महामंत्रीबनाए रखा
??जय नारायण व्यास 1948 में जोधपुर रियासत की लोकप्रिय सरकार के मुख्यमंत्रीबने
??जय नारायण व्यास पहली बार 26 अप्रैल 1951 को राजस्थान के मुख्यमंत्रीबने
??जय नारायण व्यास दूसरी बार 1 नवंबर 1952 को राजस्थान की मुख्यमंत्रीबने थे
??नवंबर 1954 को उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी मोहनलाल सुखाड़ियाने जय नारायण व्यास जी के नेतृत्व को चुनौती दी थी
??माणिक्य लाल वर्मा ने मोहन लाल सुखाडिया का समर्थन किया
??जिससे सुखाडिया जीत गए और जय नारायण व्यास को हटनापड़ा
??जय नारायण व्यास 1968 में राज्यसभा के सदस्य चुनेगए
??जय नारायण व्यास ने अखंड भारत ,तरुण राजस्थान और अंग्रेजी पत्र "पीप" का संपादन किया था
??जय नारायण व्यास का निधन 14 मार्च 1963 को दिल्लीमें हुआ था
??जय नारायण व्यास की स्मृति में भारत सरकार ने 3 जुलाई 1974 को डाक टिकट जारी किया था
??जय नारायण व्यास द्वारा लिखी गई कविता➖
*?मोनै एडौ दी जो राज म्हारा राजा जी,
?गांव गांव में पंच चुणीजै,राज रो काज,,
? म्हारी राजा जी पंचा माय सबं बणै मिनिस्टर
?पंच चलावे राज म्हारा राजा जी

??जय नारायण व्यास जी राजस्थान के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले सामंतशाही के खिलाफ* आवाज उठाई
??जय नारायण व्यास ने जागीरदारी प्रथा की समाप्ति के साथ रियासतों में उत्तरदायी शासन की स्थापना का नारा लगाया
??1936 में मुंबई से अखंड भारत दैनिक पत्रनिकाला
??इन्होने आगीवाण नामक राजस्थानी भाषा के पत्रका प्रकाशन भी किया था
??अपने उदार चरित्र के कारण यह लोकनायक के नाम से संबोधित किए जाने लगे
??जय नारायण व्यास लोकनायक ,धून का धूनी ,मास्साब, लक्कड़ और कक्कड़ तथा शेरे राजस्थानके नाम से प्रसिद्ध था
??जय नारायण व्यास ने मारवाड़ में उत्तरदायी शासन नामक पुस्तक की रचनाकी थी

??स्वामी केशवानंद?? 
??स्वामी केशवानंद का जन्म 1883 में सीकर जिले की मंगलूणा में साधारण जाट परिवारमें हुआ था
??स्वामी केशवानंद के बचपन का नाम बिरमाथा
?? स्वामी केशवानंद का पालन पोषण फिरोजपुर (पंजाब )के अनाथ आश्रम में हुआ था
??स्वामी केशवानंद 1904 में उदासी मत में दीक्षित होकर साधु बनगए थे और केशवानंद कहलानेलगे
??1921 में असहयोग आंदोलन में भागलेने के कारण स्वामी केशवानंद को 2 वर्ष की जेल हुई थी
??1930 में सत्याग्रह आंदोलन में भागलेने के कारण इन्हें फिर से जेल में डालदिया गया
??सत्याग्रह आंदोलन में इन्हें फिरोजपुर जिले के डिक्टेटर बनाए गए
?? स्वामी केशवानंद 1952 से 1964 तक राज्यसभा के सदस्य बने
??स्वामी केशवानंद में ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरियाका निर्माण किया था
??स्वामी केशवानंद ने 1925 में अबोहर में साहित्य सदनकी स्थापना की
?? यही से हिंदी मासिक दीपक का प्रकाशन किया था
??बाल्यकाल में ही केशवानंद के पिता का देहांत हो जाने से इनकी माता को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा
?? इनकी माता जी गाय चराकर अपने छोटे से परिवार का भरण पोषण करती थी
??1924 में संस्कृत पढ़ने की उत्कट लालसा के कारण फाजिल्का के उदासी साधु कुशल दास जी के संपर्कमें आए
??उनके व्यवहार से प्रभावित होकर उनका शिष्यत्व ग्रहण कर लिया
??पढ़ने के खातिर इन्होंने तत्कालीन जातिगत बेंडियो को तोड़ने के लिए साधु वेश धारण किया और बाद में यह साधु ही बन गए
??1905में इन्हें अवधूत हिरानंद ने बालक बिरमा को केशवानंद नाम प्रदान किया
??मरूक्षेत्र के इस विख्यात कर्मयोगी ने राजस्थान हरियाणा और पंजाब के विस्तृत क्षेत्र में समाजोत्थान ,शिक्षा प्रसार ,नारी कल्याण और सामाजिक रूढ़ियों के उन्मूलन के लिए जो कार्य किए
??उसके सुफल आज समाज को मिलरहे हैं
??इन्होंने राष्ट्र भाषा हिंदी को उचित स्थान दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद की
??उन्होंने 1932 में जाट विद्यालय सगरिया के संचालन का दायित्वसंभाला
??और जीवन के शेष 40 वर्षों में इसे मिडील से महाविद्यालय शिक्षातक पहुंचाया
??इन्होंने कृषि भूमी विकसित कर विशाल संस्था का रूप देकर ग्रामोत्थान विद्यापीठ बनादिया
??आज ग्रामोत्थान विद्यापीठ उत्तर भारत की एक ऐसी प्रगतिशील संस्था है
??जो शिक्षा प्रचार प्रसारके साथ साथ समाज सुधार, महिला कल्याण पर जन जागृति की अग्रदूत बनकर जन आकांक्षाओं के अनुरूप जन सेवा में संलग्न है
??केशवानंद जी ने बीकानेर के रेगिस्तानी गांवों में 1944 से 1956 तक 287 पाठशालाएंखुलवाई

??गोकुल भाई भट्ट?? 
??गोकुल भाई भट्ट का जन्म 19 फरवरी 1898 को सिरोही जिले के हांथल गांव में हुआ था
??गोकुल भाई भट्ट ने सिरोही राज्य में सिरोही राज्य प्रजामंडल की स्थापना की थी
??गोकुल भाई भट्ट को सिरोही राज्य की रीजेंसी बोर्ड का अध्यक्षबनाया गया था
?? राजपूताना प्रांतीय देशी राज्य प्रजा परिषद का गठन 1946 में हुआ था
??राजपूताना प्रांतीय देशी राज्य प्रजा परिषद के प्रथम अध्यक्ष गोकुल भाई भट्टको बनाया जाता *
??1945* में सिरोही राज्य के पहले प्रधानमंत्री गोकुल भाई भट्टबने थे
??गोकुल भाई भट्ट को राष्ट्रीय सविधान सभा का सदस्य चुना गया था
??राजस्थान के मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री ने सरदार पटेल को सिरोही राज्य को बंबई प्रांत में मिला देने के बाद लिखा कि हमारे लिए सिरोही का मतलब है गोकुल भाई भट्टहम उनके बिना नहीं रह सकते
??सिरोही राज्य को फिर से राजस्थान में मिलवानेके लिए गोकुल भाई भट्ट ने आंदोलन किया था
??गोकुल भाई भट्ट केवल एक ही बार आम चुनाव में खड़ेहुए थे
??गोकुल भाई भट्ट को  जोधपुर महाराजा के भाई अजीत सिंह द्वारा 1952 में हरा दिया गया था
??इस चुनाव के बाद इन्होंने कभी कोई चुनाव नहींलड़ा था
??यह किसी भी सरकार में मंत्री नहींबने थे
??1952 के बाद गोकुल भाई भट्ट ने अपना पूरा जीवन शराबबंदी के उद्देश्य के लिए समर्पित कर दिया था
??गोकुल भाई भट्ट के पिता का व्यवसाय मुंबई में होने के कारण बचपन से राजनीतिक जीवन तक मुंबई में रहे
??गोकुल भाई भट्ट को राजस्थान का गांधीकहा जाता है
??1948-49 के मध्य सिरोही के प्रधानमंत्री रहे
??गोकुल भाई भट्ट राज्य के एकमात्र राजनेता रहे हैं जिन्होंने सरकारी गाडी और बंगले का उपयोग नहींकिया था
??गोकुल भाई भट्ट राजस्थान प्रदेश कांग्रेस और खादी ग्रामोद्योग आयोग के पहले अध्यक्षभी रहे हैं
??इन्होंने विनोवा भावे द्वारा संचालित भूदान आंदोलन में भी भागलिया था
??गोकुल भाई भट्ट के पिता मुंबई में एक सेठ के यहां नौकरीकरते थे
??गोकुल भाई भट्ट की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई थी
??गोकुल भाई भट्ट कृषि विज्ञान का अध्ययन करने के लिए अमेरिका जानेवाले थे
??लेकिन गांधीजी की आंधी ने उनका जीवन बदल दिया और विदेश जाने के बजाए देश सेवा में जुट गए
??असहयोग आंदोलन से 1939 तक यह विले पार्लेमें रहे
??वहां उन्होंने विदेशी वस्त्रों की होली जलाने, नमक सत्याग्रह ,शराबबंदी,धरना सत्याग्रह का संचालन किया
??1946 मे उदयपुर में नेहरू की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय देशी राज्य प्रजा परिषद के अधिवेशन में राजपूताना प्रांतीय देशी राज्य प्रजा परिषद का पहली बार विधिवत गठनहुआ
??इस परिषद के गोकुल भाई भट्ट प्रथम अध्यक्षचुने गए
??1971 में पदम भूषण अलंकरण से सम्मानित किया गया
??गोकुल भाई भट्ट का निधन 6 अक्टूबर 1986को हुआ था

??छगन राज चौपासनी वाला?? 
??छगनराज चौपासनी वाला का जन्म जोधपुर में 26 मई 1912 को हुआ
??3 वर्ष की अल्प आयु में ही इनके सिर से माता पिता का साया उठ गया
??इनका लालन पालन ननिहाल में हुआ
??वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानीछगन राज चौपासनी वाला का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदानरहा
??यह 1932 से 1939 तक जोधपुर की राजनीति के अग्रणी सारथी थे
??जागरण के अग्रदूत और प्रमुख आंदोलनकारी रहे
??यह जोधपुर की निरंकुश राजसाहीं का भंडा फोड़ कर के नागरिक अधिकारों की रक्षाकरते रहे
??यह लोक नायक जय नारायण व्यास के विश्वासपात्र रहे
??उन्हें स्वाभिमान की रक्षा में जीवकोपार्जन के लिए तांगे चलाने,घी की दुकानकरनी पड़ी
??इन्होंने आर्थिक अभाव का संघर्षमय जीवन जिया लेकिन टूटे नहीं और किसी के आगे झुके नहीं
??इनके द्वारा कई संस्थाओं की शुरुआत की गई
??जिनमें मारवाड़ हितकारिणी सभा ,यूथ लिंग ,बाल भारत सभा, सिविल लिबर्टीज यूनियन, पीपुल्स एसोसिएशन प्रजामंडल और परिषदप्रमुख है
??स्थानीय समस्याओं को लेकर किए गए स्थानीय आंदोलनों में सक्रिय रुप से भाग लेने के कारण इन्हें बाली के किले में 1 वर्ष के लिए नजरबंद रखा गया था
??26 जनवरी 1932को इन्होंने जोधपुर की जुनी धान मंडी में पहली बार तिरंगा फहराया तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई और वह धराशाही हो गए
??इसके लिए उन्हें दो माह की सजा दी गई
??1934में इन्होंने दिल्ली की देशी राज्य प्रजा परिषद में जोधपुर राज्य की दुर्नीतियों का पर्दाफाश किया था
??दिल्ली से लौटने पर 6माह के लिए उन्हें शेरगढ़ में नजर बंदकर दिया गया था
??बाद में उत्तेजक भाषण करने के आरोप में फिर से इन्हें बाली किले में नजर बंदकर दिया गया *
??1938 में यह कांग्रेस पीसीसी के सदस्य* चुने गए
??उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में हरिपुरा में हुई सभा में प्रतिनिधि रूप में भागलिया
??वहां से लौटे तो फिर 2 महीने के लिए  जेल भिजवा दिया गया
??1940 विभिन्न घटनाओं की सक्रियताओं के आरोपमें जय नारायण व्यास सहित छह व्यक्तियों को पकड़ा गया इनमें छगनराज चौपासनी वाला भी शामिलथा
??यह सभी मोचिया किले और जालौर जिले में नजरबन्द रखे गए
??1942 के आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें 2 वर्ष जोधपुर सेंटर जेल में और फिर सिवाना किले में रखा गया
??इसके बाद भी इन्हें बिजोलाई में और जालौर किले में रिहा होने तक नजर बंद रखा गया
??उन्होंने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की शाखाओं  और हरिजन पाठशालाओं का भी संचालन किया था
??इन्होंने जय नारायण व्यास की साप्ताहिक पत्र लोक राज का भी संपादनकिया

??हीरालाल शास्त्री??  
??पंडित हीरालाल शास्त्री का जन्म 24 नवंबर 1899 को जयपुर रियासत के जोबनेर कस्बे के पारीक पुरोहितो की सकराण्या शाखाके जोशी परिवार में हुआ था
??पंडित हीरालाल शास्त्री जयपुर रियासत में नौकरी करते थे
??बाद मे इन्होने जयपुर सरकार के गृह और विदेश विभाग के सचिव पद से त्याग पत्रदे दिया
??हीरालाल शास्त्री की प्रेरणा से जयपुर में जयपुर हित कारिणी सभा का गठनकिया गया
??हीरालाल शास्त्री ने 1929 में बालिका विद्यालय के रूप में वनस्थली विद्यापीठ की स्थापना की थी
??हीरालाल शास्त्री ने जयपुर प्रजामंडल के माध्यम से जयपुर राज्य में उत्तरदायी शासन की स्थापना के लिए संघर्ष किया था
??28 मार्च 1948 को जयपुर राज्य में लोकप्रिय मंत्री मंडल का गठन हुआ था
??महाराजा ने वी.टी.कृष्णामाचारी को दीवान नियुक्त किया
??इस मंत्रिमंडल में हीरालाल शास्त्री को मुख्य सचिवबनाया गया
??1936 में इन्होंने शांताबाई शिक्षा कुटीर की स्थापनाकी
??यह राज्य के पहले मुख्यमंत्रीरहे
??इन्होने प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र नाम से अपनी आत्मकथा लिखी
??इनका लिखा एक गीत प्रलय प्रतीक्षा नमो नमो अत्यंत लोकप्रिय रहा

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