कोशिका विभाजन से पूर्व कोशिका की तैयारी

Phases of the cell cycle


कोशिका विभाजन से पूर्व कोशिका की तैयारी

विभाजन के लिए तैयार कोशिका में निम्नलिखित विशेषता पाई जाती है



  1. विभाजन के लिए तैयार कोशिका अन्य कोशिकाओं की अपेक्षा बड़ी दिखाई देने लगती है

  2. इसमें DNA की मात्रा सामान्य द्वीगुणित कोशिका के डीएनए से दुगनी होती है

  3. केंद्रक पदार्थ के अधिक होने के कारण विभाजन के लिए तैयार कोशिका में न्यूक्लियोप्लाज्मिक सूची/ कैरीयोप्लाज्मिक सूचकांक बढ़ जाता है


कैरीयोप्लाज्मिक सूचकांक Np=   Vn / ( Vc-Vn )

  • Np = कैरीयोप्लाज्मिक सूचकांक

  • Vn = केंद्रक का आयतन

  • Vc = कोशिका द्रव्य का आयतन


G0 अवस्था में यह सूचकांक स्थिर रहता है किंतु विभाजन के लिए तैयार कोशिका में अथवा विभाजित हो रही कोशिका में यह सूचकांक अधिक होता है

कोशिका चक्र को दो अवस्थाओं में बांटा गया है-


अंतरा अवस्था या इंटरफेस तथा विभाजन अवस्था

इंटरफेस = अंतरावस्था दो कोशिका विभाजन के बीच की अवस्था है जिसमें कोशिका विभाजन के लिए तैयारी करती है इसी अवस्था में गुणसूत्र लंबे तथा महीन होकर क्रोमेटिंन जाल बनाते हैं इस अवस्था में केंद्रक और कोशिका द्रव्य दोनों में उपापचय की क्रियाएं चरम सीमा पर होती है एवं कोशिका उन सभी आवश्यक पदार्थों का संश्लेषण एवं संग्रह करती है जो कोशिका विभाजन के समय आवश्यक होते हैं

इसमें तीन अवस्थाएं होती है-

G1 अवस्था या प्रारंभिक वृद्धि काल = यह DNA संश्लेषण के बीच की अवधि है इस अवस्था में कोशिका विभाजन चक्र के पूर्ण समय का 30 से 50% स्तनधारीओं में समय लगता है इस अवस्था  में RNA का संश्लेषण होता है

इसके अलावा S तथा G2 अवस्था होती है

S अवस्था या DNA संश्लेषण अवस्था -  यह अवस्था कोशिका की कुल समय का 30 से 40% समय लगाती है अर्थात लगभग 8 घंटे इसमें DNA तथा हिस्टोन के संश्लेषण के फलस्वरूप DNA की पुनरावृति होती है इस समय DNA के दोनों रज्जू एक दूसरे के इतने समीप होते हैं कि दोनों रज्जु को पहचानना असंभव होता है

( इसी समय DNA की मात्रा दुगनी हो जाती है अतः इस अवस्था में क्रोमेटिन तंतुओ की 2 प्रतियां हो जाती हैं जिन्हें क्रोमेटिड्स / अर्ध गुणसूत्र कहते हैं )  क्रोमेटिन और क्रोमेटिड्स में कितना छोटा सा अंतर है लेकिन यह अंतर कभी-कभी महंगा साबित होता है

प्रत्येक गुणसूत्र के दोनों क्रोमेटिड्स सेंट्रोमेयर पर जुड़े होते हैं

G2 अवस्था अथवा द्वितीयक वर्धन काल - यह अवस्था कोशिका की अवधि का 10 से 20% ( स्तनधारीओं में लगभग 4 घंटे की ) होती है इस अवस्था में विभाजन के लिए आवश्यक पदार्थों का संश्लेषण होता है तथा डी एन ए की मात्रा भी सामान्य कायिक कोशिका से दुगनी रहती है

विशेष बात - सभी कोशिकाओं में माइक्रोटिक प्रेरक जींस का एक समूह होता है जिसे कोशिका चक्र जीन कहते हैं जब तक यह जीन सक्रिय नहीं होते तब तक कोशिका G1 अवस्था में ही बनी रहती है

विशेष उद्दीपन प्राप्त होते ही यह जीन सक्रिय हो जाते हैं और कोशिका S अवस्था में प्रवेश करती है कैंसर कोशिकाओं में यह जीन सदैव सक्रिय रहते हैं इसलिए कैंसर कोशिकाएं बिना रुके विभाजित होती रहती हैं

Specially thanks to Post and Quiz Creator ( With Regards ) - चित्रकूट जी त्रिपाठी श्रीगंगानगर ( राजस्थान )

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