राजस्थान में किसान आंदोलन (Part 04)

[?] मारवाड़ किसान आंदोलन [?] 


[?] मारवाड़ *राजस्थान का सबसे बड़ा राज्य* था  इसके अंतर्गत संपूर्ण राजस्थान का *36 प्रतिशत भू-भाग* था मारवाड़ राज्य की *राजधानी जोधपुर शहर*थी जोधपुर राज्य का *87 प्रतिशत भाग*जागीरों के अंतर्गत था केवल *13 प्रतिशत भाग*ही राज्य के सीधे नियंत्रण में था मारवाड़ के किसान *अंग्रेज महाराजा और जागीरदारों के तिहरे शोषण*का  शिकार थे  मारवाड़ में *जनचेतना का प्रारंभ* *1915* से माना जाता है *मारवाड़*में *1915 में मरुधर मित्र हितकारिणी सभा* का गठन किया गया था इस सभा को ही *मारवाड़ में जनचेतना का आधार* माना गया ] जय नारायण व्यास प्रथम व्यक्ति* थे जिन्होंने *मारवाड़ में शासकों* के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई थी जय नारायण व्यास के निर्देशन में *1920 में चांदमल सुराज* के द्वारा *मारवाड़ सेवा संघ* की स्थापना की गई थी इस को ही बदल कर *1924 में मारवाड़ हितकारिणी सभा* बना दिया गया

[?] मारवाड़ के किसान आंदोलन अधिकांशत: *मारवाड़ हितकारिणी सभा* के नेतृत्व में ही हुए थे मारवाड़ हितकारिणी सभा ने *जयनारायण व्यास* के नेतृत्व में *मादा पशुओं* के राज्य से *बाहर भेजने*के मुद्दे पर आंदोलन किया था आंदोलन के फलस्वरुप *मादा पशुओं के निर्यात पर प्रतिबंध*लगा दिया गया था मारवाड़ हितकारिणी सभा ने उस समय *प्रचलित 136* प्रकार की *लागे व बेगार प्रथा*से किसानों को मुक्ति दिलाने हेतु पुन: आंदोलन चलाया गया मारवाड़ में *1915 में मरुधर मित्र हितकारिणी सभा* नामक *प्रथम* राजनीतिक संगठन की स्थापना हुई  इस संगठन का *उद्देश्य* मारवाड़ की जनता के *सामाजिक व आर्थिक हितों*की सुरक्षा करना था मारवाड़ के आदिवासियों ने *मोतीलाल तेजावत* द्वारा शुरू किए गए *एकी आंदोलन* में भाग लिया था

* [?] 1921 में मारवाड़ सेवा संघ* नाम का *दूसरा*राजनीतिक संगठन स्थापित हुआ इस संघ का कार्य क्षेत्र *अधिक विस्तृत* था मारवाड़ राज्य के *बाली एवं गोडवान निजामतों के भीलो और गरासियों ने 1922* में समाज सुधार गतिविधियों के साथ-साथ राज्य को *राजस्व*अदा न करने हेतु आंदोलन किया सैनिक प्रयासों से *भील और गरासिया* *एकी आंदोलन* से अलग हो गए और *उपयुक्त कर देने* पर सहमत हो गए थे इस कारण इस आंदोलन को *सामंतवाद के विरोध संघर्ष का अगुवा* कहा जाता था इस आंदोलन में जोधपुर राज्य में *दासता से मुक्ति की ज्योति* जलाई ] 1923*में *मारवाड़ हितकारिणी सभा* स्थापित हुई इस सभा में *जयनारायण व्यास के नेतृत्व में पशु निर्यात नीति*को रद्द करने हेतु आंदोलन चलाया था मारवाड़ हितकारी सभा के नेतृत्व में *15 जुलाई 1924*को जोधपुर शहर में जनसभा का आयोजन हुआ अपनी मांगे मनवाने के लिए *राज्य पर दबाव* बनाया गया

[?] दबाव को देखते हुए राज्य ने *15 अगस्त 1924* को इनकी मांग स्वीकार कर ली किसानों ओर जनता* का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से सभा ने *दो पुस्तिकाएं ➖ पोपाबाई की पोल एवं मारवाड़ की अवस्था* प्रकाशित की थी मारवाड़ हितकारिणी सभा ने *11 और 12 अक्टूबर 1929* को जोधपुर में *मारवाड़ स्टेट पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का पहला अधिवेशन*आयोजित करने का निर्णय लिया 1924* में राज्य के समर्थन से *राजभक्त देश हितकारी सभा* स्थापित की गई इस सभा का *उद्देश्य मारवाड़ हितकारिणी सभा*के कार्यक्रमों की *खिलाफत* करना था मारवाड़ स्टेट पिपुल्स कांफ्रेंस का *प्रथम सम्मेलन नवंबर 1931 में पुष्कर* में आयोजित हुआ था इस सम्मेलन की *अध्यक्षता चांद करण शारदा*के द्वारा की गई *

[?] 1934में जोधपुर प्रजामंडल*की स्थापना *श्री भवरलाल सर्राफ*के द्वारा  हुई 1936 में सिविल लिबर्टीज यूनियन*नामक संगठन की स्थापना हुई 1937*में इन *दोनों को गैरकानूनी* घोषित कर दिया गया फरवरी 1938* में *मारवाड़ लोक परिषद*नामक नए संगठन की स्थापना *श्री रणछोड़दास गट्टानी* द्वारा हुई  1938-39* में जोधपुर में *भयंकर सूखा*पड़ा था फरवरी 1939* में *जयनारायण व्यास के जोधपुर प्रवेश* पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया था मारवाड़ लोक परिषद ने *तीन मुद्दों* पर आधारित एक *शक्तिशाली आंदोलन*प्रारंभ करने का निर्णय लिया था


  • अकाल की स्थिति तथा *राज्य की अकाल* राहत नीति 

  • दितीय विश्व युद्ध के समय राज्य द्वारा *अंग्रेजो को सैनिक सहायता* उपलब्ध करवाने के साथ साथ *युद्ध कोष के लिए भारी अनुदान* दिया जाना

  • जागीरी क्षेत्रों में *बेगार तथा लालबाग* का विरोध 


[?] सरकार ने *28 मार्च 1940* को *मारवाड़ लोक परिषद को गैरकानूनी घोषित*कर दिया और परिषद के नेताओं को गिरफ्तार किया गया आंदोलन के बढ़ते दबाव के कारण *जून 1940* में परिषद पर से प्रतिबंध हटा दिया गया और *नेताओं को मुक्त*कर दिया गया मार्च 1941* में मारवाड़ लोक परिषद ने *जागीरदार विरोधी अभियान* प्रारंभ किया इस अभियान के तहत *परिषद*ने जागीरों में रहने गरीब *किसानों व जनता के गैरकानूनी तरीके से होने वाले शोषण* का विरोध प्रारंभ किया

 * [?] [?] मंडोर किसान आंदोलन [?] [?] *
* [?] 1921-26*के दौरान *खालसा भूमि के बंदोबस्त के पश्चात*भू राजस्व की *नगद* भुगतान की व्यवस्था की गई थी इस *नगद भुगतान*की  *व्यवस्था* को *बीघोडी*के नाम से जाना जाता था इस पद्धति में निर्धारित राज्य की *दरें लाटा पद्धति*से भी अधिक थी  1928* में *खालसा क्षेत्रों*में भूराजस्व की *नई दरें लागू*की गई थी नई दरों के कारण किसानों पर भूराजस्व का *भार अत्यधिक बढ़* गया था 8 जुलाई 1932* को मंडोर के समीप *चीना का बढ़िया* नामक स्थान पर किसानों ने एक सभा आयोजित की  यह सभा *माली किसानों*के द्वारा की गई थी इस सभा में निर्णय लिया कि *नगदी राजस्व पद्धति के तहत 50% छूट* के लिए सरकार से निवेदन करेंगे  किसानों ने *14 से 18 जुलाई 1931*के दौरान राजस्व अधिकारियों के पास विनती पत्र भेजे थे

[?] किंतु राजस्व अधिकारियों द्वारा *विनती पत्र पर कोई ध्यान नहीं*दिया गया इसके परिणाम स्वरुप किसानों ने विभिन्न गांव में सभाएं आयोजित की  इन सभाओं में *निर्णय लिया* गया कि यदि कोई *राज्य को राजस्व* देगा तो उसे *जाति से बहिष्कृत* कर दिया जाएगा इस कारण *मंडोर व उसके आसपास के माली किसानों* द्वारा *अघोषित कर बंदी आंदोलन* प्रारंभ किया राज्य ने *मंडोर चेनपुरा गवांन,बेगान* आदि गांवों के कुल राजस्व में *2597 रुपए*की छूट प्रदान की गई राज्य द्वारा दी गई इस छूट को *अघोषित कर बंदी आंदोलन की आंशिक सफलता*माना जा सकता है 26 जनवरी 1930* को *चूरू के धर्मस्तूप शिखर*पर *चंदन मल बहड, स्वामी गोपालदास*वह अन्य साथियों ने *तिरंगा झंडा*फहराया था

* [?] [?] मारवाड़ स्टेट पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के तहत आंदोलन 1931 [?] [?] *
* [?] मारवाड स्टेट पीपुल्स कॉन्फ्रेंस* के गठन ने *जोधपुर राज्य* में किसान आंदोलन के *नए युग का शुभारंभ* किया इस कांफ्रेंस का *प्रथम सम्मेलन 24- 25 नवंबर 1931 को चांदकरण शारदा*की अध्यक्षता में *अजमेर के निकट पुष्कर*  में आयोजित हुआ था यह संगठन *प्रजामंडल* का ही *प्रारंभिक* रूप था इसी सभा के आयोजन के संबंध में *1929*में *जयनारायण व्यास ,आनंद राज सुराणा, भवरलाल सर्राफ*को गिरफ्तार किया गया था अध्यक्ष *चांदकरण शारदा* ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जोधपुर महाराजा से *बेगार लाल-बाग, समाचार पत्रों पर रोक*समाप्त करने हेतु निवेदन किया

[?] इस सम्मेलन में *किसानों से संबंधित* निम्न *प्रस्ताव*पास किए गए थे


  • बेगार*प्रथा तुरंत समाप्त की जाए 

  • किसानों के *कल्याण हेतु*एक समिति गठित की जाए

  • सभी जागीरदारों को उनकी *निहित शक्तियों से वंचित* किया जाए

  • बीघोडी पद्धति*के अंतर्गत बड़े हुए राजस्व को कम किया जाए

  • किसानों को *भू राजस्व प्रदान* किया जाए 


[?] इन प्रस्तावों को *कार्यान्वित* करने की जिम्मेदारी *मारवाड़ हितकारिणी सभा* ने ली थी ] दिसंबर 1931* के प्रथम सप्ताह में भारी संख्या में किसान *मारवाड़ हितकारिणी सभा के नेतृत्व*में जोधपुर में एकत्रित हुए थे 1931* में *मारवाड यूथ लिंग*नामक संगठन स्थापित हुआ था किसानों ने पुन: *9 फरवरी से 2 मार्च 1932* के दौरान मांग पत्र प्रस्तुत किए

* [?] [?] मारवाड़ लोक परिषद् के नेतृत्व में आंदोलन [?] [?] *
* [?] 1936* में *जवाहरलाल नेहरू*ने अखिल भारतीय राज्य प्रजा परिषद के *पांचवें सत्र (सम्मेलन)*को संबोधित किया था  इस सम्मेलन को *कांग्रेस की नीति में परिवर्तन* का आरंभ कहा गया नेहरू ने अपने संबोधन में *जनसंपर्क* पर अधिक बल दिया इस संबोधन के कारण *पहली बार इस सत्र में कृषकों के संबंध*में एक कार्यक्रम तैयार करते हुए ""भू राजस्व में एक तिहाई की कमी"",ऋणों को कम करने*और कश्मीर, अलवर, सीकर ,लोहारू की घटनाओं के संदर्भ, में किसानों की समस्याओं के संदर्भ में जांच करने की मांग की गई थी जय नारायण व्यास को *जोधपुर में राजनीतिक चेतना का जनक* कहा गया था मारवाड़ लोक परिषद में *जागीरदारों के विरुद्ध* अभियान छोड दिया था सितंबर 1939 में *दितीय विश्व युद्ध*आरंभ हो गया था

[?] द्वितीय विश्व युद्ध में राज्य द्वारा *अंग्रेजो को सैनिक सहायता और युद्ध कोश लिए भारी अनुदान* दिया जा रहा था इसका विरोध मारवाड़ लोक परिषद ने *एक आंदोलन* के रुप में किया जयनारायण व्यास ने *गैर-कानूनी लागे शीर्षक*से दो भागों में एक पुस्तिका प्रकाशित की थी मारवाड़ लोक परिषद् द्वारा किया गया *लाग विरोधी आंदोलन* जो की *जोधपुर राज्य की सभी जागीर गांव*में फेल गया था इस लाग  विरोधी आंदोलन से जागीरदारों ने भयभीत होकर *15 अप्रैल 1941*को एक गुप्त सभा करके *लोक परिषद*के विरुद्ध एक संगठन बनाया यह संगठन *जागीरदार सभा* नाम से बना इस प्रकार *जागीदार सभा संगठन 1941*में अस्तित्व में आया 1935* में स्थापित *राजपूत समाज सभा*नामक जातिय संगठन भी *जागीरदारों*के बचाव में आया था​

* [?] [?] मारवाड़ किसान सभा 1941 [?] [?] *
* [?] 22 मार्च 1941* को *मारवाड़ किसान सभा* का अस्तित्व स्थापित किया गया  मारवाड़ किसान सभा की स्थापना *किसानों के उद्देश्य को हानि पहुंचाने* हेतु सरकार का *दूसरा शरारतपूर्ण कदम* था  


[?] मारवाड़ किसान सभा के *संगठन कर्ता व संरक्षक बलदेव राम मिर्धा*थे  

[?] बलदेव राम मिर्धा *जोधपुर राज्य की पुलिस में अधीक्षक* थे और *जाट* समुदाय से संबंधित है  यह राज्य के *विनम्र व विश्वसनीय* सेवक थे  

[?] मारवाड़ किसान सभा का *प्रथम अध्यक्ष मंगल सिंह कच्छावा*को बनाया गया था  

[?] मंगल सिंह कच्छावा *व्यवसाय से ठेकेदार* था  

[?] मारवाड़ किसान सभा *लाग-बाग,बेगार,लटाई पद्धति*के विरुद्ध था  

[?] प्रारम्भ में मारवाड़ किसान सभा ने *मारवाड़ लोक परिषद की कार्यशैली*का विरोध किया था जागीर द्वारा  

[?] जागीरदारों द्वारा किसानों का ही नहीं बल्कि *मारवाड़ लोक परिषद् के नेताओं व कार्यकर्ताओं*का भी अपमान किया  

[?] इस प्रकार *जागीर गांव में आतंक* स्थापित हो गया था
[?] धीरे धीरे किसान सभा लोक परिषद की इस बात से *सहमत* हो गई थी की किसानों की समस्याओं के लिए *उत्तरदायी शासन की स्थापना*की आवश्यकता है


* [?] [?] जाट समाज सुधारक संघ 1938 [?] [?] *
* [?] जाट कृषक सुधारक संघ* की स्थापना *1931*में हुई थी  


[?] नागौर परगने*के जाट किसानों ने *जाट कृषक सुधारक संघ*के नेतृत्व में कार्य किया था  

[?] जाट कृषक सुधारक संघ एक *समाज सुधारक संगठन* था  

[?] यह संगठन जाट समुदाय में *उनके उत्थान हेतु*कार्य कर रहा था 19 सितंबर 1941 को जाट कृषक सुधारक सभा ने राजस्व को समाप्त कर के *लाग-बाग ,बेगार* समाप्त करने और जागीरदारों को उनकी *निरंकुश शक्तियो*से वंचित करने की मांग की गई थी  *

[?] 1942* में *जाट-राजपूत* संघर्ष आरंभ हुआ था  *

[?] 1942 में जोधपुर राज्य* का किसान आंदोलन *एक नए युग*में प्रवेश कर चुका था


* [?] [?] मारवाड़ लोक परिषद और चंडावल कांड 1942 [?] [?] *
* [?] जोधपुर राज्य*में किसान आंदोलन का संचालन करने हेतु मारवाड़ लोक परिषद एक *प्रमुख संस्था* बन गई थी 


[?] मारवाड़ लोक परिषद* का प्रमुख उद्देश्य *जोधपुर राज्य में जिम्मेदार सरकार* स्थापित करना था   

[?] 8 फरवरी 1942* को मारवाड़ लोक परिषद् का *खुला अधिवेशन लाडनू*में आयोजित हुआ था  

[?] इस अधिवेशन में जागीरों के किसानों की *समस्याओं* पर खुलकर चर्चा हुई ओर जागीर क्षेत्रों में किसानो पर हो रहे *अत्याचारों*की कड़ी निंदा की गई  *

[?] रणछोड़दास गट्टानी* ने अपने अध्यक्षी उदबोधन में *समसामिकी स्थितियो का मूल्यांकन व विश्लेषण* किया फतनपुर अत्याचार की चरम परिणति चंडावल की दुखद घटना के रूप में है


[?] परिषद द्वारा *28 मार्च 1942* को संपूर्ण मारवाड़ रियासत में *उत्तरदायी सरकार दिवस* मनाया जा रहा था  


[?] चंडावल *सोजत परगने के अंतर्गत*एक जागीर गांव का  *

[?] 28 मार्च 1942*को *चंडावल* में बहुत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए थे

[?] इस आयोजन से *चंदावल का जागीरदार* अत्याधिक बौखला गया था  

[?] क्रोधित जागीरदारों ने *लोक परिषद के कार्यकर्ताओं* पर आक्रमण करवा दिया 

[?] ठिकानों के लोगों ने परिषद के कार्यकर्ता पर *लाठियां-भालों*से हमला किया था  

[?] आक्रमण में *परिषद के 25 कार्यकर्ता* घायल हुए थे  *

[?] 28 मार्च 1942* को *नीमाज,गून्दोज,रोडू,धामली, मीठडी* ठिकानों में में भी *चंडावल* के समान घटनाएं हुई थी  *

[?] रोडू के जागीरदार* ने वहां के लोक परिषद के कार्यकर्ता *चौधरी उमाराम को तंग करने*के लिए उस पर कई मुकदमे 


* [?] 
10 मई 1942 के हरिजन*अंक में *महात्मा गांधी* ने जागीर क्षेत्रों में घटी हुई घटना की निंदा की  [?] मई 1942 से मई 1944*तक मारवाड़ लोक परिषद की गतिविधिया *जोधपुर शहर* तक सीमित थी

* [?] [?] मारवाड़ किसान सभा का अखिल भारतीय सम्मेलन जोधपुर 1945 [?] [?] *
[?] मारवाड़ किसान सभा मई *1942* से काफी सक्रिय हो गई थी 


[?] यह सभा *महाराजा के प्रति वफादार* थी जिस वजह से यह *आंदोलन* को पूरी तरह से *सफल नहीं*बना पाई  

[?] मारवाड़ किसान सभा ने *25 सितंबर 1945*को जोधपुर में किसान सम्मेलन का आयोजन किया था  

[?] इस सम्मेलन में *पंजाब के चौधरी छोटूराम जाट*नेता ने भी भाग लिया था  

[?] उस समय चौधरी छोटूराम *उत्तरी भारत के प्रमुख जाट नेता* थे  

[?] किसान सभा का यह सम्मेलन व्यर्थ ही गया


* [?] [?] चंद्रावल और डाबड़ा कांड 1947 [?] [?] *
[?] मारवाड़ के 
*सोजत परगने*  के *चंद्रावल गांव में 1945*में मारवाड़ लोक परिषद के कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण एक सम्मेलन किया था  

[?] इस सम्मेलन मे *मारवाड़ लोक परिषद*के कार्यकर्ताओं पर *लाठीया और भालों*से हमला किया गया जिसमें अनेक लोग घायल हो गए थे  

[?] किसानों पर जागीरदारों का *अत्याचार और दमन* दिनों दिन बढ़ता जा रहा था  

[?] इस कारण *जनवरी 1946*में किसान सभा की नीति में परिवर्तन आया 

[?] जनवरी 1946*में *किसान सभा व लोक परिषद* ने *उत्तरदायी शासन* की स्थापना के लिए *संयुक्त अभियान* प्रारंभ किया  

[?] 13मार्च 1947* को *डीडवाना परगना के डाबरा नामक गांव में मारवाड़ लोक परिषद व किसान सभा* ने एक सयुक्त सम्मेलन आयोजित किया था 


[?] सम्मेलन की कार्यवाही आरंभ होते ही जागीरदारों ने इस सम्मेलन के *नेताओं और कार्यकर्ताओं को लाठियों व घातक हथियारो*ं से निर्दयतापूर्वक पीटा गया  


[?] इस गांव के किसानों के *घरों को लूट कर जला* दिया गया

[?] महिलाओं के साथ *दुर्व्यवहार और बलात्कार* किया गया इस घटना मे *12 लोग मारे*गए और सैकड़ों घायल हुए  

[?] नेताओं को बंदी बनाकर *रावले*में ले जाया गया
[?] इन्हें *मोलासर के सेठ डूंगरजी*के हस्तक्षेप के बाद मुक्त किया गया  


[?] उपरोक्त घटना ने संपूर्ण राज्य में *विरोधी आंदोलन* को और अधिक तीव्र कर दिया  

[?] इस हत्याकांड की पूरे देश में *समाचार पत्रों*में निंदा की गयी  

[?] मुंबई के वंदे मातरम जयपुर के लोकवाणी जोधपुर के प्रजा सेवक और दिल्ली के हिंदुस्तान टाइम्स* ने इस घटना की निंदा की थी  

[?] भारत सरकार के *राज्य सचिव वी पी मेनन 28 फरवरी 1948 को जोधपुर* आए

[?] उन्होंने *महाराजा व आंदोलनकारियो*के बीच मध्यस्थता कर महाराजा को *उत्तरदायी सरकार* की स्थापना के लिए राजी कर लिया  

[?] 6 अप्रैल 1949*को *(जोधपुर राज्य के 30 मार्च 1949 को राजस्थान में विलय के पश्चात)मारवाड़ टेनेंसी एक्ट* पारित हुआ

[?]  इसके द्वारा किसानो को उनकी *जोतों खातेदारी अधिकार*प्रदान कर दिए गए  

[?]  इस प्रकार मारवाड़ के लंबे संघर्ष के बाद *किसानों का आंदोलन सफलता* के साथ संपन्न हुआ


[?] डाबड़ा आंदोलन *देश के स्वतंत्र* होने तक चलता रहा डाबरा सम्मेलन के *मुख्य आयोजक मथुरादास माथुर*थे  चुन्नी लाल शर्मा रुघाराम चौधरी रामाराम चौधरी पन्नाराम चौधरी* डाबरा किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे  मारवाड़ लोक परिषद *किसान आंदोलन की जननी*थी जेतारण बिलाड़ा व सोजत* के जागीरदारों ने *लोक परिषद*के कार्यकर्ताओं को *अपने क्षेत्र में मीटिंग ना* करने देने का निर्णय लिया था पन्नाराम चौधरी व उसके पुत्रो मोतीराम*को लोक परिषद व किसान सभा के नेताओं को *शरण देने के कारण मार* दिया गया  डाबड़ा*के मुख्य आयोजन *मथुरादास माथुर*ने डाबड़ा की घटना के लिए कहा कि ➖ *◯‍◯‍◯‍◯‍◯आधी शताब्दी तक राजनैतिक जीवन मे रहते हुए जब भी पीछे मुड़कर देखता हूं तो सबसे अधिक झकझोरने वाली घटना डाबरा* की ही लगती है जून 1948 को जय नारायण व्यास के नेतृत्व में मारवाड़ में मंत्रिमंडल बना डावडा* वर्तमान में *नागौर जिले*में है डाबड़ा आंदोलन *देश के स्वतंत्र* होने तक चलता रहा 



[?] डाबरा सम्मेलन के *मुख्य आयोजक मथुरादास माथुर*थे  चुन्नी लाल शर्मा रुघाराम चौधरी रामाराम चौधरी पन्नाराम चौधरी* डाबरा किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे मारवाड़ लोक परिषद *किसान आंदोलन की जननी*थी  जेतारण बिलाड़ा व सोजत* के जागीरदारों ने *लोक परिषद*के कार्यकर्ताओं को *अपने क्षेत्र में मीटिंग ना* करने देने का निर्णय लिया था पन्नाराम चौधरी व उसके पुत्रो मोतीराम*को लोक परिषद व किसान सभा के नेताओं को *शरण देने के कारण मार* दिया गया डाबड़ा*के मुख्य आयोजन *मथुरादास माथुर*ने डाबड़ा की घटना के लिए कहा कि ➖ *◯‍आधी शताब्दी तक राजनैतिक जीवन मे रहते हुए जब भी पीछे मुड़कर देखता हूं तो सबसे अधिक झकझोरने वाली घटना डाबरा* की ही लगती है जून 1948* को *जय नारायण व्यास* के नेतृत्व में *मारवाड़ में मंत्रिमंडल* बनाया गया डाबडा आंदोलन में *जागीरदारों की ओर से महताबसिह* मारा गया था     डाबरा में सम्मेलन आयोजित करने वालों पर *जागीरदार ने मुकदमा* चलवाया इनमें *जय नारायण व्यास और आनंदाराज सुराना*के विरुद्ध बगावत का मुकदमा चला

[?] माप तोल आंदोलन [?] 
➖ जोधपुर रियासत में *100 सैर को 80 तोले में परिवर्तन*करने पर *1920-21* मे इसका विरोध किया गया इस आंदोलन का नेतृत्व *चांदमल सुराणा* ने किया

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