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मध्य प्रदेश में पशुधन


भारत विश्व में सर्वाधिक गोविंद और भैंस वाला देश है जबकि मध्यप्रदेश भारत में सर्वाधिक गोवंश वाला देश है !

मध्य प्रदेश में 8 पशु प्रजनन क्षेत्र है पशु घनत्व 110 पशु प्रति वर्ग किलोमीटर है!

संख्या में सर्वाधिक पशु:- सिंधी जिला 1444 हजार

संख्या में न्यूनतम पशु:- Burhanpur 211( हजार)

घनत्व में सर्वाधिक पशु:- टीकमगढ़ 194 पशु प्रति वर्ग किलोमीटर

घनत्व न्यूनतम पशु:- Hoshangabad 55 पशु प्रति वर्ग किलोमीटर

मध्य प्रदेश के उत्तर पूर्व भाग में पशु घनत्व अधिक है जबकि दक्षिणी हिस्से में घनत्व न्यूनतम है

गोवंश इसके अंतर्गत गाय बैल सांड बछिया आते हैं

मध्यप्रदेश में दूध देने वाली गायों की अनेक नस्लें हैं! जिनमें निमाड़ी गाय सर्वप्रमुख है इसके अतिरिक्त अन्य नस्लें हरियाणवी ,थारपारकर, दहाड़ पारकर साहिवाल मल्वी आदि है!

मध्यप्रदेश में गोवंश के संरक्षण हेतु 1995 में गौ सेवा आयोग कीटो बनाया गया एवं गौ सेवा आयोग स्थापित किया गया

मध्यप्रदेश में पशुधन में सर्वाधिक संख्या बकरियों की है

राष्ट्रीय गोवंशीय पशु प्रजनन परियोजना मध्यप्रदेश में 1999 से क्रियान्वित है

कुक्कुट विकास देसी पक्षियों की अंडा उत्पादन क्षमता में सुधार हेतु 9 कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र कार्यरत हैं !जहां उन्नत नस्ल के वाइट लेखन पक्षी रखे गए हैं उनमें प्रदेश के झाबुआ क्षेत प्रमुख है! कड़कनाथ:नस्ल के मुर्गा रखे गए हैं

रानीखेत पक्षियों मुर्गी में होने वाला जानलेवा रोग

मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम की स्थापना 1 नवंबर 1982 को की गई है

गो सेवा योजना का उद्देश्य प्रत्येक गांव में एक गो सेवक प्रशिक्षित करना है जो सशुल्क  पशु चिकित्सा करेगा

नंदीशाला योजना:- ग्रामीण क्षेत्रों की गोवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार हेतु संचालित है !

ऑपरेशन फ्लड:- दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में आनंद मॉडल पर आधारित सहकारी डेयरी विकास कार्यक्रम 1970 से चलाया जा रहा है 1980 में सेकंड चरण प्रारंभ हुआ वर्तमान में तीन चरण चल रहा है

उद्देश्य:- छोटे सीमांत एवं भूमिहीन कृषकों की आय में वृद्धि करना एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है!

सहकारी समितियां (Cooperative societies) गठित कर डेरी डेवलपमेंट कारपोरेशन केंद्रों के माध्यम से क्षेत्र में प्रदान करना है

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन मुरैना जिले में होता है परंतु देश में स्थान 7वा मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश को प्राप्त है

मध्य प्रदेश में 5 क्षेत्रीय सहकारी संघ है   भोपाल इंदोर . उज्जैन. ग्वालियर. जबलपुर हैं

राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ 1975 सिर संस्थान है

जमुनापारी:- बकरी की देसी नस्ल भिंड जिला

भैधवरी- की नस्लें ग्वालियर भिंड जिला

कड़कनाथ मुर्गा (मध्य प्रदेश का गौरव ) मुर्गा स्वदेशी प्रजाति पश्चिम मध्य प्रदेश झाबुआ अलीराजपुर धार जिले!

निमाड़ी गाय:- (निमाण की रानी) निमाड़ ,खंडवा, खरगोन जिले सब पाई जाती है

खंडवा और खरगोन जिले में पाई जाती है 4-5 लीटर दूध प्रतिदिन देती है ! सिंह मध्यम एवं लंबे  होते है

मालवी(मालवा की रानी):- शाजापुर ,राजगढ़ ,मंदसौर

मत्स्य पालन(Fisheries) :- नीली क्रांति सन 1969 में राज्य मत्स्य विभाग निगम (State fisheries development corporation)की स्थापना की गई जिसे 1999 में समाप्त कर मध्य प्रदेश मत्स्य महासंघ बनाया गया

2008 में जबलपुर में आयोजित मध्य पंचायत में मध्य प्रदेश की पहली मत्स्य पालन नीति(Fisheries policy) की घोषणा की गई !

जनश्री बीमा योजना मछुआरों से संबंधित है !

जलदीप योजना :- म्त्सय आखेट हेतु 9 माह तक जला से स्थिर टापू पर रहने वाले परिवार के साथ निवास करने वाले मछुआरों को पोषण आहार स्वास्थ्य शिक्षा अधिक विधायक उपलब्ध कराने से संबंधित है !

सर्वाधिक मत्स्य उत्पादन करने वाला जिले !
1. जबलपुर
2. सिवनी

जलदीप योजना :-इंदिरा सागर जलाशय से प्रारंभ हुई

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