Economy of Rajasthan Questions-1

Economy of Rajasthan Questions-1


राजस्थान की अर्थव्यवस्था


Economy Questions for  IAS, IPS, SSC CGL, IBPS, RRB NTPC, Bank, Insurance, RBI, MPSC, RAS Pre and Mains Exam, NET, B.ED, CTET, AIRFORCE, RAILWAY, POLICE, High Court, Ras, Reet, Teacher, UPPSC, MPPSC, RPSC, DSSSB, IES/ ISS exams.


प्र 1. राजसीको ?

उत्तर- राजस्थान लघु उद्योग निगम अर्थात राजसीको की स्थापना 1961 में की गई। राज्य में लघु औद्योगिक और हस्तशिल्प इकाइयों को वित्तीय सहायता और कच्चा माल उपलब्ध कराने तथा विपणन और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देश्य है।

प्र 2. RIICO का प्रमुख उद्देश्य बताइये।

उत्तर-रीको- राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास व विनियोग निगम लिमिटेड

उद्देश्य- लघु मध्यम एवं वृहद् श्रेणी के उद्योगों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करना,औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु आधारभूत सुविधाओं का विकास करना और औद्योगिक व्यापार एवं विनियोग संवर्धन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।

प्र 3. राज्य की पहली सूती वस्त्र मील कब और कहां पर स्थापित की गई ?

उत्तर-दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड 1889 में ब्यावर (अजमेर) निजी क्षेत्र में कर्नल डिक्सन एवं दामोदर दास द्वारा स्थापित की गई।

प्र 4. प्रधान मंत्री ग्रामोदय सड़क योजना कब से प्रारंभ की गई इसका प्रमुख लक्ष्य क्या है?

उत्तर- प्रधान मंत्री ग्रामोदय सड़क योजना 25 दिसंबर 2000 को प्रारंभ की गई। इसका प्रमुख लक्ष्य 250 या अधिक आबादी के गांव को सड़क मार्ग से जोड़ना है।

प्र 5. "सेज ( SEZ )" ?

उत्तर- तीव्र औद्योगिक विकास एवं रोजगार के साधनों में वृद्धि के उद्देश्य से विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों(Special Economic Zone) का निर्माण किया जाता है। जिन्हें सेज (SEZ) कहा जाता है। राज्य का सबसे बड़ा सेज सीतापुरा जयपुर में स्थापित किया गया है। सेज को सीमा उत्पाद शुल्क एवं अन्य शुल्कों से मुक्त रखा है।

प्र 6. "MSME नीति 2015"

उत्तर- MSME नीति के माध्यम से राजस्थान में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास को महत्व दिया गया है।

MSME नीति 2015 के प्रमुख प्रावधान-

  • एम.एस.एम ई. पॉलिसी 2015 के तहत 10 लाख तक की औद्योगिक इकाई लगाने पर सब्सिडी दी जाएगी।

  • MSME क्षेत्र में उच्च गुणात्मक निष्पादन वाली इकाइयों को उद्योग रत्न अवार्ड प्रदान किया जाएगा।

  • राज्य सरकार द्वारा MSME कलस्टर्स का विकास किया जाएगा।

  • उद्योगों को समय सीमा में भू आवंटन एवं भू परिवर्तन।


प्र 7. उद्योगों की दृष्टि से राजस्थान की भारत में स्थिति को स्पष्ट कीजिए

उत्तर- राजस्थान के औद्योगिक विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा आधारभूत ढांचे की कमी को माना गया है,जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार सतत प्रयास की आवश्यकता है। राजस्थान औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पिछड़ा हुआ है,लेकिन राज्य की स्थिति हथकरघा दस्तकारी और ग्रामीण उद्योगों में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। राजस्थान का हिस्सा औद्योगिक क्षेत्रों में भारत में 3-4 % के बीच आंका गया है।

प्र 8. राजस्थान के लघु और कुटीर उद्योगों का विस्तार से विवेचन कीजिए? (निबंधात्मक)

उत्तर- वर्तमान समय में जहां एक ओर वृहद उद्योगों का विकास हो रहा है,तो वहीं लघु एवं कुटीर उद्योगों की महता भी अधिक हो रही है। एक भ्रामक धारणा है,कि वृहद उद्योग से स्वदेशी छोटे उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है,लेकिन सही रूप में यदि देखा जाए तो यह एक दूसरे के पूरक हैं। लघु एवं कुटीर उद्योगों का यदि जापान की तरह आधुनिकरण कर दिया जाए तो यह न केवल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था अपितु राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राजस्थान में लघु एवं कुटीर उद्योगों का विशेष महत्व है,इनके द्वारा उत्पादित अनेक कलात्मक वस्तुओं की देश विदेश में पर्याप्त मांग है। कुटीर एवं लघु उद्योगों के विकास के लिए राजस्थान लघु उद्योग निगम प्रयासरत हैं। यह निगम रियायती दरों पर ऋण,तकनीकी सहायता एवं विपणन की सुविधाएं प्रदान करता है। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास से राज्य के कई लोगों को रोजगार प्राप्त होता है।

राजस्थान कुटीर उद्योगों में विशेष रूप से हस्तशिल्प उद्योग प्रसिद्ध है। ग्रामीण अंचलों में परंपरागत रूप से जीविकापार्जन हेतु कुटीर उद्योग प्रचलित है। जैसे- जयपुर की मूर्तियां एवं ब्लू पोटरी,जोधपुर की जूतियां, कोटा की डोरिया साड़ी, बाड़मेर का अजरक प्रिंट, नाथद्वारा की पिछवाइयाँ आदि स्थानों पर वस्त्रों पर हाथ की रंगाई छपाई तथा जयपुर के कलात्मक आभूषण आदि अन्य कलात्मक वस्तुओं के उत्पादन के लिए राजस्थान प्रसिद्ध है।

प्र 9. क्या राजस्थान औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा राज्य है? अगर आप इस कथन से सहमत है,तो स्पष्टीकरण दीजिए। ( निबंधात्मक )

उत्तर-राजस्थान औद्योगिक दृष्टि से भारत के पिछड़े राज्यों में सम्मिलित किया जाता है,परन्तु स्वतंत्रता के पश्चात औद्योगिक विकास को नई दिशा प्रदान की गई जिसके अपेक्षित परिणाम दृष्टिगत होने लगे हैं। राज्य का औद्योगिक पिछड़ापन जहाँ एक और प्राकृतिक कारणों से रहा है,तो दूसरी ओर आर्थिक और राजनीतिक कारण भी काफी हद तक इसके लिए उत्तरदायी है।

राजस्थान के अनेक उद्योगपतियों ने भारत के अन्य राज्यों में अनेक बड़े औद्योगिक समूह स्थापित किए हैं,जो आज भी देश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। किंतु उनका अपना राज्य उनके पूंजी निवेश की ओर आज भी आशान्वित है।

राज्य के औद्योगिक पिछड़ेपन के प्रमुख कारण

  1. प्रतिकूल धरातलीय स्वरूप ( प्रदेश का आधे से अधिक भाग में मरुस्थल )

  2. पानी की कमी-न्यून वर्षा, वर्ष पर्यंत बहने वाली नदियों का अभाव

  3. ऊर्जा के साधनों की कमी

  4. औद्योगिक कच्चे माल की सीमित उपलब्धता

  5. तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षित श्रमिकों की कमी

  6. सीमित पूंजी निवेश व कच्चे माल की कमी

  7. विरासत में मिला औद्योगिक पिछड़ापन अर्थात स्वतंत्रता से पूर्व देशी रियासतों द्वारा औद्योगिक विकास हेतु कोई प्रयत्न नहीं करना।

  8. परिवहन साधनों की कमी

  9. राजनीतिक हस्तक्षेप


इन सभी कठिनाइयों के उपरांत भी राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए अनेक सकारात्मक कदम उठाए है,परिणामस्वरूप राज्य के औद्योगिक विकास को एक नई दिशा मिली है।


Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )

निधि जी, DINESH MEENA


0 Comments

Leave a Reply Cancel

Add Comment *

Name*

Email*

Website