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BSTC EXAM SPECIAL NOTES 02

BSTC EXAM SPECIAL NOTES 02

चित्रकला व चित्रशैली व त्यौहार और मेले  निहालचन्द किस शैली का चित्रकार था- किशनगढ़( बणी-ठनी)  उस्ताकला प्रसिद्ध है- बीकानेर की  पिछवाई कला- नाथदूवारा(श्री क्रष्ण से जुडी हुवी)  ढोल मारू शैली है- जौधपुर  "कमल से भरे सरोवर" शैली विषय है- किशनगड भीति चित्रण की दृष्टि से हवेलिया प्रसिद्ध है- शेखावती  कागज पर निमित्त चित्र कहलाते है- पाने त्यौहार और मेले   दीपावली- कार्तिक कृष्ण अमावस्य  गणगोर- चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीय  गणेश चतृथी- भाद्रपद शुक्ल चतृथी  करवा चौथ- कार्तिक कृष्ण चतृथी  होली- फाल्गुन पूर्णिमा  रामनवमी- चैत्र शुक्ला नवमी  वीर तेजाजी मेला- परबतसर(नागौर)  गोगामेड़ी पशु मेला- हनुमानगढ़  आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला- वेणेश्वर धाम  चन्दभागा मेला- झालावाड़  सहरिया जनजाती का मैला- सीताबाड़ी  दशहरा मेला- कोटा  पुष्कर मेला- अजमेर(कार्तिक पूर्णिमा) देवी - देवता   गोगाजी- जोहरपीर, साँपो के देवता, मोहम्मद गजनवी से युद्ध किया और खेजड़ी के पेड़ को महत्व्पूर्ण मानते है  पाबुजी- लक्ष्मण का अवतार, ऊँटो के देवता, प्लेग रक्षक  रामदेवजी- क्रष्ण के अवतार, रामसा पिर, रुणिचा रा घाणी, बाबा रामदेव जी, एक कवि भी थे  देवजी(देवनारायण जी) चमकारी लोक पुरुष, विष्णु का अवतार, सबसे लोकपिर्य और सबसे लम्बी फड़ इन्ही की मानी जाती है  चौहानो की कुलदेवी- जीणमाता( आशापुरा माता)  करणीमाता- बीकानेर के राठोरो की देवी  केलादेवी(डांग की देवी)- करौली के यादवो की देवी  शीतला माता- चेचक की देवी  सुग्गामाता- भाटी शासको की देवी  नागणेजी माता- जोधपुर के राठोड़ो की देवी  हस्त कला और लोकनृत्य   अजरख प्रिन्ट, मालिर प्रिन्ट- बाड़मेर  जाजम प्रिन्ट- आखोला (चितोड़.)  ब्लयु प्रिन्ट के प्रसिद्ध कलाकार- कृपाल सिंह शेखावत  कटे नारियल की कटोरी जैसा तारवाध तंत्र- रावणहत्था  कालबेलिया नृत्य के लिए प्रसिद्ध है- गुलाबो  शेखावती क्षेत्र के प्रसिद्ध नृत्य- कछि घोड़ी, चंग, गिरड  बम नृत्य- भरतपुर  अग्नि नृत्य- बीकानेर  पुरुषो से किया जाने वाला नृत्य- कच्छी घोड़ी  तेरहताली नृत्य- रामदेव जी की प्राथना में  गैर नृत्य- होली पर  गीदड नृत्य- होली पर  लांगुरिया नृत्य- केलादेवी  मुँह से बजाया जाने वाला वाध यत्र- अलगोजा  वालर नृत्य- गरासिया मांड गायिका- अल्लाह जिलाई बाई  नोटकि व रामलीला प्रसिद्ध है- राज्य के पूर्वी भाग की  मादक है- वाध यत्र  भवाई नाट्क के जन्मदाता- बाघाजी  आभूषण और बोलिया   तगड़ी पहनी जाती है- कमर पर  तिमणिया(तिलड़िया) पहना जाता है- गले में  पीपल पता"- कान में  नुपुर और किकिणी- पैर में  "ठेपाना"- भीलो की तंग धोती  सिर के आभूषण- शीश,फूल,बोरला,टीका,रखड़ी  कान के आभूषण- कर्ण,फूल,पीपल-पत्र,फूल झुमका,आगोत्या  नाक के आभूषण- नथ,पारी  गले के आभूषण- हार, कंठी, कंठमाला, जूगावली, तुलसी, गुजमाला ✌ अंगुलियो के आभूषण- दामणा, अंगूठी, विटी  कमर के आभूषण- कन्दोरा, तगड़ी  पाँव के आभूषण- पायल, पायजेब , आवला, कड़ा, अंगूठा, अनोटा, पोलरा, फोलरी, अनवर, छल्ला, झाझरिया  बोलिया   ढुढाडी बोली जाती है- जयपुर, दौसा, टोंक  राज्य की मरुभाषा- मारवाड़ी(राज्य में सर्वाधिक बोली जाती है)  मारवाड़ी भाषा का साहित्यक रूप- डिंगल  मेवाती बोली जाती है- अलवर में  राज्य में कुल बोलिया- 73 बोलिया  बागड़ी बोली जाती है- बॉसवाड़ा, डूंगरपुर  राज्य की बोलियो का वैज्ञानिक अध्ययन किया- जी.ए.गियसर्न  राज्य के प्रमुख मन्दिर व जनजाती   राज्य में सर्वाधिक जनसख्या में जनजाति का भाग है जिस का उल्लेख मत्स्य पुराण में भी है- मीणा(मछली) M-जयपुर  राज्य की सबसे प्राचिन जनजाति- भील(कमान वाले,वनपुत्र) M- बॉसवाङा  कु क्या है- भीलो के घर  गरासिया- सिरोही में सब से ज्यदा रहते है  सहरिया- बारां में  एकल्वय योजना- जनजाति के छात्रो को खेल का प्रशिक्षण देना  लीला-मोरिया संस्कार- वीवाह से महुआ के व्रक्ष महत्व्पूर्ण मानते है- भील  राज्य में जनजातीय सख्या का प्रतिशत है- 12.6% मेवाड़ के अरावली क्षेत्र में भील जाती का लोकनाटय- गवरी  राज्य के किस जिले में जनजाति का सबसे कम प्रतिशत है- नागौर में  रंगनाथजी का मन्दिर- पुष्कर  निलकण्ड महादेव का मन्दिर- अलवर  नो ग्रहो का मन्दिर- किशनगढ़ जैन नसिया( सोनी जी की नसिया)- अजमेर  कुजबिहारी का मन्दिर- जौधपुर  मल्लीनाथ जी का मन्दिर- तिलवाड़ा(बाड़मेर)  दादु पथ की प्रमुख पीठ- नारायणा(रज्जब जी महाराज)  निम्बार्क सम्पर्दाय की पीठ- सलेमाबाद(अजमेर)  टेरापथ सम्प्रदाय सम्बंधित है- जैन धर्म से  भक्ति आन्दोलन राज्य में फेलाया- दादु जी ने  पंचायती राज   राज्य में पंचायती राज का आगाज कब हुआ- 2 अक्टुम्बर 1959 ई. में बगदरी गॉव(नागौर)  बलवराय मेहता पंचायती राज के जनक राज्य में पंचायती राज व्य्वस्था का शुभारभ किया- जवाहरलाल नेहरु  पंचायती राज के स्वर्ण जनती समारोह कहा हुवा- जयपुर में  पंचायतो से सम्बंधित सविधान है- 73 वाँ  सादिक अली समिति का सबंध- पंचायती राज व्यवस्था से  राज्य सरकार Dhuwaara नगरीय निकायों में महिलाओ के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण दिया है- 50% (वर्तमान में 33%)  पंचायती राज की अवधि है- पाँच वर्ष की  राज्य के प्रमुख लेखक✍और पुस्तके? ✍ "चेतावरी रा चुगटिया" के रचियता है- केसरी सिंह बारहठ ✍ वंश भास्कर के रचियता- सूर्यमल्ल मिश्रंण ✍ पृथ्वीराज रासो के रचियता- चन्द्र बरदाई ✍ बीकानेर के राठौरो री ख्याल के रचियता- दयांदास ✍ हम्मीर मदमदन के रचियता जयसिंह ✍ "लव स्टोरी ऑफ राजस्थान" के रचियता"- अरुणा राय(सुचना का अधिकार दिलाने का सय) ✍ मारवाड़ी भाषा का साहित्यक रूप है- डिंगल ✍ "अचलदास खिची री वचनिका" कहा के कवि थे- गागरोण के ✍ "ढोलमारू रा दूहा" के रचियता- कवि कल्लोल ✍ वीर सतसई के रचियता- सूर्यमहल मिश्रण ✍ राजस्थान लोक संगीत व लोक कथा साहित्य को किस जाति का महत्व्पूर्ण योगदान रहा- चरण जाति का ✍ "जागती जोत" नामक पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है- राज्य भाषा साहित्य व संस्क़ति अकादमी बीकानेर ✍ राज्य का प्रथम साप्ताहिक समाचार- सज्जन कीर्ति सुधाकर ✍ राजस्थानी भाषा शब्दकोश लेखन- सीताराम लालस ✍ "जसवन्त जसोभूषण" के रचियता- मुरादिन ✍ राज्य पोथीखाना- जयपुर ✍ एनाल्स एंड एटीक्युटिज ऑफ राजस्थान के लेखक है- जेम्स टॉड ✍ पत्रकारिता के भीष्म पितामाह- पंडित झाबरमल शर्मा ✍ आइने- अकबरी के लेखक- अबुल फजल ✍ पृथ्वीराज विजय के लेखक- जयानक ✍ "धरती धोरा री" के लेखक- कन्हैलाल सेठिया ✍ नेणसी री खयाल किस भाषा में लिखित है- राजस्थानी भाषा में ✍ पातल और पीतल के लेखक- कन्हैलाल सेठिया ✍ हम्मीर रासो लिखा हुवा है- संस्कृत भाषा में ✍ हरिकेलि नाटक के रचियता है- विग्रहराज  राजस्थान का इतिहास   मेवाड़-प्रजामण्डल के प्रथम आध्यश- माणिकलाल वर्मा  रा. सेवा संघ की स्थापना- विजय सिंह पथिक  अलाउद्दिन ख़िलजी ने चितोड़ का नाम रखा- खिजराबाद  अकबर ने प्रताप के पास भेजा गया प्रथम राजदूत था- जलाल खां  "तरुण राजस्थान" समाचार पत्र के व्यवस्थापक थे- जयनारायण व्यास  नयनुराम शर्मा का सम्बन्ध है- कोटा प्रजामण्डल से  त्रिलोकचन्द्र का सम्बन्ध है- करौली प्रजामण्डल से  ट्रच कमीशन का सम्बन्ध है- बेगू किसान आन्दोलन से  चवरी क्या है- पुत्री में विवाह पर एक कर  तलवार बुंन्धाई क्या है- उत्तराधिकार शुल्क  पृरथ्वीराज रासो के अनुसार राजपुतो की उत्पाती मानी गई है- अग्निकुण्ड से  पानीपत का प्रथम युद्ध हुवा- 1526 में  दोराई का युद्ध हुवा- औरगजेब और दारा के बिच  व्रहद राजस्थान के प्रथानमंत्री- हीरालाल शास्त्री  राज्य के एकीकरण के समय रियासते व ठिकाने थे- 19 रियासते 3 ठीकाने  व्रहद राज. के राजप्रमुख थे- महाराणा भोपाल सिंह  सागरमल गोपा निवासी थे- जैसलमेर के  राज्य के एकीकरण का श्रय जाता है- सरदर वल्ल्भ भाई पटेल को  शारदा एक्ट का उध्श्य्- बाल विवाह पर प्रतिबन्ध  राज्य का प्रथम आकाशवाणी केंद्र- जयपुर में  "टायगर मेन"- कैलाश सांखला  पृथ्वीराज चौहान और जयचंद के मध्य वैमनस्य(लडाई) का कारण- संयोगिता  मुख्यमन्त्री नि:शुल्क दवा योजना- 2 अक्टुम्बर 2011 से शुरू हुवी  आँगनबाड़ी कार्यक्रम का सम्बन्ध है- शिक्षा से तथा बच्चो के विकास से

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