Facing the Challenges of Life
( जीवन की चुनौतियों का सामना करना )
अतिलघुतरात्मक (15 से 20 शब्द)
प्र 1. तनाव क्या है?
उत्तर- तनाव विभिन्न कठिन एवं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों द्वारा व्यक्ति में होने वाले शारीरिक, संवेगात्मक, व्यवहारात्मक, संज्ञानात्मक परिवर्तन है जो व्यक्ति के इन सभी पक्षों को प्रभावित करता है।
प्र 2. तनाव के प्रमुख प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर- तनाव प्रमुखतया तीन प्रकार के होते हैं –
- भौतिक तथा पर्यावरणी
- मनोवैज्ञानिक और
- सामाजिक
प्र 3. तनाव के स्रोत कौन से हैं?
उत्तर- तनाव के स्रोत है- जीवन की घटनाएं, प्रतिदिन की उलझने तथा अभिघातज घटनाएं।
प्र 4. मनोवैज्ञानिक तनाव।
उत्तर- यह वे तनाव है, जिन्हें हम अपने मन में उत्पन्न करते हैं। तनाव अनुभव करने वाले व्यक्ति के लिए विशिष्ट होते हैं। मनोवैज्ञानिक तनाव के प्रमुख स्रोत कुंठा, द्वंद्व एवं आंतरिक तनाव है।
लघूतरात्मक (50 से 60 शब्द)
प्र 5. तनाव के लक्षणों पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर-तनाव के निम्नलिखित लक्षण है –
- ध्यान केंद्रित ना कर पाना
- स्मृति ह्रास
- गलत निर्णयन
- विसंगति
- अनियमित उपस्थिति
- अनियमित समय पालन
- आत्म सम्मान में कमी
- दुर्बल दीर्घकालिक योजना
- अचानक व्यग्र ऊर्जा का फट पडना
- आंत्यतिक भाव दशा परिवर्तन
- भावात्मक विस्फोटक
- आकुलता
- दुश्चिंता
- भय
- अवसाद
- निद्रा में कठिनाई
- खाने में कठिनाई
- औषधियों का दुरुपयोग
- शारीरिक रोग जैसे पेट खराब होना, सिर दर्द, कमर दर्द आदि।
प्र 6. जीवन की चुनौतियों में मदद करने वाले कारक कौन से हैं?
उत्तर- जीवन की चुनौतियों में मदद करने वाले कारक- जीवन कौशल, अनुकूल तथा सकारात्मक व्यवहार वे योग्यताएं हैं जो व्यक्तियों को दैनिक जीवन की मांगों और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सक्षम बनाती है। इसके अलावा मुख्य रूप से आग्रहिता, समय प्रबंधन, सविवेक चिंतन, संबंधों में सुधार, स्वयं की देखभाल, असहायक आदतों पर विजयी होना, आहार, व्यायाम, सकारात्मक अभिवृत्ति, सकारात्मक चिंतन, सामाजिक अवलंब, मूर्त अवलंब, सूचनात्मक अवलंब, सांवेगिक अवलंब इत्यादि।
प्र 7. तनाव प्रबंधन की कोई तीन तकनीकों पर टिप्पणी लिखें।(150 शब्द)
उत्तर- 1. जैवप्रति प्राप्ति या फीडबैक- यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा तनाव के शरीरक्रियात्मक पक्षों का परीक्षण कर उन्हें कम करने के लिए फीडबैक दिया जाता है कि व्यक्ति में वर्तमान कालिक शारीरिक क्रियाएं क्या हो रही है।
जैवप्रति प्राप्ति प्रशिक्षण में तीन अवस्थाएं होती है- किसी विशिष्ट शरीरक्रियात्मक अनुक्रिया जैसे हृदय गति के प्रति जागरूकता विकसित करना, उस शरीरक्रियात्मक अनुक्रिया को शांत व्यवस्था में नियंत्रित करने के उपाय सीखना तथा उस नियंत्रण को सामान्य दैनिक जीवन में अंतरित करना।
2. सृजनात्मक मानस प्रत्यक्षीकरण- तनाव से निपटने के लिए यह एक प्रभावी तकनीक है। सृजनात्मक मानस प्रत्यक्षीकरण एक आत्मनिष्ठ अनुभव है जिसमें प्रतिमा तथा कल्पना का उपयोग किया जाता है।
यदि व्यक्ति का मन शांत हो, शरीर विश्राम की अवस्था में ह तथा आंखें बंद हो तो मानस प्रत्यक्षीकरण सरल होता है। ऐसा करने से अवांछित विचारों के हस्तक्षेप में कमी आती है तथा व्यक्ति को वह सृजनात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे की काल्पनिक विषय को वास्तविकता में परिवर्तित किया जा सके।
3. संज्ञानात्मक व्यवहारात्मक तकनीके- इन तकनीकों का उद्देश्य व्यक्ति को तनाव के विरुद्ध संचारित करना होता है। इस उपागम का सार यह है कि व्यक्ति के नकारात्मक विचारों के स्थान पर सकारात्मक विचार प्रतिस्थापित कर दिए जाएं।
इसके तीन प्रमुख चरण है- मूल्यांकन, तनाव न्यूनीकरण तकनीकें तथा अनुप्रयोग एवं अनुवर्ती कार्रवाई।
प्र 8. तनाव का संवेगात्मक तथा संज्ञानात्मक प्रभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।(120 शब्द) ।
उत्तर-
1. संवेगात्मक प्रभाव- वह व्यक्ति जो तनाव ग्रस्त होते हैं प्रायः आकस्मिक मनः स्थिति परिवर्तन का अनुभव करते हैं तथा सनकी की तरह व्यवहार करते हैं। जिसके कारण वे परिवार तथा मित्रों से विमुख हो जाते हैं।
कुछ स्थितियों में इसके कारण एक दुश्चक्र प्रारंभ होता है जिससे विश्वास में कमी होती है तथा जिसके कारण फिर और भी गंभीर संवेगात्मक समस्याएं उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए दुश्चिंता तथा अवसाद की भावनाएं, शारीरिक तनाव में वृद्धि, मनोवैज्ञानिक तनाव में वृद्धि तथा आकस्मिक मनः स्थिति में परिवर्तन।
2. संज्ञानात्मक प्रभाव- यदि तनाव के कारण दाब निरंतर रूप से बना रहता है तो व्यक्ति मानसिक अतिभार से ग्रस्त हो जाता है। उस दाब के कारण उत्पन्न पीड़ा व्यक्ति में ठोस निर्णय लेने की क्षमता को तेजी से घटा सकती है।
घर में, जीविका में अथवा कार्य स्थान में लिए गए गलत निर्णयों के द्वारा तर्क वितर्क, असफलता, वित्तीय घाटा, यहां तक कि नौकरी की क्षति भी इसके परिणाम स्वरूप हो सकती है।
एकाग्रता में कमी तथा स्मृति क्षमता का घटना भी संज्ञानात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )