NCERT History Questions Answers : 3

NCERT History Questions Answers : 3


राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य (06)


प्रश्न=1. निम्नलिखित में से कौन-से उत्तर वैदिक ग्रंथ हैं ?
1. ऋग्वेद
2. यजुर्वेद
3. अथर्ववेद
4. ब्राह्मण ग्रंथ
5. उपनिषद्
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये-
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 1, 2 और 3
(स) केवल 4 और 5
(द) केवल 2, 3, 4 और 5

(द)✔
व्याख्या: चारों वेदों में ऋग्वेद सबसे पुराना है। ऋग्वेद के काल को ऋग्वैदिक काल के नाम से जानते हैं।
सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, ब्राह्मण, उपनिषद तथा अन्य कई ग्रंथों के ऋग्वेद के बाद रचे होने के कारण इन्हें उत्तर वैदिक ग्रंथ कहा जाता है।
ये ग्रंथ उत्तर भारत में, खासकर गंगा-यमुना क्षेत्र में रचे गए।
पुरोहितों द्वारा रचित इन ग्रंथों में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और उनके संपादन की विधियाँ बताई गईं हैं। इनमें सामाजिक नियमों के बारे में भी बताया गया है।

प्रश्न=2. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा सूचियों के नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिये :

सूची-I
(वैदिक कालीन वर्ण विभाजन)

सूची-II
(वर्ण आधारित कार्य विभाजन)
अ. ब्राह्मण 1. सेवा
ब. शूद्र 2. यज्ञ
स. विश् 3. रक्षा
द. क्षत्रिय 4. व्यापार
कूटः
अ ब स द

(अ) 2 1 4 3
(ब) 2 4 3 1
(स)1 2 3 4
(द) 3 1 4 2

(अ)✔
व्याख्याः वैदिक काल में पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) में विभाजित किया था, जिसे वर्ण कहते हैं।
प्रत्येक के अलग-अलग कार्य निर्धारित थे। प्रथम वर्ग ब्राह्मणों का था जो वेदों का अध्ययन-अध्यापन और यज्ञ करते थे। दूसरे थे क्षत्रिय जो शासक वर्ग था, इनका कार्य युद्ध व लोगों की रक्षा करना था।
तीसरे स्थान पर विश् या वैश्य थे जिसके अन्तर्गत कृषक, पशुपालक और व्यापारी आते थे।
शूद्रों का स्थान अंतिम था। अन्य तीनों वर्णों की सेवा इनका कार्य था।

प्रश्न=3. कथन (A) : वैदिक काल में प्रायः महिलाओं को शूद्रों के समान माना गया था।
कारण (R) : वैदिक काल में सामान्यतः महिलाओं तथा शूद्रों को वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था |
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
(अ) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(ब) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(स) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(द) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।

(ब)✔
व्याख्याः वैदिक काल में प्रायः औरतों को भी शूद्रों के समान माना गया था। सामान्यतः महिलाओं तथा शूद्रों को वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था। अतः कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं परंतु कथन (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।

प्रश्न=4. वैदिक काल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. क्षत्रिय और वैश्य दोनों को ही यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त था।
2. शूद्रों को अछूत माना जाता था।
3. सभी वर्णों का निर्धारण जन्म के आधार पर होता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) केवल 1 और 3
(द) केवल 2 और 3

(स)✔
व्याख्याः वैदिक काल में क्षत्रिय और वैश्य दोनों को यज्ञ करने का अधिकार था।
अछूत की अवधारणा वैदिक काल के बाद में आई। उत्तर वैदिक काल तक शूद्रों को अछूत नहीं माना जाता था। बाद के काल में शिल्पकार, शिकारी, भोजन संग्राहक तथा शवों को जलाने व दफनाने वाले लोगों को अछूत माना गया। अतः कथन 2 गलत है।
वैदिक काल के अन्त तक (उत्तर वैदिक काल में) सभी वर्णों का निर्धारण जन्म के आधार पर ही होने लगा था। उदाहरण के तौर पर ब्राह्मण माता-पिता की संतान ब्राह्मण ही होती थी।

प्रश्न=5. वैदिक काल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ब्राह्मणों द्वारा बनाई गई वर्ण व्यवस्था सभी के द्वारा पूर्णतः स्वीकार नहीं की गई।
2. उपमहाद्वीप के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में पुरोहितों का प्रभाव बहुत सीमित था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(C)✔
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। कई लोगों ने ब्राह्मणों द्वारा बनाई हुई इस वर्ण-व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया। कुछ राजा स्वयं को पुरोहित से श्रेष्ठ मानते थे। कुछ लोग जन्म के आधार पर वर्ण-निर्धारण सही नहीं मानते थे।
इसके अतिरिक्त कुछ लोग व्यवसाय के आधार पर लोगों के बीच भेदभाव उचित नहीं समझते थे, जबकि कुछ लोग चाहते थे कि अनुष्ठान संपन्न करने का अधिकार सबका हो। कई लोगों ने छूआछूत की आलोचना की।
वहीं इस उपमहाद्वीप के पूर्वोत्तर क्षेत्र जैसे कई इलाकों में सामाजिक-आर्थिक असमानता बहुत कम थी। यहाँ पुरोहितों का प्रभाव भी बहुत सीमित था।

प्रश्न=6. पुरातत्त्वविदों ने ‘जनपद’ नामक इकाइयों की कई बस्तियों की खुदाई की है। ये जनपदीय बस्ती/बस्तियाँ निम्नलिखित में से किस/किन स्थान/स्थानों पर स्थित है/हैं ?
1. पुराना किला, दिल्ली
2. हस्तिनापुर, मेरठ
3. अतरंजीखेड़ा, एटा
कूटः
(अ) केवल 1
(ब) केवल 1 और 3
(स) केवल 2 और 3
(द) 1, 2 और 3

(द)✔
व्याख्याः- महायज्ञों को करने वाले राजा आगे जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगे।
जनपद का शाब्दिक अर्थ ‘जन के बसने की जगह’ होता है।
पुरातत्त्वविदों ने इन जनपदों की कई बस्तियों की खुदाई की है। दिल्ली में पुराना किला, उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हस्तिनापुर और एटा के पास अतरंजीखेड़ा इनमें प्रमुख हैं।
जनपदों के लोग चावल, गेहूँ, धान, जौ, दालों, गन्ना, तिल तथा सरसों जैसी फसलें उगाते थे।
इन पुरास्थलों में कुछ विशेष प्रकार के बर्तन मिले हैं, जिन्हें ‘चित्रित धूसर पात्र’ के रूप में जाना जाता है।
यहाँ से प्राप्त ये बर्तन कुछ धूसर और कुछ लाल रंग के होते थे।
चित्रित धूसर पात्रों पर की गई चित्रकारी आमतौर पर सरल रेखाओं तथा ज्यामितीय आकृतियों के रूप में है।

प्रश्न=7. महाजनपदों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. महाजनपदों की कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी।
2. राजा सेना रखने लगे थे जिसे वेतन दिया जाता था। वेतन का सम्पूर्ण भुगतान आहत सिक्कों के रूप में दिया जाता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(अ)✔
व्याख्याः लगभग 2500 वर्ष पूर्व कुछ जनपद अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए। इन्हें महाजनपद कहा जाने लगा।
अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी। कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी। ये किलेबंदी आक्रमण से सुरक्षा करती थी। ये राजाओं की समृद्धि और वैभव को भी दर्शाती थी।अब राजा सेना रखने लगे थे। सिपाहियों को वेतन देकर पूरे साल रखा जाता था। कुछ भुगतान आहत सिक्कों के रूप में होता था न कि संपूर्ण भुगतान। अतः कथन 2 गलत है।

प्रश्न=8. महाजनपदों की कर प्रणाली के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. प्रायः उपज का 1/3वाँ हिस्सा कर के रूप मे निर्धारित किया जाता था जिसे ‘भाग’ कहा जाता था।
2. कारीगरों को ‘श्रम’ के रूप में कर का भुगतान करना होता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(अ) केवल 1
(ब) केवल 2
(स) 1 और 2 दोनों
(द) न तो 1 और न ही 2

(ब)✔
व्याख्याः महाजनपदों के राजाओं को विशाल किलों और बड़ी सेना के लिये प्रचुर संसाधनों और इनके लिये पर्याप्त कर्मचारियों की आवश्यकता होती थी। अतः राजा लोगों द्वारा समय-समय पर दिये जाने वाले उपहारों पर निर्भर न रहकर अब नियमित रूप से कर वसूलने लगे।
फसलों पर लगाए गए कर महत्त्वपूर्ण थे, क्योंकि अधिकांश लोग कृषक ही थे। प्रायः उपज का 1/6वाँ हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था, जिसे भाग कहा जाता था। अतः कथन 1 गलत है।
कारीगरों के ऊपर भी कर लगाए गए थे जो प्रायः श्रम के रूप में चुकाए जाते थे। जैसे कि एक बुनकर, लोहार या सुनार को राजा के लिये महीने में एक दिन काम करना पड़ता था।

प्रश्न=9. महाजनपदीय कर व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. पशुपालकों को जानवरों या उनके उत्पाद के रूप में कर देना पड़ता था।
2. व्यापारियों को सामान खरीदने-बेचने पर भी कर देना पड़ता था।
3. आखेटक और संग्राहक कर से पूर्णतः मुक्त थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ?
(अ) केवल 1 और 2
(ब) केवल 2 और 3
(स) केवल 1 और 3
(द) 1, 2 और 3

(अ)✔
व्याख्याः कथन 1 व 2 सही हैं, परंतु कथन 3 गलत है क्योंकि आखेटकों व संग्राहकों को जंगल से प्राप्त वस्तुएँ राजा को कर के रूप में देनी होती थी।

प्रश्न=10. प्राचीन महत्त्वपूर्ण नगर कौशाम्बी निम्नलिखित में से किस स्थान पर स्थित था।
(अ) मेरठ (उत्तर प्रदेश)
(ब) गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
(स) इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
(द) वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

(स)✔
व्याख्याः- कौशाम्बी नगर आधुनिक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले में स्थित था।
यहाँ से किले की दीवार के अवशेष मिले हैं। इसके एक भाग का निर्माण संभवतः 2500 वर्ष पूर्व हुआ था।
कौशाम्बी प्राचीन काल में वत्स महाजनपद की राजधानी थी।

Specially thanks to Post and Quiz Creator ( With Regards )


धर्मवीर शर्मा अलवर

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