हिन्दी में सिर्फ़ दो ही लिंग होते हैं: स्त्रीलिंग और पुल्लिंग।
◆◆कोई वस्तु या जानवर या वनस्पति या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका ज्ञान अभ्यास से होता है। कभी-कभी संज्ञा के अन्त-स्वर से भी इसका पता चल जाता है।
पुल्लिंग- पुरुष जाति के लिए प्रयुक्त शब्द पुल्लिंग में कहे जाते हैं। जैसे - अजय, बैल, जाता है आदि
स्त्रीलिंग- स्त्री जाति के बोधक शब्द जैसे- निर्मला, चींटी, पहाड़ी, खेलती है, काली बकरी दूध देती है आदि।
हिन्दी में तीन पुरुष होते हैं- 1.उत्तम पुरुष- मैं, हम 2.मध्यम पुरुष - तुम, आप 3.अन्य पुरुष- वह, राम आदि
◆◆उत्तम पुरुष में मैं और हम शब्द का प्रयोग होता है, जिसमें हम का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों के रूप में होता है। इस प्रकार हम उत्तम पुरुष एकवचन भी है और बहुवचन भी है।
◆◆मिसाल के तौर पर यदि ऐसा कहा जाए कि "हम सब भारतवासी हैं", तो यहाँ हम बहुवचन है और अगर ऐसा लिखा जाए कि "हम विद्युत के कार्य में निपुण हैं", तो यहाँ हम एकवचन के रुप में भी है और बहुवचन के रूप में भी है। हमको सिर्फ़ तुमसे प्यार है - इस वाक्य में देखें तो, "हम" एकवचन के रुप में प्रयुक्त हुआ है।
◆◆वक्ता अपने आपको मान देने के लिए भी एकवचन के रूप में हम का प्रयोग करते हैं। लेखक भी कई बार अपने बारे में कहने के लिए हम शब्द का प्रयोग एकवचन के रुप में अपने लेख में करते हैं। इस प्रकार हम एक एकवचन के रुप में मानवाचक सर्वनाम भी है।