Bhaktikal Question 08
Q.1 रामानंद वर्णाश्रम व्यवस्था को समाज के लिए स्वीकार करते थे किंतु उपासना के क्षेत्र में नहीं यह मत इनमें से किसका है?
A हजारी प्रसाद द्विवेदी
B डॉक्टर नागेंद्र
C आचार्य शुक्ल✅
D परशुराम चतुर्वेदी
Q.2 ज्ञान भक्ति का विषद विवेचन रामचरित्र मानस के किस कांड में हैं?
A बालकांड
B लंकाकांड
C उत्तरकांड✅
D अयोध्या कांड
Q.3 "सूरदास की रचानाओं में संस्कृत की कोमलकांत पदावली ओर अनुप्रासों को छटा नही है जो तुलसी की रचना में दिखाई पड़ती है।" यह कथन किस आलोचक का है?
A डॉ.नामवर सिंह
B डॉ.नगेन्द्र
C आ०शुक्ल✅
D हजारीप्रसाद
Q.4 'दूलह राम सीय दुलही री' यह पंक्ति तुलसी के किस काव्य ग्रन्थ की है?
A कवितावली
B बरवै रामायण
C रामचरित्रमानस
D गीतावली✅
Q.5 'बालधी विसाल विकराल ज्वाल जाल मानों, लंक लिलिबै कौ काल रसना पसारी है।" यह पंक्ति तुलसी के किस काव्य ग्रन्थ की है?
A कवितावली✅
B गीतावली
C बरवै रामायण
D दोहावली
Q.6 राम के बाल रूप की झांकी किस ग्रन्थ में सर्वाधिक है?
A कवितावली
B गीतावली ✅
C विनयपत्रिका
D रामचरित्रमानस
Q.7 "जाके प्रिय न राम वेदही" पद किस पुस्तक से है?
A कवितावली
B विनयपत्रिका✅
C भक्तमाल
D दोहावली
Q.8 रामचरित्रमानस का महत्व आज किस कारण से है?
A भक्तिसाधना के कारण
B सगुणभक्ति के कारण
C जीवन मूल्यों के कारण✅
D राम की लीला गायन के कारण
Q.9 रामभक्ति काव्य परम्परा में दाम्पत्य उपासना को लेकर चलने वाली श्रंगारी भावना के प्रवर्तक कौन थे?
A नाभादास
B रामानंद
C केशवदास
D रामचरणदास✅
Q.10 निम्न में से तुलसी के समकालीन कवि कौन नही है?
A केशवदास
B नाभादास
C रहीम
D सूरदास
सभी सही बोनस अंक ✅
Q.11 रामानंद की शिष्य परंपरा में तुलसी किस पीढ़ी में आते हैं?
A 7 वीं पीढ़ी✅
B 5 वीं पीढ़ी
C चौथी पीढ़ी
D 11वीं पीढ़ी
Q.12 "रामचरितमानस में तुलसी केवल कवि के रूप में ही नहीं उपदेशक के रूप में भी सामने आते हैं" यह कथन किस विद्वान का है ?
A डॉक्टर नगेंद्र
B विजेंद्र स्नातक
C डॉक्टर नामवर सिंह
D रामचंद्र शुक्ल✅
Q.13 निंबार्क संप्रदाय के किस कवि ने रघुनाथ चरित्र की रचना की?
A निंबार्काचार्य
B गदाधर भट्ट
C श्रीभट्ट
D परशुराम देव✅
Q.14 राधावल्लभ संप्रदाय के किस कवि ने 'रघुनाथ लीला' नामक ग्रंथ लिखा?
A माधवदास✅
B हितहरिवंश
C दामोदर दास
D ध्रुवदास
Q.15 निम्न में सेअसंगत है?
A भरत मिलाप--ईश्वरदास
B अवध विलास--लाला ह्र्दयराम✅
C अंगद पैज--ईश्वरदास
D अलशतक--मुबारक कवि