Bhaktikal Question 11
Q.1 कृष्ण को रस रूप में तथा राधा को रति रूप में किस संप्रदाय में माना गया है
A चैतन्य सम्प्रदाय
B निम्बार्क सम्प्रदाय
C वैष्णव सहजिया सम्प्रदाय✅
D राधाबल्लभ सम्प्रदाय
Q.2 हिंदी में कृष्ण को काव्य का विषय बनाने का श्रेय सर्वप्रथम किस कवि को है ?
A सूरदास
B विद्यापति✅
C नंददास
D वल्लभाचार्य
Q.3 कृष्ण की उपासना 'बृजेंद्र कुमार' के रूप में किस संप्रदाय के अनुयाई करते हैं?
A सखी संप्रदाय
B चैतन्य संप्रदाय ✅
C निंबार्क संप्रदाय
D राधावल्लभ संप्रदाय
Q.4 नंददास को अष्टछाप में किसने दीक्षित किया था?
A वल्लभाचार्य
B सूरदास
C विट्ठलनाथ ✅
D कुंभनदास
Q.5 निम्न में से असंगत है?
A अनेकार्थ मंजरी--नंददास
B युगल शतक--श्री भट्ट
C रासपंचाध्यायी--कॄष्णदास✅
D यसुफ़ जुलेखा--शेख निसार
Q.6 ब्रजभाषा कृष्ण काव्य में सूरदास के उपरांत किस कवि को सर्वाधिक प्रतिभाशाली एवं विद्वान माना गया है ?
A रसखान
B नंददास ✅
C कृष्णदास
D चतुर्भुजदास
Q.7 सूरदास को किस महाकवि की वंश परंपरा में माना जाता है?
A चंदबरदाई✅
B तुलसीदास
C विद्यापति
D जगनिक
Q.8 किस कृष्ण भक्त कवि ने 42 ग्रंथों की रचना की है?
A सूरदास
B नंददास
C ध्रुवदास ✅
D रसखान
Q.9 "गोकुल सबे गोपाल उपासी" यह पद किसका लिखा हुआ है?
A सुरदास ✅
B मीरा
C रसखान
D ध्रुवदास
Q.10 "सूरसागर केसी चली आती हुई गीतकाव्य परंपरा का चाहे वह मौखिक ही रही हो- पूर्ण विकास सा प्रतीत होता है ।" यह कथन किसका है ?
A डॉ.नगेंद्र
B प्रभुदयाल मित्तल
C आचार्य शुक्ल ✅
D हजारी प्रसाद द्विवेदी
Q.11 नंददास ने किस ग्रंथ में रासलीला की आध्यात्मिक व्याख्या करते हुए कृष्ण,वृंदावन,मुरली,गोपी आदि को प्रतीक मानकर आध्यात्मिकता से जोड़ा है ?
A रास पंचाध्यायी
B सिद्धान्त पंचाध्यायी✅
C विरह मंजरी
D मान मंजरी
Q.12 रासपंचाध्यायी में किस छंद का प्रयोग किया गया है?
A सवैया
B पद
C दोहा
D रोला✅
Q.13 ध्रुवदास किस संप्रदाय के कवि हैं ?
A वल्लभ संप्रदाय
B निंबार्क संप्रदाय
C राधावल्लभ संप्रदाय ✅
D चैतन्य संप्रदाय
Q.14 रसखाना की किस रचना में राधा कृष्ण को मालिन माली मानकर प्रेमोधन का वर्णन करते हुए , प्रेम के गूढ़ तत्व का सूक्ष्म विवेचन किया गया है?
A प्रेम वाटिका✅
B सुजान रसखान
C अष्टछाप
D दानलीला
Q.15 "आगे होने वाले कवियों की श्रंगार ओर वात्सल्य की उक्तियां सूर की जूठी सी जान पड़ती है" यह कथन किसका है?
A आ०शुक्ल✅
B विंजेंद्र स्नातक
C डॉ.नगेन्द्र
D हजारीप्रसाद