Public Administration

लोक प्रशासन: कला और विज्ञान

Comprehensive study materials and practice resources for लोक प्रशासन: कला और विज्ञान

लोक प्रशासन (Public Administration) समाज के संचालन, नीतियों के क्रियान्वयन तथा शासन व्यवस्था के सुचारू प्रबंधन की प्रक्रिया है। यह विषय न केवल शासन तंत्र को समझने का माध्यम है, बल्कि प्रशासनिक ढांचे को कुशलतापूर्वक चलाने की कला और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परखने का शास्त्र भी है।


लोक प्रशासन को एक कला के रूप में माना गया है, लेकिन कुछ वैज्ञानिक इसे विज्ञान और कला दोनों ही मानते हैं इस बात को समझने के लिए पहले कला-विज्ञान के अर्थ को समझ लेना आवश्यक है, उसके अनुसार ही प्रशासन के गुणों का परीक्षण कर कला और विज्ञान के गुणो या विशेषताओं से किया जाएगा



कला का सामान्य अर्थ


किसी कार्य के बारे में आवश्यक ज्ञान प्राप्त करके उसे कुशलतापूर्वक करना है, इसमें ज्ञान पक्ष की उतनी प्रधानता नहीं होती जितनी क्रियापक्ष की होती है, कला का अस्तित्व इस विचार में निहित है कि वह जीवन के कितना निकट है अर्थात जीवन के लिए कितना उपयोगी है कला मे उपलब्धियों से अधिक क्षमताओं पर विशेष बल दिया जाता है, इस कारण कला में मानव की मान्यताओं को विशेष स्थान प्राप्त है


लोक प्रशासन को अनेक विद्वानों ने कला माना है


ग्लैडन के अनुसार - प्रशासन एक ऐसी विशिष्ट क्रिया है जिसमें विशेष ज्ञान और तकनीक की आवश्यकता होती है


ह्वाइट के अनुसार - किसी प्रयोजन अथवा लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनेक व्यक्तियों को निर्देश देना उनके कार्य का समन्वय और नियंत्रण करना प्रशासन की एक कला है


लियोनार्ड D. व्हाइट - कहते हैं कि लोक प्रशासन मुख्य रूप से व्यवहारिक और अनुभवजन्य विषय है, प्रशासनिक अधिकारी अपने अनुभव, कल्पनाशक्ति और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेते हैं।


ड्वाइट वाल्डो - उनका मानना था कि प्रशासन केवल नियमों का पालन नहीं है बल्कि मूल्यों, नैतिकता और सृजनात्मकता का भी मिश्रण है। इसलिए इसे कला के रूप में देखना उचित है


साइमन - यद्यपि उन्होंने निर्णय-निर्माण की वैज्ञानिक पद्धति पर ज़ोर दिया, परंतु यह भी स्वीकार किया कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में अंतर्ज्ञान और रचनात्मकता की भूमिका रहती है।


गुलिक- अपने प्रसिद्ध POSDCORB सिद्धांत में उन्होंने दिखाया कि प्रशासनिक कार्य (Planning, Organizing, Staffing, Directing, Coordinating, Reporting, Budgeting) व्यवहारिक कौशल से संचालित होते हैं, जो कला के दायरे में आते हैं।


लोक प्रशासन को कला मानने का प्रमुख कारण इसमें अभ्यास की आवश्यकता है, जिस प्रकार संगीत, नृत्य, खेलों आदि कलाओं में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार कुशल प्रशासक बनने और उसकी दक्षता पाने के लिए समुचित प्रशिक्षण और दीर्घकालीन अभ्यास की आवश्यकता होती है, प्रशासन के कला होने के सिद्धांत को प्राचीन समय से ही स्वीकार किया जाता रहा है


सुकरात - प्रशासन को कला मानतेहुए उसके लिए एक विशेष प्रकार का प्रशिक्षण आवश्यक मानता है


इन सबसे स्पष्ट होता है कि लोक प्रशासन एक विशेष प्रकार की कला हैं


विज्ञान के अर्थ


लोक प्रशासन को विज्ञान मानने से पहले विज्ञान के अर्थ को समझना आवश्यक है, विज्ञान का अर्थ व्यवस्थित अथवा क्रमबद्ध ज्ञान है, क्रमबद्ध विज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं, विज्ञान की प्रमुख विशेषताएं निरिक्षण और परीक्षण की पद्धति के आधार पर निकाले गए सुनिश्चित और सार्वभौम नियम होती हैं


इन नियमों की अपरिवर्तनशीलता और सार्वभौमिकता, इन नियमों के आधार पर भविष्यवाणी कर सकने की क्षमता, विषय का वर्गीकरण और व्यवस्थित ज्ञान इन विशेषताओं के होने पर ही किसी विषय को विज्ञान कहा जा सकता है, विज्ञान की इन सभी विशेषताओं के आधार पर लोक प्रशासन को विज्ञान मानने में कई मत प्रचलित हुए


लोक प्रशासन को विज्ञान मानने के संबंध में तीन मत है


पहला मत इसे विज्ञान नहीं मानता है - लोक प्रशासन को विज्ञान नहीं मानने वाले विचारक फाइनर मोरिस और कोहन सम्मिलित हैं


दूसरा मत इसे आंशिक रूप से विज्ञान मानता है- इस मत के विचारक विल्सन विलोबी और बीयर्ड जैसे विचारक हैं


तीसरा मत इसे पूर्ण रुप से विज्ञान मानता है - तीसरे मत के समर्थक विद्वान लोक प्रशासन को विज्ञान मानने के संबंध में निम्न तर्क देते हैं


लोक प्रशासन का एक सुव्यवस्थित ज्ञान है, पिछले कई वर्षों में विभिन्न विद्वानों ने लोक प्रशासन के विभिन्न अंगों से संबंधित ज्ञान को क्रमबद्ध और सुव्यवस्थित किया है


विज्ञान के अध्ययन में काम आने वाली पद्धतियां


अनुसंधान, पर्यवेक्षण, परीक्षण, वर्गीकरण और समन्वय पद्धति लोक प्रशासन मे भी अपनाई जाती है, तथ्यों का संग्रह ,संतुलन और विश्लेषण करके पारस्परिक संबंध और समन्वय स्थापित करते हुए परिणाम नियम और सिद्धांत निकाले गए हैं आज लोकप्रशासन में कुछ निश्चित सिद्धांतों का विकास हुआ है जो शाश्वत और निश्चित है


साइमन द्वारा प्रतिपादित प्रशासकीय नियमों और सिद्धांतों द्वारा पूर्व कल्पना आसानी से की जा सकती है, फिर भी कुछ हद तक इसके निर्णय और सिद्धांत इतने सटीक नहीं होते हैं जितने की भौतिक विज्ञान और अन्य विज्ञान के होते हैं, इसलिए यह एक वास्तविक विज्ञान ना होकर मात्र समाज विज्ञान की तरह का एक विज्ञान है


लोक प्रशासन के दर्शन की आवश्यकता


माशर्ल डिमॉक ऐसे पहले दार्शनिक है जिन्होंने प्रशासन को दर्शन मानने का समर्थन किया था, उनकी पुस्तक "प्रशासन का दर्शन की प्रस्तावना" में प्रशासनिक दर्शन पर बल दिया गया था, उन्होंने प्रशासन का दर्शन पुस्तक में इस बात पर बल दिया कि यह प्रशासकों में आज की अपेक्षा व्यापक व्यावसायिक चेतना और निर्देशन तथा सामाजिक औचित्य की अधिक विश्वासपूर्ण भावना का संचार करेगा


प्रशासन को दर्शन मानने वालों के अनुसार राज्य की नीतियों को सत्य निष्ठा लगन और कुशलता पूर्वक लागू किया जाना चाहिए, लोक प्रशासन को उन सभी तत्वों अथवा कानूनों की ओर ध्यान देना चाहिए जो प्रशासकिय क्रिया में सम्मिलित होते हैं, आज लोक प्रशासन समाज का पूरक बन गया है, समाज में शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र है जिसका संबंध लोक प्रशासन से ना हो, ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि लोक प्रशासन का अपना दर्शन हो, जिससे राज्य की नीतियों को सत्य निष्ठा और कुशलता पूर्वक लागू किया जा सके


डिमॉक ने लोक प्रशासन के दर्शन के संबंध में निम्न बिंदुओं को बताया है



  1. प्रशासकिय कार्यों में निहित सभी तत्वों को प्रकाश में लाना चाहिए

  2. निहीत तत्वों को संकलित करके उंहें उचित तथा एकीकृत पद्धति के अधीन लाना चाहिए

  3. जहां कुछ सिद्धांत विकसित हो चुके हैं वहां उन्हें भावी कार्यों के लिए मार्गदर्शक स्वीकार किया जाना चाहिए

  4. प्रशासन लक्ष्य तथा साधन दोनों से संबंधित है, इन दोनों का कुशलतापूर्वक समन्वय ही प्रशासन की उत्कृष्टता की कसौटी है

  5. प्रशासन के दर्शन का इस ढंग से विचार किया जाना चाहिए कि वह वास्तविकता का वर्णन करें और कार्यपालिका को विश्वसनीय साधन प्रदान करें

  6. अच्छे प्रशासन तंत्र द्वारा चेतना और व्यापक संतोष की भावना का संचार किया जाना चाहिए


आपको हमारा ये प्रयास कैसा लगा Comment करके जरूर बताये ताकि हम आपके लिए और बेहतर प्रयास करते रहे और अन्य महत्वपूर्ण Notes/Test/Quiz निःशुल्क उपलब्ध कराते रहे – धन्यवाद

Leave a Reply