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Comprehensive study materials and practice resources for Public Administration Introduction ( लोक प्रशासन का परिचय )
लोक प्रशासन को जानने से पहले प्रशासन के अर्थ को समझना होगा। Administration (प्रशासन करना) दो शब्दों से मिलकर बना है। Ad + Minister जिसका अर्थ होता है-"सेवा करना" या "प्रबंधित करना" सार्वजनिक क्षेत्र में किया गया प्रबंधन "प्रशासन" कहलाता है।
1.निर्देशन - Direction
2. समन्वय - Coordination
3. नियंत्रण - Control
प्रशासन बहुत सारे लोगों को नीतिगत उद्देश्य की प्राप्ति के लिए डायरेक्शन, कोआर्डिनेशन,कंट्रोल देता है। ताकि अपने कार्य की पूर्ति की जा सकें। अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो प्रशासन का तात्पर्य कार्य करना और कार्य करवाना दोनों है।
1. लोक प्रशासन (Public administration) - सरकार के द्वारा किया गया प्रबंधन "लोक प्रशासन" कहलाता है। इसकी प्रकृति काफी विस्तृत होती है,इसका उद्देश्य सेवा प्रदान करना।
2. व्यक्तिगत प्रशासन (Personal administration) - निजी हितों के लिए किया गया प्रबंधन "व्यक्तिगत प्रशासन" कहलाता है। इसकी प्रकृति संकुचित है,इसका उद्देश्य लाभ कमाना है। उदाहरण- आपने कोई फैक्ट्री आरंभ की तो आपका प्रथम लक्ष्य लाभ कमाना ही होगा।
प्रशासन अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कई नीतिगत पहलु अपनाता है।
एक प्रशासक- "जनता के नौकर हैं, ना कि जनता के मालिक"
लोक प्रशासन का विकास काफी प्राचीन है,जिसके प्रमाण हमें मौर्य वंश में कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र से मिलते हैं। कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र की विषय वस्तु दो भागों में डिफाइन की गई है,लोक प्रशासन और राजनीति।
अरस्तु➖ पॉलिटिक्स
मैकियावली➖ द प्रिंस 17 वी शताब्दी आते-आते लोक प्रशासन विषय ने समय के साथ गति पकड़ना शुरू किया। ओर यूरोप में लोक प्रशासन अवधारणा का जन्म हुआ। 18वीं शताब्दी में अमेरिका में हेमिल्टन ने "दा फेडर लिस्ट" में लोक प्रशासन का अर्थ और महत्व प्रस्तुत किया। 18वीं शताब्दी में जर्मनी और ऑस्टिया के सरकारी मामलों के व्यवस्थित प्रबंधन के लिए कैमरलवाद समूह आया। जिस के प्रतिपादक जार्ज जिन्के थे। लोक प्रशासन के बारे में पहला शोध ग्रंथ चार्ल्स ज्या बुनिन ने 1812 में " प्रिंसिपल दा एडमिनिस्ट्रेशन" में प्रकाशित किया। ग्रंथ की भाषा फ्रांसीसी थी
वुडरो विल्सन - लोक प्रशासन का काम कानून को सविस्तार व्यवस्थित रुप से लागू करना है,कानून लागू करने कि प्रत्येक कार्यवाही प्रशासन की ही एक गतिविधि है।
एल.डी.व्हाइट - लोक प्रशासन में वे सभी गतिविधियां शामिल हैं,जिनका उद्देश्य पब्लिक पॉलिसी(लोकनीति) की पूर्ति करना है,उसे लागू करना है।
फिकनर - लोक प्रशासन का अर्थ है सरकारी काम है,चाहे वह किसी भी क्षेत्र विशेष का हो। जैसे- स्वास्थ्य प्रयोगशाला में एक एक्स-रे मशीन चलाना हो या मुद्रा छापना हो। कहा जायें तो निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तालमेल के साथ काम करके सरकार के कार्यों को अंजाम देना ही,लोक प्रशासन हैं।
साइमन - इनके अनुसार राष्ट्रीय,प्रांतीय और स्थानीय सरकारों की कार्यकारी शाखाओं की गतिविधियाँ ही लोक प्रशासन है।
लूथर गूलिक - लोक प्रशासन,प्रशासन के विज्ञान का वह हिस्सा है जिसका सरोकार सरकार और कार्यकारी शाखा से होता है, जहां सरकार के काम होते हैं। हालांकि कहा जाए तो विधिक और न्यायिक शाखाओं के साथ इसके संबंध में समस्याएं हैं।
व्यापक अर्थों में देखे तो लोक प्रशासन को निम्न भागों विभाजित किया जा सकता है।
कार्यपालिका को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
( सरकार द्वारा बनाई गई कोई भी पॉलिसी में प्रशासक का भी अहम रोल अदा करता है।)
1. वुडरो विल्सन
2. L.D. व्हाइट
3. मार्शल डिमोक
4. निग्रो
5. पिकनर लोक प्रशासन को अगर संकीर्ण अर्थों में देखें, तो सिर्फ एक कार्यकारी शाखा के रूप में नजर आती है।
समर्थक (Supporter) - 1. हर्बर्ट साइमन 2. लूथर गूलिक 3. आर्डवेटीड 4. फेयोल 5. विलोबी
लोक प्रशासन की प्रकृति को दो भागों में विभाजित किया गया है।
1. समग्र दृष्टिकोण (Overall approach) - इसका क्षेत्र काफी विस्तृत है,इसमें प्रत्येक व्यक्ति प्रशासक होते हैं। इसमें सभी व्यक्तियों की गतिविधियां देखी जा सकती है। समर्थक - व्हाइट और डिमोक
2. प्रबंधकीय दृष्टिकोण (Managerial approach) - इसका क्षेत्र काफी संकुचित होता है। जिसमें एक ही व्यक्ति प्रशासक होता है। समर्थक:- साइमन, स्मिथवर्ग, थाम्पसन, लूथर गूलिक
लोक प्रशासन के क्षेत्र को दो भागों के दृष्टिकोण में देख सकते हैं।
1. तकनीकी दृष्टिकोण (Technical approach) P0SDCORB
इसकी प्रकृति काफी संकुचित है।
2. विषय वस्तु दृष्टिकोण ( Subject matter approach ) इस दृष्टिकोण में तकनीकी दृष्टिकोण की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया। सेवा और प्रशासनिक एजेंसी के कार्यों पर जोर दिया गया इसकी प्रकृति काफी विस्तृत है। इस प्रारुप को POSDCARB का कॉन्प्लीमेंट(पूरक) कहा जा सकता है। आलोचक - लेविस मेरियम लेविस मेरियम ने कहा-लोक प्रशासन एक दो धारी का औजार है। जैसे - कैंची की धार
उपरोक्त सभी तथ्य लोक प्रशासन के महत्व से जुड़े हुए हैं।
Specially thanks to Post Author - दिनेश मीना झालरा, टोंक