मतजाद लफ़्ज दर से बना है, जिस के मायने बद अक़्स या उल्टा के है- अहले ज़बान मतरादफ अल्फ़ाज को ईस्तमाल कर के अपनी बात में ज़ोर पैदा किया करते है-
दरअसल मतजाद अल्फाज का ईस्तमाल करना उर्दू जबान की लजाफ्त और ज़ोश और बयान को बड़ा ने का बाइस है-
इन में किसी भी तरह का तसिफ(बदलाव) करना दुरुस्त(सही) नही है
? कुछ मतजात अल्फाज ?
मुख़्तसर - मुफसिल (REET-2015 लेवल II लेंग्वेज I)
अरूज़ - जवाल (REET-2015 लेवल I लैग्वेज I)