"इस जबान के अल्फाज़ो को सही सही हरफ और इस के ठीक ठीक बनावट के साथ लिखने को "इमला" कहा जाता है"
किसी ज़बान की तहरीरी सूरत या बनावट को इस जबान का "रस्म अलखत" कहा जाता है और यही तरीका ऊर्दू में भी है
जिन अल्फाजो को हम बोलते है इस के सही तलफुज की अदायगी और इन के मफुम को ठीक ठीक समझने की सलाहत जिस कदर जरूरी है, इसी कदर इस अल्फ़ाज को ठीक ठीक लिखना भी जरूरी है इस को इमला कहा जाता है हम जो कुछ बोलते या लिखते है इन को कोई पढ़ता है कोई लिखता है इस लिए इन के इमला और तलफुज का पूरा ध्यान रखना चाहिए
इमला ( Imla ) लिखना और पढ़ना
(1) دلل کے الفاظ الف سے شرو ھو تے ہے "ع" سے نہیں- ( जाहिर के अल्फ़ाज अलिफ़ से शुरू होते है "ऐन" से नही )
آ ثار. ایسا ر آفتا. اوجر اجن. علان. امتان. اصل احسان اوسط. آنح اجل