मुहावरा अरबी जबान का अल्फाज है जिस के मायने ये है "बा हम गुफ्तगू" करना है-
लफजी मायने- वो कलाम जिस को अहले ज़बान ने लफजी मायने की मनासबत या गैर मनासबत से लिसी ख़ास मायने के लिए मख़सूस कर लिया हो I
अस्तलाही मायने- दो या दो से ज्यादा अल्फ़ाज के इस मजमुह हो कहते है, जो किसी ना किसी मसरूर से निकल कर बना हुवा वरा अपने हक़ीक़ी मायने के बजाय किसी दूसरे मिज़ाजी मायने में इस्तमाल किया गया हो,
जैसे➡ पानी में आग लगना जिस के मिजाजी मायने ये है जहा पर लड़ाई ना हो वहा पर लड़ाई करा देना-
मुहावरो के इस की शुरूवात में कायम रखना जरूरी है जिस सूरत में अहले जबान ने पहले इस्तमाल किया हो- मुहावरो में किसी भी तरह की तबदीली नही की जा सकती है
मिशाल- नो दो ग्यारहा होना मुहावरा है - इस को आठ को तीन या चार सात कहा नही जा सकता है या नही कह सकते है
इस तरह से कुछ मुहावरे भी ऐसे है जिन के पास पशत कोई कहानी या वाकया होता है I
मिशाल- अंगूर खटे है I टेटी खीर होना I
उपयोगी मुहावरे
ख़ौफ़ खाना - डर जाना (REET-L-I, L-I) सर पर कफ़न बाँधना - जान देने के लिए तैयार होना (REET-L-I, L-II)