वो कलमा है जिस से किसी इश्म की अच्छाई या बुराई ज़ाहिर हो वो सिफ़त कहलाता है या किसी चीज़ की किसी भी तरह की ख़ूबी या खुसुशीयत को सिफ़त कहते है I
जिस इश्म की ख़ूबी बयान की जाए वो मुसुफ कहलाता है I
जैसे- सफेद घड़ी सिफ़त मुसुफ
गीला रुमाल सिफ़त मुसुफ
जवान आदमी सिफ़त मुसुफ
सिफ़त की पाँच किश्मे है सिफ़त मशबा या जाती सिफ़त निसबत सिफ़त अददी सिफ़त मिकदारी सिफ़त इशारा
इन की तफ़सील (i) सिफ़त मशबा या जाती- वो सिफ़त जिस से किसी चीज़ की अंदरुनी(अन्दर की) कैफ़ियत(हालत) मालुम हो I जैसे- मीठा आम शरीफ बच्चा बदजात, होनहार,बेवकूफ, सख़्त, ठोस, नरम, चालाक, गर्म,ख़ुश (REET-2015 लेवल II लेंग्वेज II)
(ii) सिफ़त निसबत-वो सिफ़त है जो किसी शख़्स या चीज़ के लगाव दूसरे शख़्स या चीज़ के बताये -
जैसे- लखनवी कुरता - कश्मीरी शाल - जयपुरी जूती
(iii) सिफ़त अददी- वो सिफ़त जिस से किसी चीज़ की तादाद(संख्या) का पता चल I
जैसे - चार किताबें - पाँच रूपये - दो भाई
तादाद मालुम हो या तादाद ज़ाहिर हो (A) तादाद मालुम-जिस की तादाद मालुम हो- जैसे-चार लड़के I (B) तादार गैर मालुम- जिस की तादाद मालुम ना हो- जैसे-कुछ लड़के
(iv) सिफ़त मिकदारी-जिस से किसी चीज़ का वजन या नाप वगेरा का पता चले I जैसे- दस ग्राम घी - पाँच लीटर तेल - दो किलो शक्कर
(A) सिफ़त मिकदार मालुम- एक वो जिस की मकदार मालुम हो I जैसे- पाँच सेर आटा
(B) सिफ़त मिकदार गैर मालुम- एक वो जिस की मकदार मालुम ना हो I जैसे- कुछ सेर आटा
(v) सिफ़त इशारा- वो सिफ़त जिस से किसी चीज़ की तरफ इशारा किया जाए I