राजस्थान में रेलमार्गों की स्थिति & वितरण

???राजस्थान में रेलमार्गों की स्थिति???
राजस्थान यद्यपि भारत का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन यहां देश के सबसे पिछड़े राज्यों बिहार उड़ीसा वह मध्यप्रदेश से भी कम रेल मार्ग की लंबाई पाई जाती है राजस्थान में बीकानेर व जोधपुर रियासत के निजी रेल मार्ग  थे जिन्हें 1950 में सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था जयपुर रेलवे स्टेशन पर कंप्यूटरीकृत आरक्षण की सुविधा 18 अक्टूबर 1991 से शुरू की गई थी राजस्थान में प्रथम मीटर गेज व ब्रांड गेज रेल सेवा 14 फरवरी 1873 को व 12 अक्टूबर 1994 में शुरू की गई थी राजस्थान में सर्वाधिक रेलवे का घनत्व जयपुर जिले में पाया जाता है राजस्थान निर्माण के समय राज्य में 4,989 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग थे ब्रोडगेज की पैलेस ऑन व्हील्स का निर्माण सितंबर 1995 में किया गया था राजस्थान में रेलवे ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना उदयपुर में 1955 में की गई थी मारवाड़ में पहली बार रेल 24 जून 1882 में पाली व मारवाड़ जंक्शन के बीच शुरू की गई थी राजस्थान में सबसे लंबे रेल मार्ग पश्चिमी रेलवे मंडल के अंतर्गत है 21 जून 2002 को पाली व मारवाड़ी के बीच चलाई गई हेरिटेज रेल (शाही रेल) का नाम यादगार है 1 अप्रैल 2003 को उत्तर पश्चिमी रेलवे का मुख्यालय जयपुर में बनाया गया स्वदेशी नेता किशन लाल सोनी बूंदी ने 25 वर्षों के अथक प्रयास के कारण इन्हें राजस्थान का रेल बाबा कहा जाता है जयपुर को छत्तीसगढ़ से रेल सेवा द्वारा जोड़ने वाली रेल 6 जुलाई 2002 को जयपुर दुर्ग यात्री गाड़ी शुरू की गई थी 27 दिसंबर 2002 को पटना से अजमेर के बीच इबादत एक्सप्रेस रेल गाड़ी शुरू की गई थी राजस्थान में देश के रेल मार्गो का 9.4 प्रतिशत पाया जाता है राज्य में प्रति 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रेलमार्गो की लंबाई 16.89 किलोमीटर पाई जाती है राजस्थान में 10000 जनसंख्या के पीछे 2.94 किलोमीटर रेल मार्ग जापान के सहयोग से बनने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में मेवाड़ के रेलखंड शामिल होंगे (26 अक्टूबर 2012) जिसमें मेवाड़ के राजसमंद भीलवाड़ा पाली मारवाड़ नया गांव (नीमच-मध्य प्रदेश)शामिल है इस दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर योजना (लंबाई 1483 किलोमीटर) का 39 प्रतिशत भाग राजस्थान का है         



???राजस्थान में रेलमार्गो का वितरण??? 


राजस्थान में रेलमार्ग का वितरण क्षेत्रीय दृष्टि से समान नहीं है जैसलमेर बांसवाड़ा डूंगरपुर टोक झालावाड़ व जालौर आदि जिले राजस्थान के लगभग 27% क्षेत्रफल विस्तृत हैं लेकिन इन में रेलमार्गो की लंबाई बहुत ही कम है इस प्रकार राजस्थान के लगभग 20% क्षेत्र में प्राय: नाम मात्र की रेल सेवा उपलब्ध है मुख्य कारण यह है कि जैसलमेर जो राजस्थान के शुष्क व रेतीले भाग में स्थित है बहुत ही कम जनसंख्या रखता है और कृषि के लिए किसी सीमा तक निषेधात्मक क्षेत्र है अत:रेलमार्ग के  विकास की आवश्यकता या अधिक ध्यान नहीं दिया गया है लेकिन अब इंदिरा गांधी नहर के प्रस्तावित विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए यह कह सकते हैं कि भविष्य में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध होने में कृषि कार्य में वृद्धि होगी और रेल मार्गों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा बांसवाड़ा डूंगरपुर व प्रतापगढ़ जिले अरावली पहाड़ियों में स्थित है पहाड़ी भूभाग और विकसित प्रकृति के कारण क्षेत्र में भी रेलमार्गो की लंबाई कम है रेल मार्गो की सामान्य विशेषताओं का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि अरावली के पश्चिम में रेल मार्ग कही दूरी तक सीधे हैं क्योंकि पहाड़ियों की अनुपस्थिति इस में सहायक है जबकि अरावली प्रदेश में रेल मार्ग घुमावदार रास्तों को अपनाते हैं भूमि की प्रकृति के अनुसार कई स्थानों पर रेल मार्ग को प्राकृतिक बाधाओं से बचने के लिए लंबे लंबे घुमाव देने पड़ते हैं राजस्थान में बांसवाड़ा प्रतापगढ़ व टोक जिला मुख्यालय अभी तक रेल सेवा से नहीं जुड़े हैं टोक को बजट 2015-16 मे रेल लाइन पर जोड़ने की घोषणा की गई है राज्य में गत 11वीं पंचवर्षीय योजना के समय प्रत्येक रेल मार्ग ग्रामीण जनसंख्या व कृषि उत्पादों के हेतु परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए कई छोटे छोटे स्टेशन बना दिए गए हैं जहां पर यात्रियों के लिए प्रतीक्षा गृह आराम गृह जल की व्यवस्था स्नान गृह शौचालय सामग्री भवन पार्सल भवन की सुविधाएं प्रदान की गई है

राजस्थान में चलने वाली रेल गाड़ियों को उनकी पहचान के लिए ऐतिहासिक सामाजिक सांस्कृतिक धार्मिक व भौतिक विशेषताओं के आधार पर उनका नामकरण किया गया है जैसे 


  1. आश्रम एक्सप्रेस दिल्ली अहमदाबाद

  2. पिंक सिटी एक्सप्रेस-दिल्ली जयपुर उदयपुर

  3. चेतक एक्सप्रेस उदयपुर दिल्ली

  4. इबादत एक्सप्रेस पटना अजमेर



यादगार पाली मारवाड़ जंक्शन सूर्यनगरी एक्सप्रेस जोधपुर अहमदाबाद मुंबई सुपरफास्ट जयपुर मुंबई मीनाक्षी एक्सप्रेस जयपुर महू आदि ट्रेनें हैं

???राजस्थान में रेलवे मंडल व संबंधित जिले???
1⃣  उत्तरी रेलवे मन्डल??


उत्तरी रेलवे मन्डल की लंबाई 328.5 किलो मीटर (मीटर गेज) व 104 (बड़ी लाइन) है इस मंडल में चूरु श्री गंगानगर हनुमानगढ़ सूरतगढ़ सवाई माधोपुर जिले हैं

2⃣  मध्य रेलवे??


इसका मुख्यालय कोटा जिला है इस मंडल में बड़ी लाइन की लंबाई 114.3 और नेरोगेज लाइन की 88.79 किलोमीटर है इस मंडल में श्री गंगा नगर भरतपुर व धौलपुर जिले आते हैं

3⃣  पश्चिमी रेलवे मंडल??


 इस मंडल का मुख्यालय अजमेर जिला है इस मंडल में मीटर गेज लाइन की लंबाई 2523.5 किलोमीटर व बड़ी लाइन की लंबाई 397 किलोमीटर है इस मंडल में आबू उदयपुर व अलवर कोटा सवाई माधोपुर जिले आते हैं

4⃣  उत्तर पश्चिमी रेलवे??, 


इस मंडल का मुख्यालय जयपुर में है इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 को की गई थी इस मंडल के अंदर जोधपुर बीकानेर जयपुर अजमेर जिले आते हैं   


राजस्थान में रेलमार्गों का वितरण भौतिक आर्थिक सामाजिक राजनीतिक और सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित हुआ है इस अनुसार रेल मार्गों का राजस्थान की विभिन्न क्षेत्रों में  क्षेत्रीय विभिन्नताएं लिए हुए दिखाई देता है जो कि निम्न प्रकार है

1⃣??उत्तरी राजस्थान में रेलों का वितरण??
राजस्थान के उत्तरी भाग में रेलों का वितरण विरल पाया जाता है श्री गंगानगर हनुमानगढ़ चुरू झुंझुनू सीकर जिले इसके अंतर्गत आते हैं यहां पर रेल मार्ग सीधे पाए जाते हैं साथ ही इस प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां सीमित पाई जाती है राजस्थान में केवल श्री गंगानगर जिला ही आर्थिक दृष्टि से संपन्न है अन्य सभी जिले पिछड़े हुए हैं

2⃣??दक्षिण राजस्थान में रेलो का वितरण??
दक्षिणी राजस्थान का अधिकांश भाग पठारी और असमतल है अतः या रेलमार्ग टेढ़े-मेढ़े और घुमावदार हैं कही कही तीव्र ढाल के कारण यातायात में कठिनाई होती है यह क्षेत्र कम सघन बसे हैं यहां रेलों का विकास कम हुआ है यहां पर या तो रेल मार्ग का अभाव पाया जाता है अथवा न्यूनतम रेल मार्ग पाया जाता है उदयपुर प्रतापगढ़ सिरोही डूंगरपुर बांसवाड़ा जिले इस में आते हैं

3⃣??पश्चिमी राजस्थान में रेलवे का वितरण??


पश्चिमी राजस्थान का अधिकांश भाग मरुस्थलीय है जहां पर आर्थिक क्रियाओं को संचालित करना कठिन है साथ ही यहां पर जलवायु संबंधी कठोरता विषय उच्चावच बालू का विस्तार पडत़ व बंजर भूमि जलाभाव आर्थिक क्रियाओं की न्यूनतम संभावना धात्विक और अधात्विक खनिजो की कमी होने के कारण यहां पर रेल मार्गो की आवश्यकता भी कम है अत: रेल मार्गो की कमी पायी जाती है वर्तमान में इंदिरा गांधी नहर के आने से यहां संभावना निरंतर बढ़ रही है भविष्य में रेलमार्गों को विकसित किया जाएगा

4⃣??मध्यवर्ती राजस्थान में रेल का वितरण?? 


इन भागों में रेलमार्गों का सघन जमाव पाया जाता है अजमेर नागौर का पूर्वी भाग पूर्वी पाली जयपुर जिले इसके अंतर्गत आते हैं जहां पर खनिज जनसंख्या कृषि उद्योगों का सघन जमाव पाया जाता है अतः रेलों का जाल बिछा है

5⃣??पूर्वी राजस्थान में रेलों का वितरण??
पूर्वी मैदानी भाग सघन आबाद उर्वर व  समतल प्रदेश है जहां रेलमार्गो का अच्छा विकास हुआ है समतल प्रदेश होने के कारण यहां रेल मार्ग सीधे हैं वर्षा ऋतु में रेल मार्ग को कुछ क्षेत्रों  मे क्षति पहुंचती है साथ ही पुलों के निर्माण भी अधिक करना पड़ता है लेकिन आर्थिक दृष्टि से यह प्रदेश समुन्नत है इस प्रदेश में ब्रोडगेज नेरोगेज मीटरगेज पाए जाते हैं

6⃣??दक्षिण पूर्वी राजस्थान में रेलों का वितरण??


इसके अंतर्गत कोटा बारा झालावाड चित्तौड़ जिले की रावतभाटा तहसील हाड़ौती पठार  का दक्षिण भाग सम्मिलित है कोटा जिले के रेलो का सघन बयान है अन्य भागों में सामान्य श्रेणी के रेलमार्ग का जमाव पाया जाता है यद्यपि यह क्षेत्र पर्याप्त जलापूर्ति कृषि उत्पादन में अग्रणी है लेकिन खनन की कमी और सड़कों की अधिकता से रेल परिवहन की मांग कम ही है

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