राजस्थान में रेल परिवहन(Rail transport in Rajasthan)

राजस्थान में रेल परिवहन(Rail transport in Rajasthan)


रेल परिवहन( Rail transport)
स्थलीय परिवहन में रेल सबसे महत्वपूर्ण साधन है रेल परिवहन का विकास विश्व में 165 वर्ष पूर्व से ही प्रारंभ हो चुका था सर्वप्रथम 1830(1829 में इंग्लैंड) ब्रिटेन में मेनचेस्टर से लीवर पुल के बीच रेल सेवा प्रारंभ हुई जिसके निर्णायक स्वयं जॉर्ज स्टीफेंसन (George Stephenson) थे
देश में माल ढोने और यात्री परिवहन का मुख्य साधन रेले हैं भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड डलहौजी( Lord Dalhousie )के कार्यकाल में  प्रारंभ हुआ था इंग्लैंड की ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी और ग्रेट इंडियन पेनिनस्यूलर रेलवे (great indian peninsula railway) कंपनी ने भारत में रेल लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया
भारत में रेल सेवा का प्रारंभ 16 अप्रैल 1853 को हुआ था जब देश की पहली रेलगाड़ी बोरी बंदर मुंबई से थाने(Mumbai to Thane) के बीच 33.81 किलोमीटर फासले पर चलाई गई यह रेल ग्रेट इंडियन पेनिनस्यूलर रेलवे कंपनी ने स्थापित की थी इसके बाद 15 अगस्त 1854 को हावड़ा से हुगली के बीच रेल सेवा की शुरुआत की गई थी भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी और एकल प्रबंध व्यवस्था में विश्व में दूसरे स्थान पर है भारतीय रेलवे विश्व में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेलवे है
भारतीय रेल व्यवस्था पुर्व में नो क्षेत्रीय रेल जोनों में विभाजित थी 1 अक्टूबर 2002 में देश में दो ने रेल जोनो ने कार्य आरंभ किया था 1-पूर्वी मध्य रेलवे मुख्यालय हाजीपुर का गठन पूर्वी और पूर्वोत्तर रेलवे जोन में किया गया है 2-उत्तर पश्चिमी रेलवे मुख्यालय जयपुर इसका गठन उत्तरी और पश्चिमी रेलवे के कुछ क्षेत्रों को लेकर किया गया है इसके पश्चात 4 जुलाई 2002 की अधिसूचना के तहत  5 नये रेलवे जोन 1 अप्रैल 2003 से गठित किए गए थे इस प्रकार 1 अप्रैल 2003 को देश में 16 रेलवे जोन हो गए थे साथ ही केंद्र सरकार द्वारा 8 नये रेल मंडल का गठन किया गया था जिनको मिला कर देश में कुल 67 रेल मंडल हो गए थे

वर्तमान में कुल 68 रेल मंडल है जो उपरोक्त 17 रेल जोन के अंतर्गत कार्य करते हैं कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro) की 17 रेलवे जोन के रूप में स्थापना की गई थी जिसकी स्वीकृति 29 दिसंबर 2010 को दी गई है इसका मुख्यालय कोलकाता में है

16 अप्रैल 2017 को भारतीय रेलवे ने अपनी स्थापना के 164 वर्ष पूरे किए थे
काकोदकर समिति समिति ने रेल की सुरक्षा संबंधी अनुशंसाएं दी थी फरवरी 2012 में सैम पित्रोदा समिति भारतीय रेलवे का आधुनिकरण के संबंध में अनुशंसा की है मधेपुरा बिहार के इस स्थान में इलेक्ट्रिक इंजन फैक्ट्री और मरहौरा में डीजल इंजन फैक्ट्री लगाई जाएगी पहली निजी मेट्रो लाइन देश की प्रथम निजी मेट्रो रेल लाइन गुडगांव के सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन से राष्ट्रीय राजमार्ग 8 तक है इस लाइन का उद्घाटन 2013 में किया गया था

राजस्थान में रेल परिवहन
राजस्थान में रेल मार्ग परिवहन का महत्व पूर्ण अंग है जो न केवल आंतरिक परिवहन अपितु राज्य को देश के अन्य भागों से जोड़ता है

रेल मार्ग का अर्थ 
दो समांतर लोह पट्टियों द्वारा निर्मित मार्ग जिस पर रेल गाड़ियां चलती है उसे रेल मार्ग कहते हैं इन लोह पट्टियों के बीच की दूरी में अंतर भी मिलता है जिसे रेलवे गेज करते हैं

राजस्थान में रेलमार्गो का विकास

राजस्थान में रियासतों का काल आर्थिक विकास के पतन का समय रहा है  परिवहन व संचार के साधनों के विकास पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया था कुछ रियासतों ने अपनी निजी रेलमार्गों का निर्माण करवाया जिसमें बिकानेर और जोधपुर प्रमुख थे स्वतंत्रता से पूर्व ही राजस्थान में अनेक रेल मार्गो का विकास हो चुका था जिन्हें ब्रिटिश शासकों और स्थानीय शासकों ने आपसी समझौते से निर्मित किया था इस प्रकार का समझौता 1873 में जयपुर राज्य के मध्य किया गया और फल स्वरुप अप्रैल 1874 में राज्य में पहली रेल आगरा फोर्ट (Agra Fort) से बांदीकुई तक प्रारंभ की गई थी इसके पश्चात दिल्ली से अलवर ( Alwar from Delhi) और अलवर से बांदीकुई तक रेलमार्ग प्रारंभ हुआ 1879 को भारतीय रेलवे गारंटी एक्ट पास हुआ था अगस्त 1879 में अजमेर में रेलवे का कारखाना खोला गया

1 जनवरी  1881 को अहमदाबाद अजमेर रेल मार्ग प्रारंभ हुआ 1 दिसंबर 1884 को अजमेर खंडवा और 31 जनवरी 1885 को लूनी जोधपुर रेल मार्ग बना इसी क्रम में 1887 में लूनी जंक्शन से पचपदरा और 1891 में जोधपुर मेड़ता मेड़ता रोड से नागौर नागौर से बीकानेर रेल मार्ग बना था अगस्त 1895 मे चित्तौड़गढ़ से देवारी 1897 में उदयपुर रेलवे की स्थापना की गई थी 1900 से 1948 अर्थात स्वतंत्रता से पूर्व राज्य में जयपुर कोटा बीकानेर उदयपुर रेल मार्ग विकसित किए थे धोलपुर एक छोटी रियासत होने से यह एक नेरोगेज रेल धौलपुर से बाड़ी होते हुए तंतुक और दूसरी समरथपुरा तक1908 में प्रारंभ हुई थी
स्वतंत्रता से पूर्वी राजस्थान में 80% से अधिक रेल मार्ग का निर्माण ब्रिटिश काल में ही हो चुका था

1950 में राजस्थान की सभी रियासतों के रेल मार्गों को भारत सरकार ने अपने नियंत्रण में कर उन का पुनर्गठन कर दिया था इन पुनर्गठन व्यवस्था के अंतर्गत जयपुर और उदयपुर के रेलमार्ग पश्चिमी रेलवे के अंतर्गत और जोधपुर व बीकानेर के रेल मार्गो को उत्तरी रेलवे के अंतर्गत शामिल कर लिया गया था  

राजस्थान में रेलवे जोन और राजस्थान में संचालित विशेष रेल 
वर्तमान में भारत में 17 रेलवे जोन है जिनमें से एकमात्र रेलवे जोन उत्तर-पश्चिमी रेलवे जोन जयपुर में स्थित है इस रेलवे जोन की स्थापना 1 अप्रैल 2003 को की गई थी इसका मुख्यालय जयपुर में है राजस्थान में स्थित पांच मंडल जयपुर जोधपुर अजमेर बीकानेर और कोटा में से कोटा को छोड़कर शेष सभी मंडल उत्तर-पश्चिमी रेलवे जोन में आते हैं कोटा रेल मंडल एकमात्र ऐसा मंडल है जो पश्चिमी मध्य जोन  में स्थित है जिसका मुख्यालय जबलपुर स्थित है
वर्तमान में राजस्थान में एक जोन और कुल 5 मंडल कार्यालय हैं और 2 जोन कार्यरत हैं राजस्थान में प्रथम रेल की शुरूआत जयपुर रियासत से आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच 18 अप्रैल 1874 में हुई थी
रेलवे हमारे संविधान में संघ सूची का विषय बनाया गया है

पैलेस ऑन व्हील्स( रेल पहियों का राजमहल)-Palace on Wheels
राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के सहयोग से सहयोग पर राज माल अर्थात पैलेस ऑन व्हील  प्रारंभ की गई थी इस ट्रेन का आरंभ 26 जनवरी 1982 को किया गया था इस ट्रेन ने वर्ष 2013 का उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ लग्जरी ट्रेन का खिताब जीता है इस ट्रैन को राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड व भारतीय रेलवे द्वारा संचालित किया जाता है दिल्ली निवासी मोनिका खन्ना ने इस रेलगाड़ी की आंतरिक सज्जा की है इस गाड़ी में 14 कोच 2 रेस्तरा(द-महाराजा और द-महारानी है इसका रूट दिल्ली जयपुर  सवाई माधोपुर चित्तौड़ उदयपुर जैसलमेर जोधपुर से आगरा तक है

ब्रोडगेज की पैलेस ऑन व्हील्स का प्रारंभ सितंबर 1995 में किया गया था

हेरिटेज ऑन व्हील्स(Heritage on Wheels)
हेरिटेज ऑन व्हील रेल का प्रारंभ 17 फरवरी 2009 से राजस्थान में किया गया था पश्चिमी मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा रेलवे का पहला इंजीनियरिंग सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर कोटा में खोला है

मोनोरेल(Monorail)

राजस्थान के छह शहरों जयपुर जोधपुर कोटा उदयपुर अजमेर और बीकानेर में मोनो रेल चलाने का प्रस्ताव मलेशियन कंपनी एम. रेल इंटरनेशनल द्वारा राज्य सरकार को दिया गया है इसके तहत दो डिब्बों वाली मोनो रेल का संचालन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राजस्थान निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की देखरेख में किया जाएगा कंपनी द्वारा राज्य में रेल कोच असेंबली स्थापित की जाएगी

थार एक्सप्रेस(Thar express)
भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के मध्य में थी संबंधों की स्थापना करने के उद्देश्य से थार एक्सप्रेस रेल का संचालन  राज्य में किया गया यह रेल जोधपुर मुनाबाव बाड़मेर से खोखरापार(पाकिस्तान) के मध्य चलाई गई थी यह ट्रेन 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इसे बंद बाड़मेर जिले के मुनाबाव से पाकिस्तान में खोखरापार होते मीरपुरखास तक 18 फरवरी 2006 से चालू किया गया था कर दिया गया था!अब पुन: चालू कर जोधपुर से मुनावाब तक इसे लिंक एक्सप्रेस और मुनावाब से जीरो पॉइंट तक इसे थार एक्सप्रेस कहा जाता है

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