Concept of Accounting | लेखांकन की अवधारणा

1. पृथक अस्तित्व की संकल्पना (Entity Concept) - इस संकलपना के अंदर व्यवसाय व्यवसाय के स्वामी का अस्तित्व प्रथक प्रथक माना गया है । म कर राशि का स्वामी व्यवसाय में पूंजी लगाता है और जो व्यवसाय के लिए एक दायित्व होता है।

2. मुद्रा मापन की संकल्पना (Money Measurement Concept) - इस संकल्पना के अंदर लेखांकन में ऐसे व्यवहारों को लिखा जाता है जिन का मापन मुद्रा में किया जा सकता है अर्थात ऐसे व्यवहार या लेन-देन जिनको मुद्रा में मापा नहीं जा सकता है उनको लेखा पुस्तको में दर्द नहीं किया जाता है चाय व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण हो या नहीं ।

3. निरंतरता की संकल्पना (Going Concern Concept) - इस संकल्पना के अंतर्गत व्यवसाय की स्थापना यह मानकर की जाती है कि व्यवसाय अनंत वर्षों तक चले अर्थात निरंतर चलता रहे व्यवसाय की स्थापना को एक निश्चित वर्षों में मानकर नहीं की जानी चाहिए।

4. लेखांकन अवधि संकल्पना (Accounting Peroid Concept) - संकलपना के अंदर लेखांकन आरती 1 वर्ष की होनी चाहिए जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की होती है जिसे वित्तीय वर्ष कहा जाता है ।

5 लागत संकल्पना cost concept~ कि संकलपना के अंदर सभी संपत्तियों का लेखा उनके लागत मूल्य पर किया जाता है।

6 द्विपक्षीय संकल्पना dual aspect concept ~ इस संकलपना के अंदर प्रत्येक व्यवहार का प्रभाव दो खातों पर पड़ता है एक नाम पक्ष दूसरा जमा पक्ष

व्यवहार का प्रभाव दो खातों पर होने से दोनों हाथों पर राशि का सामान प्रभाव होता है  इसी को द्विपक्षीय  संकलपना कहा जाता है ।

7 आगम मान्यता तो संकल्पना revenue recognition concept ~ इस संकलपना के अंदर आ गम अथवा आए को पुस्तकों में सभी दर्ज किया जाएगा जब वह वास्तविक रुप में प्राप्त हो जाए ।

8 आगम व्यय मिलान संकल्पना matching concept ~ इस संकलपना के अंदर एक वित्तीय वर्ष की अवधि में प्राप्त होने वाली आयोग का मिलान उसी अवधि में भुगतान किए जाने वाले व्यय किया जाना चाहिए ।

9 उपार्जन संकल्पना accrual concept ~ संकल्पना के अंदर प्रत्येक व्यवहारों का लेखा उनके अधिकृत होने के समय से उपस्थित होने के समय पुस्तकों में दर्ज किया जाता है ।

10 * पूर्ण प्रस्तुतीकरण संकल्पना full disclosure concept  ~ इस संकलपना के अंदर सभी सूचनाओं का प्रस्तुतीकरण किया जाना चाहिए एवं जो महत्वपूर्ण सूचनाएं हैं उनको एक अलग शीर्षक बनाकर दर्शाया जाना चाहिए ।

11 सम अनुरूपता एवं संगतता की संकल्पना consistency concept ~ संकल्पना के अंदर व्यवसाय द्वारा अपनाए जाने वाली लेखांकन नीतियों सिद्धांतों को निरंतर वर्षों तक उपयोग करते रहना चाहिए ।

12 रुढ़िवादिता की संकल्पना conservation concept  ~ इस संकलपना के अंदर व्यवसाय में होने वाले लाभों को अनावश्यक रुप से बढ़ा चढ़ाकर नहीं दिखाना चाहिए जैसे -  स्टॉक का मूल्यांकन , डूबत ओर  संदिग्ध ऋणों पर आयोजन, मूल्य हास आदि का लेखा इस संकल्पना के अंदर किया जाता है।

13 सारता की संकल्पना materiality concept ~ इस संकल्पना के अंदर  लेखांकन में  उन्ही  सूचनाओं ओर तथ्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए जो व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण हो।

14 वस्तुनिष्ठता की संकल्पना objectivity concept ~ इस संकलपना के अंदर व्यवसाय में लिखे जाने वाले प्रत्येक व्यवहार को उसके प्रमाणको के आधार पर लिखा जाना चाहिए एवं प्रमाणक , रसीद , बीजक आदि हो सकते है

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