Triple Talaq ( तीन तलाक )

Triple Talaq


तीन तलाक 


 

1400 साल पुरानी ट्रिपल तलाक प्रथा यानी तलाक ए विद्दत्त के खिलाफ बिल लोकसभा में 7 घंटे के भीतर पास हो गया 29-12-2017 गुरुवार को 12:33 पर बिल लोकसभा में पेश हुआ और 7:34 पर पास हो गया इस दौरान कई संशोधन पेश किए गए लेकिन सब खारिश हो गए

इनमें ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन संसद असदुद्दीन ओवैसी के भी 3 संशोधन थे लेकिन यह सभी खारिज हो गए

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कथन ( Statement of Law Minister Ravi Shankar Prasad )


यह बिल धर्म विश्वास और पूजा का मामला नहीं है बल्कि Gender justice और Gender equality का है अगर देश की मुस्लिम महिलाओं के हित में खड़ा होना अपराध है तो हम यह अपराध 10 बार करेंगे

रविशंकर प्रसाद निम्न देशों का हवाला दिया ( Ravi Shankar Prasad cited the following countries )


बांग्लादेश ( Bangladesh ) - कानून मंत्री ने कहा मैं बांग्लादेशी कानून का क्लास सेवन पढ़ रहा हूं कोई भी शख्स जो अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है वह तलाक के किसी भी तरीके के इस्तेमाल के बाद चेयरमैन को लिखित में इसके बारे में बताएगा इसकी एक कॉपी उसकी पत्नी को भी दी जाएगी इसका उल्लंघन करने वाले को 1 साल तक जेल और जुर्माना या जेल के साथ जुर्माने की सजा होगी

पाकिस्तान ( Pakistan )- पाकिस्तान आतंकवादी देश है लेकिन यहां कुछ लोग हैं जो पाकिस्तान से प्रभावित होते हैं इसलिए कानून मंत्री ने वहां का कानून भी बता दिया उन्होंने कहा कोई भी शख्स जो अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है किसी भी तरह का तलाक देने के बाद ऐसा करने की लिखित में सूचना देना होगा और इसकी एक कॉपी पत्नी को दी जाएगी ऐसा ना करने पर जुर्माना या 1 साल की जेल के साथ ₹5000 का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है

इन देशों का भी उल्लेख कानून मंत्री ने किया

कानून मंत्री ने कहा Afghanistan, Tunisia, Turkey, Morocco, Indonesia, Egypt, Sri Lanka, Iran, में Triple Talaq को बैन कर रखा है जब इस्लामिक देशों में Triple Talaq पर रेगुलेशन है तो हमारे सेकुलर देश में क्यों नहीं यह धर्म विश्वास और पूजा का मसला नहीं है यह Gender equalityGender justice का मसला है

बिल के बारे में कानून मंत्री का कथन ( Law Minister's statement about the bill )


रविशंकर प्रसाद ने कहा हमने बहुत छोटा सा बिल बनाया है इसमें तलाक ए विद्दत्त को गैरकानूनी बताया गया है अगर आप ट्रिपल तलाक कहेंगे तो आप जेल जाएंगे आपको अपनी पत्नी और बच्चों को मुआवजा देना होगा

आपकी पत्नी को नाबालिग बच्चों की कस्टडी मांगने का हक होगा आरोपी को पुलिस से बेल नहीं मिलेगी वह कोर्ट में मजिस्ट्रेट के पास बेल के लिए अप्लाई कर सकता है  मजिस्ट्रेट के पास वह पावर है कि वह हैसियत और इनकम देखकर मामले पर विचार करेगा

ट्रिपल तलाक देने पर सजा का क्या प्रावधान है ( What is the provision of punishment on triple talak )


बिल के मुताबिक जुबानी ,लिखित या किसी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से एक साथ तीन तलाक देना गैरकानूनी और गैर जमानती होगा

तीन तलाक देने वाले पति को 3 साल की सजा के अलावा जुर्माना भी होगा साथ ही इसमें महिला अपने नाबालिक बच्चों की कस्टडी और गुजारा भत्ते का दवा भी कर सकेगी मसौदे के मुताबिक एक बार में तीन तलाक तलाक ए विद्दत्त किसी भी तौर पर गैरकानूनी ही होगा जिसमें बोलकर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए भी एक बार में तीन तलाक देना शामिल है

ऑफिशियल के मुताबिक हर्जाना और बच्चों की कस्टडी महिला को देने का प्रोविजन इसलिए रखा गया है ताकि महिला को घर छोड़ने के साथ ही कानूनी तौर पर सिक्योरिटी हासिल हो सके इस मामले में आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकेगी देश में पिछले 1 साल से तीन तलाक के मुद्दे पर छिड़ी बहस और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने इस बिल का मसौदा तैयार किया सुप्रीम कोर्ट पहले ही तीन तलाक तलाक ए विद्दत्त महिलाओं के विरुद्ध तथा मानवता के खिलाफ और गैरकानूनी बता चुका है

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का क्या कहना है ( What does the Muslim Personal Law Board say? )


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार के तीन तलाक बिल को महिलाओं के हक के खिलाफ बताया है साथ ही दावा किया है कि इससे कई परिवार बर्बाद हो जाएंगे बोर्ड ने कहा है कि यह मुस्लिम पुरुषों से तलाक का हक छीनने की बहुत बड़ी साजिश है बिल को गैरकानूनी बताते हुए बोर्ड ने सरकार से इसे वापस लेने की अपील की है

महिला बोर्ड के चेयर पर्सन शाइस्ता अंबर का कहना है कि निकाह एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जो भी इसे तोड़ेगा उसे सजा मिलनी चाहिए हालांकि अगर बिल कुरान और संविधान के मुताबिक नहीं है तो कोई भी मुस्लिम महिला इसे मंजूर नहीं करेगी

कानून बनाने के लिए कितना वक्त दिया था सुप्रीम कोर्ट ने ( The Supreme Court gave the time to make the law )


23 अगस्त को 1400 साल पुरानी तीन तलाक की प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था पांच जजों की बेंच ने 3:2 के अनुपात की मेजॉरिटी से कहा था कि एक साथ तीन तलाक करने की प्रथा तलाक ए विद्दत्त Unconstitutional अर्थात असंवैधानिक और Illegal अर्थात गैरकानूनी है बैच में शामिल दो जजों ने कहा था कि सरकार तीन तलाक पर 6 महीने में कानून बनाए

किस तलाक को खारिज किया और कौन सा तलाक अभी भी बरकरार है


सुप्रीम कोर्ट ने तलाक ए विद्दत्त को खारिज कर दिया था लेकिन सुन्नी मुसलमानों के पास दो ऑप्शन बरकरार हैं

  1. तलाक ए अहसन ( talak e ahasan )

  2. तलाक ए हसन


1. तलाक ए अहसन ( talak e ahasan )- इसके अनुसार एक मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को महीने में एक बार तलाक कहता है अगर 90 दिन के भीतर सुलह हो गई तो ठीक है वरना कोशिश नाकाम रहने पर 3 महीने में तीन बार तलाक कहकर पति पत्नी अलग हो जाते हैं इस दौरान पत्नी इद्दत (सिपरेशन का वक्त) गुजारती है विद्युत का वक्त पहले महीने में तलाक कहने से शुरू हो जाता है

2. तलाक ए हसन ( talak e hasan ) - इसके तहत पति अपनी पत्नी को रज चक्र के दौरान तलाक कहता है 3 चक्कर में तलाक कहने पर तलाक पूरा हो जाता है

सुप्रीम कोर्ट एक साथ तीन बार तलाक कहने पर ( तलाक ए विद्दत्त ) पर ही रोक लगाई है सुप्रीम कोर्ट ने तलाक ए अहसन और तलाक ए हसन को बरकरार रखा है

 

Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )

अमर किशोर जी ( बिहार ), चित्रकूट त्रिपाठी (राजस्थान)


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