आजाद भारत की सफल महिला खिलाड़ी

सानिया मिर्ज़ा - मौजूदा समय में महिला डबल्स में वर्ल्ड की नंबर एक खिलाड़ी सानिया मिर्जा को सरकार ने इस बार के खेल रत्न से नवाजने का फैसला किया है. तीन मिक्स्ड डबल्स ग्रैंड स्लैम जीत चुकी सानिया विंबलडन का डबल्स खिताब भी जीत चुकी हैं. सानिया को उनके खेल के लिए अर्जुन अवॉर्ड तथा पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. सानिया भारत की सफलतम महिला टेनिस खिलाड़ी हैं.

साइना नेहवाल - राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित साइना नेहवाल बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में शीर्ष तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला शटलर हैं. साइना ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था, ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. इसके अलावा भी साइना ने ढ़ेरों उपलब्धियां हासिल की हैं.

गीता फोगाट  - गीता फोगाट कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. उन्होंने यह कारनामा दिल्ली2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स की फ्रीस्टाइल कैटेगरी में किया था. उन्होंने 2009 कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था. गीता ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी हैं. गीता ने एशियन कैडेट चैंपियनशिप 2003,04,05 में लगातार पदक जीते थे.

दीपिका पल्लीकल - दीपिका पल्लीकल वर्ल्ड रैंकिंग के टॉप टेन में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला स्क्वैश प्लेयर हैं. अपने करियर में कई टूर्नामेंट जीत चुकीं दीपिका को पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. दीपिका ने यूरोपियन जूनियर स्क्वैश सर्किट में जर्मन ओपन, डच ओपन, फ्रेंच ओपन, ऑस्ट्रेलियन ओपन, स्कॉटिश ओपन के खिताब अपने नाम किए हैं.

अंजू बॉबी जॉर्ज  - 2003 की वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप में कांस्य जीतकर ऐसा करने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी अंजू बॉबी जॉर्ज भारतीय एथलेटिक्स के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक हैं. उन्होंने IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल में गोल्ड मेडल भी जीता था. अंजू को पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड तथा खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.

दीपिका कुमारी - भारतीय तीरंदाज हैं जो कि अभी वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवे नंबर पर मौजूद हैं. (दीपिका वर्ल्ड नंबर वन भी रह चुकी हैं.) दीपिका ने दिल्ली2010 कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता था. दीपिका ने 2012 में व्यक्तिगत रिकर्व श्रेणी में वर्ल्डकप भी जीता था. 2013 आर्चरी वर्ल्डकप स्टेज थ्री में गोल्ड मेडलिस्ट दीपिका को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

अंजलि भागवत - खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्डी अंजलि भागवत दस मीटर एयर राइफल में वर्ल्ड नंबर एक रह चुकी हैं. 2003 में उन्होंने 399/400 के स्कोर के साथ वर्ल्ड कप जीता था. भागवत ने ISSF चैंपियन ऑफ चैंपियंस अवॉर्ड जीता था और वो ISSF महिला पुरुष मिक्स्ड एयर राइफल इवेंट चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली इकलौती भारतीय हैं. अंजलि ओलंपिक फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला शूटर हैं.

सिंधु - भारतीय बैडमिंटन की नई सनसनी के रूप में उभर रही सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिंगल्स मुकाबलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन प्लेयर हैं. उनसे पहले इस प्रतियोगिता में भारत को सिर्फ एक पदक मिला था जो कि 1983 में प्रकाश पादुकोण द्वारा जीता गया था. सिंधु पद्मश्री से भी सम्मानित हो चुकी

कृष्णा पूनिया - कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट कृष्णा पूनिया कॉमनवेल्थ गेम्स की ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला होने के साथ ही ऐसी प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने वाली मिल्खा सिंह के बाद सिर्फ पहली एथलीट थीं. पूनिया ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड के फाइनल राउंड तक पहुंचने वाली छठी भारतीय एथलीट हैं.

शाइनी विल्सन - पूर्व भारतीय एथलीट हैं. शाइनी 800 मीटर रेस में चौदह सालों तक नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं. विल्सन ने 75 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा वो लगातार छह बार एशियन ट्रैक एंड फील्ड में भाग लेने वाली एकलौती एथलीट हैं.

कर्णम मल्लेश्वरी - 1995 की एशियन चैंपियनशिप जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी थी. 9 साल तक नेशनल चैंपियन रह चुकी मल्लेश्वरी को खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए 1994 में अर्जुन अवार्ड तथा 1995-96 में खेलों से संबंधित देश के सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के अलावा 1999 में पद्मश्री से नवाजा गया है

पीटी ऊषा  - एशियन ट्रैक एंड फील्ड में 7 सालों (1983-89) में 13 गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय उड़नपरी पीटी ऊषा ने 1985 में जकार्ता में हुई छठी एशियन ट्रैक एंड फील्ड मीट में पांच गोल्ड मेडल और एक ब्रांज मेडल जीते जो कि एक एथलीट द्वारा एक ही इंटरनेशनल प्रतियोगिता में जीते गए सबसे ज्यादा मेडल्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड है. खेलों में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 1984 में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

कोनेरू हंपी - ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी 2600 फिडे ईएलओ मार्क(जिससे खिलाड़ी की रैंकिंग का निर्धारण होता है) क्रॉस करने वाली महज दूसरी महिला शतरंज प्लेयर हैं. हंपी के नाम सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर बनने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी था, जिसे बाद में हू यिफान ने तोड़ा. अपने करियर में कई खिताब जीतने वाली को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

मेरी कॉम - पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी बॉक्सर एम सी मेरी कॉम किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. मेरी एकलौती बॉक्सर हैं जिसने 6 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीते हैं. मेरी 2012 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली इकलौती इंडियन बॉक्सर थीं जहां उन्होंने ब्रान्ज मेडल जीता था. मेरी एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली इंडियन बॉक्सर हैं. मेरी को पद्म भूषण, अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री, खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.

झूलन गोस्वामी - मौजूदा महिला क्रिकेट जगत की सबसे तेज गेंदबाज हैं. झूलन ने अब तक दस टेस्ट मैचों में 40 तथा 143 वनडे मैचों में 173 विकेट झटके हैं. झूलन 2007 में आईसीसी वीमेन क्रिकेटर ऑफ द इयर भी रह चुकी हैं.

मिताली राज - मिताली राज महिला क्रिकेट की सबसे कामयाब बल्लेबाजों में से एक हैं. टेस्ट क्रिकेट में 51 और वनडे में 48.82 का औसत रखने वाली मिताली वनडे में पांच हजार रन बनाने वाली चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं.​​

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