उत्तर प्रदेश राज्य प्रतीक व परंपरागत संस्कृति(Uttar Pradesh state symbols and traditional culture)
उत्तर प्रदेश राज्य प्रतीक व परंपरागत संस्कृति
(Uttar Pradesh state symbols and traditional culture)
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता और 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ का आयोजन किया जाता है।
आगरा ज़िले के बटेश्वर कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है, उत्तर प्रदेश राज्य सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है। इसलिए इसे लधु भारत की संज्ञा भी दी गयी है।
इस राज्य में कत्थक नृत्य बहुत लोकप्रिय है, भारत में मुगलों द्वारा लाया गया पासा?, उत्तर प्रदेश में खासकर मुस्लिम दुल्हनों द्वारा पहना जाने वाला आभूषण है।
कव्वाली का उदभव भी इसी राज्य की देंन मानी जाती है।
इस राज्य में हस्तशिल्प की गहराई बारीकी से देखा जा सकता है, हस्तशिल्प में चिकन कड़ाई, लकड़ी व मिट्टी के खिलोने जरी व कालीन का काम बखूबी किया जाता है।
यहाँ के फिरोजाबाद शहर में चूड़ियों का काम किया जाता है जो अग्रणी है।
इस राज्य में रामपुर को “चाकुओं का नगर फिरोजाबाद को सुहाग नगरी व चूड़ी नगरी, अलीगढ़ को ताला नगरी और मेरठ को कैंची नगर व क्रांति नगर नाम से संबोधित किया जाता है।
हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत इस राज्य के लोकप्रिय संगीत है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय चिन्ह एक व्यक्ति में दो मछली तथा एक तीर- धनुष (1938 में स्वीकृत)
उत्तर प्रदेश का राजकीय वृक्ष- अशोक
उत्तर प्रदेश का राजकीय पुष्प- पलाश ( टेसू )
उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा - हिंदी ( 1947 ), द्वितीय उर्दू ( 1989 )
उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस - नवंबर 1956
उत्तर प्रदेश का राजकीय पशु - बारहसिंगा ( दलदली हिरण )
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