➡ उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है जब आर्यो ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा इस समय वैदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ। इन्ही आर्यो के नाम पर भारत देश का नाम आर्यावर्त य भारत वर्ष पड़ा। ➡ संसार के प्राचीनतम शहरों में एक माना जाने वाला वाराणसी शहर यंही पर स्थित है ➡ सातवीं शताब्दी ई0पूर्व में 16 महाजनपदो में से सात वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के अंर्तगत थे। ➡ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश वाराणसी (बनारस) के निकट सारनाथ में दिया और एक ऐसे धर्म की नींव रखी जो न केवल भारत मे बल्कि चीन व जापान जैसे देशों तक भी फैला। ➡ इस काल के महान शाशको में चंद्रगुप्त प्रथम व अशोक जो मौर्य सम्राट थे और समुद्रगुप्त ,चंद्रगुप्त दिव्तीय (विक्रमादित्य) तथा हर्षवर्धन थे जिन्होंने (कान्यकुब्ज) आधुनिक कन्नौज के निकट स्तिथि अपनी राजधानी से समूचे उत्तर प्रदेश , बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, और राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शाशन किया।
मध्यकाल ➡ इस क्षेत्र में 1000-1030 ई0 तक मुश्लमनो का आक्रमण हो चुका था किंतु उत्तरीय भारत मे 12वी शताब्दी के अंतिम दशक के बाद ही मुश्लिम शाशन स्थापित हुआ। ➡ 1526 ई0 में बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराया और सर्वाधिक सफल मुस्लिम वंश मुगल वंश की नींव रखी। ➡ इस साम्रज्य ने 350 वर्ष से भी अधिक समय तक उपमद्विप पर शाशन किया । इस साम्राज्य का महानतम काल अकबर से लेकर औरंगजेब आलमगीर का काल था । जिन्होंने आगरा के पास नई शाही राजधानी फतेहपुर सीकरी का निर्माण किया। ➡ उनके पोते शाहजंहा ने आगरा में ताजमहल बनवाया जो विश्व के महानतम वास्तुशिल्पीय नमूनों में से एक है। शाहजंहा ने आगरा व दिल्ली में भी वास्तुशिल्पीय की दृष्टि से कई महवत्पूर्ण इमारतें बनवाई
स्वतन्त्रता संग्राम ➡ सन 1847 में अंग्रेजी फौज के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। यह विद्रोह 1 साल तक चला और अधिक्तर उत्तर भारत मे फैल गया। ➡ इस विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ शहर में हुआ। इसका कारण अंग्रजो द्वारा गाय और सुअर की चर्बी से युक्त कारतूस देना था। इस संग्राम के एक प्रमुख कारण डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति थी। ➡ इस लड़ाई में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई अवध की बेगम हजरत महल, बख्त खान, नाना साहब, मौलवी अहमदुल्ला शाह, राजा बेनी, माधव सिंह, अजीमुल्लाह खान और अनेक देशभक्त थे।
आधुनिक काल ➡ लगभग 75 वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र का ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे -2 अधिग्रहण किया। ➡ 1856 ई0 में कंपनी ने अवध पर अधिकार कर लिया और आगरा एवम अवध सयुंक्त प्रान्त के नाम से इसे 1877 ई0 में पश्चमोत्तर प्रान्त मिला लिया गया।1902 में इसका नाम बदलकर सयुंक्त प्रान्त कर दिया गया। ➡ 10 मई 1857 ई0 को मेरठ में सैनिकों के बीच भड़का विद्रोह कुछ ही महीनों में 25 से भी अधिक शहरों में फैल गया। ➡ 1922 में भारत मे ब्रिटिश साम्रज्य की नींव हिलाने के लिए किया गया महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन पूरे सयुंक्त प्रान्त में फैल गया लेकिन चौरी चौरा गांव में हुई हिंसा के कारण महात्मा गांधी ने अस्थायी तौर पर आंदोलन को रोक दिया।
राज्य का विभाजन
विशाल जनसंख्या और ब्रह्द भगौलिक विस्तार के कारण प्रशानिक दिक्कतों के चलते नवम्बर 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से उत्तरांचल के नए राज्य का, जिसमे कुमाऊ और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थे।
भगवान श्री राम तथा श्री कृष्ण की जन्म स्थली वाला यह राज्य गौरवशाली इतिहास का मात्र साक्षी ही नहीं वरन निर्माता भी है।
उत्तर वैदिक काल में इसे ब्रह्मऋषि अथवा मध्य देश के नाम से जाना जाता था।
विश्व के दो महान महाकाव्य रामायण और महाभारत का मूल कथानक भी इसी क्षेत्र पर आधारित है।
भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश उत्तर प्रदेश के सारनाथ में दिया था। उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर में उन्होंने महापरिनिर्वाण किया।
तत्कालीन समय के 16 महाजनपदों में से आठ महाजनपद का विस्तार वर्तमान उत्तर प्रदेश में ही था।इन 8 माह जनपदों के नाम व राजधानी-
महाजनपद- शूरशेन(मथुरा के पास का क्षेत्र) राजधानी- मथुरा
महाजनपद- पांचाल(फर्रुखाबाद, बंदायू,बरेली) राजधानी- अहिच्छत्र(बरेली) व काम्पिल्य(फर्रुखाबाद) कुरु और पांचाल उत्तर वैदिक काल मे आर्य संस्कृति के केंद्र थे
महाजनपद- वत्स राजधानी- कौशाम्बी
महाजनपद- मल्ल राजधानी- कुशीनगर तथा पावा
महाजनपद- कौशल(अवध) राजधानी- कुशावती तथा श्रावस्ती
महाजनपद- चेदि राजधानी- सोतिवती
महाजनपद- काशी राजधानी- बनारस
1857 की क्रांति में उत्तर प्रदेश 1857 की क्रांति की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से हुई। जिसका तत्कालीन कारण अंग्रेजों द्वारा गाय व सूअर की चर्बी से बने कारतूस का प्रयोग था। इसका एक और प्रमुख कारण लॉर्ड डलहोजी की राज्य हड़प नीति थी। यह संग्राम मुख्यतः दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, झांसी और बरेली में लडा गया। इसमें रानी लक्ष्मीबाई, हजरत महल, नाना साहब, तात्या टोपे आदि ने भाग लिया।
1857 की क्रांति में उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर निम्न है- शहर- मेरठ विद्रोहकारी- कदम सिंह दमनकारी- ले० हडसन
शहर- झांसी विद्रोहकारी- रानी लक्ष्मीबाई दमनकारी- ले० ह्यूरोज
शहर- इलाहाबाद विद्रोहकारी- लियाकत अली दमनकारी- ले० नील
शहर- मथुरा विद्रोहकारी- देवी सिंह दमनकारी- ले० ह्यूरोज
शहर- फैज़ाबाद विद्रोहकारी- मौलवी मोहम्मद उल्ला दमनकारी- ले० टेलर
शहर- कानपुर विद्रोहकारी- नाना साहब दमनकारी- ले० कैपबेल
नामकरण - अंग्रेज शासको ने अवध नमक दो प्रांतों को मिलाकर जो प्रांत बनाया उसे आगरा और अवध संयुक्त प्रांत कहा गया। फिर 1935 में इसे संयुक्त प्रांत(united province) कहा जाने लगा। 12 जनवरी 1950 को इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।
विभाजन - उत्तर प्रदेश के गठन के बाद गढवाल और कुमाऊं क्षेत्र उत्तराखंड में समस्या उत्पन्न होने लगी क्योंकि लखनऊ से वहां के लोगों के हितों की देखरेख करना संभव नहीं था। अतः वहां के लोगो द्वारा अलग राज्य की मांग की जाने लगी। 1990 के दशक में इस आंदोलन में जोर पकड़ा और यह आंदोलन तब उग्र हो गया जब मुजफ्फरनगर में इस प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए।
अंततः 9 नवंबर 2000 में उतर प्रदेश का विभाजन करके एक नए राज्य उत्तराखंड का गठन किया गया
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