कवि केदारनाथ अग्रवाल, गिरिजाकुमार माथुर व त्रिलोचन

Q.1 'चंपा काले- काले अक्षर नहीं चीन्हती' कविता के लेखक त्रिलोचन का मूल नाम क्या था

Q.2 "उस दिन चंपा आई मैंने कहा कि चंपा, तुम भी पढ़ लो हारे गाढ़े काम सरेगा" कविता में हारे गाढ़े काम सरेगा से तात्पर्य है-

Q.3 "चंपा काले काले अक्षर नहीं चीन्हती" कविता में चंपा क्या देखकर अचरज करती है -

Q.4 कवि गिरिजा कुमार माथुर की निम्नलिखित में से कविता है

Q.5 "तन सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी, कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी1" कविता में "कुंतल" शब्द से क्या तात्पर्य है-

Q.6 युग की गंगा, नींद के बादल, फूल नहीं रंग बोलते हैं, आग का आईना समय-समय पर कविताएं किसकी है

Q.7 'चंपा काले काले अक्षर नहीं चीन्हती' कविता में शादी के बाद चंपा अपने पति को कहां रखने के लिए कहती है

Q.8 कवि केदारनाथ अग्रवाल को सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार किस कविता पर मिला -

Q.09 "यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर, छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है" पंक्तियों में अलंकार है-

Q.10 "फाग गाता मास फागुन आ गया है आज जैसे "पद में निहित अलंकार हैं-

Q.11 'देह की पतली, कमर की है लचीली' विशेषण किस प्रकृति के पौधे के रूप में कवि ने चुना हैं-

Q.12 "प्रभुता का शरण बिंब केवल मृगतृष्णा है, हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा हैं" कविता में कवि ने यहां 'हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है' ऐसा क्यों कहा -


Q.13 गिरिजा कुमार माथुर की कविता "छाया मत छूना"  के संबंध में निम्न में से असत्य है-

Q.14 'यह है या न वैभव हैं, मान है न सरमाया; जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया'
"छाया मत छूना" कविता में कवि ने "जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया" क्यों कहा-

Q.15 "चंद्र गहना से लौटती बेर" कविता के लेखक हैं-

Q.16 " है कई पत्थर किनारे पी रहे चुपचाप पानी" पंक्तियों में अलंकार है-

Q.17 'चंद्र गहना से लौटती बेर' कविता में कवि ने "गुलाबी फूल" को किसके समान बताया है

Q.18 त्रिलोचन की कविता 'चंपा काले-काले अक्षर नहीं चीन्हती' में चंपा पढ़ाई को कैसा मानती है-

Q.19 कवि गिरिजाकुमार माथुर का प्रसिद्ध गीत कौन सा है-
 

Q.20 इस विजन में, दूर व्यापारिक नगर से, प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है  पंक्ति में "इस विजन में" का अर्थ है-


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