क्रिप्स प्रस्ताव मार्च 1942(Cripps proposal of 1942 quiz)
क्रिप्स प्रस्ताव मार्च 1942
(Cripps proposal of 1942 quiz)
समय- मार्च 1942 घोषणा -11 मार्च 1942 भारत भेजा गया-23 मार्च 1942 नेतृत्वकर्ता-सर स्टैफर्ड क्रिप्स योजना का प्रस्तुतीकरण- 30 मार्च 1942 क्रिप्स मिशन का मुख्य उद्देश्य- द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत का सहयोग प्राप्त करना क्रिप्स मिशन अस्वीकार किया गया-11 अप्रैल 1942 को क्रिप्स मिशन का अन्य नाम- पोस्ट डेटेड चेक पोस्ट डेटेड चेक कहा गया- महात्मा गांधी द्वारा
1941 का वर्षा यूरोप में हिटलर की और दक्षिण पूर्व एशिया में जापान के चमत्कारिक सफलता का वर्ष था
युद्ध का खतरा भारत के दरवाजे पर आ गया था युद्ध प्रयासों में भारतीयों का शत-प्रतिशत सहयोग प्राप्त करना मित्र राष्ट्रों की जरूरत बन गया था
क्योंकि जापान भी द्वितीय विश्वयुद्ध में सम्मिलित हो गया और उसने अंग्रेज ,अमेरिका, चीन और होलैण्ड के विरुद्ध विशेष सफलता प्राप्त की
जापान की लगातार बढ़ती हुई शक्ति से अंतरराष्ट्रीय समुदाय व्यथित हो गया
अमेरिका, आस्ट्रेलिया व चीन ने ब्रिटेन पर भारत को स्वतंत्र करने के लिए दबाव डाला
परिणाम स्वरुप भारत की राजनीतिक संकट को हल करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने 11 मार्च 1942 को क्रिप्स मिशन की घोषणा की
23 मार्च 1942 को क्रिप्स मिशन स्टैफर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया जिसे क्रिप्स मिशन कहा गया
ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में क्रिप्स मिशन भेजना मजबूरी थी क्योंकि ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि यह मिशन सफल हो केवल मित्र राष्ट्रों को संतुष्ट करने के लिए यह मिशन भारत भेजा गया
ब्रिटिश सरकार द्वारा मार्च 1942 में सर स्टैफर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में जो क्रिप्स मिशन भारत भेजा गया उस समय स्टैफर्ड क्रिप्स ब्रिटेन के युद्ध मामलों के मंत्री थे इस मिशन को उन्हीं के नाम से जाना जाता है
क्रिप्स मिशन को भारत भेजने का निम्न कारण थे
1. इंग्लैंड के कुछ प्रभावशाली व्यक्ति और हाउस ऑफ कॉमंस के कुछ सदस्य ब्रिटिश सरकार पर यह दबाव डाल रहे थे कि भारत के संबंध में जल्दी फैसला करें 2. मित्र राष्ट्र और विशेषकर अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट और चीन के राष्ट्रपति च्यांग काई शेक का इंग्लैंड पर यह दबाव था कि भारत का वैधानिक गतिरोध दूर करने के लिए ब्रिटेन के द्वारा तुरंत अच्छे प्रयास किए जाएं 3. दिसंबर 1941 में पर्ल हार्बर पर जापानी आक्रमण हो जाने के साथ ही जापान के द्वितीय युद्ध में धुरी राष्ट्र की तरफ से सम्मिलित हो जाना उसकी प्रगति को रोकने के लिए सरकार द्वारा भारतीय जनता का सहयोग प्राप्त करना आवश्यक समझा गया था 4. द्वितीय युद्ध प्रयासों में भारतीयों के शत-प्रतिशत सहयोग प्राप्त करने के लिए रुजवेल्ट ,च्यांग काई शेक और लेबर पार्टी का नेतृत्व चर्चिल पर दबाव डाला गया कि वह भारतीय समस्याओं का शीघ्र समाधान करें 5. क्रिप्स मिशन ,ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत भेजने के पीछे मुख्य उद्देश्य द्वितीय महायुद्ध में भारतीय जनता का समर्थन प्राप्त करना चाहती थी
??क्रिप्स मिशन के प्रभाव??
23 मार्च 1942 को क्रिप्स मिशन भारत पहुंचा था यहां पर विभिन्न नेताओं से संपर्क किया गया
यहां के विभिन्न राजनीतिक दलों कांग्रेस,मुस्लिम लीग,दलित वर्ग हिंदू महासभा और उदारवादी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श किया गया
इन सभी दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद द्वितीय महायुद्ध में भारतीय जनता का का सहयोग प्राप्त करने के लिए 30 मार्च 1942 को क्रिप्स प्रस्ताव प्रस्तुत कीया गया
जो प्रस्ताव भारतीय जनता के समक्ष प्रस्तुत किए उन्हें क्रिप्स योजना के नाम से जाना जाता है
30 मार्च 1942 को क्रिप्स द्वारा प्रस्तुत की गई योजना में मुख्य प्रावधान निम्न थे
1. युद्ध के बाद एक ऐसे भारतीय संघ के निर्माण का प्रयत्न किया जाए जिसे पूर्ण उपनिवेश का दर्जा प्राप्त हो, इसे ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से अलग होने का भी अधिकार प्राप्त होगा 2. युद्ध के बाद एक संविधान निर्मात्री सभा का गठन किया जाएगा जिसमें ब्रिटिश प्रांतों के चुने हुए प्रतिनिधि और देशी रियासतों के प्रतिनिधि शामिल होंगे 3. संविधान सभा द्वारा निर्मित किए गए संविधान को सरकार दो शर्तो पर ही लागू कर सकेगी ?जो प्रांत इससे सहमत नहीं है वे इसे अस्वीकार कर पूर्ववत् स्थिति में रह सकते हैं या फिर वह पूर्णतया स्वतंत्र रहना चाहते हैं तब भी ब्रिटिश सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी ?भारतीय संविधान सभा और ब्रिटिश सरकार के मध्य अल्पसंख्यकों के हितों को लेकर एक समझौता होगा
4. नए भारतीय संविधान के निर्माण होने तक भारत की रक्षा का उत्तरदायित्व ब्रिटिश सरकार पर होगा
अगस्त प्रस्ताव की तुलना में क्रिप्स द्वारा लाया गया यह प्रस्ताव बेहतर था
इसमें भारत को ऐच्छिक रूप से राष्ट्रमंडल से अलग होने का अधिकार, भारतीय द्वारा संविधान के निर्माण का अधिकार मिला हुआ था
लेकिन क्रिप्स मिशन के उपयुक्त प्रस्ताव के बाद भी भारत के सभी राजनीतिक दलों द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया
क्रिप्स मिशन प्रस्ताव को अगस्त प्रस्ताव का ही परिवर्धित संस्करण माना गया
कांग्रेस कार्यसमिति की 11 अप्रैल 1942 को हुई बैठक में क्रिप्स प्रस्ताव को अस्वीकृत करते हुए कहा गया कि केवल भविष्य के वादों से संतुष्टि नहीं मिलेगी हमें तो वास्तविक स्वतंत्रता से संतुष्टि प्राप्त हो सकती है
कांग्रेस कार्यसमिति को संविधान निर्मात्री सभा के गठन पर भी आपत्ति थी क्योंकि इसमें देशी रियासतो के प्रतिनिधियों को जनता द्वारा निर्वाचित न करके उसके शासकों द्वारा नामित किया जाना था
कुछ प्रांतों के संघ में शामिल ना होने से संबंधित प्रावधान भारतीय एकता के लिए गंभीर खतरा था
महात्मा गांधी ने ठीक ही कहा था कि यह पाकिस्तान बनाने के लिए मुस्लिम लीग को नियंत्रण है
क्रिप्स प्रस्ताव का एकमात्र क्रियाशील पहलू केंद्र सरकार के गठन से संबंधित था जिसे सभी शक्तिया हस्तांतरित की जानी थी
लेकिन प्रतिरक्षा विभाग पर ब्रिटिश सरकार का ही नियंत्रण बना रहा था
??राजनीतिक दलों द्वारा क्रिप्स मिशन को अस्वीकार करने के कारण??
क्रिप्स मिशन को भारत के सभी राजनीतिक दलों ने अस्वीकार कर लिए दिया था
मुस्लिम लीग द्वारा क्रिप्स मिशन को अस्वीकार करने के मुख्य कारण
?क्रिप्स मिशन में मुस्लिम लीग के लिए संविधान निर्मात्री संस्था में पृथक निर्वाचन मंडल को मान्यता नहीं दी गई थी ? क्रिप्स मिशन में भारत विभाजन की मांग को स्वीकार नहीं किया गया था ? क्रिप्स मिशन में पाकिस्तान के निर्माण की बात का उल्लेख नहीं था
कांग्रेस द्वारा क्रिप्स मिशन को अस्वीकार करने के मुख्य कारण ? इस प्रस्ताव में संविधान सभा के निर्माण की कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं की गई थी इसीलिए महात्मा गांधी ने इसके बारे में कहा कि यह एक बाद की तिथि का चेक एक ऐसे बैंक के नाम जारी किया गया जो दिवालिया है अथार्थ गांधीजी ने इस प्रस्ताव को पोस्ट डेटेड चेक कहा ?इस प्रस्ताव में अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की मांग को मान लिया गया ?संविधान के निर्माण ना होने तक भारत की रक्षा की जिम्मेदारी ब्रिटिश सरकार ने अपने पास रखी जबकि कांग्रेस स्वयं इसे लेना चाहती थी
जब क्रिप्स मिशन के उपयुक्त प्रस्ताव भारत के सभी राजनीतिक दलों द्वारा अस्वीकार कर दिए गए थे ब्रिटिश सरकार ने क्रिप्स मिशन को असफल घोषित करके वापस इंग्लैंड बुला लिया गया
क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण क्रिप्स मिशन की सफलता के लिए मुख्यत: ब्रिटिश सरकार स्वयं जिम्मेदार थी क्योंकि क्रिप्स मिशन को भारत भेजने के पीछे उनका उद्देश्य वैधानिक गतिरोध दूर करना नहीं था बल्कि मित्र राष्ट्रों को संतुष्ट करना था 2⃣चर्चिल, विदेश मंत्री एवं वायसराय लिनलिथगो और कमांडर-इन-चीफ वेवेल चाहते भी नहीं थे कि मिशन सफल हो 3⃣ब्रिटिश सरकार द्वारा मिशन के माध्यम से ऐसे प्रस्ताव रखे गए कि भारतीय नेताओं ने स्वीकार नहीं करें और यदि भारतीय दल इसे अस्वीकार कर देता है तो दुनिया के सामने ब्रिटिश सरकार इमानदार सिद्ध हो जाएगी
3. कुछ इतिहासकारों द्वारा महात्मा गांधी के क्रिप्स प्रस्ताव के प्रति अपनाए गए कठोर रुख को क्रिप्स मिशन की असफलता का कारण माना जाता है 5⃣क्रिप्स मिशन मुस्लिम लीग को संतुष्ट नहीं कर सका 6⃣क्रिप्स मिशन कांग्रेस को संतुष्ट नहीं कर सका क्योंकि उसने अप्रत्यक्ष रुप से पाकिस्तान की मांग स्वीकार कर ली थी और भारत की मांग स्वयं के पास रख ली
भारतीय इतिहासकारों द्वारा क्रिप्स मिशन की आलोचना पट्टामिसीतारमैया पट्टामिसीतारमैया( कांग्रेस का इतिहास) ने क्रिप्स मिशन की आलोचना करते हुए लिखा है कि क्रिप्स मिशन के प्रस्ताव अगस्त प्रस्ताव का परिवर्तित आकर्षण संस्करण मात्र ही था
डॉक्टर एके मजूमदार इसी प्रकार डॉक्टर ए. के.मजूमदार (एडवेंट ऑफ इंडिपेंडेंस) ने क्रिप्स मिशन के बारे में लिखा है कि चर्चिल ने स्वाधीनता की मांगों को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि अपने मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों और अमेरिका के राजनीतिज्ञों को संतुष्ट करने के लिए क्रिप्स मिशन योजना को पारित किया गया है
डॉक्टर मजुमदार द्वारा चर्चील के लिए किए गए शब्दों की पुष्टि चर्चिल के द्वारा कहे गए इन शब्दों से होती है ""प्रभाव ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में पूर्णता लाभकारी रहा है""
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