दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक(1206-1210) था वह भारत में ममूलक अथवा दास वंश का संस्थापक था किंतु दिल्ली सल्तनत के वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश (1211 से 1236) को माना जाता है
इल्तुतमिश को दिल्ली का वास्तविक संस्थापक मानने में विभिन्न इतिहासकारों के मत डॉ आर पी त्रिपाठी क्योंकि दिल्ली सल्तनत के शाही संरचना के प्रमुख अंगो इक्ता प्रणाली,(जिसे मोहम्मद गोरी ने शुरू किया था सैन्य व्यवस्था और मुद्रा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने का श्रेय इल्तुतमिश को दिया जाता है इल्तुतमिश ने ही सर्वप्रथम लाहौर के स्थान पर दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया था इसी कारण डॉक्टर आर पी त्रिपाठी ने इल्तुतमिश को दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक कहा है
हबीबुल्लाह हबीबुल्लाह के अनुसार Qutbuddin Aibak ने दिल्ली सल्तनत की सीमा और उसकी संप्रभुता की रूपरेखा बनाई Iltutmish निसंदेह उसका पहला सुल्तान था
के.ए.निजामी के.ए. निजामी के अनुसार कुतुबुद्दीन ऐबक ने Delhi Sultanate की रूपरेखा के बारे में सिर्फ दिमागी खाका बनाया था इल्तुतमिश ने उसे एक व्यक्तित्व ,एक पद ,एक प्रेरणा, शक्ति ,एक दिशा, एक शासन व्यवस्था और शासक वर्ग प्रदान किया था
इल्तुतमिश को दिल्ली सल्तनत का प्रथम तुर्की सुल्तान( Turkish Sultan) कहा जा सकता है
अपनी रचनात्मक योग्यता (Creative ability)के आधार पर उसने 25 वर्षों की निरंतर राजनीतिक और सैनिक गतिविधियों (Military activities) के बाद दिल्ली सल्तनत की रूपरेखा निर्धारित की थी
राज्यारोहण के समय उसे अस्त्र-शस्त्र ,राजनीतिक वातावरण और अनिश्चित परिस्थितियों के संकट से गुजरना पड़ा था
कोई परंपराएं उसके पथ प्रदर्शन के लिए नहीं थी ,उसने अपना मार्ग स्वयं चुना था ,वह एक साहसी सैनिक और योग्य सेनापति था ,अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर ही दिल्ली के सुल्तान के पद पर पहुंचा था
उसने भारत में नवनिर्मित तुर्की राज्य को शक्तिशाली और संगठित किया और अपने वंश के अधिकार को सुरक्षित किया
मिनहाज-उस-सिराज मिनहाज- उस- सिराज के अनुसार उसकी सुंदरता, बुद्धिमत्ता और कुलीनता का मुकाबला कहीं नहीं था फिरोजशाह तुगलक ने खुत्बे मे अपने पूर्ववर्ती दिल्ली के सुल्तानों का नाम सम्मिलित किया था लेकिन उसने एक मात्र सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक का नाम इस खुत्बे में सम्मिलित नहीं किया था
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