पिछौला उदयपुर की सबसे प्राचीन व सबसे सुंदर झील है। राजमहल के पिछे बनी होने के कारण इस झील का नाम पिछौला पड़ा।
?निर्माण?
पिछौला झील का निर्माण उदयपुर में राजमहल के पिछे राणा लाखा के काल में 14 वीं शताब्दी (1387) में छीतर/पिच्छु नामक चिड़ीमार बंजारे ने अपने बैल की स्मृति में करवाया। महाराणा उदय सिंह ने इस झील की पाल को पक्का करवाया । महाराणा सांगा ने 1525 में इस झील का जिर्णोद्धार करवाया।
?इस झील मे दो टापू है?
1 .जगमन्दिर
इस झील में जगमन्दिर का निर्माण करणसिंह ने 1620 में शुरू किया तथा जगतसिंह प्रथम ने 1651ई. में पूर्ण करवाया। यहां शहजाद खुर्रम (शाहजहां) गुजरात अभियान के तहत् तथा अंग्रेजों ने 1857 की क्रांति के समय शरण ली ।
2.जगनिवास
जगनिवास का निर्माण जगतसिंह द्वितीय ने 1746 में पूर्ण करवाया ।अब यहा वर्तमान में लैक पैलेस होटल चलती है।
?इस झील में बीजारी नामक स्थान पर नटनी (गलकी) की स्मृति में नटनी का चबूतरा बनाया गया है ।
?1989 में स्थापित पश्चिम क्षेत्र के सांस्कृतिक केंद्र के लिए विख्यात व मेवाड़ के प्रधानमंत्री अमरचन्द बड़वा द्वारा स्थापित बागोर की हवेली इसी झील के किनारे स्थित है जिसमें विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी रखी हुई है।
पिछोला झील में देश की पहली सौर ऊर्जा से चलने वाली नाव चलाई गई हैं।
इसी झील के किनारे प्रसिद्ध हवालाग्राम शिल्पग्राम तथा दूधतलाई स्थिति है।
महाराणा प्रताप ने पिछोला झील की पाल पर ही मानसिंह के लिय रात्रि भोज का आयोजन किया था तथा उदयसिंह ने इस झील के किनारे राजमहल/सिटी पैलेस का निर्माण करवाया जिसकी तुलना फर्ग्यूसन ने लंदन के विशाल विण्डसर महल से की है।
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