प्राचीन भारतीय इतिहास-History of ancient india

प्राचीन भारतीय इतिहास-History of ancient india


भारतीय इतिहास के स्रोत
प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में जानकारी मुख्य चार स्त्रोतों से प्राप्त होती है
⏭ धर्म ग्रंथ
⏭ऐतिहासिक ग्रंथ
⏭विदेशियों का विवरण
⏭पुरातत्व संबंधी साक्ष्य

धर्म ग्रंथ व एतिहासिक ग्रंथ से मिलने वाली महत्वपूर्ण जानकारी
⏭भारत का सर्वप्राचीन धर्म ग्रंथ वेद है जिसके संकलनकर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना जाता है
वेद के चार प्रकार
⏭ऋग्वेद
⏭यजुर्वेद
⏭सामवेद
⏭अथर्ववेद

ऋग्वेद
⏭ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है
⏭ इसमें 10 मंडल 1028 सूक्त (वालखिल्य पाठ के 11 सूक्तों सहित) एवं 10,462 ऋचाए हैं
⏭ इस वेद के ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि को होतृकहते हैं
⏭ विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है इस के 9 मंडल में देवता सोम का उल्लेख है
⏭ इस के आठवें मंडल की हस्तलिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता है
⏭चातुष्वण्य समाज की कल्पना का आदि स्रोत ऋग्वेद के दसवें मंडल में वर्णित पुरुषसुक्त है जिसके अनुसार चार वर्ण  (ब्राह्मण ,क्षत्रिय ,वैश्य तथा शूद्र )आदि पुरुष ब्रह्मा के क्रमशः मुख, भुजाओं ,जघांओ और चरणों से उत्पन्न हुए ।
⏭ वामनवतार के तीन पगों के आख्यान का प्राचीनतम स्रोत ऋग्वेद है
⏭ऋग्वेद में इंद्र के लिए 250 तथा अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना की गई है
नोट:-प्राचीन इतिहास के साधन के रुप में वैदिक साहित्य में ऋग्वेद के बाद शतपथ ब्राह्मण का स्थान है

यजुर्वेद
⏭सस्वर पाठ के लिए मंत्रो तथा बलि के समय अनुपालन के लिए नियमों का संकलन यजुर्वेद कहलाता है
⏭ इसके पाठकर्ता को अध्वर्यु कहते हैं
⏭ यह एक ऐसा वेद है जो गद्य तथा पद्य दोनों में है

सामवेद
⏭इसमें गायी जा सकने वाली ऋचाओं का संकलन है इसके पाठकर्ता को उद्रातृ कहते हैं
⏭इसे भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है

अथर्ववेद
⏭ अथर्वा ऋषि द्वारा रचित वेद मे  रोग, निवारण, तंत्र मंत्र ,जादू टोना, शाप,वशीकरण, आशीर्वाद, स्तुति, औषधि, अनुसंधान,विवाह, प्रेम, राजकर्म, मातृभूमि महातम्य,आदि विविध विषयों से संबंध मंत्र तथा सामान्य मनुष्यो के विचारों,विश्वासो, अंधविश्वासो,इत्यादी का वर्णन है अथर्ववेद कन्याओ के जन्म की निंदा करता है।
⏭ इसमें सभा एवं समिति को प्रजापति की दो पुत्रियां कहा गया है
नोट:- सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद एवं सबसे बाद का अथर्ववेद है

⏭ वेदों को भली-भांति समझने के लिए 6 वेदांगों की रचना हुई।ये है-शिक्षा,ज्योतिष ,कल्प ,व्याकरण निरूक्त तथा छंद।

⏭ भारतीय एेतिहासिक कथाओं का सबसे अच्छा क्रमबद्ध विवरण पुराणों में मिलता है इसके रचियता लोमहर्ष अथवा उनके पुत्र उग्रश्रवा माने जाते हैं इनकी संख्या 18 है जिनमें से केवल पांच मत्स्य, वायु ,विष्णु, ब्राह्मण एवं भागवत में ही राजाओं की वंशावली पाई जाती है

नोट:-पुराणों में मत्स्य पुराण सबसे प्राचीन एवं प्रमाणिक हैं

पुराण?.     संबंधित वंश?

विष्णु पुराण  ➖   मौर्य वंश
मत्स्य पुराण  ➖ आंध्र सातवाहन
वायु पुराण   ➖   गुप्त वंश

⏭ स्त्री की सर्वाधिक गिरी हुई स्थिति मैत्रेयनी संहिता से प्राप्त होती है जिसमें जुआ और शराब की भाँति स्त्री काे पुरुष का तीसरा मुख्य दोष बताया गया है
⏭ शतपथ ब्राह्मण में स्त्री को पुरुष का अर्धागिनी का गया है
⏭ स्मृति ग्रंथों में सबसे प्राचीन व प्रमाणिक मनुस्मृती मानी जाती है यह शुंग काल का मानक ग्रंथ है। नारद स्मृति गुप्त युग  के विषय में जानकारी प्रदान करता है।
⏭ जातक में बुद्ध की पूर्व जन्म की कहानी  वर्णित है हीनयान का प्रमुख ग्रंथ 'कथावस्तु' हैजिसमें महात्मा बुद्ध का जीवन चरित्र अनेक कथानकों के साथ वर्णित है
⏭ जैन साहित्य को अागमकहा जाता है जैन धर्म का प्रारंभिक इतिहास 'कल्पसूत्र' ज्ञात होता है जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में महावीर के जीवन-कृत्यों तथा अन्य समकालिको के साथ उनके संबंधों का विवरण मिलता है
⏭ अर्थशास्त्र के लेखक चाणक्य (कौटिल्य विष्णुगुप्त) है यह 15 अधिकरणो ,150 अध्यायो 180 प्रकरणों,6000 श्लोकमें विभाजित है इससे मोर्यकालीन इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है
⏭ संस्कृत साहित्य में ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध लिखने का सर्वप्रथम प्रयास कल्हण के द्वारा किया गया। कल्हण द्वारा रचित पुस्तक राजतरंगिणीहै  जिसका संबंध कश्मीर के इतिहास से है
⏭ अष्टाध्यायी(  संस्कृत भाषा व्याकरण की प्रथम पुस्तक) के लेखक पाणिनि है इससे मौर्य के पहले का इतिहास तथा मौर्ययुगीन राजनीतिक अवस्था की जानकारी प्राप्त होती है

?वैदिक सभ्यता?
?वैदिककाल का विभाजन दो भागों मे 
?1.ऋग्वैदिक काल➖1500-1000 ईसा पूर्व
?2.उत्तर वैदिककाल➖1000-600 ईसा पूर्व  मे किया गया है।

?आर्य समाज सर्वप्रथम पंजाब एंव अफगानिस्तान में बसे। मैक्समूलर ने आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया को माना है । आर्यो द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलाई।
? आर्यो द्वारा विकसित सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी।
?आर्यों की भाषा संस्कृत थी
?आर्य की प्रशासनिक इकाई आरोही क्रम से इन 5 भागों में बंटा था➖ कुल,ग्राम,विश, जन, राष्ट्र।
ग्राम का मुखिया ग्रामीणी विश का  प्रधान विशपतिएंव जन के शासक राजन कहलाते थे।
? राज्यधिकारियों में पुरोहित एवं सेनानी प्रमुख थे। विसि्ष्ठ रुढ़ीवादी एवं विश्वामित्र उदार पुरोहित थे।
? सूत, रथकार तथा कम्मादि नामक अधिकारी रत्नी कहे जाते थे। इनकी संख्या राजा सहित करीब 12 हुआ करती थी।
? पुरप➖ दुर्गपति एवं स्पश➖ जनता की गतिविधियों को देखने वाले गुप्तचर होते थे।
? वाजपति➖ गोचर भूमि का अधिकारी होता था।
? उग्र➖ अपराधियों को पकड़ने का कार्य करता था।
? सभा एवं समिति राजा को सलाह देने वाली सस्था थी । सभा श्रेष्ठ एवं संभ्रंात  लोगों की सस्था थी  जबकि समिति सामान्य जनता की प्रतिनिधित्व करती थी ।इसके अध्यक्ष को ईशान कहा जाता था।स्त्रियां सभा एंव समितियों में भाग ले सकती थी।
? युद्ध में कबीले का नेतृत्व राजा करता था युद्ध के लिए गविष्ट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ ➖गायों की खोज
? दसराज्ञ युद्ध का उल्लेख ऋग्वेद के 7 में मंडल में है, यह युद्ध पुरूषणी (रावी) नदी के तट पर सुदास एवं 10 जनों के बीच लड़ा गया जिसमें सूदास विजयी हुआ।
? ऋग्वैदिक समाज चार वर्णों में विभक्त था।
1.ब्राह्मण 2.क्षत्रिय 3.वैश्य 4.शूद्र
यह विभाजन व्यवसाय पर आधारित था  ऋग्वेद के दसवें मंडल के पुरुषसूक्तमें चतुवर्णों का उल्लेख मिलता है इसमें कहा गया है कि ब्राह्मण परम पुरुष के मुख से, क्षत्रिय उनकी भुजाओं से, वैश्य उनकी जाँघों से,शूद्र उनके पैरों से उत्पन्न हुए हैं।
? आर्यों का समाज पितृप्रधान था। समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार या कुल थी। जिसका मुखिया पिता होता था। जिसे कुलप कहा जाता था।
? स्त्रियां ईस काल में अपने पति के साथ यज्ञ कार्य मे भाग लेती थी।
? बाल विवाह एवं पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं था।
? विधवा अपने मतृक पति के छोटे भाई (देवर) से विवाह कर सकती थी।
? स्त्रिया शिक्षा ग्रहण करती थी। ऋग्वेद में लोपामुद्रा, घोषा, सिकता, आपला एवं विश्वास जैसी विदुषी स्त्रियों का वर्णन है।
? जीवन भर अविवाहित रहने वाली महिलाओं को अमाजू कहा जाता था
? आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ सोमरस था यह वनस्पति से बनाया जाता था।
?आर्य मुख्यत: तीन प्रकार के वस्त्रों का उपयोग करते थे ➖ 1.वास दो 2.अधिवास 3.उष्णीय ।अंदर पहनने वाले कपड़ों को नीवि कहा जाता था।
? आर्यों के मनोरंजन के मुख्य साधन थे ➖संगीत,रथदौड़, घुड़दौड़ और द्यूतक्रीड़ा।
? आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन एवं कृषि था।
? गाय को अध्न्या➖  न मारे जाने योग्य पशु की श्रेणी में रखा गया था। गाय की हत्या करने वाले या उसे घायल करने वाले के लिए वेदों में मृत्युदंड अथवा देश से निकाले जाने की व्यवस्था की गई है।
? आर्यों का प्रिय पशु घोड़ा एवं सर्वाधिक प्रिय देवता इंद्र थे।
? आर्यो द्वारा खोजी गई धातु लोहा थी । जिसे श्याम अयस्कहा जाता था। तांबे को लोहित अयस्कहा जाता था।
? व्यापार हेतु दूर-दूर तक जाने वाले व्यक्ति को पणि कहते थे।
?लेन-देन में वस्तु विनिमय की प्रणाली प्रचलित थी।
? ऋण देखकर ब्याज लेने वाला व्यक्ति को वेकनॉट (सूदखोर)कहा जाता था।
? मनुष्य एवं देवता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले देवता के रूप में अग्नि की पूजा की जाती थी
? ऋग्वेद में उल्लिखित सभी नदियों में सरस्वती सबसे महत्वपूर्ण तथा पवित्र मानी जाती थी ऋग्वेद में गंगा एक बार और यमुना का उल्लेख तीन बार हुआ है इस में सिंधु नदी का उल्लेख सर्वाधिक बार हुआ है।

प्रागैतिहासिक काल
➡ जिस काल में मनुष्य ने घटनाओं का कोई लिखित विवरण उध्दृत नहीं किया उसे प्रोगैतिहासिक काल कहते हैं। मानव विकास के उस काल को इतिहास कहा जाता है,जिसका विवरण लिखित रूप में उपलब्ध है।
➡ 'आह्द ऐतिहासिक काल, उस काल को कहते हैं जिस काल में लेखन कला के प्रचलन के बाद उपलब्ध लेख पढ़े नही जा सके है।
➡ ज्ञानी मानव (होमोसेपियंस) का प्रवेश धरती पर आज से लगभग तीस या चालीस हजार वर्ष पूर्व हुआ।
➡ 'पूर्व पाषाण युग' के मानव की जीविका का मुख्य आधार था- शिकार।
➡ आग का आविष्कार पुरापाषण काल में हुआ पहिये का आविष्कार नवपाषण काल में हुआ।
➡ मनुष्य में स्थाई निवास की पवृर्ती नवपाषाण काल में हुई तथा उसने सबसे पहले कुत्ता को पालतू बनाया।
➡ मनुष्य ने सर्वप्रथम तांबा धातु का प्रयोग किया तथा उसके द्वारा बनाया जानेवाला प्रथम औजार कुल्हाडी़( प्राप्ति स्थल➖अतिरम्पक्कम)था
➡ कृषि का आविष्कार नवपाषाण काल में हुआ। प्रागैतिहासिक अन्न उत्पादक स्थल मेहरगढ़ पश्चिमी बलुचिस्तान में अवस्थित है कृषि के लिए अपनाई गई सबसे प्राचीन फसल गेहूं (पहली फसल) जौ थी।
➡ कृषि का प्रथम उदाहरण मेहरगढ से प्राप्त हुआ कोल्डिहवा का संबंध चावल के प्राचीनतम साक्ष्य से है।
➡ पल्लावरम् नामा के स्थान पर प्रथम भारतीय पुरापाषाण कलाकृति की खोज हुई थी
➡ रॉबर्ट ब्रूस फुट पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1863 ईस्वी में भारत में पुरापाषाण कालीन औजारों की खोज की।
➡ भारत का सबसे प्राचीन नगर मोहनजोदड़ो था, सिंधी भाषा में जिसका अर्थ है मृतकों का टीला।
➡ असम का सर्वे श्वेतभ्रू गिबन भारत में पाया जाने वाला एकमात्र मानवाभ कपि है
➡ इनामगांव ताम्रपाषाण युग की एक बड़ी बस्ती थी इसका संबंध जोर्वे रहे संस्कृति से है।
➡ भारत में शिवालक की पहाडी़ से जीवाश्म का प्रमाण मिला है।
➡ भारत में मनुष्य संबंधी सबसे पहला प्रमाण नर्मदा घाटी में मिला है।

नोट:- नागरिक सेवा के अधिकारी प्रथम व्यक्ति रिजलेथे  जिन्होंने प्रथम बार वैज्ञानिक आधार पर भारत की जनसंख्या का प्रजातीय विभेदीकरण किया।

अभिलेख   ➖.  शासक
➡ हाथीगुंफा अभिलेख ➖ कलिंग राज खारवेल
➡ जूनागढ़ (गिरनार) अभिलेख➖रुद्रदामन
➡नासिक अभिलेख➖गौतमी बलश्री
➡प्रयाग स्तंभ लेख➖ समुद्रगुप्त
➡ ऐहोल अभिलेख ➖पुलकेशिन-।।
➡ मंदसौर अभिलेख➖मालवा नरेश यशोवर्मन
➡ग्वालियर अभिलेख ➖प्रतिहार नरेश भोज
➡भीतरी एव जूनागढ़ अभिलेख➖स्कंदगुप्त
➡ देवपाड़ा अभिलेख➖बंगाल शासक विजय सेन

नोट:- अभिलेखों का अध्ययन इपीग्राफी कहलाता है

पुरातत्व संबंधी साक्ष्य से मिलने वाली जानकारी
➡1400 ईसा. पूर्व के अभिलेख "'बोगाज-कोई"'(एशिया माइनर)से वैदिक देवता मित्र,वरुण, इंद्र और  नासत्य (अश्विनी कुमार) के नाम मिलते हैं
➡ मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने का प्रमाण यवन राजदूत "होलियोडोरस" के वेसनगर  (विदिशा) गरुड़ स्तंभ लेख से प्राप्त होता है
➡ सर्वप्रथम "भारतवर्ष" का जिक्र हाथीगुम्फा अभिलेख में है
➡ सर्वप्रथम दुर्भिक्ष का जानकारी देने वाला अभिलेख सौहगौरा अभिलेख है।
➡ सर्वप्रथम भारत पर होने वाले हूण आक्रमण की जानकारी  भीतरी स्तंभ लेख से प्राप्त होती है
➡ सती प्रथा का पहला लिखित साक्ष्य एरण अभिलेख ( शासक भानु गुप्त)से प्राप्त होती है
➡ रेशम बुनकर की श्रेणियों की जानकारी मंदसौर अभिलेख से प्राप्त होती है।
➡ कश्मीरी नवपाषाणिक पुरास्थल बुर्जहोमसे गर्तावास (गड्ढा घर )का साक्ष्य मिला है इन में उतरने के लिए सीढियॉ होती थी।
➡ प्राचीनतम सिक्कों को आहत सिक्केकहा जाता है इसी को साहित्य में काषार्पण कहा जाता है
➡ सर्वप्रथम सिक्कों पर लेख लिखने का कार्य यवन शासकों ने किया।
➡ अरिकमेडु (पु्दुचेरी के निकट) रोमान सिक्के प्राप्त हुए हैं

नोट:- सबसे पहले भारत के संबंध बर्मा (सुवर्णभूमि-वर्तमान में म्यांमार) मलाया ( स्वर्णदीप), कंबोडिया (कंबोज) और जावा (यवनदीप) से स्थापित हुए।

विदेशी यात्रियों से मिलने वाली प्रमुख जानकारी
(A) यूनानी-रोमन लेखक
⏯ टेसियस➖ यह एक इरान का राजवैध था
⏯ हेरोडोटस➖इसे इतिहास का पिताकहा जाता है। इसने अपनी पुस्तक हिस्टोरिका में पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व के भारत-फारस के संबंध का वर्णन किया परंतु इसका विवरण भी अनुश्रुतियों व अफवाह पर आधारित है
⏯ मैगास्थनीज➖ यह सेल्यूकस निकेटर का राजदूत ट था जो चंद्रगुप्त मौर्य के राजदरबार में आया था इसने अपनी पुस्तक इंडिका में मौर्य युगीन समाज व संस्कृति के विषय में लिखा है।
⏯ डाइमेकस➖ यह सीरियन नरेश आन्तियोकस का राजदूत था जो बिंदुसार के  राजदरबार में आया था इसका विवरण भी मोर्य  युग से संबंधित है
⏯ डायोनिसियस➖ यह मिश्र नरेश टॉलमी फिलेडेल्फस का राजदूत था जो अशोक के राजदरबार में आया था।
⏯ टॉलमी➖ उसने दूसरी शताब्दी में भारत का भूगोल नामक पुस्तक लिखी ।
⏯ पि्लनी➖ इसने प्रथम शताब्दी में नेचुरल हिस्ट्रीनामक पुस्तक लिखी इस में भारतीय पशुओं पेड़-पौधों खनिज पदार्थों आदि के बारे में विवरण मिलता है
⏯ पेरीप्लस ऑफ द इरिथ्रयन-सी➖ इस पुस्तक के लेखक के बारे में जानकारी नहीं है यह लेखक करीब 80 ईसवी में हिंद महासागर की यात्रा पर आया था  इसमें भारत के बंदरगाह तथा व्यापारी वस्तुओं के बारे में जानकारी दी है।

B चीनी लेखक
⏯ फाहियान ➖ यह चीनी यात्री गुप्त नरेश चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आया था उसने अपने विवरण में मध्य प्रदेश के समाज व संस्कृति के बारे में वर्णन किया इसने मध्य प्रदेश की जनता को सुखी व समृद्ध बताया है
⏯ संयुगन➖ यह 518 ई.में भारत आया उसने अपने 3 वर्षों की यात्रा बौद्ध धर्म की प्राप्तियाँ एकत्रित की।
⏯ ह्वेनसाँग➖ यह हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था ह्वेनसाँग 629 ईस्वी में चीन से भारत वर्ष के लिए प्रस्थान किया ओर लगभग 1 वर्ष की यात्रा के बाद सर्वप्रथम वह भारतीय राज्य कपिशा पहुंचा ।भारत में 15 वर्षों तक ठहरकर कर 645 ई. चीन लौट गया। वह बिहार में नालंदा जिला स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने तथा भारत से बौद्ध धर्म ग्रंथों को ले जाने के लिए आया था इसका भ्रमण वृतांत सि-यू-की के नाम से प्रसिद्ध है जिसमें 138 देशों का विवरण मिलता है इसने हर्ष कालीन समाज धर्म तथा राजनीति के बारे में वर्णन किया ।इसके अनुसार सिंध का राजा शुद्र था

नोट:-ह्वेनसाँग के अध्ययन के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे

⏯ इति्संग➖यह सातवीं शताब्दी के अंत में भारत आया उसने अपने विवरण में नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा अपने समय के भारत का वर्णन किया है।

(C) अरबी लेखक
⏯ अलबरूनी➖ यह महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। अरबी में लिखी गई उसकी कृति किताब-उल-हिंद या तहकीक-ए-हिन्द(भारत की खोज);आज भी इतिहासकारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है ।एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन ,त्योहारो, खगोल विज्ञान, कीमिया, रीति-रिवाजों तथा प्रथाओ सामाजिक जीवन, भार और तौल तथा मापन विधियां, पूर्तिकला कानून मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर 80 अध्यायों का विभाजन है ।इस में राजपूत कालीन समाज ,धर्म ,रिती-रिवाज राजनीति आदि पर सुंदर प्रकाश डाला गया है।
⏯ इब्न बबूता:- किसके दारा अरबी भाषा में लिखा गया उसका यात्रा वृतांत जिसे रिहला का जाता है चौदहवीं शताब्दी में भारतीय उपमहादीप के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विषय में बहुत ही प्रचूर तथा सबसे रोचक जानकारियां देता है 1333 ईस्वी में दिल्ली पहुंचने पर उसकी विध्दता से प्रभावित होकर सुल्तान मोहमद बिन तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी न्यायाधीश नियुक्त किया।

(D) अन्य लेखक
⏯ तारानाथ:- यह एक तिब्बती लेखक था उसने कंग्युर तथा तंग्युर  नामक ग्रंथ की रचना की। इनसे भारतीय इतिहास की जानकारी मिलती है।
⏯ मार्कोपोलो➖ यह 13 वी शताब्दी के अंत में पाण्डय देश की यात्रा पर आया था इसका विवरण पांण्डय इतिहास के अध्ययन के लिए उपयोगी है।

​सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल:- नदी, एवं उत्खननकर्ता एवं वर्तमान स्थिति
प्रमुख स्थल➖ नदी➖ उत्खनन कर्ता➖ वर्ष ➖ स्थिति

1⃣  .हड़प्पा➖ रावी नदी ➖ दयाराम साहनी एंव माधोस्वरूप वत्स➖ 1921➖ पाकिस्तान का मोंटगोमरी जिला
2⃣.  मोहनजोदड़ो➖ सिंधु नदी➖ राखालदास बनर्जी ➖1922➖ पाकिस्तान के सिंध प्रांत का लरकाना जिला
3⃣  .चन्हूदडो़ ➖सिंधु नदी ➖गोपाल मजूमदार ➖1931 ➖सिंध प्रांत (पाकिस्तान)
4⃣  .कालीबंगा ➖ घग्घर नदी ➖बी. बी. लाल एवं बी. के. थापर➖ 1953➖ राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला
5⃣ . कोटदीजी ➖सिंधु नदी ➖फजल अहमद ➖1953➖ सिंध प्रांत का खैरपुर स्थान
6⃣.  रंगपुर➖ मादर नदी➖ रंगनाथ राव ➖1953-54 ➖गुजरात का काठियावाड़ जिला
7⃣  रोपड़ ➖सतलज नदी ➖यज्ञदत्त शर्मा ➖1953-56 ➖पंजाब का रोपड़ जिला
8⃣  .लोथल ➖भोगवा नदी ➖रंगनाथ राव ➖1955 एवं 1962➖ गुजरात का अहमदाबाद जिला
9⃣ . आलमगीरपुर➖हिन्डन नदी➖ यज्ञदत शर्मा➖ 1958➖ उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला
  .सुतकांगेडोर ➖ दाश्क नदी ➖ ऑरेज स्टाइल, जॉर्ज डेल्स➖ 1927 एंव 1962➖ पाकिस्तान के मकरान में समुद्र तट के किनारे
1⃣1⃣. बनमाली ➖रंगोई➖ रविंद्र सिंह बिष्ट ➖1974➖ हरियाणा का हिसार जिला
1⃣2⃣ .धौलावीरा➖.......... ➖रविंद्र सिंह बिष्ट ➖1990-91 ➖गुजरात का कच्छ जिला

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