बलबन के प्रशासनिक सुधार

??सेना का गठन??
?बलबन ने जिस निरंकुश राजतंत्र की नींव डाली थी उसके लिए सेना का पुनर्गठन आवश्यक था
?इस उद्देश्य से उसने अपने सैनिकों की संख्या में वृद्धि की और सेना में योग्य और निष्ठावान अधिकारियों और सैनिकों को नियुक्त किया
?सैनिकों के वेतन में वृद्धि कर उन्हें संतुष्ट रखने का प्रयास किया, वह निरंतर सैनिक अभ्यास पर बल देता था। जिससे सेना  सतर्क और क्रियाशील रहे
?सर्वप्रथम बलबन ने ही सदैव तत्पर सैना रखने की शुरुआत की थी
?भारत में आरिज विभाग की स्थापना सर्वप्रथम बलबन ने ही की थी
?उसने इमादुल मुल्क को दीवान ए आरिज (सेना मंत्री) नियुक्त किया और उसे रावत -ए -अर्ज की उपाधि दी
?बलबन की सेना की अच्छी व्यवस्था का बहुत अधिक श्रेय इमादुल मुल्क को प्राप्त है
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आराज विभाग का मुख्य कार्य
1-सेना भर्ती
2-सेना का अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित करना और
3-वेतन वितरण आदि था

?बलबन ने सैन्य विभाग को  शेष नागरिक विभागों से  प्रथक कर इसे वजीर के साथ ही वित्त मंत्री के नियंत्रण से मुक्त कर दिया
? सैनी पुनर्गठन में बलबन ने संगठन की नीति का पालन किया,इसका मुख्य कारण यह है कि वह व्यर्थ सैनिक अभियानों के विरुद्ध था
?वह सैनिकों को प्रदान की गई इक्ताओं  से संबंधित भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास करता था जिसमें आंशिक रूप से सफल रहा
?बलबन ने दो आब की इक्ताओं की शर्तों और अवधि की जांच करवाई ।इन  इक्ताओं के अधिकारियों में अधिकांश की मृत्यु हो चुकी थी और अन्य वृद्ध हो चुके थे
?उसने युवा और स्वास्थ्य सैनिकों को स्थाई सेना में भर्ती किया और वृद्ध  और दुर्बल सैनिकों को 20 से 30 टंका पेंशन देकर उनकी  इक्ताओं को पुनर्ग्रहण करने का आदेश दिया
?लेकिन दिल्ली के कोतवाल मलिक फखरुद्दीन की सिफारिश पर उसने यह आदेश वापस ले लिया
?बलबन ने इक्तादारों  में भ्रष्टाचार रोकने के लिए 1279 में ख्वाजा नामक एक अधिकारी की नियुक्ति की थी जो इक्तादारो  पर नियंत्रण करता था
?बलबन ने इक्तादारों को अपने उत्तराधिकारियों को स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी थी इस प्रकार बलबन ने एक सुदृढ़ सेना का गठन किया

 ??गुप्तचर विभाग का गठन??
?बलबन के शासन की सफलता का मुख्य आधार उसका गुप्तचर विभाग था। पहली बार बलबन ने ही गुप्तचर विभाग की स्थापना की थी
?इसकी स्थापना सामंतों की गतिविधियों की निगरानी के लिए की गई थी प्रत्येक इक्ता और जन साधारण में भी उसके गुप्तचर  रहा करते थे
?यह प्रतिदिन की महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी सुल्तान को देते थे
?बलबन ने सेना व गुप्तचरों का प्रयोग अपनी निरकुंश शासन प्रणाली के लिए पूरी सफलता से किया
?गुप्तचर अधिकारी को बरीद कहा जाता था और बरीद ए मुमालिक गुप्तचर विभाग था

??मंगोल समस्या और पश्चिम उत्तर सीमा प्रांत की समस्या??
? बलबन के समय में मंगोल आक्रमण का भय बना रहा ,मंगोल आक्रमणकारियों के भय के कारण वह अपने राज्य क्षेत्र में विस्तार करने में असफल रहा
? बलबन दिल्ली का पहला सुल्तान था जिसने मंगोल आक्रमण से देश की रक्षा हेतु एक सुनिश्चित योजना बनाई
? मंगोल संकट को अवरुद्ध करने कि उसकी नीति का स्वरूप सुरक्षात्मक था,मंगोल आक्रमणों को नियमित रूप से रोकने के लिए उसने शक्ति और कूटनीति का प्रयोग किया
? अपने पश्चिमोत्तर सीमा की सुरक्षा के लिए अनेक उपाय किए
? 1270 ईस्वी में वह लाहौर आया और किलों को सुदृढ़ बनाने का आदेश दिया, उसने सीमा पर किलो की कतार बनवाई और बड़ी संख्या में सेना रखी

?बलबन पहला शासक था जिसने किले बनवाने पर ध्यान दिया

? सीमाओं पर योग्य और साहसी सरदारों को नियुक्त किया, जिनमें शेर खॉ सनकार महत्वपूर्ण था
? वह बलबन का चचेरा भाई था और अपने समय का सुप्रसिद्ध योद्धा था उसकी उपस्थिति में सीमावर्ती क्षेत्र सुरक्षित था,क्योंकि मंगोल और खोखर उससे भय खाते थे
?दुर्भाग्यवश बलबन उसे ईर्ष्या रखने लगा और जहर देकर उसकी हत्या करवा दी
?शेर खां की मृत्यु के पश्चात 1272 ईस्वी में मंगोल और खोखरों के आक्रमण पुन:तेज हो गए
?बलबन ने तैमूर खा को सुनम और समाना का प्रबंधक नियुक्त किया,अन्य इक्ताओं और दुर्गों का प्रबंध इक्तादारों को प्रदान किया लेकिन बलबन की यह नीति सफल नहीं हुई तो
?उस ने उत्तरी पश्चिमी सीमा को दो बराबर भागों में बांटा, लाहौर ,मुल्तान और दीपालपुर का क्षेत्र  अपने बड़े पुत्र शहजादा मोहम्मद को और सुनम, समाना और उच्छ का क्षेत्र से बलबन के छोटे बेटे बुगरा खां  को दिया गया
?प्रत्येक शहजादे के साथ प्राय एक शक्तिशाली सेना रखी गई जब बुगरा खां  को बंगाल का  इक्तेदार( सूबेदार) बनाया गया तब संपूर्ण उत्तर पश्चिम सीमा की सुरक्षा का दायित्व शाहजादा मुहम्मद को दे दिया गया था
?मुहम्मद ने  मुल्तान को अपना मुख्य केंद्र बनाया


 ?1285 ईस्वी में शहजादा मुहम्मद ने सुमरा जनजाति के विरुद्ध कुच किया उनके दमन के उद्देश्य से जतराल  के निकट अपना शिविर लगाया
?इसी समय तैमूर खॉ के नेतृत्व में मंगोलों ने आक्रमण किया, मुहम्मद ने मंगोलों के सामना करने का निश्चय किया और मंगोलों का सामना करते हुए शहजादा मुहम्मद इसी युद्ध में मारा गया

?इसामी ने लिखा है कि-- मंगोल सेना तुलना में बहुत थे इसीलिए उसने सभी मोर्चों पर अपनी शक्ति लगा दी घंटों वीरता पूर्वक लड़ते हुए शहजादा मुहम्मद मारा गया था 

?इसी समय मंगोलो ने अमीर खुसरो को बंदी बना लिया था
?शहजादा मुहम्मद बलबन का सबसे बड़ा और योग्य पुत्र था
? लखनौती (बंगाल) से लौट कर आने के बाद बलबन ने उसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था
?युद्ध में मृत्यु के बाद उसे शहीद-ए-आजम की उपाधि दी गई वह एक योग्य सेनापति होने के साथ-साथ साहित्य में भी अपनी  रुचि रखता था

??शहजादा मुहम्मद शाह का साहित्य में योगदान??
?अमीर खुसरो और अमीर हसन देहलवी(1253-1327)ने अपना साहित्यिक जीवन उसी के संरक्षण में आरंभ किया था
?अमीर हसन देहलवी उच्च कोटि का ग़ज़ल लेखक था जिसके कारण उसे ""भारत का सादी""कहा गया है
?अमीर हसन भी अमीर खुसरो की भांति निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे
? शहजादा मुहम्मद ने फारसी के महान कवि शेख सादी को भी  निमंत्रित किया था यद्यपि वह अपनी वृद्धावस्था के कारण नहीं आ सका



??दोआब में इक्ताओ का पुनर्ग्रहण??
?बलबन का एक महत्वपूर्ण कार्य था दोआब में इल्तुतमिश द्वारा दी गई इक्ताओं में से अनेक का पुनर्ग्रहण
?इल्तुतमिश के काल में सेवा के उपलक्ष में कुछ भूमियों का अनुदान दिया गया था। इल्तुतमिश के बाद व्याप्त अराजकता का लाभ उठाकर इक्तादार वस्तुत:स्वतंत्र हो गए थे
?इसीलिए बलबन ने दो आब में लगभग 2000 इक्तादारों की जांच कराई इनमें से अधिकांश की मृत्यु हो चुकी थी लेकिन उनके वंशज पद का लाभ उठा रहे थे
?कुछ इक्तेदार इतने वृद्ध हो चुके थे कि वह सैनिक सेवा के योग्य नहीं थे इस दुर्दशा को सुधारने के लिए बलवंत में ने निम्न उपाय किए थे

1-?सेना में सैनिकों की वृद्धि की
2-?योग्य और सक्षम व्यक्तियों को सेना में भर्ती किया
3-?सेना को नगद वेतन की व्यवस्था की
4-?मृत सैनिकों की विधवाओं और उनकी संतानों के लिए आर्थिक सहायता निश्चित की गई
5-?सेना का केंद्रीयकरण किया गया

?बलबन ने अर्ध नागरिक और अर्धसैनिक प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना की
?उसने केंद्रीय शक्ति के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया और फूट उत्पन्न करने वाली प्रवृतियों पर नियंत्रण रखा

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