प्रश्न =1 किसने कहा कि “स्वराज की प्राप्ति, ईश्वर में विश्वास द्वारा ही संभव है (अ) Arvind Ghosh✔ (ब) Jai Prakash Narayan (स) एम एन राय (द) आचार्य नरेन्द्र देव
व्याख्यान =अरविन्द घोष Indian National Congress के प्रथम ऐसे नेता है जिन्होंने भारत का राजनीतिक लक्ष्य 'स्वतंत्रता' को बताया था । स्वतंत्रता की इस धारणा को अरविन्द घोष ने स्वदेशी स्वराज भी कहा हैं ।
प्रश्न =2 किसने आध्यात्मिक मानववाद का निर्माण किया । (अ) Mahatma Gandhi (ब) Ravindra Nath Tagore (स) Arvind Ghosh✔ (द) कोई नहीं
व्याख्यान= अरविन्द घोष सभी जातियों के लोगों को एक उच्च आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जागरूक करना चाहते थे अरविन्द घोष के राष्ट्रवाद की संकल्पना आध्यात्मिक व धार्मिक है राजनीति का आध्यात्मिकरण अरविन्द की भारतीय चिन्तन को अनुपम देन है ।
प्रश्न =3 अरविन्द घोष की तुलना किससे नही की जाती है ? (अ) बाल (ब) पाल (स) लाल (द) एम एन राय ✔
व्याख्यान= अरविन्द घोष की तुलना भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के उग्र राष्ट्रीयता के विचारको लाला लाजपत राय , विपिनचन्द्र पाल , बाल गंगाधर तिलक से की जाती है ।
प्रश्न =4 अरविन्द घोष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कौनसे नेता है जिन्होंने भारत का राजनीतिक लक्ष्य 'स्वतंत्रता' को बताया ? (अ) प्रथम✔ (ब) द्वितीय (स) तृतीय (द) कोई भी नहीं
व्याख्यान = इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने वाले स्वामी दयानंद जी पहले व्यक्ति थे किन्तु अरविन्द ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को जन साधारण के लिए वैचारिक प्रश्न के रूप में उभरा ऐसा समझा जाता है कि अरविन्द घोष की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग कांग्रेसी नेताओं को भी ठीक लगी और 1929 इसमें उन्होंने भारत के लिए पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पारित किया ।
प्रश्न =5 अरविन्द घोष ने अपनी किस पुस्तक में 'विश्व संघ की अवधारणा' को प्रस्तुत किया ? (अ) सावित्री (ब) द आइडियल ऑफ ह्यूमन यूनिटी ✔ (स) द ह्यूमन साइकल (द) इनमें से किसी में भी नही
प्रश्न =6 अरविन्द घोष आदर्श एक ऐसे विश्व संघ की रचना थी जिसका आधार व लक्ष्य था ? (अ) शक्ति (ब) अनिवार्यता (स) स्वतंत्र राष्ट्रीयताओ का विश्व संघ ✔ (द) उपरोक्त में से कोई नही
प्रश्न =7 अरविन्द घोष :- (अ) देश भक्ति के राष्ट्रकवि (ब) उग्र-राष्ट्रीयवादी नेता (स) आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के पैम्बर एवं मानवता अनुरागी (द) उपरोक्त सभी ✔
व्याख्यान = अरविन्द घोष को-देशभक्ति के राष्ट्रकवि, भारतीय पुनर्जागरण और भारतीय राष्ट्रवाद की एक महान् विभूति, उग्र-राष्ट्रीयवादी नेता , आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के पैम्बर एवं मानवता अनुरागी कहा जाता है ।
प्रश्न =8 अरविन्द घोष के अनुसार स्वतंत्रता के रूपो में निम्नलिखित में उसे कौन सा शामिल नही है ? (अ) राष्ट्रीय स्वतन्त्रता( National independence) (ब) आन्तरिक स्वतंत्रता (स) सम्पति स्वतंत्रता ✔ (द) व्यक्तित्व स्वतंत्रता
व्याख्यान = महर्षि अरविन्द घोष के अनुसार स्वतंत्रता के तीन रूप हैं वह व्यक्ति की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों को अत्यधिक महत्व देते हैं उन्होने राष्ट्रीय विकास के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अति आवश्यक बताया हैं तीन रूप :- 1= राष्ट्रीय स्वतन्त्रता 2=आन्तरिक स्वतंत्रता 3=व्यक्तित्व स्वतंत्रता
प्रश्न =9 अरविन्द घोष मुख्यतः किसके लिए विख्यात है ? (अ) राजनीतिक विचारधारा(Political ideology) (ब) क्रान्तिकारी कार्यकलाप(Revolutionary activity) (स) लाईफ डिवाइन(Life devine)✔ (द) माता के साथ सम्बन्ध
प्रश्न =10 निम्नलिखित में से 'अहिंसात्मक प्रतिरोध के सिध्दांत' के जनक कौन है (अ) अरविन्द घोष ✔ (ब) महात्मा गांधी (स) रविन्द्र नाथ टैगोर (द) नेहरू
व्याख्यान = निष्क्रिय प्रतिरोध (अंहिसात्मक प्रतिरोध) उग्र राष्ट्रीयता वाले नेताओ का स्वराज्य प्राप्ति का प्रमुख साधन था । उग्र-राष्ट्रीयवादी नेता -लाल ,पाल ,बाल एवं घोष अर्थात् लाला लाजपत राय, विपिनचन्द्र पाल, बाल गंगाधर तिलक एवं अरविन्द घोष । अरविन्द घोष ने निष्क्रिय प्रतिरोध की सैध्दांतिक व्याख्या की है ।
प्रश्न =11 निम्न में से कौन सी अरविन्दो द्वारा रचित नहीं है ? (अ) द लाईफ डिवाइन (ब) ऐसेज ऑन दि गीता (स) दि आइडियल्स ह्यूमन युनिटी (द) मार्क्स , गांधी एण्ज सोशलिज्म✔
व्याख्यान= अरविन्द घोष की रचनाऐ :- 1 The Life Devine 2 ऐसेज ऑन दि गीता 3 दि आइडियल्स ह्यूमन युनिटी 4 द सिन्थेसिस ऑफ योगा 5 सावित्री 6 द ह्यूमन साइकल
प्रश्न =12 अरविन्द घोष को सबसे 'खतरनाक व्यक्ति' के रूप में वर्णन किसने किया है ? (अ) वेलेन्टाइन शिरोल (ब) Lord minto✔ (स) Tilak (द) Sardar Vallabh Bhai Patel
व्याख्यान =उग्र-राष्ट्रीयवादी एवं धार्मिक राष्ट्रवादी विचारों के कारण लाॅड मिंटो ने सर्वाधिक 'खतरनाक व्यक्ति' के रूप में अरविन्द घोष का वर्णन किया है वेलेन्टाइन शिरोल ने बाल गंगाधर तिलक को 'भारतीय अशान्ति का जनक' कहा।
प्रश्न =13 अरविन्द घोष को हमारे युग पैगम्बर किसने कहा ? (अ) वेलेन्टाइन शिरोल (ब) लाॅर्ड मिंटो (स) डाॅ फ्रेडरिक स्पजलबर्ग ✔ (द) रोमा रोला
प्रश्न =14 अरविन्द घोष को एशिया तथा यूरोप की प्रतिभा का समन्वय कहकर पुकारा ? (अ) वेलेन्टाइन शिरोल ने (ब) लाॅर्ड मिंटो ने (स) डाॅ फ्रेडरिक स्पजलबर्ग ने (द) रोमा रोला ने✔
प्रश्न =15 अरविन्द घोष की भारतीय चिन्तन को अनुपम देन है ? (अ) राजनीतिक का आध्यात्मिकरण ✔ (ब) द सिन्थेसिस ऑफ योगा (स) सावित्री (द) द ह्यूमन साइकल
व्याख्यान = अरविन्द घोष सभी जातियों के लोगों को एक उच्च आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जागरूक करना चाहते थे वे चाहते थे कि भारत वासियों पर पाश्चात्य संस्कृति का रंग न चढे और वे हर दृष्टि से भारतीय बनें रहें ।अरविन्द का राष्ट्रवाद पश्चिमी राष्ट्रवाद की तरह राजनीतिक अवधारणा नहीं , बल्कि एक राजनीतिक की आध्यात्मिक अवधारणा है राजनीति का आध्यात्मिकरण अरविन्द की भारतीय चिन्तन को अनुपम देन है ।
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