भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की शुरुआत 02( Indian National Congress Convention 02)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की शुरुआत 02


( Indian National Congress Convention 02)


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 36 वा अधिवेशन
कांग्रेस का 36वॉ अधिवेशन 1921 में हकीम अजमल खां कार्यकारी अध्यक्ष की उपस्थिति में अहमदाबाद में किया गया था
इस अधिवेशन के समय अधिवेशन के अध्यक्ष सी आर दास जेलमें थे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 37वा अधिवेशन
1922 को सी आर दास की अध्यक्षता में गयामें आयोजित हुआ था
इस अधिवेशन में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की गई थी
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का  एक विशेष अधिवेशन अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में 1923 में दिल्लीमें  आयोजित किया गया था
इस समय अबुल कलाम आजाद की उम्र 35 वर्षथी
इस कारण यह सबसे कम उम्र के कांग्रेस अध्यक्षथे,
स्वराज पार्टी को परिषद चुनाव में भाग लेनेकी अनुमति दी गई थी

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39 वा अधिवेशन
दिसंबर 1924 को महात्मा गांधी की अध्यक्षता में बेलगांव में आयोजित किया गया था
गांधी जी केवल एक बार ही कांग्रेस के अध्यक्षबन पाए थे
इसी समय कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों अलग हो गए थे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 40 वा अधिवेशन??
यह अधिवेशन सरोजिनी नायडू की अध्यक्षता में 1925 में कानपुर में आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में सरोजिनी नायडू पहली भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनी थी
इस अधिवेशन में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में इस्तेमाल किया गया था
कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हसरत मोहानी ने पहली बार पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव रखा था,लेकिन यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 41 वां अधिवेशन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 41 वां अधिवेशन दिसंबर 1926 को एम श्रीनिवास आयंगर की अध्यक्षता में गुवाहाटीमें आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन से कांग्रेस नेताओ को खादी पहनना अनिवार्य कर दिया था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 42 वा अधिवेशन
1927 को एम ए अंसारी की अध्यक्षता में मद्रास में आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित हुआ था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 43 वा अधिवेशन
मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कलकत्ता में 1928 में आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में पहली अखिल भारतीय युवा कांग्रेस बनी थी
इस अधिवेशन में कांग्रेस का एक विदेश विभाग स्थापित किया गया था 

भारतीय कांग्रेस का 44वा अधिवेशन
1929 को जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव दिया गया था
इस अधिवेशन में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनानेका निश्चय किया गया था
नोट1930 में कांग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हुआ था ,क्योंकि इस समय कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन में व्यस्त थी

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 45 वा अधिवेशन
29मार्च 1931 में वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में कराचीमें आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में मौलिक अधिकारों पर प्रस्ताव और राष्ट्रीय आर्थिक नीतिकी चर्चा की गई थी
इस अधिवेशन में गांधी जी ने कहा था कि गांधी मर सकते हैं परंतु गांधीवाद हमेशा जिंदा रहेगा 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 47वां अधिवेश
1 अप्रैल 1933 को श्रीमती नेल्ली सेनगुप्त की अध्यक्षता में कलकत्ता में हुआ था
इस अधिवेशन में पहली अंग्रेज महिला अध्यक्ष बनी थी

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 48 वा अधिवेशन
1934 को राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में मुंबईमें आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में कांग्रेस समाजवादी दल की स्थापना की गई थी

नोट 1935 में कांग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हुआ था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 49 वां अध अधिवेशन
यह अधिवेशन 12 से 14 अप्रैल 1936 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में लखनऊमें आयोजित किया गया था
इस अधिवेशन में कांग्रेस पार्लियामेंट बोर्डकी स्थापना की गई थी
कांग्रेस का लक्ष्य समाजवाद निर्धारित किया गया था
नेहरु ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा हां मैं समाजवादी हूं मेरा लक्ष्य समाजवाद की स्थापना करना है

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 50 वां अधिवेशन
?यह अधिवेशन 1937 को जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में फैजपुर में आयोजित किया गया था
यह अधिवेशन पहला अधिवेशन था जो गांव में आयोजित हुआ था
इस अधिवेशन में एक 13 सूत्रीय स्थाई कृषि कार्यक्रम घोषित किया गया था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 51 वां अधिवेशन
19 से 21 फरवरी 1938 को सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में हरीपुरा गुजरातमें आयोजित किया गया था
यह अधिवेशन भी एक गांव में आयोजित हुआ था
इस अधिवेशन में राष्ट्रीय नियोजन समितिका गठन किया गया और पंडित जवाहरलाल नेहरु को इसका अध्यक्षबनाया गया
इस अधिवेशन में भारत की स्वतंत्रता में रजवाड़ोंको भी शामिल किया गया था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 52 वां अधिवेशन
यह अधिवेशन 1939 को सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में त्रिपुरी में आयोजित किया गया था
पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सुभाष चंद्र बोस और गांधी जीद्वारा समर्थित उम्मीदवार पट्टाभि सीतारामैयाके बीच मतदान हुआ
इस मतदान में सुभाष चंद्र बोस ने सीतारामैया को 1377 के मुकाबले 1580 मतों से पराजित किया था
लेकिन अपनी कार्यकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधी जी के विवाद हो जाने के कारण उन्होंने त्याग पत्र देदिया था
इस कारण डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्षबनाया गया
इस अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस का इस्तीफा और राजेंद्र प्रसाद अध्यक्षबने थे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का 53 वां अधिवेशन
17 से 19 मार्च 1940 को मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में रामगढ़में आयोजित किया गया था
भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होने के कारण जब कांग्रेस को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया गया और सभी कांग्रेसी नेताओं को बंदीबना लिया गया
तब 1941 से 45 के मध्य कांग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हो सका था
इस कारण इन वर्षों में अबुल कलाम आजाद ही कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहे थे
वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे लंबे और सबसे नाजुक दौर में अध्यक्ष रहे हैं
भारत छोड़ो आंदोलन मौलाना अबुल कलाम के समय में ही हुआ था
नोट 1946 में जवाहर लाल नेहरू ने नवंबर में इस्तीफा दे दिया था इस कारण कृपलानी को इसका अध्यक्ष बनाया गया

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 54 वां अधिवेशन
23 नवंबर 1946 को आचार्य जे बी कृपलानी की अध्यक्षता में मेरठ मेंआयोजित किया गया था
स्वतंत्रता प्राप्ति के समय कृपलानी ही अध्यक्षथे
नवंबर 1947 में इन्होंने इस्तीफादे दिया था और इसके अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बनाए गए

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 55 वां अधिवेशन
18 से 19 दिसंबर 1948 को जयपुर में श्री डॉक्टर पट्टााभी सीतारमैया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 56 वा अधिवेशन
1950 को पुरुषोत्तम दास टंडन की अध्यक्षता में नासिक में आयोजित किया गया था
नाशिक अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार खड़े हुए थे
वल्लभ भाई पटेल ने पीडी टंडन को समर्थन दिया था,जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरु ने जे बी कृपलानीको समर्थन दिया था
तीसरे उम्मीदवार शंकरराव देव थे
पी०डी ० टंडन को 1306 मत और कृपलानी को 1092 मत तथा तीसरे उम्मीदवार के रुप में शंकरराव देव को 202 मत मिले थे
नेहरू के दबाव के कारण 8 सितंबर 1951 को पी०डी० टंडन ने इस्तीफा देदिया था
इसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरुही बने रहे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 60वॉ
यह अधिवेशन 1955 को उच्छंगसय नवलराय ढेबर की अध्यक्षता में अवाडी में आयोजित किया गया था
कांग्रेस ने देश में लोकतांत्रिक आधार पर समाजवादी राज्य अधिवेशन की नीति स्वीकार की थी

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