भारत में नदी प्रणाली(River system in india)

भारत में नदी प्रणाली(River system in india)


भारत नदियों का देश में आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्रचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है! सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ!आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है!प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बन्द्ध है!भारत के इस विशाल भू-भाग पर नदियों का संजाल फैला हुआ है!नदियों के देश कहे जाने वाले भारत में मुख्यतः चार नदी प्रणालियाँ है-

उत्तरी भारत में सिंधु
मध्य भारत में गंगा
उत्तर -पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र
प्रायद्विपीय भारत में नर्मदा कावेरी महानदी प्रणाली

भारत में मुख्यतः चार जगहों से नदियँ निकलती है-
हमालय से निकलने वाली
दक्षिण से निकलने वाली
तटवर्ती नदियाँ
अंतरदेशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

भारत से प्रवाहित होकर यह नदियाँ तीन जगहों पर गिरती है-
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ
अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ
जमीन भीतरी प्रवा

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली 
<मध्य भारत में गंगा नदी>

गंगा नदी?
भारत की सबसे महत्वपूर्ण व पवित्र मानी जाने वाली गंगा नदी इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है
गंगा नदी सामाजिक ,साहित्यिक,सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है गंगा का मैदान घनी जनसंख्या के लिए जाना जाता है!भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्व के कारण बार बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये है!
गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो गंगोत्री से और दुसरी ओर सतपतिमानी से अलकनंदा नदी दोनों देवप्रयाग के संगम पर मिलती है यहाँ से यह सम्मिलित जल-धारा गंगा नदी के नाम से आगे प्रवाहित होती है!इस प्रकार 200किलोमीटर का सँकरा रास्ता तय करके गंगा नदी रीषिकेश होते हुए प्रथम बार मैदानों का स्पर्श हरिद्वार में प्रवेश करती है!हरिद्वार से लगभग 800किलोमीटर मैदानी यात्रा करते हुए कन्नौज,कानपुर होते हुए इलाहाबाद पहुँचती है!यहाँ इसका संगम यमुना,सरस्वती और गंगा तीनों नदियों का संगम होता है जिसे त्रिवेणी संगम कहते है!इसकाइसके बाद हिन्दू मोक्षदीयिनी नगरी वाराणसी से पटना में पहुँचती है जहाँ सोन,गण्डक,घाघरा,कोसी आदि नदियाँ मिल जाती है बिहार से निकलकर गंगा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले गिरिया स्थान के पास गंगा नदी दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है-हुगली और पद्मा!
हुगली नदी दक्षिण की ओर पश्चिम बंगाल में और पद्मा नदी दक्षिण-पूर्व की ओर बहती फरक्का बैराज से छनते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है!सुन्दरवन डेल्टाई भाग बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है!
▪यह नदी हरिद्वार,मुरादाबाद,रामपुर,कानपुर,इलाहाबाद,वाराणसी,पटना,राजशाही आदि कई शहरों से गुजरती है!
▪गंगा नदी की कुल लम्बाई लगभग 2525 किलोमीटर मानी जाती है!
▪गंगा नदी पर प्रसिद्ध त्रिवेणी संगम प्रयाग में गंगा,यमुना और सरस्वती तीन नदियों से मिलकर बना है!
▪गंगा नदी तीन बाँध बने हुए है
टिहरी बाँध* (उत्तराखण्ड)
फरक्का बाँध(प.बंगाल)
भीमगोडा बाँध(उत्तराखण्ड)

यमुना नदी 
यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है!यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के बन्दरपुच्छ के उत्तर-पश्चिम में कालिंद पर्वत है वहाँ से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यंत तीव्रतापूर्वक उतरती इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत से प्रकट होती है वहाँ इसके दर्शनार्थ हजारों श्रद्धालु यात्री प्रतिवर्ष भारत वर्ष के कोने-कोने से पहुँचते हैं!यह अपने उद्गम से लगभग 95 किलोमीटर दूर वर्तमान सहारनपुर जिला के फैजाबाद ग्राम के समीप मैदान में आती है!फिर दिल्ली,आगरा से होती हुई इलाहाबाद में गंगा नदी में मिल जाती है!
▪यह नदी दिल्ली,मथुरा,आगरा,इटावा,कापली,इलाहाबाद जैसे बडे़ शहरों से गुजरती है!
▪यमुना नदी की टोंस,हिडन,शारदा,कुंता,गिरि,चम्बल,बेतवा,केन,सिंध आदि नदियाँ इसकी सहायक नदियाँ है!
▪यमुना की लम्बाई 1376 किलोमीटर है!

सरस्वती नदी
सरस्वती नदी पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी कहते है यह नदी पंजाब में सिरमूरराज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरूक्षेत्र होती हुई कर्नाल जिला और पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की कांगार नदी में मिल गई थी!प्राचीन काल में इस नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था!यह भी कहा जाता है कि प्रयाग के निकट तक आकर यह गंगा तथा यमुना में मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है!सरस्वती नदी की लम्बाई 1600किलोमीटर मानी जाती है इस नदी का प्रवाह जमीन के अन्दर होताहै!

भागीरथी नदी 
भागीरथी भारत की एक नदी है!यह उत्तराखण्ड में भागीरथी गोमुख से 24 किलोमीटर लम्बे गंगोत्री हिमनद से निकलती है!भागीरथी व अलकनंदा देव प्रयाग संगम बनाती है जिसके पश्चात वह गंगा के रूप में पहचानी जाती है!
भारत में टिहरी बाँध टेहरी विकास परियोजना का प्राथमिक बाँध है,जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है!यह बाँध भागी रथी नदी पर बनाया है!टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है!इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन,270000हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली,उत्तर प्रदेश एवँ उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया है!

रामगंगा नदी
रामगंगा नदी भारत की प्रमुख तथा पवित्र नदियों में से एक हैं!स्कंदपुराण के मानसखण्ड में इसका उल्लेख रथवाहिनी के नाम से हुआ है!उत्तराखण्ड के हिमालयी पर्वत अल्मोड़ा जिले के दूनागिरी के विभिन्न प्राकृतिक जलस्त्रोत निकलकर कई गधेरों के रूप में तड़ागताल पहुँचते हैं!इस झील का कोई मुहाना नहीं है!चन्द कदमों की दुरी के उपरान्त स्वच्छ स्वेत धवल सी भूगर्भ से निकलती है और इसी अस्तित्व में प्रकट होकर रामगंगा का उद्गम होता है!इस नदी की लम्बाई 188किलोमीटर है!
रामगंगा नदी पर कालागढ़ नामक स्थान पर एक बाँध बनाया गया है!यह नदी अल्मोड़ा,नैनीताल,मुरादाबाद,बरेली,बदायूँ,शाहजहाँपुर,फर्रूखाबाद,हरदोई जिलों से होकर गुजरती है!रामगंगा 154किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ जिले के निकट बिजनौर जिले के मैदानों में उतरती है तथा 24किलोमीटर की मैदानी भागों की यात्रा करने के उपरान्त इसमें कोह नदी आकर मिलती है अन्ततःमैदानी यात्रा करने के पश्चात कन्नौज के निकट गंगा नदी की सहायक नदी के रूप में गंगा नदी में मिल जाती है!

सोन नदी 
गंगा नदी की सहायक नदियों में सोन का प्रमुख स्थान है!यह नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक नामक पहाड़ से निकलकर 350 मील की चक्कर काटती हुई पटना से पश्चिम गंगा में मिलती है!इस नदी का पानी मीठा,निर्मल और स्वास्थ्यवर्धक होता है!इसके तटों पर अनेक प्राकृतिक दृश्य बड़े मनोरम है इन नदी मे डिहरी आन सोन पर बाँध बाँधकर 296मील लम्बी नहर निकाली गई है!जिसके जल से शाहाबाद,गया,और पटना जिलों के लगभग सात लाख एकड़ भूमि पर सिंचाई होती है!यह बाँध 1874 में तैयार हो गया था!
दुसरा पुल पटना और आरा के बीच कोइलवर नामक स्थान पर है!कोइलवर पुल रेल-सह-सड़क पुल है!ऊपर रेलगाडियाँऔर नीचे बस मोटर और बैलगाडियाँ चलती है!इसी नदी पर एक तीसरा पुल भी ग्रैंड ट्रक रोड पर बनाया गया है!
यह बिहार की एक प्रमुख नदी है!इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के बालू पीले रंग के है जो सोने कि तरह चमकते है!इस नदी के रेत भवन निर्माण आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है तथा यह रेत उत्तरप्रदेश के कुछ शहरों में भी निर्यात किया जाता है!

सरयू या घाघरा नदी 
अपने ऊपर भाग में जहाँ इसे काली नदी के नाम से जाना जाता है,यह काफी दूरी तक उत्तराखण्ड और नेपाल के बीच सीमा बनाती है!
सरयू नदी की प्रमुख सहायक नदी राप्ती है जो इसमें उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के बरहज नामक स्थान पर मिलती है!इस क्षेत्र का प्रमुख नगर गोरखपुर इसी राप्ती नदी के पट पर स्थित है!
सरयू नदी को इसके ऊपरी हिस्से में काली नदी के नाम से जाना जाता है,जब यह उत्तराखण्ड में बहती है!मैदान में उतरने के पश्चात इसमें घाघरा नदी आकर मिलती है और इसका नाम सरयू हो जाता है!सरयू नदी पर उत्तराखण्ड में टनकपुर के पास बाँध बनाकर शारदा नहर निकाली गई है!यह भारत की सर्वाधिक बड़ी नहर प्रणालियों में से एक है!यह नदी बिहार के पास आरा और छपरा के पास गंगा में मिल जाती है!
सरयू नदी के किनारे बहराइच,सीतापुर,गोंडा,फैजाबाद,अयोध्या,दोहरीपुर,बलिया आदि शहर स्थित है!

कोसी नदी 
कोसी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत में दाखिल होती है!इसमें आने वाली बाढ़ से बिहार में बहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को'बिहार का अभिशाप'कहा जाता है
कोसी नदी पर सन् 1962में एक बाँध बनाया गया!यह बाँध भारत नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है!इसमें पानी के बहाव के नियन्त्रण के लिये 52द्वार बने है जिन्हें नियन्त्रित करने का कार्य भारत के अधिकारी करते है!

गंडक नदी 
गंडक बिहार और नेपाल में सालिग्रामि और मैदान में नारायनी कहते है यह पटना के निकट गंगा में मिल जाती है!इस नदी की लम्बाई लगभग 1310 किलोमीटर होगी!यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारत की ओर बहती है और फिर उत्तर प्रदेश बिहार राज्य सीमा के साथ व गंगा के मैदान में दक्षिण-पूर्व दिशा मे बहती है!

हुगली नदी 
हुगली नदी पश्चिम बंगाल राज्य,पूर्वोत्तर भारत में स्थित है!यह गंगा की एक धारा है,जो कोलकाता को बंगाल की खाड़ी से जोड़ती है!यह नवद्वीप के पास भागीरथी और जलागि नदियों के मेल से बनती है!वहाँ से हुगली सामान्यतः दक्षिण दिशा में सघन औद्योगिक क्षेत्र से होती हुई लगभग 260किलोमीटर दूर बंगाल की खाडी तक बहती है इस नदी के निचले हिस्से में दामोदर,रूपनारायण,और हल्दी नदियाँ मिलती हैं जो पश्चिमोत्तर में छोटा नागपुर के पठार से निकलती है!
बांग्लादेश के साथ बातचीत के फलस्वरूप गंगा नदी का कुछ पानी फरक्का की ओर मोड़ दिया जाता है,ताकि कोलकाता में गाद के जमाव को कम किया जा सके!नवद्विप और कोलकाता के बीच हुगली पर छःपुल है!ग्रीष्म मे हुगली नदी के बहाव को निरन्तर बनाये रखने के लिये गंगा के जल के एक बड़े हिस्से को फरक्का बाँध के द्वारा हुगली नदी में मोड़ दिया जाता है!

दामोदर नदी 
दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखण्ड में बहने वाली एक नदी है!इस नदी के जल से एक महत्त्वकाक्षी पनबिजली परियोजना दामोदर घाटी परियोजना चलाई जाती है जिसका नियन्त्रण डी वी सी करती है!
दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है!हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पूर्व यह उससे मिलती है!इसकी कुल लम्बाई 368मील है!पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको "बंगाल का अभिशाप"कहा जाता था!भारत के प्रमुख कोयला एवं अभ्रक क्षेत्र भी इसी नदी घाटी में स्थित हैं!इस नदी पर बाँध बनाकर जलविद्युत उत्तपन्न की जाती है!

महानन्दा नदी 
महानन्दा नदी गंगा के बाये तट की प्रमुख सहायक नदी है!हिमालय से निकलने वाली गंगा की अंतिम सहायक नदी है!

महानदी 
छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है!प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था!महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोहुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रूप धारण कर चुकी होती है!एेतिहासिक नगरी आंरग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरूप महानदी बन जाती है!महानदी की धारा इस धार्मिक स्थल से मुड़ जाती हैऔर दक्षिण से उत्तर के बजाय यह पूर्ण दिशा में बहने लगती है!संबलपुर में प्रवेश लेकर महानदी छत्तीसगढ़ से सिहावा से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरने तक महानदी लगभग 855किलोमीटर की दूरी तय करती है!छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर धमतरी,कांकेर,चारामा,राजिम,चम्पारण,आंरग,सिरपुर,शिवरी,नारायण,और उड़ीसा में सम्बलपुर,बलागीर,कटकआदि स्थान हैं!इस पर बने प्रमुख बाँध रूद्री,गंगरेल तथा हीराकुंड!यह नदी पूर्वी मध्यप्रदेश और उड़ीसा की सीमाओं को भी निर्धारित करती है!

सुवर्ण रेखा नदी 
सुवर्णरेखा भारत के झारखण्ड में बहने वाली एक पहाड़ी नदी है!यह राँची नगर से 16किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव रानी चुआँ नामक स्थान से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढती हुई मुख्य पठार को छोड़कर प्रपात के रूप में गिरती है!इस प्रपात को हुन्डरू जलप्रपात कहते है!प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिन्दुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्ट करती है यह बालेश्वर होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है इस नदी की कुल लम्बाई 474किलोमीटर है!

<उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र>

ब्रह्मपुत्र नदी 
यह नदी तिब्बत,भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है!ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमा युंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है!इसकी लम्बाई लगभग 2900किलोमीटर है!इसका नाम तिब्बत में सांगपो,अरूणाचल प्रदेश में डिहं तथा असम में ब्रह्मापुत्र है!यह नदी सांपगो नाम से 1700किलोमीटर तक पूर्व की ओर बहती है,जिसके बाद दक्षिण पश्चिम में सिंयाग नाम से ऊचाई के तेजी से छोड़ यह मैदानों मे दिहांग नाम से प्र वेश होती है !असम में नदी काफी चौड़ी हो जाती है और कहीं तो इसकी चौड़ाई 10किलोमीटर तक है !डिब्रूगढ़ तथा लखिमपुर जिले के बीच नदी दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है!असम मे ही नदी को दोनों शाखाएँ मिल कर माजूली द्वीप बनाती है जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है!इसके बाद यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है यहाँ नदी की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है ! सुवनश्री,तिस्ता,लोहित,बराक आदि उपनदियाँ है!
प्रायःभारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते है लेकिन ब्रह्मापुत्र ही एक अपवाद नदी है!

तिस्ता नदी 
भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर बहती है!यह सिक्किम और पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी विभाग की मुख्य नदी है!पश्चिम बंगाल के दार्जिलिग जिले में बहती है!तिस्ता नदी को सिक्किम और उत्तरी बंगाल की जीवन रेखा कहा जाता है!
सिक्किम और पश्चिम बंगाल से बहती हुई यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है!इस नदी की पुरी लम्बाई 315किलोमीटर है!

लोहित नदी 
भारत के अरूणाचल प्रदेश और असम में बहनें वाली एक नदी है!यह ब्रह्मापुत्र की एक सहायक नदी है!लोहित नदी पूर्वी तिब्बत के जयाल छू पर्वत श्रेणी से निकलती है और अरूणाचल प्रदेश में दो सौ किलोमीटर तक तुफानी वेग से बहने के बाद असम के मैदानी इलकों में आ जाती है!खून की नदी के नाम से जानी जाने वाली यह नदी तुफानी और अशांत है और इसका यह नाम आंशिक रूप से बहती हुई ब्रह्मपुत्र घाटी के मुहाने पर ब्रह्मपुत्र नदी में विलय हो जाती है!

गोदावरी नदी 
गोदावरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है यह नदी दूसरी प्रायद्विपीय नदियों में से इसकी उत्पति पश्चिम घाट की पर्वत श्रेणी के अन्तर्गत त्रिम्बक पर्वत से हुई है!यह महाराष्ट्र में नासिक जिले से निकलती है!इसकी लम्बाई प्रायः1450किलोमीटर है!इस नदी का पाट बहुत बड़ा है!गोदावरी की उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता,इन्द्रावती,मंजिरा!यह महाराष्ट्र,तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है!

इन्द्रावती नदी 
मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और गोदावरी नदी की सहायक नदी है!इस नदी का उद्गम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर में है!नदी की कुल लम्बाई 240किलोमीटर है!यह नदी प्रमुख रूप से छतीसगढ़ राज्य के बस्तर दन्तेवाड़ा जिले में प्रवाहीत होती है!दन्तेवाड़ा जिले के भद्राकाली में इन्द्रवती नदी और गोदावरी नदी का संगम होता है!
इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान नदी के किनारे बसा हुआ है!जगदलपुर के निकट मात्र80किमी.की दूरी पर स्थित चित्रकोट जलप्रपात स्थित है!अपने घोड़े की नाल समान मुख के कारण इस जल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है!यह भारत का सबसे बड़ा जल प्रपात है!

वर्धा नदी 
मध्यप्रदेश के बैतुल जिला की मुल्ताई तहसील के वर्धन शिखर से इसका उद्गम होता है!गहरे चट्टानी क्षेत्र में इसका प्रवाह तेज होता है यह नदी लगभग 13किमी.तक छिंदवाड़ा जिला की द्क्षिणी सीमा बनाती है!इसके बाद यह नदी महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश करती है इस नदी की कुल लम्बाई525किमी.है!अन्त में यह नदी वैनगंगा नदी में मिल जाती है!

कृष्णा नदी 
कृष्णा भारत में बहनेवाली एक नदी है !यह पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है!इसकी लम्बाई1290 किलोमीटर है!यह दक्षिण पूर्व में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है!कृष्णा नदी की उपनदियों में तुंगभद्रा,घाटप्रभा,मूसी और भीमा प्रमुख है!नदी किनारे विजयवाड़ा एवं मूसी नदी के किनारे हैदराबाद स्थित है!इसके मुहाने पर बहुत बड़ा डेल्टा है इसका डेल्टा भारत के सबसे उपजाऊ क्षेत्रो में से एक है!

तुगभद्रा नदी 
तुगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी है यह कर्नाटक एवं आन्ध्रप्रदेश में बहती हुई कृष्णा नदी में मिल जाती है!रामायण में तुगभद्रा को पंपा के नाम से जाना था!तुगभद्रा नदी का जन्म तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है ये पश्चिमी घाट के पूर्वा ढाल से होकर बहती है!पश्चिमी घाट के गंगामूला नामक स्थान से समुद्र तल से कोई 1198मीटर की ऊचाई से तुंग तथा भद्रा नदियों का जन्म होता है जो शिमोगा के पास जाकर सम्मिलित होता है जहाँ से इसे तुगभद्रा कहते है!आन्ध्र प्रदेश में महबूब नगर जिले में गोडिमल्ला में जाकर ये कृष्णा नदी में मिल जाती है!इसके किनारे कई धार्मिक स्थान है!चौदहवीं सदी में स्थापित दक्कनी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हंपी भी इसी के किनारे है!

कावेरी नदी 
कावेरी कर्नाटक और उत्तरी तमिलनाडू में बहने वाली एक सदानीरा नदी है!यह पश्चिमी घाट के ब्रह्मागिरी से निकलती है!इसकी लम्बाई 800किलोमीटर है!दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी बंगाल की खाड़ी मे गिर जाती है! हिमावती,सिमसा,भवानी आदि इसकी सहायक नदियाँ हैै!कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ शहर तिरूचिरापल्ली हिन्दुओं का धार्मिक स्थान है! कावेरी नदी के डेल्टा पर अच्छी खेती होती है!इसके नदी को लेकर दोनो राज्यों में विवाद है!इसे कावेरी जल विवाद कहते है!कावेरी नदी पर तमिलनाडू में होगेनक्कल जल प्रपात तथा कर्नाटक में भारचुक्की ऐर बालमुली जलप्रपात स्थित है!

पलार नदी 
पलार नदी भारत के दक्षिण पश्चिम पोन्नेयार नदी के किनारे से निकलती है!दक्षिण पूर्व दिशा में तमिलनाडू में दक्षिण बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है!यह नदी 296किलोमीटर ूंूंूँलम्बाई है!पलार का बहाव अनियमित है और भारी वरषा होने पर बाढ़ का कारण बन जाती है!सिंचाई के लिए इस नदी पर बाँध बनाए गयाहै!

अरब सागर में गिरने वाली 
<उत्तरी भारत में सिंधु>

सिंधु नदी 
सिन्धु नदी एशिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है!यह चीन,भारत और पाकिस्तान से होकर बहती है!सिन्धु का उद्गम स्थल मानसरोवर के निकट सिन का बाब नामक जगह से निकलती है!इस नदी की लम्बाई 2880 किलोमीटर है!यहां से नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच में बहती है!नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है फिर जाकर अरब सागर में गिर जाती है!इस नदी में ज्यादातर अंश पाकिस्तान नें प्रवाहित होती है!यह पाकिस्तान की सबसे लम्बी और राष्ट्रीय नदी है! सिन्धु की पाँच सहासक नदियाँ है-वितस्ता,चन्द्रभागा,ईरावती,विपासा एवं शतद्रु!

सतलुज नदी 
सतलुज का उद्गम स्थल मानसरोवर के निकट राक्षस ताल से होता है!उद्गम स्थल से हिमाचल प्रदेश से पहले पश्चिम से कैलाश पर्वत के ढाल से होकर गुजरती है! हिमाचल के पहाड़ो से होकर रास्ता तय करती हुई पंजाब के नांगल में प्रवेश करती है!नांगल से कुछ किमी. ऊपर हिमाचल में भाखाड़ा बाँध बनाया गया है!बाँध के पीछे एक विशाल जलाशय का निर्माण होता है उसे गोविन्द सागर जलाशय कहा गया है!भाखड़ा नागल से परियोजना से पन बिजली का उत्पादन होता है!पंजाब में प्रवेश के बाद रोपड़ जिले के शिवालिक पहाडियों से होकर गुजरती है!हरिके में व्यास नदी सतलुज में मिलती है!जहाँ से भारत और पाकिस्तान के बीच सीम का निर्धारण करती है!बाद नें पाकिस्तान के फालिजा हेकर बहती है!बहावलपुर के निकट पश्चिम की ओर चिनाब में जा गिरती है!दोनों नदियाँ मिलकर पंचनद का निर्माण करती है!

व्यास नदी 
व्यास पंजाब व हिमाचल मे बहने वाली प्रमुख नदी है नदी की लम्बाई 470 किलोमीटर है!पंजाब की पांच नदियों में से एक है!

चिनाब नदी 
भारत के हिमाचल के लाहौल एवं स्पीति जिला में दो नदियों चन्द्र और भागा के संगम से बना है!यह आगे जम्मू कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान के सिन्धु नदी मे जा मिलती है!चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊँचा पुल बना हुआ है!

रावी नदी 
रावी नदी उत्तर भारत में बहने वाली एक नदी है!इसका पौराणिक नाम परुष्णी है!रावी नदी हिमातल के कांडला जिले में रोहतांग दर्रे से निकल कर हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान से बहती हुई झांग जिले की सीमा पर चिनाब नदी में जा मिलती है!जिस पर थिन बाँध बना है!

झेलम नदी 
झेलम नदी उत्तरी भारत में बहने वाली एक नदी है! वितस्ता झेलम की वास्तविक नाम है!इसका उद्गम शेषनाग नामी नगर में हुआ है!झेलम नदी की लम्बाई 725 किलोमीटर है!

नर्मदा नदी 
नर्मदा को रेवा नाम से भी जाना जाता है!मध्य भारत की एक नदी है और उपमहाद्वीप की पांचवी सबसे बड़ी नदी है!यह कृष्णा और गोदावरी के बाद भारत में बहने वाली तीसरी सबसे बड़ी नदी है!महाकाल पर्वत के अमरकण्टक शिखर से इसकी उत्पत्ति हुई!इस नदी के किनारे जबलपुर शहर बसा है!जबलपुर के निकट भेड़ाघाट का जलप्रपात काफी प्रसिद्ध है!मध्य प्रदेश राज्य के विशेष योगदान से इसे"मध्य प्रदेश की जीवन रेखा" कहा जाता है!यह उत्तर दक्षिण भारत के बीच पारंपरिक रेखा का निर्धारण करती है!यह अपने उद्गम से 1310 किलोमीटर चल कर अरब सागर मे मिल जाती है!

माण्डवी नदी
भारत के कर्नाटक राज्य कर्नाटक और गोवा से होकर बहने वाली एक नदी है!इस नदी को गोवा की जीवन रेखा कहा गया है!माण्डवी नदी की कुल लम्बाई 177किलोमीटर है!इस नदी का उद्गम पश्चिमी घाट के तीस स्रोतों के समुह से होता है जो कर्नाटक के बेलगाम जिले के भीमगढ़ में स्थित है!

ताप्ती नदी 
पश्चिमी भारत की प्रसिद्ध नदी है!यह मध्य प्रदेश राज्य के बेतुल जिले के मुलताई से निकलकर सतपुड़ा से बहती हुई महाराष्ट्र के खानदेश के पठार एवं सुरत के मैदान के पार करती हुईअरब सागर में जा गिरती है यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर 740 किलोमीटर दुरी तक बहती है!सुरत बन्दरगाह इसी नदी के किनारे स्थित है!इस नदी को सुर्यपुत्री भी कहा जाता है!

साबरमती नदी 
साबरमती भारत की एक प्रमुख नदी है!साबरमती नदी पश्चिम भारत के गुजरात राज्य कि प्रमुख नदी है!जिसके किनारे अहमदाबाद शहर बसा हुआ है!साबरमती नदी का उद्गम अरावली श्रंखला के दक्षिण भाग में स्थित धेबार नदी से होता है!साबरमती की कुल लम्बाई 371 किलेमीटर है!धरोई बाँध योजना साबरमती नदी के ऊपर बना है!

माही नदी 
माही पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी है माही का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिले के समीप धार जिला के समीप मिन्डा ग्राम के विध्यांचल पर्वत श्रेणी से हुआ!इसकी दक्षिणी पूर्व शाखा बांसवाड़ा के विपरित दिशा में आकर गिरती है इस पर माही बजाज सागर एवं कडाना बाँध बनाए हुए है इसकी कुल लम्बाई 472किलोमीटर है!यह मध्य प्रदेश के धार,झाबुआ और रतलाम जिलों तथा राजस्थान,गुजरात होती हुई अरब सागर में गिर जाती है!

जमीन भीतरी प्रवाह 

घग्घर नदी 
भारत और पाकिस्तान में वर्षा के मौसम में चलने वाली नदी है घग्घर नदी माॅनसून की बारिश के दौरान हिमाचल के शिवालिक पहाड़ों से उतरती है और पंजाब और हरियाणा से गुजरती है!यहाँ से यह राजस्थान नें दाखिल होती है जहाँ एक द्रोणी में बहाव से तलवारा झील का बनाती है!इस नदी से राजस्थान में दो सिंचाई नहरे निकाली जाती है!घग्घर की कई सहायक नदियाँ है!हरियाणा के अंबाला के पहाडियों वाले इलाके से सरसूती नदी आती है और पंजाब में शत्राना नदी के पास घग्घर में मिल जाती है!इसी तरह चोतंग नदी सूरतगढ़ में घग्घर में मिल जाती है!इसकी लम्बाई लगभग 320किलेमीटर है!ओटू बैराज के बाद घग्घर के हाकरा नदी के नाम से जाना जाता है,जो थार के रेगिस्थान में विलुप्त हो जाती है!

लुणी नदी 
पश्चिमों उत्तर भारत के राजस्थान राज्य अजमेर के निकट अरावली श्रेणी की नाग पहाड़ी के पश्चिमी ढलानें में उद्गम,जहां सागरमती नाम से जाना जाता है!लूणी एक मौसमी नदी है और इसका अपवाह मूख्यतःअरावली श्रेणी से होता है जोवाई,सुकरी और जोजरी इसकी सहायक नदी है!
पश्चिमी ढलानों से यह नदी आमतौर पर दक्षिण पश्चिम की पहाड़ियों से होती हुई इस मैदानो को पार करती है फिर रेगिस्तान के एक भाग से गुजरती हुई गुजरात राज्य के कच्छ के भाग की बंजर भूमि में विलूप्त हो जाती है!

Written by Ashok vaishnav

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