प्रश्न=01. मानव भूगोल का वह उपागम जो, भौगोलिक तथ्यों एवं घटनाओं की स्थानिक व्यवस्था से संबंधित है? (अ) उग्र सुधार वाद (ब) अवस्थिति विश्लेषण (स) व्यवहारवाद (द) मानववाद
(ब)✔ व्याख्या:- अवस्थिति विश्लेषण मानव भूगोल का वह उपागम है जो भौगोलिक तथ्यों एवं घटनाओं की स्थानिक व्यवस्था से संबंधित है इसका मात्रात्मक क्रांति से गहरा संबंध है
प्रश्न=02. अवस्थिति विश्लेषण की सामान्य कार्य विधि है? (अ) सामाजिक भौतिकी (ब) प्रदेशिक विज्ञान (स) स्थानिक विज्ञान (द) विसरण नवीनीकरण
(स)✔ व्याख्या:- मानव भूगोल के उपागम अवस्थिति विश्लेषण की सामान्य कार्य विधि स्थानिक विज्ञान है अवस्थिति विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य शुद्ध सामान्य अनुमान भूगोल के मॉडलों व सिद्धांतों का निर्माण करना है
प्रश्न=03. अवस्थिति विश्लेषण का मूल आधार है ? (अ) अप्रत्यक्षवाद (ब) उग्र सुधार बाद (स) व्यवहारवाद (द) प्रत्यक्षवाद
(द)✔ व्याख्या:- अवस्थिति विश्लेषण का मूल आधार प्रत्यक्षवाद है जो मात्रात्मक क्रांति से संबंधित है अवस्थिति विश्लेषण मात्रात्मक क्रांति के स्थानिक व्यवस्थापन से संबंधित है
प्रश्न=04. निम्न में से किन भूगोलवेत्ता ने अवस्थिति विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य सामान्य अनुमानों, मॉडलों एवं सिद्धांतों के निर्माण को बताया है ? (अ) स्मिथ (ब) हेगेट (स) मिंशूल व ल्यूकरमैन (द) बेरी तथा मार्बल
(द)✔ व्याख्या:- बेरी तथा मार्बल ने 【1968】 में अवस्थिति विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य भूगोल में शुद्ध सामान्य अनुमानों, मॉडलों व सिद्धांतों के निर्माण को बताया है
प्रश्न=05. निम्न में से किस भूगोलवेत्ता ने सैद्धांतिक भूगोल के शोध में बताया कि भूगोल अवस्थिति का विज्ञान है ? (अ) स्मिथ (ब) बुंगी (स) हेगेट (द) मार्बल
(ब)✔ व्याख्या:- बूंगी ने 1966 में सैद्धांतिक भूगोल पर अपने शोध पत्र में बताया कि भूगोल अवस्थिति का विज्ञान है 1950 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में भूगोलवेताओ ने इसका समर्थन किया जिससे यह लोक प्रिय विषय बन गया
प्रश्न=06. भूगोल में अवस्थिति विश्लेषण सिद्धांत के विकास के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सत्य है ?
1. अवस्थिति विश्लेषण की विचारधारा अनुभववाद पर आधारित है 2. इसका विकास भूगोलवेताओं के प्रादेशिक वैज्ञानिकों के संपर्क में आने से हुआ
(अ) केवल 1 सही है (ब) केवल 2 सही है (स) 1 और 2 सही है (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
(स)✔ व्याख्या:- 1960 तथा 1970 के दशक में भूगोलवेताओं तथा प्रादेशिक प्रादेशिक वैज्ञानिकों की गणित संबंध स्थापित होने के कारण अवस्थिति विश्लेषण सिद्धांत का विकास हुआ अनुभववाद के अंदर अनुभववादी अवलोकनो को सैद्धांतिक तथ्यों की अपेक्षा ज्यादा महत्व दिया जाता है
प्रश्न=07. "लोकेशनल एनालिसिस इन हुमन ज्योग्राफी" नामक पुस्तक किस भूगोलवेत्ता द्वारा लिखित है?
(अ) स्मिथ (ब) मार्बल (स) बेरी (द) हेगेट
(द)✔ व्याख्या:- हैगेट ने 【1965】 में "लोकेशनल एनालिसिस इन हुमन ज्योग्राफी" नामक पुस्तक की रचना की इस पुस्तक में उन्होंने ज्यामितीय परंपरा से मानव भूगोल में अवस्थिति की व्यवस्था व स्वरूप को समझने पर बल दिया
प्रश्न=8. मानव भूगोल के उपागम "अवस्थिति विश्लेषण" का आधार नहीं है ? (अ) ज्यामिति (ब) प्रत्यक्षवाद (स) व्यवहारवाद (द) अनुभव वाद
(स)✔ व्याख्या:- अवस्थिति विश्लेषण का मूल आधार प्रत्यक्षवाद हैं जिसका मात्रात्मक क्रांति से गहरा संबंध है अवस्थिति विश्लेषण की विचारधारा अनुभववाद पर भी आधारित है अवस्थिति विश्लेषणात्मक अध्ययन में ज्यामिति को अध्ययन की भाषा के रूप में प्रयुक्त किया जाता है
प्रश्न=09. मानव भूगोल में ज्यामितीय परंपरा से अवस्थिति विश्लेषण की व्यवस्था को समझने के लिए निम्न में से किसकी आवश्यकता है ? (अ) ऐसी प्रणाली को अपनाया जाना जो समस्त समूह में प्रारूपों एवं कड़ियों पर केंद्रित हो (ब) मानव पर्यावरण संबंधों के अध्ययन हेतु मॉडलों का प्रयोग करना (स) मात्रात्मक विधियों का प्रयोग (द) उपरोक्त सभी
(द)✔ व्याख्या:- ज्यामितीय परंपरा द्वारा भूगोल में अवस्थिति अध्ययन हेतु निम्न तत्व की आवश्यकता होती है - 1 स्थानीय अंतर निर्भरता 2 मानव पर्यावरण संबंध तथा 3 समस्त सामाजिक समूह का व्यवस्थित अध्ययन
प्रश्न=10. मानव भूगोल के उपागम अवस्थित विश्लेषण की आलोचनाओं के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सत्य है? 1. अवस्थिति विश्लेषण के कारण पूंजीवाद को बढ़ावा मिला है 2. अवस्थिति विश्लेषण से अति उत्पादन की समस्या उत्पन्न हो गई है (अ) केवल 1 सही है (ब) केवल 2 सही है (स) 1 और 2 सही है (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
(स)✔ व्याख्या:- अवस्थिति विश्लेषण के कारण उत्पादन के साधनों के स्वामी धनी व्यक्ति हो जाते हैं और निर्धन और भी निर्धन हो जाते हैं अवस्थिति विश्लेषण के कारण पूंजी वादियों में अधिकतम अनुचित लाभ उठाया है इस उपागम के कारण अर्थव्यवस्था अत्यधिक औद्योगिकरण के युग में प्रवेश कर गई है
प्रश्न=11. निम्न में से अवस्थिति विश्लेषण उपागम का लाभ हैं ? 1. इस उपागम के कारण मानव सभ्यता में नयापन आया है 2. इस उपागम के कारण मानव भूगोल की प्रकृति में परिवर्तन हुए हैं
(अ) केवल 1 सही है (ब) केवल 2 सही है (स) 1 और 2 सही है (द) कोई नहीं
(स)✔ व्याख्या:- अवस्थिति विश्लेषण के कारण मानव सभ्यता में नई प्रौद्योगिकी, नया परिवहन, नई शिक्षा, नई कला, नैतिकता, मनोरंजन आदि में नई प्रवृत्तियों का विकास हुआ है
प्रश्न=12. अवस्थिति विश्लेषण उपागम के समर्थकों में शामिल नहीं है? (अ) पीटर हैगेट (ब) स्मिथ (स) बेरी (द) जेफ्रिज
(द)✔ व्याख्या:- मानव भूगोल के उपागम अवस्थिति विश्लेषण के समर्थकों में बेरी, मार्बल, स्मिथ, हैगेट आदि शामिल है
प्रश्न=13. निम्नलिखित में से भूगोल में "मात्रात्मक क्रांति" का अर्थ है? (अ) भूगोल में मानवीय कार्य (ब) भूगोल में सामाजिक कार्य (स) भौगोलिक विषय सामग्री को समझने के लिए सांख्यिकीय एवं गणितीय तकनीकों का प्रयोग (द) उपर्युक्त सभी
(स)✔ व्याख्या:- 1950 के बाद भौगोलिक विषय सामग्री को सुचारू रूप से समझने के लिए गणितीय व सांख्यिकीय विधियों का प्रयोग किया गया तथा इससे उत्पन्न क्रांति को भूगोल में मात्रात्मक क्रांति की संज्ञा दी गई
प्रश्न=14. मात्रात्मक क्रांति का मुख्य उद्देश्य था ? (अ) भूगोल में मानवीय भावनाओं का समावेश करना (ब) भूगोल को वैज्ञानिक रूप देना (स) भूगोल को राजनैतिक रूप देना (द) इनमें से कोई नहीं
(ब)✔ व्याख्या:- भूगोल को वैज्ञानिक रूप देने, सर्वमान्य तथ्यों की खोज करने, मॉडल बनाने तथा सिद्धांतों की संरचना स्थापित करने के लिए मात्रात्मक क्रांति का भूगोल में विकास किया गया
प्रश्न=15. निम्न में से किस भूगोलवेत्ता ने कनाडियन ज्योग्राफर मैं अपना शोध पत्र "द क्वांटेटीव रेवूलेशन एंड थियोरेटिकल ज्योग्राफी" में भूगोल की मात्रात्मक विधियों की उपयोगिता का वर्णन किया है ? (अ) रेटजेल (ब) हंटिंगटन (स) सैंपल (द) बर्टन
(द)✔ व्याख्या:- बर्टन 1963 के अनुसार मात्रात्मक विधियों का विकास भूगोल में सर्वमान्य तथ्यों की खोज करने तथा नए सिद्धांतों की संरचना स्थापित करने के लिए किया गया ताकि भौगोलिक तथ्यों को उनमें में ढाला जा सके
प्रश्न=16. निम्न में से कौन से तथ्य मात्रात्मक विधियों के समर्थन करने के पक्ष में हैं ? 1. किसी स्थान पर भौगोलिक तत्वों का होना 2. भौगोलिक तत्व की निश्चित मात्रा का होना
(अ) केवल 1 सही है (ब) केवल 2 सही है (स) 1 और 2 सही है (द) इनमें से कोई नहीं
(स)✔ व्याख्या:- मात्रात्मक भूगोलवेताओं का मानना है कि किसी स्थान पर भौगोलिक तत्व व उनकी मात्रा दोनों का पर्याप्त महत्त्व हे। यह जानना महत्वपूर्ण नहीं है कि किसी स्थान पर वर्षा होती है या नहीं बल्कि यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि वर्षा की मात्रा व वार्षिक वितरण कितना है
प्रश्न=17. निम्न में से किसे भूगोल में मात्रात्मक क्रांति का स्रोत माना जाता है ? (अ) उग्र सुधारवाद (ब) वातावरणीय निश्चयवाद (स) मानववाद (द) अवस्थिति विश्लेषण
(ब)✔ व्याख्या:- भूगोल में मात्रात्मक विधियों का स्रोत वातावरणीय निश्चयवाद को माना जाता है अमेरिका में रेटजेल, सैंपल, हंटिंगटन आदि भूगोलवेत्ता 19वीं शताब्दी में पर्यावरण के सिद्धांतों की खोज कर रहे थे उसी समय वातावरण निश्चयवाद के विरुद्ध अमेरिका के विद्वानों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी थी
प्रश्न=18. भूगोल में मात्रात्मक क्रांति के विकास के संबंध में निम्न में से सत्य कथन है? 1. अमेरिकी विश्वविद्यालय में भूगोल विषय के प्रति विरोध के कारण स्थानिक विज्ञान तथा भूगोल में मात्रात्मक क्रांति का विकास हुआ 2. विकसित देशों के लोगों द्वारा भौगोलिक अध्ययन में साहित्यिक भाषा का ज्यादा प्रयोग करना शुरू किया गया
(अ) केवल एक सही है (ब) केवल 2 सही हैं (स) 1 और 2 सही है (द) इनमें से कोई नहीं
(अ)✔ व्याख्या:- 1950 के दशक के बाद भौगोलिक अध्ययन में साहित्यिक भाषा की अपेक्षा गणितीय भाषा का अधिक प्रयोग करना शुरू किया गया इस कारण भूगोल में अनुभावीक विवरण की जगह मात्रात्मक विधियों का महत्व बढ़ गया है
प्रश्न=19. निम्न में से किन विद्वानों ने भूगोल में स्थानिक संबंधों के विशेष महत्व को स्वीकार किया है ? (अ) शेफर व बंगी (ब) क्रिस्टोल व ओकरमैन (स) बर्टन व रेटजेल (द) इनमें से कोई नहीं
(अ)✔ व्याख्या:- मात्रात्मक क्रांति में स्थान से घनिष्ठ संबंध है भौगोलिक अध्ययन में स्थान को महत्व देने में शेफ़र 【1953】 तथा विलियम बंगी 【1962】 का योगदान सर्वाधिक है शेखर ने भूगोल और स्थानिक संबंधों के विशेष महत्व तथा तथा विलियम बंगी ने अपने ग्रंथ सैद्धांतिक भूगोल में बताया कि भूगोल और स्थानिक संबंधों एवं अंतर संबंधों का विज्ञान है
प्रश्न=20. भूगोल में मात्रात्मक विधियों का मुख्य स्रोत है ? (अ) गणित एवं भौतिकी (ब) खगोल व मानविकी (स) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (द) चिकित्सा एवं रसायन शास्त्र
(अ)✔ व्याख्या:- भूगोल में मात्रात्मक विधियों का मुख्य स्रोत गणित एवं भौतिकी है इसके अलावा अन्य संबंधित विज्ञानों में से भी भूगोल में मात्रात्मक विधियों के प्रयोग में सहायता मिली है
Specially thanks to Post and Quiz Creator ( With Regards )
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