धरातल की ऊपरी परत पेड़ को उगने व बड़ने के लिए जीवाश्म खनिज अंश प्रदान करती है मिट्टी कहलाती है! वनस्पति एव कृषि के स्वरूप को निर्धारित करने वाले कारकों में मिट्टी अत्यधिक महत्वपूर्ण है ! मध्य प्रदेश अत्यंत प्राचीन भूखंड का भाग है एवं चट्टानों का बना हुआ है इसलिए मिट्टी भी इन्हीं चट्टानों से बनी हुई है! नदी का चारों के अतिरिक्त लगभग संपूर्ण मध्य प्रदेश में मिट्टी पाई जाती है! काली मिट्टी का काला रंग लोहे की अधिकता के कारण होता है ! मध्यप्रदेश मे सर्वाधिक मृदा अपरदन चंबल नदी द्वारा होता है ! मध्यप्रदेश सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी है ! काली मिट्टी में जल धारण क्षमता सर्वाधिक होती है! मृदा अपरदन जल के अलावा बारिश सें भी होता है !
मध्य प्रदेश में प्रमुख रूप से पांच प्रकार की मिट्टी पाई जाती है !
प्रदेश मे काली मिट्टी 47 प्रतिशत क्षेत्र में पाई जाती है ! प्रदेश मे लाल पीली मिट्टी 33% भाग में पाई जाती है ! प्रदेश मे जलोढ़ मिट्टी 3% भाग में पाई जाती है ! कछारी मिट्टी व मिश्रित मिट्टी अल्पमत्रा मै पाई जाती है !
1. काली मिट्टी:-
इसका PH मान 7.5 से 8.5 होता है ! अर्थातक्षारिय प्रकृति की होती है ! यह कपास के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है! साथ ही गेंहू एवं सोयाबीन का उत्पादन होता है ! इसका निर्माण ज्वालामुखी के निकलने वाले लावों के जमने से होता है लोहा चुना की प्रचुरता तथा फास्फेट जैव पदार्थों नाइट्रोजन की कमी होती है !
इसको भी तीन भागों में बांटते हैं ! गहरी काली मिट्टी:- (3.5%) नर्मदा .सोन . मालवा सतपुड़ा क्षेत्र में पाई जाती है ! साधारण काली मिट्टी( 33% मालवा पठार के क्षेत्र मे पयी जाति है ! छिछ्ली काली मिट्टी(7%) सतपुड़ा ,मैकल ,बेतूल छिंदवाड़ा सिवनी क्षेत्र में पाई जाती है !
काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी भी कहा जाता है ! मध्य प्रदेश के सर्वाधिक भाग पर काली मिट्टी पाई जाती है !
2.लाल पीली मिट्टी:-
लाल, पीली एवं चाकलेटी रंग की होती है। शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूनाअधिक होता है। यह मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है।
लाल पीली मिट्टी गोंडवाना शैल समूह से निर्मित है! मध्यप्रदेश के संपूर्ण पूर्व विभाग में अर्थात बघेलखंड में पाई जाती है ! लाल रंग लोहे के ऑक्सीकरण के कारण होता है ! इस प्रकार कि भूमि एवं नाइट्रोजन की कमी होती है ! इस मिट्टी कि प्रमुख फसल धान है! लाल पीली मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 8.5 होता है ! यह प्रदेश के 33% भाग में पाई जाती है
3. जलोढ़ मिट्टी :-
मध्य प्रदेश सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी है !वह मृदा या अवसाद है जो बहते हुए जल द्वारा बहाकर लाया तथा कहीं अन्यत्र जमा किया गया हो। यह भुरभुरा (loose) होता है अर्थात् इसके कण आपस में सख्ती से बंधकर कोई 'ठोस' शैल नहीं बनाते। जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथामृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं।
जिसका निर्माण नदियों द्वारा बहाकर लाई गई कछारो से होता है ! यह मिट्टी मध्यप्रदेश के तीन प्रतिशत भाग में पाई जाती है! इसमें मिट्टी की प्रकृति उदासीन होती है इस मिट्टी में गेहूं ,गन्ना, सरसों आदि फसलों के लिए उपयुक्त होती है यह मिट्टी मुरैना, ग्वालियर, एवं शिवपुरी क्षेत्र में पाई जाती है !
मध्यप्रदेश मे जलोढ मिट्टी मुख्य रूप से तीन प्रकार की पायी जाती है! 1. बांगर मिट्टी 2.पुरानी जलोढ़ मिट्टी 3.भावर जलोढ़ मिट्टी
4.कछारी मिट्टी:
बाढ़ के दौरान नदियों द्वारा क्षेत्र में बिछाई गई कछारी मिट्टी कहलाती है ! यह मिट्टी गेहूं कपास गन्ना की फसलों के लिए उपयुक्त होती है ! भिंड, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर के कुछ भागों में पाई जाती है
5. मिश्रित मिट्टी :-
इस मिट्टी में लाल पीली काली मिट्टी का मिश्रण पाया जाता है यह मुख्य मुख्य रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में पाई जाती है ! मुख्यता इस मिट्टी मोटे अनाज उगाए जाते हैं !
इस मिट्टी में नाइट्रोजन फॉस्फोरस और कार्बनिक पदार्थ की कमी होती है ! यह मिट्टी मध्य प्रदेश के निम्नतम बाहों में निम्नतम क्षेत्र में पाई जाती है
1 Comments
DEEKESH MEENA from mp
1 year ago - ReplyNice post