मध्यप्रदेश में प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक संस्थाओं (Cultural institutions) को महत्व दिया जाता है यहां पर साहित्यिक संस्थाओं के साथ-साथ साहित्यिक एकेडमी ( Literary academy) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है राज्य में कला परिषद साहित्य परिषद सिंधिया अकेडमी व संस्कृति एकेडमी प्रसिद्ध है प्रदेश सरकार ने इन्हें संरक्षित करने तथा कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं की स्थापना की है !
सांस्कृतिक धरोहर की दृष्टि से मध्यप्रदेश बहुत धनी हैं यहां पर मानव के आरंभिक योग से लेकर वर्तमान तक सभी कालो की संस्कृति के साथ से मिलते हैं !
राज्य की प्रमुख संस्थाएं
भारत भवन(bharat bhavan) भारत भवन की स्थापना सृजनात्मक कलाओं के विकास परीक्षण अनुरक्षण प्रचार प्रसार एवं प्रोत्साहन के लिए भोपाल में 13 फरवरी 1982 को भारत भवन न्यास अधिनियम 1982 के अंतर्गत की गई थी इस भवन का डिजाइन प्रसिद्ध वस्तु विद्युत चार्ल्स कोरिया ने बनाया था यह भवन में विभिन्न खंडो में विभक्त है जिनमें विभिन्न तरह की कलाओं का संरक्षण किया जाता है !
वागर्थ - वागर्थ खंड में संगोष्ठी परिचर्चा एवं संवाद के आयोजन सहित भारतीय भाषाओं की कविताओं का लिखित मुद्रित एवं वाचिक संग्रह किया जाता है !
रूपंकर - इस खंड में मूर्तिकला व धातु कला की सुविधा उपलब्ध है यहां पर आदिवासी लोक कला एवं उन्हीं का परिष्कृत कला के नमूने रखे गए हैं जो सुघड व मगड दोनों ही शैली के हैं यहां राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय (National and international) प्रदर्शनीया भी आयोजित होती हैं
रंगमंडल- यह खंड नाट्यशाला से संबंधित है इसके तीन खंड अंतरंग बहिरंग तथा अभीरंग है यहां नाट्य से संबंधित पुस्तकालय भी है देश विदेश के कई प्रमुख नाटककार अपने प्रदर्शन यहां पर कर चुके हैं !
अनहद- अनहद खंड में लोक एवं शास्त्रीय संगीत कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिनमें दुर्लभ वाद्ययंत्र वाले संगीत कार्यक्रम का आयोजन महत्वपूर्ण है
आकर- आकर खंड में ग्राफिक मूर्तिकला एवं चित्रकला ( Sculpture and painting) से संबंधित कर्मशाला है
रविंद्र भवन- भोपाल में स्थित रवींद्र भवन (Ravindra bhavan) भारत के सर्वश्रेष्ठ नाटक ग्रहों में से एक है प्रशासनिक दृष्टि से यह भवन राजभाषा एवं सांस्कृतिक संचार न्यायालय के अंतर्गत कार्यरत है रविंद्र भवन में दो रंग मंच अन्त रंगमंच एवं खुला रंगमंच है !
राज्य मे प्रमुख परिषद
साहित्य परिषद- इसकी स्थापना 1954 में की गई इसका मुख्य उद्देश्य साहित्य की उन्नति और विकास में उत्प्रेरक का काम व साहित्यकारों का सम्मान तथा श्रेष्ठ कृतियों को पुरस्कार करना है इसके अलावा परिषद पुरस्कारों की स्थापना व पुरस्कार सम्मान समारोह चर्चा गोष्ठियों एवं प्रकाशन का कार्य करती है
कला परिषद- इसकी स्थापना 1952 में की गई इसका प्रमुख कार्य प्रदेश किस प्रदेश में संगीत नृत्य ललित कला रंगमंच आदि को प्रोत्साहन देना एवं संवर्धन संरक्षण करना है इस परिषद के द्वारा मूर्तियों की प्रदर्शनी का आयोजन खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन तानसेन समारोह ग्वालियर एवं कार्य शैली पर आधारित कृतियों का प्रदर्शन किया जाता है
मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला परिषद- इस परिषद की स्थापना 1980 में की गई यह परिषद आदिवासी लोक संगीत .लोक नृत्य ,लोक नृत्य आदिवासी साहित्य के संरक्षण दस्तावेजीकरण व विकास का कार्य करती है साथ ही यह परिषद लोक कला के प्रदर्शन के लिए संपदा ,लोकरंग ,लोकरंजन. राष्ट्रीय रामलीला मेला जगह लोकोत्सव नाच समारोह कबीर समारोह आदि का आयोजन करती है !
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