मनोविज्ञान को शताब्दियों पूर्व " दर्शन शास्त्र (Philosophy) " कि एक शाखा केरूप मे माना जाता था । मनोविज्ञान को स्वतंत्र विषय बनाने के लिए इसे परिभाषित करनाशुरू किया ।
PSYCHOLOGY शब्द कि उत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्दो PSYCHE+LOGOS से मिलकर हुई हैं, PSYCHE का अर्थ होताहै " आत्मा का" तथा LOGOS का अर्थ होता हैं "अध्ययन करना " ।
इस शाब्दिक अर्थ के आधार पर सर्वप्रथम प्लेटो, अरस्तु और डेकार्ट के द्वारा मनोविज्ञान को " आत्मा का विज्ञान (Science of soul)" माना गया ।
आत्मा शब्द की स्पष्ट व्याख्या नहीं होने के कारण 16वीं शताब्दी के अंत मे यह परिभाषा अमान्य हो गई ।
17वीं शताब्दी मे इटली के मनोवैज्ञानिक पॉम्पोनोजी ने मनोविज्ञान को " मन या मस्तिष्क का विज्ञान " माना । बाद मे यह परिभाषा भी अमान्य हो गई ।
19वीं शताब्दी में विलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सली आदि के द्वारा मनोविज्ञान को " चेतना का विज्ञान " माना गया था, अपूर्ण अर्थ होने के कारण यह परिभाषा भी अमान्य हो गई ।
20वीं शताब्दी में मनोविज्ञान को " व्यवहार का विज्ञान " माना हैं और आज तक यह परिभाषा प्रचलित हैं ।
व्यवहार का विज्ञान मानने वाले प्रमुख मनोवैज्ञानिक हैं - वाटसन, इसके अलावा वुडवर्थ , स्किनर , थॉर्नडॉइक और मैक्डुगल आदि मनोवैज्ञानिकों ने भी मनोविज्ञान को " व्यवहार का विज्ञान " माना है
विलियम वुन्ट ने जर्मनी के " लिपजिग " स्थान पर 1879 ई. में प्रथम " मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला " स्थापित की, इसलिए विलियम वुन्ट को " प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक " माना जाता हैं
विलियम मैक्डुगल ने अपनी पुस्तक " आउट लाइन साइकोलॉजी (Outline psychology)" के पृष्ट संख्या 16 पर " चेतना शब्द " की भरसक निन्दा की हैं ।
"मनोविज्ञान व्यवहार का शुध्द विज्ञान हैं "- वाटसन ।
"तुम मुझे कोई भी बालक दे दो में उसे वैसा बनाउँगा जैसा मैं उसे बनाना चाहता हूँ " - वाटसन ।
" मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम अपनी आत्मा का त्याग किया ,फिर मन का त्याग किया ,फिर चेतना का त्याग किया और आज मनोविज्ञान व्यवहार के विधि के स्वरूप को स्वीकार करता हैं " - वुड़वर्थ ।
मनोविज्ञान की मुख्य शाखाएँ या क्षेत्र :- 1. सामान्य मनोविज्ञान 2. असामान्य मनोविज्ञान 3. तुलनात्मक मनोविज्ञान 4. प्रयोगात्मक मनोविज्ञान 5. समाज मनोविज्ञान 6. औधोगिक मनोविज्ञान 7. बाल मनोविज्ञान 8. किशोर मनोविज्ञान 9. प्रोढ़ मनोविज्ञान 10. विकासात्मक मनोविज्ञान 11. शिक्षा मनोविज्ञान 12. निदानात्मक या उपचारात्मक या क्लिनिकल मनोविज्ञान 13. परा मनोविज्ञान ( आधुनिकतम शाखा ) 14. पशु मनोविज्ञान
शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है : शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान अर्थात यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए है : ___ 1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है। 2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है। 3. शिक्षा मनोविज्ञान संगृहीत ज्ञान को सिद्धान्त रूप देता है। 4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पद्धतियों का प्रतिपादन करता है।
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ : ___ 1. स्किनर : शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।
2. क्रो व क्रो : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है।
3. कॉलसनिक : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों और अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है।
4. स्टीफन : शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
5. सॉरे व टेलफ़ोर्ड : शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है, जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है।
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है, कि...
1. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल व सुगम बनाता है।
3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है, क्योंकि इसके अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग होता है।
4. शिक्षा मनोविज्ञान में मनोविज्ञान के सिद्धांतो व विधियों का प्रयोग होता है।
ट्रिक विशेष
मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र के अंग के रूप में हुई। कालान्तर में मनोविज्ञान के अर्थ में परिवर्तन होता गया। जो इस प्रकार है : 1. आत्मा का विज्ञान : अरस्तू, प्लेटो, अरिस्टोटल और डेकोर्टे आदि यूनानी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना, किन्तु आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकृत कर दिया गया
TRICK-"आत्मा से आप यू अड़े"
1. आत्मा से-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना 2. आ-अरस्तू (दार्शनिक) 3. प-प्लेटो (दार्शनिक) 4. यू-यूनानी दार्शनिक थे सभी 5. अ-अरिस्टोटल (दार्शनिक) 6. डे-डेकार्टे (दार्शनिक)
2. मस्तिष्क का विज्ञान : 17वीं शताब्दी में दर्शनीको ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा। इनमे इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक पॉम्पोनॉजी के अलावा लॉक और बर्कली भी प्रमुख है। कोई भी विद्वान मन की प्रकृति तथा स्वरुप का निर्धारण नही कर सका, अतः यह परिभाषा भी मान्यता नही पा सकी।
TRICK-"पलक की बाई मस्ति में" 1. प-पॉम्पोनॉजी (दार्शनिक) 2. लक-लॉक (दार्शनिक) की-silent 3. बा-बर्कली (दार्शनिक) 4. इटली-यह इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक थे 5. मस्ति-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान माना
3. चेतना का विज्ञान : 19वीं शताब्दी के मनोविज्ञानकों विलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सल्ली आदि ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना। इनका मानना था, कि मनोविज्ञान मनुष्य की चेतन क्रियाओ का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान केवल चेतन मन का ही नही, बल्कि अचेतन और अवचेतन आदि प्रक्रियाओ का अध्ययन भी करता है। मनोविज्ञान का यह अर्थ सीमित होने के कारण सर्वमान्य न हो सका। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक 'आउटलाइन साइकोलॉजी' में चेतना शब्द की कड़ी आलोचना की।
TRICK-"चेतना को विलियम ने सजवाइ" 1. चेतना-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना को-silent 2. विलियम-विलियम वुन्ट ने-silent 3. स-सल्ली अर्थात जेम्स सल्ली (दार्शनिक) 4. ज-जेम्स अर्थात विलियम जेम्स (दार्शनिक) 5. वाइ-वाइव्स (दार्शनिक)
4. व्यवहार का विज्ञान : 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में मनोविज्ञान के अनेक अर्थ सुझाए गए, इनमे से "मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है।" अर्थ सर्वाधिक मान्य रहा।
इस सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित है :
1. वाटसन : मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित विज्ञान है।
2. वुडवर्थ : मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्ति की क्रियाओ का वैज्ञानिक अध्ययन है।
3 स्किनर : मनोविज्ञान, जीवन की सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्राणी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। 4. मन : आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है। 5. क्रो व क्रो : मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धो का अध्ययन है। 6. मैक्डूगल : मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम वुडवर्थ के शब्दों में इस निष्कर्ष पर पहुँचते है :
"सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया। अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।"
TRICK-सिवम (शिवम) व्यवहार में वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा"
1. सि-स्किनर (दार्शनिक) 2. व-वाटसन (दार्शनिक) 3. म-मन (दार्शनिक) 4. व्यवहार-इन सभी ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना 5. में-मैक्डूगल (दार्शनिक) 6. वुड-वुडवर्थ (दार्शनिक) 7. के-क्रो व क्रो (दार्शनिक) जैसा-silent
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