मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान

मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान


स्थापना - नवंबर 1955 (अभयारण्य के रूप में)|
 अभयारण्य क्षेत्र का नाम मुकुंदरा की पहाड़ियां जिनका

नाम कोटा के प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी हाडा शासक मुकुंद सिंह के नाम पर रखा गया|
दर्रा वन्य जीव अभयारण्य जिसका नाम 2003 में दर्रा अभयारण्य से बदलकर Rajiv gandhi national park रखा 

तथा 2006 में वसुंधरा सरकार ने मुकुंदरा हिल्स पार्क नाम रखकर राष्ट्रीय उद्यान का स्तर प्रदान करने का प्रस्ताव पारित 

किया परंतु इस प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी नहीं दी|
Mukundra Hills को राष्ट्रीय पार्क का दर्जा देने के लिए 9 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की| [ जवाहर सागर अभयारण्य, चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य, दर्रा अभयारण्य के कुछ भाग (लगभग 199.51km² क्षेत्र )को मिलाकर राज्य का तीसरा National Park बनाने की घोषणा की| 
 10 अप्रैल 2013 को Tiger reserve घोषित किया गया|
 राजस्थान का तीसरा टाइगर रिजर्व
1 Ranthambore
2 Sariska

 विस्तार - 
 यह राजस्थान के 4 जिलों- कोटा ,बूंदी ,झालावाड़ ,चित्तौड़गढ़ में फैला हुआ है |
 राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर स्थित|
 राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र- 294.41 km²
 बाघ परियोजना क्षेत्र - 759.99 km²
(कोर एरिया- 417 km²
बफर जोन कवरेज एरिया -342.82 km²)

अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण 
 गागरोनी तोता
 जूलॉजिकल नेम अलेक्जेंड्रिया पैराकीट
 मुकुंदरा हिल्स में पाया जाने वाला विशेष प्रजाति का तोता जो कि इंसान की आवाज की हूबहू नकल कर सकता है|
 इसकी कंठी लाल रंग की व पंख पर लाल रंग का धब्बा होता है|
 इसे हीरामन तोता तथा हिंदुओं का आकाश लोचन (मनुष्य की आवाज में बोलने वाला) भी कहा जाता है|
 प्राचीन काल में इस तोते का उपयोग जासूसी करने हेतु किया जाता था|
 इसे वन विभाग ने Jhalawar जिले का शुभंकर घोषित किया है|
 सर्वाधिक घड़ियाल और सारस पाए जाते हैं|
 सांभर ,चीतल, नीलगाय, हरिन, जंगली सूअर, लोमड़ी, खरगोश आदि जानवर इस अभयारण्य में पाए जाते हैं|
 यह अभयारण्य धोकड़ा ( एनोजिस पन्डूला )वनों के लिए  प्रसिद्ध है|

 मुकुंदरा हिल्स में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल( Tourist spot)
 अबली मीणी का महल (राजस्थान का दूसरा ताजमहल) कोटा नरेश राव मुकुंद सिंह द्वारा स्थापित|
 यहां गुप्तकालीन मंदिर के खंडहर (भीम चोरी )स्थित है|
 चित्तौड़गढ़ में हूणों द्वारा बनवाया गया बाडोली का प्रसिद्ध Shiv mandir है| राजस्थान का पहला मंदिर जिस पर निर्माण की तिथि अंकित है|
 गागरोन किला (झालावाड़)
 रावठा महल (Kota)
 मुकुंदरा पहाड़ियों में आदिमानव के शैलाश्रय वह उनके द्वारा  चित्रांकित शैलचित्र मिलते हैं|
 मुकुंदरा अभयारण्य में पाई जाने वाली नदियां-- चंबल, काली सिंध, आहू ,आमझर|
 अभयारण्य क्षेत्र में रामसागर व झामरा नामक स्थानों पर जंगली जानवरों के अवलोकन के लिए अवलोकन स्तंभ बनाए गए हैं जिन्हें ओदिया कहा जाता है|

 अन्य जानकारी
 श्रीमान कैलाश सांखना- Tiger man of India.
 जन्म - Jodhpur
 भारतीय  बाघों पर विशेष अध्ययन करने के लिए इन्हें सन 1969 में Jawaharlal Nehru Fellowship प्रदान की गई |
 श्री सांखला को Tiger project का संस्थापक निदेशक (प्रथम निदेशक )नियुक्त किया गया |
 इन्होने वन्यजीवों पर अनेक पुस्तकें लिखी The Tiger ,रिटर्न ऑफ टाइगर, टाइगर लैंड, स्टोरी ऑफ इंडियन टाइगर, बर्ड सेंचुरी ऑफ भरतपुर, वाइल्ड ब्यूटी, नेशनल पार्क, गार्डन ऑफ  गोड्स |
 इन्हीं के प्रयासों से बाघ को रेड डाटा बुक में सम्मिलित किया गया|
 कैलाश सांखला पुरस्कार- इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष राज्य स्तर पर ₹50000 का नकद [₹25000 राज्य सरकार + ₹25000 टाइगर ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा ]वन्य जीव संरक्षण एवं सुरक्षा में असाधारण कार्य करने वाले वनकर्मियों व नागरिकों को दिया जाता है|
 राजस्थान में बाघों की संख्या- 45( 20 जनवरी 2015 को जारी 4 वर्ष में एक बार होने वाली बाघ गणना के अनुसार)
सर्वाधिक बाघ - Karnataka (406)

चंबल घड़ियाल सेंचुरी (कोटा)  को वन्य जीव विभाग ने रामसर साइट का स्टेटस दिलाने का प्रस्ताव भेजा है| [राज्य में वर्तमान में दो रामसर साइट -1सांभर  2केवलादेव ]

 राज्य में स्थित वन्यजीव अभयारण्य व टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में वन्यजीव प्रबंधन के लिए वित्तीय पोषण केंद्रीय प्रवर्तित योजना इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ हेबिटेट [फंडिंग पैटर्न  -केंद्र 60: राज्य 40] व प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वन व Ministry of Environment भारत सरकार द्वारा दिया जा रहा है|
 राज्य में वन क्षेत्रों को विकसित करने व वन्यजीवों को एक अभयारण्य से दूसरे अभयारण्य में विचरण करने हेतु 7 जिलों के 14 अभयारण्य और दर्रा उद्यान को कोरिडोर के माध्यम से जोड़ा जाएगा | जिसके लिए राजीव गांधी बायोस्फीयर रिजर्व का गठन किया गया है|
 बाघ संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र- Shahpura (जयपुर)
Eco tourism policy- राज्य में आरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन क्षेत्रों में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु वन विभाग की पॉलिसी 4 फरवरी 2010 को अनुमोदित|
इसके तहत इको टूरिज्म साइट-
- मेनाल व हमीरगढ़ ( Bhilwara)
- बस्सी व सीता माता ( Chittorgarh)
- नाहरगढ़
- जमवारामगढ़
- सुंधा माता (Jalore)
- पंचकुंड ( Ajmer)
- गुढ़ा विश्नोई ( Jodhpur)
- मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
- भैंसरोडगढ़

बाघ गणना की विधियां

1. कैमरा ट्रैप तकनीक- जंगल में  स्वचालित कैमरे लगा दिए जाते हैं|
2. पग मार्क विधि- plaster of Paris डालकर  पग मार्क लिए जाते हैं|
3. DNA तकनीक

Specially thanks to Post and Quiz Creator ( With Regards )


अस्मिता मिश्रा


 


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