मोहम्मद अली जिन्ना की 14 सूत्रीय मांग

मोहम्मद अली जिन्ना की 14 सूत्रीय मांग
14-point demand of Mohammad Ali Jinnah


मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने नेहरू रिपोर्ट में मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की सुविधा न किए जाने के कारण मुसलमानों के 14 मांगो की एक सूची जारी की गई थी

जिसे मोहम्मद अली जिन्ना की 14 सूत्री फारमुला कहा गया

मोहम्मद अली जिन्ना मुस्लिम संप्रदाय के लिए कुछ रियासतें चाहते थे जिन्हे कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किया था

मोहम्मद अली जिन्ना ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए मार्च 1929 में 14 सूत्री मांग(शर्ते) प्रस्तुत की जो निम्न प्रकार है

1भारत का संविधान परिसंघात्मक हो और अवशिष्ट शक्तियां प्रांतों में निहित हो

2प्रांतों को एक समान स्वायत्तता हो

3समस्त विधानमंडलों और निर्वाचित निकायों में अल्पसंख्यकों का प्रयास और प्रभावपूर्ण प्रतिनिधित्व हो

4केंद्रीय विधान मंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व एक तिहाई से कम ना हो

5 सांप्रदायिक संबंधों को प्रतिनिधित्व देने के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की व्यवस्था जारी रहे

6पंजाब, बंगाल और उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत में कोई भी क्षेत्रीय पुनर्वितरण मुस्लिम बहुमत को प्रभावित ना करें

7सभी संप्रदायों को धार्मिक स्वतंत्रता हो 

8कोई भी विधेयक या प्रस्ताव किसी विधानमंडल अथवा किसी अंय निर्वाचित निकाय में पारित ना हो यदि किसी संप्रदाय के तीन चौथाई सदस्यों ने उसका विरोध किया हो

9सिंध को मुंबई से प्रथम किया जाए
10उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत और बलूचिस्तान में संवैधानिक सुधार लाए जाएं

11राज्य की संपूर्ण सेवाओं और स्थानीय स्वशासी संस्थाओं में मुसलमानों के लिए पर्याप्त स्थान आरक्षित हो

12मुस्लिम संस्कृति धर्म स्वीय विधि(पर्सनल लॉ)और पूर्त संस्थाओं(चेरिटेबल इंस्टीटूशन्स) को सुरक्षा प्रदान की जाए

13केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रांतीय मंत्रिमंडलों में मुसलमानों का कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व हो

14केंद्रीय विधान मंडल द्वारा भारतीय परिसंघ की इकाई और राज्यों की सहमती के बिना संविधान में संशोधन ना किया जाए

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