राजस्थान में किसान आंदोलन (Part 05)

[?] शेखावाटी किसान आंदोलन [?] 



[?] सीकर झुंझुनू चिड़ावा कटराथल किसान आंदोलन जयसिंहपुरा हत्याकांड खुड़ी गांव की घटना कुदन हत्याकांड पलथाना आदि को *शेखावाटी किसान आंदोलन* के रूप में जाना जाता है  जयपुर राज्य* में किसान आंदोलन मुख्यत: *आर्थिक शोषण*के विरुद्ध था  रामनारायण चौधरी* ने शेखावाटी में *किसान जागरण* का कार्य आरंभ किया था  चिडावा सेवा समिति* ने *1921* में शेखावाटी में *जन संघर्ष*आरंभ किया था  शेखावाटी के *किसान आंदोलन तीन चरणों*में हुए थे
[?] पहला चरण *1922 से 1930* सीकर
[?] द्वितीय चरण *1931 से 1938* पलथाना कटराथल गोठड़ा और कुंदन गांव *यह सब शेखावाटी किसान आंदोलन के प्रमुख केंद्र*थे
[?] तीसरा चरण *1938से 1947* तक जयपुर राज्य प्रजामंडल की स्थापना 


[?] 
शेखावाटी में किसान आंदोलन का प्रारंभ *सीकर ठिकाने*से माना जाता है रामनारायण चौधरी ने *तरुण राजस्थान* समाचार पत्र में शेखावाटी किसान आंदोलन के समर्थन से *एक क्रांतिकारी लेख लिखकर*जागृति उत्पन्न कि थी रामनारायण चौधरी ने लंदन से प्रकाशित *डेलीहेराल्ड*नामक पत्र में भी शेखावाटी किसानों के *किसानों की समस्याओं के समर्थन* में लेख लिखे थे 1925* के बाद शेखावाटी के *मंडावा डूँडलोद बिसाऊ नवलगढ*  के किसानों ने भी आंदोलन प्रारम्भ किया शेखावाटी किसानों में किसान आंदोलन का केंद्र *1931 में मंडावा* बनता जा रहा था फरवरी 1932 में बसंत पंचमी* के मौके पर *झुंझुनू*में आयोजित *अखिल भारतीय जाट महासभा का तीसरा अधिवेशन* किसान आंदोलन में *नए युग का सूत्रपात* कर गया  जनवरी 1924* में सीकर में जाट महायज्ञ के आयोजन के अवसर पर *हाथी* के प्रश्न पर  *ठिकानेदार से मतभेद* उत्पन्न हुए थे शेखावाटी किसान आंदोलन*का निर्णय चरण *1931* में प्रारंभ हुआ था कर्मवीर व हरिजन*अखबार ने *खुड़ी व कुंदन के नरसंहार* की आलोचना की थी


[?] सीकर किसान आंदोलन [?] 



* [?] शेखावाटी किसान आंदोलन*का आरंभ *सीकर आंदोलन* से माना जाता है 1921* में शेखावाटी क्षेत्र की *चिड़ावा सेवा समिति*द्वारा *सरकारी दमन व अत्याचार*के विरुद्ध आंदोलन शुरु किया गयाइस समिति ने *शराबबंदी और विदेशी वस्तुओं*के बहिष्कार पर जोर दिया था 1922*में माधव सिंह की मृत्यु के बाद उसका *भतीजा कल्याण सिह*सीकर का ठिकानेदार बना था कल्याण सिह ने *करों* में अत्यधिक वृद्धि कर दी थी कल्याण सिह के द्वारा *करो में वृद्धि के विरोध* में किसानों ने *लगान देना बंद*कर दिया और *आंदोलन* किया सीकर *जयपुर रियासत*का भाग था राजस्थान सेवा संघ के नेता *रामनारायण चौधरी ने 1922* में बिजोलिया समझौते के उपरांत *सीकर* को अपना कार्य क्षेत्र बना लिया था रामनारायण चौधरी ने *तरुण राजस्थान पत्र*की सहायता से सीकर के किसानों के पक्ष में *प्रभावी वातावरण*  तैयार किया इस आंदोलन का *नेतृत्व ठाकुर देशराज* द्वारा किया गया था 



[?] ठाकुर देशराज ने *राजस्थान जाट महासभा* का गठन किया था रामनारायण चौधरी ने लंदन से प्रकाशित होने वाले *डेलीहेराल्ड समाचार पत्र*में भी सीकर *किसानों की समस्याओं*से संबंधित लेख लिखें इंग्लैंड*में *सीकर के किसानो*ं के  समर्थन में *वातावरण तैयार*करने का महत्वपूर्ण कार्य किया रामनारायण चौधरी*के प्रयासों से मई *1925*मे *हाउस ऑफ कामन्स*के सदस्य *पेथिक लॉरेंस* ने सीकर के किसानों के मामले में प्रश्न पूछा था इस प्रकार *कुदन गांव हत्याकांड* इतना विभत्स था की *सीकर किसान आंदोलन* का मामला न केवल *भारत की सेंट्रल असेंबली* में उठा बल्कि यह *इंग्लैंड के *हाउस ऑफ कॉमंस*में भी उठा था  किसान आंदोलन के दबाव के कारण ही *सीकर के रावराजा* ने एक जांच आयोग का गठन *1925*में किया इस आयोग के द्वारा *भूमि की पैमाइश और बंदोबस्त* का कार्य करना था अक्टूबर 1925* में अखिल भारतीय जाट महासभा का *अधिवेशन पुष्कर* में आयोजित किया गया था इस सम्मेलन की अध्यक्षता *भरतपुर के महाराजा कृष्ण सिंह* ने की थी 



[?] इस सम्मेलन के द्वारा जाटो में *नवीन उत्साह तथा  नईं शक्ति*का संचार हुआ अखिल भारतीय जाट महासभा के सहयोग और सहायता से *1931* में सीकर के जाटों ने *राजस्थान जाट क्षेत्रीय सभा* की स्थापना की इस सभा के द्वारा *सामन्ती जुल्मों अत्याचारों*का डटकर मुकाबला किया गया जयपुर राज्य कि मध्यस्था से *लगान में कमी व भूमि बंदोवस्त करने*पर आंदोलन समाप्त हुआ 1934* में सीकर में जाटों में *जन जागृति* के लिए एक *महायज्ञ*का आयोजन किया गया था ठाकुर देशराज* के सुझाव पर इस यज्ञ का नाम *सीकर जाट प्रजापति महायज्ञ*रखा गया प्रजापति महायज्ञ*के द्वारा सीकर में *किसान आंदोलन*को तेज किया गया था था इस यज्ञ के उपरांत *सीकर के जागीरदार*ने जाट नेताओं व किसानों पर भारी अत्याचार किया मास्टर चंद्रभान ,चौधरी हरि सिंह किसान पंचायत के सहायक मंत्री गोमसिंह* को बंदी बना लिया गया था जाट विद्यालय बंद करवा दिए गए और *पलथाना और पिलानी* के विद्यालयों को गिरा दिया गया इन परिस्थितियों में *ठाकुर देशराज बधाला की ढाणी* में विशाल सभा का आयोजन किया


* [?] [?] कटराथल किसान आंदोलन [?] [?] *
* [?] महात्मा गांधी के 1921* के असहयोग आंदोलन से प्रेरित होकर 
शेखावाटी क्षेत्र में किसान हरलाल सिंह ने किसानों को संगठित करने एवं चेतना जागृत करने हेतु *किसान पंचायतों*का गठन किया गया शेखावाटी क्षेत्र में *पंडित तारकेश्वर शर्मा सरदार हरलाल घासी राम चौधरी नेतराम*आदि ने किसान सभा गठित की,सभी ने *किसान सभा गठित* करके पूरे जोर और प्रभावी तरीके से किसानों के पक्ष को रख *किसान आंदोलन को प्रभावी* बनाया शेखावाटी के ग्राम कटराथल*में अप्रैल 1934 में किसान सभा के नेता *हरलाल की पत्नी किशोरी देवी के नेतृत्व* में हजारों *(10,000)*जाट महिलाओं ने *किसान आंदोलन* में भाग लिया  


* [?] 
ठाकुर देशराज* की पत्नी *श्रीमती उतमा देवी* ने भी इस आंदोलन में भाग लिया श्रीमती उतमा देवी* के ओजस्वी भाषण से *महिलाओं में साहस और निर्भरता का संचार* हुआ कटराथल* में हुए इस *विशाल महिला सम्मेलन* में शेखावाटी क्षेत्र की जनता में *उत्कृष्ट राजनीतिक चेतना* का संचार किया प्रथम महिला सम्मेलन कटराथल*शेखावाटी के *सीहोट के ठाकुर द्वारा बोसाणा तथा बेसाऊ*  गांव की *महिलाओ*ं के प्रति किए गए *अमानवीय व्यवहार* के विरुद्ध *25 अप्रैल 1934* नामक स्थान पर *श्रीमती किशोरी देवी के नेतृत्व* में एक *विशाल महिला सम्मेलन* का आयोजन किया गया था इस विशाल महिला सम्मेलन की *अध्यक्ष श्रीमती किशोरी देवी* थी इस विशाल सम्मेलन में लगभग *10000 महिलाओं*ने भाग लिया था  इस सम्मेलन में भाग लेने वाली प्रमुख महिलाएं *श्रीमती पुष्पा देवी श्रीमती रमा देवी श्रीमती फूला देवी श्रीमती दुर्गा देवी*आदि थी 16 मई 1934* को *ठाकुर कल्याण सिंह* के आदमियों ने *हनुमानपुरा ग्राम* के जाट किसानों के घरों में आग लगा दी थी


* [?] [?] जयसिंह पुरा हत्याकांड [?] [?] *
* [?] 
21 जून 1934 को डूंडलोद* केे ठाकुर के भाई *ईश्वर सिंह* ने *जयसिंहपुरा में खेत जोत*रहे किसानों पर हमला किया और *अंधाधुंध गोलियां बरसाई* जिसमें *कई किसान मारे गए और कई किसान घायल*हो गए इस *गोली कांड के विरोध*मे संपूर्ण राजपूताना में *जयसिंहपुरा शहीद सप्ताह* मनाया गया सरदार हरलाल सिंह*ने जयपुर सरकार और राजस्थान किसान पंचायत को इस घटना की विस्तृत जानकारी भेजी राज्य के *पुलिस महानिरीक्षक एफ.एस यंग* को इस कांड की जांच हेतु भेजा गया  ईश्वर सिंह व उसके साथियो*पर मुकदमा चलाया और उन्हें *डेढ वर्ष*के कारावास की सजा हुई जयपुर रियासत* में यह प्रथम मुकदमा था जिसमें *जाट किसान हत्यारे को सजा* दिलाने में सफल रहे 


[?] जयपुर सरकार ने *सीकर ठिकाने के अत्याचारों* को रोकने के लिए एक *अंग्रेज W.T. वेव* को नियुक्त किया गया वेब*के प्रयासों से ठिकाने व किसानों के मध्य *23 अगस्त 1934* को समझौता किया गया इस समझौते के तहत बहुत से *कर और बेगार*को समाप्त कर दिया गया इस समझौते के द्वारा *सीकर वाटी जाट पंचायत को वैधानिक मान्यता* प्रदान की गई सार्वजनिक सेवाओं*में जाटों को *समान अवसर* देने का आश्वासन दिया गया लेकिन *समझौते का पालन* ठिकाने द्वारा कभी भी पूर्णतया पालन नहीं किया गया इस कारण *पून: आंदोलन* प्रारंभ हुआ खुड़ी गांव व कुदन गांव* में *वेब* द्वारा *व्यापक नरसंहार* कराया गया *जयसिंहपुरा*की घटना को *जयसिंहपुरा हत्याकांड* के नाम से जाना जाता है 
 इस हत्याकांड की चर्चा भी *हाउस ऑफ कॉमंन (ब्रिटेन)* में की गई थी यह एक *असफल आंदोलन* था


* [?] [?] खुड़ी गांव की घटना [?] [?] *
* [?] 25 मार्च 1935* को *खुड़ी गांव*में ठाकुरों ने किसानों की एक बारात में *दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर तोरण मारने*से रोक दिया था ठिकाने द्वारा *अपराधियों को दंडित करने* के स्थान पर *किसानों पर ही अत्याचार*किए गए  इस घटना में *रतना चौधरी* का गला काट कर हत्या कर दी गई थी इस कारण *किसानों ने धरना*दिया लेकिन इस धरने में *कैप्टन वेब में किसानों पर लाठीचार्ज*करवा दिया किसानों पर लाठीचार्ज करवाने की घटना में *4 किसान* मारे गए और लगभग *सौ किसान घायल*हुए



* [?] [?] कूदण हत्याकांड [?] [?] *
* [?] कैप्टन वेब* सीकर में *प्रशासनिक नियंत्रण* स्थापित करने में *असफल* रहा  इस *असफलता के कारण* वेब ने बोखलाहट में *कूदण गांव में भयंकर लूटपाट की और गोलियां चलवा*दी इस गोली कांड में *तीन व्यक्ति मारे* गए इसके पश्चात *गोठरा व पलथाना गांव* को भी लूटा गया इन घटनाओं के विरोध में पूरे देश में *26 मई 1935* को *सीकर दिवस*मनाया गया भारत सरकार* के हस्तक्षेप के उपरांत *1935* में सीकर के जागीरदार ने *किसानों से अंतिम समझौता* किया इस समझौते के तहत *चार लाख से अधिक लगान* की बकाया राशि को माफ कर दिया जाएगा 1935* के बाद सीकर में किसानों पर *अत्याचार समाप्त* पहो गए और *लगान भी काफी कम* कर दिया गया अंततः *1946*में शेखावाटी सीकर ठिकाने में *भूमि संरक्षण एवं भूमि बंदोबस्त* की प्रक्रिया *प्रारंभ* होने से *शांति*स्थापित हो गई

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