राजस्थान में परिवहन के प्रकार & सड़क परिवहन

???राजस्थान में परिवहन के प्रकार???
?राजस्थान में विभिन्न भागों में स्थल की संरचना ,भोगोलिक परिस्थितियां ,आर्थिक साधनों की उपलब्धि और तकनीकी स्तर के अनुसार विभिन्न प्रकार के परिवहन प्रयोग में लाए जाते हैं
?जो निम्न प्रकार हैं?
?राजस्थान में परिवहन का वर्गीकरण?➖


1-स्थल परिवहन
?मानव➖  ♻राज्य में  मानव भारीक या कार्यवाहक अथार्थ मानव अपने कंधे व पीठ पर माल ढोकर लिए जाते हैं
♻अरावली पर्वतमाला के दक्षिणी भाग में सिरोही जिले के आबू खंड ,डूंगरपुर व बांसवाड़ा भोराठ के पठार व पहाड़ियों पर
♻विशेषत: भील मीणा जाति के लिए इस प्रकार माल मनुष्य व संदेशोंको ले जाते हैं
♻दुर्गम व पिछडे क्षेत्रमें यह कार्य होता है

?पशुओं➖
♻राजस्थान के रेगिस्तान में ऊंट परिवहन का मुख्य साधन है
♻ऊँटगाड़ी व ऊंट की पीठ पर लाद कर सामान का वहन होता है
♻कारवां मार्ग इसी कारण प्रसिद्ध रहे हैं
♻बेल गाड़ी ,टांगा, भैंस-गाड़ियां ,गधे, खच्चर, घोड़े आदि राज्य में परिवहन के साधन के रूप में काम आते हैं

?सड़क➖
♻राजस्थान में इस में राष्ट्रीय राजमार्ग ,राज्य राजमार्ग ,जिला मार्ग और ग्रामीण पक्की व कच्ची सड़केसम्मिलित है
?रेल➖  राजस्थान में इसके अंतर्गत नेरोगेज (केवल धौलपुर में)मीटरगेज व ब्राँडगेज आदी मार्ग सम्मिलित हैं

2-जल परिवहन
?झीलें➖ जय समंद, राज संबंध ,पिछोला ,फतेहसागर, गांधी सागर ,राणा प्रताप सागर, कोटा बैराज ,पुष्कर झील, कोलायत झील आदि आते हैं
?नदियां➖  इसमें केवल चंबल नदी को राज्य में सम्मिलित किया जाता है
?नहरें➖ इसमें राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर व गंगनहर को सम्मलित करते हैं

3-वायु परिवहन
?राजस्थान में इसमें *हेलीकॉप्टर सेवा वायु परिवहन सेवाको सम्मिलित करते हैं
?स्थानीय प्रादेशिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय वायुयान राजस्थान में स्थित है


 ???राजस्थान में सड़क परिवहन???
? राजस्थान में परिवहन के लिए सड़कों का प्रयोग प्राचीन काल से ही हो रहा है
?राजस्थान के कुल यात्री परिवहन का 80% और माल परिवहन का 90% सड़क यातायात द्वारा ही होता है
?राजस्थान के परिवहन का इतिहास सभ्यता का इतिहास माना जाता है
?सड़कें बनाने वाले रोशनी की मशाल लेकर आगे बढ़ते हैं वह नेतृत्व करते हैं और सभ्यता उनका अनुसरण करती है
?झोपड़िया ,मकान, गांव और नगर एक दूसरे के बाद जागरुक होते हैं और कच्चा मार्ग सड़क बन जाता है और बाद में पक्काहो जाता है
?राजस्थान को एक सूत्र में बांधने के लिए व्यापार व वाणिज्य की उन्नति हुई है
?वस्तुत: मानव की प्रगति सड़क परिवहन के साथ अनुक्रमित होती रही है
?यही नहीं इसके द्वारा न केवल सामान एक स्थान से दूसरे स्थान को ले जाया जाता है बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और नैतिक वृद्धिभी प्रत्यक्षत: उसी पर निर्भर करती है
?सड़क परिवहन ज्ञान को बढ़ाता हैं, पक्षपात का नाश करता है ,और अंधकार को दूर भगाता है
? सड़कों का परिवहन के रूप में प्रयोग मानव सभ्यता के विकास के प्रारंभिक काल से करता आ रहा है
? यह तथ्य राजस्थान प्रदेश के लिए भी उतना ही सत्य हैं जितना अन्य प्रदेशोंके लिए
?वास्तव में मानव ने जब से गतिशीलता प्रारंभ कि और एक व्यक्ति अथवा कबी या समुदाय दूसरे संपर्क में आया,उसका माध्यम सदैव सड़कही रही है
?चाहै उसका स्वरूप पगडंडी रहा हो ,पशु द्वारा चलित मार्ग ,कच्चे मार्ग या कालांतर में बने पक्केमार्ग
?निसंदेह राजस्थान में विकसित प्राचीन सभ्यता के केंद्र जैसे आहाड, कालीबंगा, बालाथल, ईसवालआदि का संपर्क समीपवर्ती क्षेत्रों में रहा है
?यद्यपि इन प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां परिवहन विकास में बाधक रही है  प्राचीन से मध्यकाल तक परिवहन के विकास में निम्नांकित प्रमुख बाधाएं थी

?1-विशाल मरुस्थलीय क्षेत्र
?2-राज्य के मध्य विस्तृत अरावली पर्वत श्रेणियां
?3-दक्षिण ,दक्षिण-पूर्वी ,पूर्वी एवं मध्य राजस्थान में स्थान-स्थान पर वन क्षेत्र का विस्तार
?4-नदियां एवं बरसाती नाले
?5-छितरे-अधिवास
?6-विरल जनसंख्या
?7-अविकसित अर्थव्यवस्था
?8-मध्यकाल में छोटे-छोटे राज्यों में विभक्तीकरण और आपस में सामंजस्य का अभाव
?9-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता
?10-सीमित आर्थिक संसाधन

?उपर्युक्त कठिनाइयों के उपरांत भी स्वतंत्रता से पूर्व राज्य में सड़क परिवहन का विकास प्रारंभ हो गया था

?मध्य काल में यहां के प्रमुख रियासतों के केंद्र जैसे ➖जयपुर, जोधपुर ,अजमेर, बीकानेर,कोटा, उदयपुर ,भरतपुर ,अलवर ,धौलपुर, पाली ,जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर, डूंगरपुर ,बांसवाड़ा, चित्तौड़, भीलवाड़ा आदि सड़क मार्गों से जुड़ेहुए थे
?ब्रिटिश काल में सड़कों के विकास पर ध्यान दिया गया और ना केवल राज्य में सड़कों के विकास एवं उन्हें पक्का करने का कार्यकिया गया
?बल्कि अंतर राज्य मार्ग जो उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाबको जाते थे उनका भी विकासकिया गया

?स्वतंत्रता से पूर्व सड़क मार्गों का आधार तैयारकर दिया गया था स्वतंत्रता के पश्चात योजनाबद्ध विकास में सड़क परिवहन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया
?राज्य की पंचवर्षीय योजनाओं में सड़कों के विकास हेतु और उनके रखरखाव पर होने वाले परिव्यय में उतरोत्तर वृद्धिकी गयी

?प्रथम पंचवर्षीय योजना में 5.6 करोड रूपये
?द्वितीय पंचवर्षीय योजना में  10.2 करोड रुपए

?तृतीय में 7.8 करोड
?चतुर्थ में 10 करोड़ रुपये
?पांचवी पंचवर्षीय योजना में 84.6 करोड रुपए
?छठी पंचवर्षीय योजना मे 251 करोड रुपए और यह राशि
?आठवीं योजना में783करोड₹
?नवी योजना में सड़कों के विकास हेतु 3000 करोड़का प्रावधान किया गया था

?स्पष्ट है कि राज्य सरकार ने परिवहन विकास (खासतौर से सड़क विकास) पर ध्यान केंद्रित किया गया है
?फलस्वरुप ना केवल नगरों बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी सड़कों का जालफेल गया
?वर्ष 1950-51 में राजस्थान में सड़कों की लंबाई केवल 17,339 किलोमीटर थी
?जो 1990-91 में 58,350 किलोमीटर हो गई
?1995-96 में वही लंबाई 66,837 किलोमीटर थी
?2000-01  में सड़कों की कुल लंबाई 87,462 किलोमीटर से बढ़कर थी

वर्ष 2003-4 में नागपुर वर्गीकरण के अनुसार राज्य में सड़कों की लंबाई 82024 किलोमीटरथी

?2004-05 में राज्य में कुल सड़कों की लंबाई 163120 किलोमीटर और 2005-06 मे 167128 किलोमीटरथी
?राज्य में वर्ष 2006-07 में कुल सड़कों की लंबाई 173514 किलोमीटरऔर
?2007-08 यह लंबाई 182460किलोमीटर थी
?2008-09 मैं राज्य में सड़कों की लंबाई 186806 किलोमीटर हो गई थी
?2009-10 में यही लंबाई 18 8534 किलोमीटर थी
?वर्ष 2010-11 में राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 18 9402 किलोमीटरऔर 2011 -12 मई 190000किलोमीटर हो गई
?राज्य में बाड़मेर जिले में सर्वाधिक 9357 किलोमीटरलंबी सड़के हैं
?इसके पश्चात जोधपुर में 6733 किलोमीटर और नागौर में 6685 किलोमीटर लंबी सड़के हैं
?सडको की सबसे कम लंबाई धौलपुर जिले में 1795 किलोमीटर है
?इससे अधिक सिरोही जिले में 1871 किलोमीटरहै
?सड़कों की लंबाई एवं सघनता जिले के क्षेत्र स्थिति,अधिवासों की स्थिति ,कृषि, उद्योग ,खनन आदि आर्थिक क्रियाकलाप पर निर्भर करती है
?पश्चिमी मरुस्थलीय जिलों में मरुस्थल विकास कार्यक्रम के तहत सड़कों का विकास किया गया
?इसी कारण जोधपुर बाड़मेर जैसलमेर बीकानेर में सड़कों का जाल बिछा हुआ है

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